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सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की कोल्हापुर बेंच बनाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की कोल्हापुर बेंच बनाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की

सुप्रीम कोर्ट ने बुद्धवार (26 नवंबर) को वकील रंजीत बाबूराव निंबालकर की दायर रिट याचिका पर सुनवाई की। याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के 1 अगस्त के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई। यह नोटिफिकेशन स्टेट्स रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट, 1956 के सेक्शन 51(3) के तहत जारी किया गया। यह नोटिफिकेशन हाल ही में बनी कोल्हापुर सर्किट बेंच बनाने के लिए था। यह बेंच 18 अगस्त से लागू हो गई थी। पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने कोल्हापुर बेंच का उद्घाटन किया था।याचिका के अनुसार, उन्होंने नोटिफिकेशन को जसवंत सिंह कमीशन...

नए यूपी सोसाइटी बिल को विधानसभा से पास होने पर मंज़ूरी दी जाए और नोटिफ़ाई किया जाए: सुप्रीम कोर्ट
नए यूपी सोसाइटी बिल को विधानसभा से पास होने पर मंज़ूरी दी जाए और नोटिफ़ाई किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह जल्द ही राज्य में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 को रद्द करने और उसकी जगह नया बिल लाने के लिए कानून लाएगी। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि जैसे ही प्रस्तावित बिल राज्य विधानसभा से पास हो, उसे जल्द-से-जल्द नोटिफ़ाई और मंज़ूरी दी जाए।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने मामले की सुनवाई की।यह मामला बुलंदशहर की सोसाइटी से जुड़ा है, जो बेसहारा महिलाओं के लिए काम करती थी, जहाँ एक्स-ऑफ़िशियो प्रेसिडेंट...

पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची शिल्पा शेट्टी
पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची शिल्पा शेट्टी

बॉलीवुड एक्टर शिल्पा शेट्टी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, जिसमें उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा की मांग की ताकि कई जाने-माने और अनजान प्लेटफॉर्म्स द्वारा उनकी आवाज़ के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वर्शन, डीपफेक इमेज वगैरह का इस्तेमाल करके और मुनाफ़ा कमाकर गैर-कानूनी तरीके से कमर्शियलाइज़ न किया जा सके।शेट्टी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वह तीन दशकों से ज़्यादा समय से इंडियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सबसे मशहूर और इंटरनेशनल लेवल पर पहचानी जाने वाली पर्सनैलिटी में से एक हैं और एक...

रेड चिलीज़ ने कहा—Bads of Bollywood पर वानखेड़े का मानहानि मुकदमा गलत अदालत में, उचित मंच बॉम्बे हाईकोर्ट
रेड चिलीज़ ने कहा—'Bads of Bollywood' पर वानखेड़े का मानहानि मुकदमा गलत अदालत में, उचित मंच बॉम्बे हाईकोर्ट

रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में IRS अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा नेटफ्लिक्स सीरीज़ “Ba***ds of Bollywood” में उनकी कथित मानहानिकारक छवि को लेकर दायर किए गए मानहानि मुकदमे का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला क्षेत्राधिकार के हिसाब से गलत अदालत में दाखिल किया गया है और इसे दिल्ली नहीं, बल्कि बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर किया जाना चाहिए था।जस्टिस पुरषेंद्र कुमार कौरव की अदालत में पेश सीनियर एडवोकेट नीरज किशन कौल ने वानखेड़े की अंतरिम निषेधाज्ञा याचिका का विरोध करते हुए कहा कि...

भोपाल में पेड़ काटने पर लगी रोक बढ़ाई; हाईकोर्ट ने कहा—राज्य ने पेड़ नहीं, सिर्फ तने लगाए
भोपाल में पेड़ काटने पर लगी रोक बढ़ाई; हाईकोर्ट ने कहा—राज्य ने 'पेड़ नहीं, सिर्फ तने लगाए'

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है कि अब तक कितने पेड़ काटे गए, आगे कितने पेड़ काटने की योजना है और उनका प्रत्यारोपण कहाँ किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कीमत, खासकर ऑक्सीजन उत्पादन के संदर्भ में, कई बार जोर देकर बताया है और बिना उचित प्रक्रिया पेड़ काटना स्वीकार्य नहीं है।कोर्ट ने अपने पहले के आदेश को जारी रखते हुए सरकार को भोपाल में किसी भी पेड़ को काटने, छाँटने या ले जाने से मना किया है जब तक कि अदालत से अनुमति न ली जाए। यह मामला एक रिपोर्ट पर लिए गए...

प्रदूषण के कारण टहलने नहीं जा पा रहा हूं: सीजेआई सूर्यकांत ने कहा- वर्चुअल सुनवाई की रिक्वेस्ट पर विचार करने को तैयार
प्रदूषण के कारण टहलने नहीं जा पा रहा हूं: सीजेआई सूर्यकांत ने कहा- वर्चुअल सुनवाई की रिक्वेस्ट पर विचार करने को तैयार

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से बाहर टहलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दिन 55 मिनट टहलने के बाद उन्हें काफी दिक्कत हुई।CJI सूर्यकांत ने यह बात तब कही जब सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने खराब सेहत के कारण SIR सुनवाई से छूट मांगी। CJI ने पूछा कि क्या उनकी हालत दिल्ली के मौसम से जुड़ी है, और द्विवेदी ने हां में जवाब दिया।CJI ने कहा,“मैं सिर्फ टहलता हूं। लेकिन अब वह भी मुश्किल हो गया है। कल मैं 55 मिनट तक टहला और सुबह तक मुझे...

दूसरी पत्नी का खर्च बताकर पहली पत्नी का भरण-पोषण नहीं टाला जा सकता: केरल हाईकोर्ट
दूसरी पत्नी का खर्च बताकर पहली पत्नी का भरण-पोषण नहीं टाला जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पहली शादी के दौरान दूसरी शादी करने वाला मुस्लिम पति यह तर्क नहीं दे सकता कि उसके पास पहली पत्नी का भरण-पोषण करने के साधन नहीं हैं। जस्टिस डॉ. काउसर एडप्पगाथ यह टिप्पणी उस मामले में कर रहे थे, जिसमें पति ने फैमिली कोर्ट द्वारा पहली पत्नी को भरण-पोषण देने और बेटे के खिलाफ उसकी याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी। पति ने दावा किया कि वह बेरोजगार है, जबकि पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती है, और यह भी कहा कि वह दूसरी पत्नी का भरण-पोषण कर रहा है, इसलिए पहली पत्नी को...

घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत शिकायत आपराधिक कार्यवाही नहीं; मजिस्ट्रेट को समन वापस लेने का अधिकार: हाईकोर्ट
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत शिकायत आपराधिक कार्यवाही नहीं; मजिस्ट्रेट को समन वापस लेने का अधिकार: हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत की गई कार्यवाही को फौजदारी शिकायत दर्ज करने या आपराधिक मुकदमा शुरू करने के बराबर नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल मजिस्ट्रेट, जब पति या उसके संबंधियों से जवाब प्राप्त कर लेता है, तो वह चाहें तो समन वापस ले सकता है या अगर पाता है कि पक्षकारों को बिना कारण शामिल किया गया है, तो पूरी कार्यवाही भी ख़त्म कर सकता है।यह मामला धारा 12 के तहत शुरू हुई कार्यवाही और मजिस्ट्रेट द्वारा पत्नी एवं नाबालिग...

सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक क्षण: भूटान, श्रीलंका, केन्या, मॉरीशस और नेपाल के चीफ़ जस्टिस, CJI सूर्यकांत के साथ पीठ पर बैठे
सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक क्षण: भूटान, श्रीलंका, केन्या, मॉरीशस और नेपाल के चीफ़ जस्टिस, CJI सूर्यकांत के साथ पीठ पर बैठे

भारत के सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक दुर्लभ और ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब भूटान, श्रीलंका, केन्या और मॉरीशस के मुख्य न्यायाधीशों के साथ नेपाल सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश भी भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के साथ पीठ पर शामिल हुए और कुछ समय तक कार्यवाही का अवलोकन किया।CJI सूर्यकांत ने सभी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और इसे “ऐतिहासिक अवसर” बताया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी भारत सरकार की ओर से अतिथियों का अभिनंदन किया। CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची के साथ पीठ पर शामिल...

अगर केस बनता है तो हम ECI को ड्राफ्ट रोल्स के पब्लिकेशन की तारीख बढ़ाने का निर्देश दे सकते हैं: SIR के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट
'अगर केस बनता है तो हम ECI को ड्राफ्ट रोल्स के पब्लिकेशन की तारीख बढ़ाने का निर्देश दे सकते हैं': SIR के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट

पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में इलेक्टोरल रोल्स के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (26 नवंबर) को मौखिक रूप से कहा कि अगर ज़रूरी लगा तो वह ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल्स के पब्लिकेशन की डेडलाइन बढ़ा सकता है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत ने यह मौखिक टिप्पणी तब की जब पश्चिम बंगाल मामले में पेश हुए पक्षों ने कोर्ट द्वारा केस को 9 दिसंबर तक पोस्ट करने पर चिंता जताई, जो SIR शेड्यूल के अनुसार ड्राफ्ट रोल के पब्लिकेशन की तारीख...

Kerala SIR | 99% वोटर्स को फॉर्म दिए गए, स्थानीय निकाय चुनावों का हवाला देकर प्रोसेस टालने की कोई ज़रूरत नहीं: ECI ने सुप्रीम कोर्ट में बताया
Kerala SIR | 99% वोटर्स को फॉर्म दिए गए, स्थानीय निकाय चुनावों का हवाला देकर प्रोसेस टालने की कोई ज़रूरत नहीं: ECI ने सुप्रीम कोर्ट में बताया

केरल में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) टालने की अपील का विरोध करते हुए इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 99% वोटर्स को गिनती के फॉर्म दे दिए गए हैं और 50% फॉर्म डिजिटाइज़ कर दिए गए।ECI की ओर से सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच को बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव प्रोसेस की वजह से SIR को टालने की कोई ज़रूरत नहीं है। साथ ही कहा कि ECI स्टेट इलेक्शन कमीशन के साथ कोऑर्डिनेशन में काम कर रहा...

दिल्ली हाईकोर्ट ने सेटलमेंट के बाद आपराधिक धमकी की FIR रद्द की, आरोपी को बेसहारा लड़कियों के फायदे के लिए 25 हजार देने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने सेटलमेंट के बाद आपराधिक धमकी की FIR रद्द की, आरोपी को बेसहारा लड़कियों के फायदे के लिए 25 हजार देने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी के आरोपों वाली FIR रद्द की, क्योंकि पीड़ित और आरोपी दोनों के बीच एक सेटलमेंट एग्रीमेंट हो गया था।जस्टिस अमित महाजन ने आरोपी को बेसहारा लड़कियों के फायदे के लिए आर्य कन्या सदन, पटौदी हाउस दरियागंज में 25,000 रुपये और पीड़ित को मुआवजे के तौर पर 25,000 रुपये जमा करने का निर्देश दिया।FIR भारतीय दंड संहिता 1860 (IPC) की धारा 324 और 506 के तहत अपराधों के लिए दर्ज की गई।यह मामला सागर बॉम्बे ड्राईक्लीनर नाम की दुकान के मालिक के बेटे ने दर्ज...

नाबालिग अवस्था में किए गए कृत्य आधार बनकर नहीं ठहर सकते: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने पीएसए के तहत हिरासत आदेश रद्द किया
नाबालिग अवस्था में किए गए कृत्य आधार बनकर नहीं ठहर सकते: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने पीएसए के तहत हिरासत आदेश रद्द किया

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा नाबालिग रहते हुए किए गए अवैध कृत्य उसके विरुद्ध बाद में लगाई गई जन-रक्षा अधिनियम (Public Safety Act - PSA) की निरोधात्मक कार्रवाई का आधार नहीं बन सकते। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किशोरावस्था में दर्ज किसी भी आपराधिक गतिविधि से उसके भविष्य को कलंकित नहीं किया जा सकता और इसे किसी भी प्रकार के निरोधात्मक आदेश का औचित्य नहीं बनाया जा सकता।यह निर्णय एक 20 वर्षीय युवक की पीएसए के तहत गिरफ्तारी के विरुद्ध दायर हैबियस...

Senior Advocate Vikas Singh
कोलेजियम सिस्टम सर्वोत्तम, पर जवाबदेही अनिवार्य: SCBA अध्यक्ष विकास सिंह ने लंबित MoP को जल्द अंतिम रूप देने की मांग की

संविधान दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष विकास सिंह ने जजों की नियुक्ति संबंधी मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) को शीघ्र अंतिम रूप देने की जोरदार अपील की। उन्होंने कहा कि कोलेजियम सिस्टम अब भी सर्वोत्तम है लेकिन इसकी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना समय की आवश्यकता है।विकास सिंह ने चीफ जस्टिस, कानून मंत्री और कोलेजियम के अन्य सदस्यों से आग्रह किया कि 2016 से लंबित MoP को तुरंत अंतिम रूप दिया जाए ताकि उच्च न्यायपालिका में नियुक्त...

सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशी चीफ जस्टिस और जज
सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशी चीफ जस्टिस और जज

अलग-अलग देशों की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और जज आज सुप्रीम कोर्ट लॉन में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह में मौजूद थे।भूटान, श्रीलंका, केन्या, मॉरीशस के चीफ जस्टिस और केन्या, नेपाल, श्रीलंका की सुप्रीम कोर्ट और मलेशिया की फेडरल कोर्ट के जज मौजूद थे।सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने विदेशी जजों को सम्मानित किया।मौजूद गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें:1. भूटान के चीफ जस्टिस, ल्योनपो नोरबू त्शेरिंग।2. केन्या की चीफ जस्टिस, मार्था...