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गैर-कानूनी क्रिकेट बेटिंग से मिली प्रॉपर्टी 'क्राइम से हुई कमाई', ED इसे अटैच कर सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि हालांकि क्रिकेट बेटिंग प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत कोई अलग अपराध नहीं है, लेकिन ऐसी गैर-कानूनी गतिविधियों से हुई प्रॉपर्टी को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) अटैच कर सकता है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने कहा कि PMLA की धारा 2(1)(u), जो क्राइम से हुई कमाई को बताता है, का दायरा बहुत बड़ा है।खंडपीठ ने कहा,"भले ही कोई डाउनस्ट्रीम एक्टिविटी, जैसे बेटिंग करना, कोई शेड्यूल्ड अपराध न हो, ऐसी एक्टिविटी से हुआ प्रॉफिट असली...
MV Act | सुप्रीम कोर्ट ने कैशलेस इलाज से जुड़े मामलों को जस्टिस सप्रे कमेटी के पास भेजा
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज और पूरे इंश्योरेंस कवरेज से जुड़े मामलों को जस्टिस एएस सप्रे कमेटी (सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी) के पास भेज दिया।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच डॉ. एस राजसीकरन (गंगा हॉस्पिटल, कोयंबटूर के ऑर्थोपेडिक सर्जरी डिपार्टमेंट के चेयरमैन और हेड) की 2012 की PIL में एडवोकेट किशन चंद जैन की तरफ से दायर इंटरवेंशन एप्लीकेशन पर विचार कर रही थी, जो सड़क दुर्घटना में हुई मौतों से जुड़ी थी।इनमें से एक एप्लीकेशन...
बॉलीवुड एक्ट्रेस सेलिना जेटली ने दर्ज कराई डोमेस्टिक वायलेंस की शिकायत, ₹50 करोड़ मुआवजे की मांग की
बॉलीवुड एक्ट्रेस सेलिना जेटली ने अपने ऑस्ट्रियन पति पीटर हाग के खिलाफ डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने अपनी लगभग 15 साल की शादी में लगातार परेशान करने और क्रूरता करने के लिए 50 करोड़ रुपये की मांग की।यह शिकायत अंधेरी, मुंबई में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराई गई, जिसमें एक्ट्रेस ने अपने पति द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार करने और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के कई मामलों का जिक्र किया।ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने इस शिकायत पर पीटर हाग को नोटिस जारी किया...
Order XXI Rule 90 CPC | ऑक्शन सेल को उन वजहों से चुनौती नहीं दी जा सकती, जो घोषणा से पहले उठाई जा सकती थीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (25 नवंबर) को कहा कि कोई जजमेंट-डेटर देर से एग्ज़िक्यूशन प्रोसीडिंग्स में ऑक्शन सेल पर सवाल नहीं उठा सकता, खासकर जब सेल पूरी हो गई हो। कोर्ट ने कहा कि सिविल प्रोसीजर कोड के ऑर्डर XXI रूल 96(3) के तहत ऐसी चुनौती की इजाज़त नहीं है, जब जजमेंट-डेटर को बिक्री की घोषणा जारी होने से पहले आपत्तियां उठाने का पहले से मौका मिला हो।जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट का फैसला खारिज करते हुए कहा, जिसमें ऑक्शन सेल (अपीलेंट के पक्ष में की गई) को ऑक्शन सेल...
गलत कानूनी सलाह के आधार पर यात्री को उपायहीन नहीं छोड़ा जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट, गोल्ड ज़ब्ती पर समय-सीमा पार अपील की अनुमति
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में थाईलैंड से लौटे एक यात्री को सीमा शुल्क विभाग द्वारा ज़ब्त की गई सोने की चेन के खिलाफ समय-सीमा पार अपील (time-barred appeal) दाखिल करने की अनुमति दी है।यात्री जुलाई 2023 से अपनी सोने की चेन की निरंतर हिरासत को चुनौती दे रहा था। उसका कहना था कि कस्टम अधिकारियों ने उससे एक प्री-प्रिंटेड फॉर्म पर हस्ताक्षर करवा लिए, जिसमें शो-कॉज़ नोटिस और व्यक्तिगत सुनवाई की छूट (waiver) थी, और बाद में उसकी चेन को स्थायी रूप से ज़ब्त कर ₹60,000 का जुर्माना लगा दिया गया।...
सहकारी बैंक अधिकारी भी 'लोक सेवक'; तकनीकी क्लीन-चिट FIR रोकने का आधार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा नियंत्रित या सहायता प्राप्त सहकारी बैंकों के कर्मचारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत 'लोक सेवक' की श्रेणी में आते हैं, और इस आधार पर दर्ज की गई FIR वैध है।अदालत ने यह भी माना कि विभागीय जांच में दी गई मात्र 'तकनीकी दोषमुक्ति', जिसमें जांच अधिकारी ने यह कहा कि वह असंगत संपत्ति के आरोपों की जांच करने में सक्षम नहीं है, FIR दर्ज होने से रोकने का कानूनी आधार नहीं बन सकती। मामला उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक...
HPNLU, शिमला ने 'भारतीय संविधान के 75 साल' विषय पर संविधान दिवस व्याख्यान का सफल आयोजन किया
हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HPNLU), शिमला ने प्रो. (डॉ.) प्रीति सक्सेना, माननीय कुलपति के नेतृत्व में 25 नवंबर 2025 को “भारतीय संविधान के 75 साल” विषय पर संविधान दिवस व्याख्यान का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (CNLU), पटना के कुलपति प्रो. (डॉ.) फैजान मुस्तफा ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कीनोट एड्रेस दिया।कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. संतोष कुमार शर्मा, डीन (शैक्षणिक मामलों) ने की। उन्होंने संविधान दिवस के महत्व,...
NCLAT ने मेटा व्हाट्सएप को 213 करोड़ का जुर्माना बरकरार रखने वाले फैसले से प्राइवेट डेटा हटाने की इजाज़त दी
दिल्ली में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मंगलवार को मेटा प्लेटफॉर्म्स और व्हाट्सएप LLC द्वारा दायर उन आवेदनों को मंज़ूरी दी, जिनमें ट्रिब्यूनल के 4 नवंबर के फैसले से गोपनीय व्यावसायिक जानकारी हटाने की मांग की गई थी। इस फैसले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा OTT मैसेजिंग मार्केट में दबदबे के दुरुपयोग के लिए लगाए गए 213 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा गया था।चेयरपर्सन जस्टिस अशोक भूषण और टेक्निकल मेंबर अरुण बरोका की बेंच ने निर्देश दिया कि फैसले के कुछ खास हिस्सों...
हैशटैग जब पहचान बन जाए: #ProudRandi विवाद
अपने इंस्टाग्राम के माध्यम से स्क्रॉल करने की कल्पना करें और आप एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर को देखते हैं जिसे आप #ProudRandi के साथ सामग्री पोस्ट करने का अनुसरण करते हैं और एक ऐसे शब्द को पुनः प्राप्त करते हैं जिसने पीढ़ियों से महिलाओं को जख्म दिए हैं। आप उस पोस्ट पर ध्यान देने के लिए छोड़ देते हैं लेकिन अगली पोस्ट आपकी स्क्रीन पर उसी हैशटैग के साथ आपकी नाबालिग बेटी की है। आप उसे या प्रभाव को रोक देंगे? चिकित्सक दिविजा बेसिन के #प्राउडरंडी अभियान का नवीनतम विवाद यही है।"रंडी" शब्द ने हमेशा...
₹1.95 करोड़ GST विवाद में गैरहाजिर रहने पर महिला पर ₹1 लाख जुर्माना: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कस्टम विभाग को निर्देश दिया है कि वह एक 70 वर्षीय महिला को व्यक्तिगत सुनवाई (Personal Hearing) का एक और अवसर प्रदान करे, जो अपने फर्म के खिलाफ लगाए गए ₹1,95,11,160 की मांग पर उपस्थित नहीं हो सकी थी। यह महिला एलपीजी (घरेलू व वाणिज्यिक) की डीलरशिप चलाने वाली फर्म की एकमात्र स्वामित्व (sole proprietor) हैं, जिनका समझौता हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ 10 वर्षों के लिए किया गया है।मामला तब शुरू हुआ जब विभाग ने GST रिटर्न में पाई गई विसंगतियों के संबंध में नोटिस...
क्या कस्टम्स पोर्ट से निकले सामान को ज़ब्त कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खुला छोड़ा
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कस्टम्स, एक्साइज़ और सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (CESTAT) के इस नज़रिए के खिलाफ़ अपील पर विचार करने से मना कर दिया कि एक बार पोर्ट से सामान क्लियर हो जाने के बाद कस्टम्स अधिकारी लाइसेंस की शर्तों का पालन न करने जैसे उल्लंघन के लिए उसे ज़ब्त करने का अधिकार खो देते हैं।हालांकि, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने यह सवाल खुला छोड़ दिया कि क्या कस्टम्स अधिकारियों को पोर्ट से निकलने के बाद सामान को ज़ब्त करने का अधिकार होगा।यह विवाद तब शुरू हुआ, जब...
CCTVs In Police Stations : सुप्रीम कोर्ट ने States/UTs को कंप्लायंस एफिडेविट के लिए आखिरी डेडलाइन दी
सुप्रीम कोर्ट ने उन States/UTs को 3 हफ़्ते का समय दिया, जिन्होंने देश भर के पुलिस स्टेशनों में CCTV कैमरों के काम न करने से जुड़े मामले में अपने कंप्लायंस एफिडेविट फाइल नहीं किए।कोर्ट ने आगे कहा कि डेडलाइन का पालन न करने की स्थिति में मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होना होगा।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच देश भर के पुलिस स्टेशनों में CCTV कैमरों के काम न करने के मामले में खुद से शुरू किए गए मामले की सुनवाई कर रही थी।इस मामले में एमिक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट...
बेटी के विवाह खर्च और भरण-पोषण की कानूनी–नैतिक जिम्मेदारी पिता पर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा है कि पिता अपनी अविवाहित बेटी के भरण-पोषण और विवाह खर्च उठाने के लिए न केवल कानूनी रूप से, बल्कि नैतिक रूप से भी बाध्य है, भले ही बेटी बालिग क्यों न हो।मामला एक 25 वर्षीय अविवाहित बेटी से संबंधित था, जिसने हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20 और 3(b) के तहत आवेदन दायर कर कहा कि वह स्वयं को संभालने में असमर्थ है, जबकि उसका पिता सरकारी शिक्षक है और ₹44,642 मासिक वेतन प्राप्त करता है। बेटी ने मासिक भरण-पोषण और ₹15 लाख विवाह खर्च की...
'नो इंस्ट्रक्शंस' पर्सिस पर 7 दिन की नोटिस जरूरी नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि जब कोई अधिवक्ता केवल यह बताते हुए “नो इंस्ट्रक्शंस” पर्सिस दाखिल करता है कि उसे अपने मुवक्किल से निर्देश नहीं मिल रहे, तो इसे वकालतनामा वापस लेना नहीं माना जा सकता, और ऐसे में Bombay High Court Appellate Side Rules, 1960 तथा Civil Manual में निर्धारित सात दिन पहले की अनिवार्य नोटिस की आवश्यकता लागू नहीं होती।एक मकान मालिक द्वारा दायर बेदखली वाद में किरायेदारों के वकील द्वारा “नो इंस्ट्रक्शंस” पर्सिस दाखिल किए जाने और उसके बाद ट्रायल...
'समाज को जाति के आधार पर न बाँटें': महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव मामले में CJI सूर्यकांत
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने आज महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि समाज को किसी भी हाल में जाति की लाइनों पर विभाजित नहीं किया जाना चाहिए।सुनवाई में सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने चिंता जताई कि यदि 50% आरक्षण की सीमा को अनिवार्य रखा गया, तो महाराष्ट्र के कई इलाकों में जहाँ SC-ST आबादी अधिक है, वहाँ केवल SC-ST आरक्षण ही 50% तक पहुँच जाएगा और OBC के लिए कोई स्थान नहीं बचेगा। उन्होंने यह भी कहा कि 1931 के बाद...
सभी दस्तावेज़ पहले ही जांचे जा चुके थे: बॉम्बे हाईकोर्ट ने री-असेसमेंट नोटिस रद्द किया, कहा- विचार बदलने से नहीं खुल सकता आकलन'
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि आयकर अधिनियम 1961 (IT Act) की धारा 148 और 148A के तहत पुनर्मूल्यांकन (री-असेसमेंट) की कार्यवाही का उपयोग उन मुद्दों को दोबारा खोलने के लिए नहीं किया जा सकता, जिन्हें मूल आकलन के दौरान पहले ही जांचकर स्वीकार कर लिया गया था।अदालत ने स्पष्ट किया कि आकलन अधिकारी का केवल विचार बदल जाना विश्वास का कारण नहीं बन सकता और न ही यह पुनर्मूल्यांकन का आधार हो सकता है।जस्टिस बी.पी. कोलाबा वाला और जस्टिस अमित एस. जमसंदेकर की खंडपीठ ने ट्रस्ट की याचिका स्वीकार करते...
नेचुरल जस्टिस का उल्लंघन: GST डिमांड के खिलाफ व्यक्तिगत सुनवाई के लिए एक दिन का नोटिस देने पर दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि प्रस्तावित GST डिमांड के संबंध में व्यक्तिगत सुनवाई में शामिल होने के लिए किसी असेसी को सिर्फ एक दिन का नोटिस देना नेचुरल जस्टिस का उल्लंघन है।यह बात जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और सौरभ बनर्जी की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता फर्म की उस अपील को खारिज करने के खिलाफ चुनौती पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें देरी के कारण अपील को खारिज कर दिया गया था।यह डिमांड कुछ कम पेमेंट और इनपुट टैक्स क्रेडिट में अंतर के साथ-साथ GSTR-I (मासिक/तिमाही रिटर्न) और GSTR-3B (समरी रिटर्न) में रिपोर्ट की...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: पार्ट-टाइम या गेस्ट फैकल्टी से फुल टाइम की असिस्टेंट प्रोफेसर की जगह नहीं भर सकती यूनिवर्सिटी
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पार्ट-टाइम या गेस्ट फैकल्टी को उन विषयों के लिए स्थायी समाधान की तरह उपयोग नहीं किया जा सकता, जिनके लिए संपूर्ण समय (फुल-टाइम) असिस्टेंट प्रोफेसर की आवश्यकता होती है।कोर्ट ने कहा कि यूनिवर्सिटी विशेष अथवा नए विषयों के लिए विशेषज्ञों को अतिथि शिक्षक के रूप में बुला सकते हैं लेकिन इससे पूर्णकालिक शिक्षकों की अनिवार्यता समाप्त नहीं होती।यह निर्णय उस समय दिया गया, जब कश्मीर यूनिवर्सिटी की ओर से दायर कई अपीलों पर सुनवाई की जा रही थी। इन अपीलों में...
देश की अंतरात्मा पर धब्बा: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीवर में चार मैनुअल स्कैवेंजर्स की मौत पर हर परिवार को 30 लाख मुआवज़ा देने का आदेश दिया
एक कड़े फैसले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (KMC) और अन्य राज्य अधिकारियों को फरवरी 2021 में दक्षिण कोलकाता में सीवर की सफाई के दौरान चार मजदूरों की मौत और तीन अन्य के घायल होने के लिए गंभीर कमियों और लापरवाही का ज़िम्मेदार ठहराया।कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बढ़ा हुआ मुआवज़ा देने का निर्देश दिया और कई कंप्लायंस-ओरिएंटेड निर्देश जारी किए।एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस चैताली चटर्जी दास की डिवीजन बेंच ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स...
महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट सख़्त, कहा: आगे की अधिसूचनाएं 50% आरक्षण सीमा के भीतर ही जारी हों
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में लंबित स्थानीय निकाय चुनावों पर सुनवाई के दौरान स्पष्ट कर दिया कि आगे से जारी होने वाली किसी भी चुनाव अधिसूचना में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।अदालत ने यह टिप्पणी उस समय की, जब महाराष्ट्र सरकार ने समय मांगते हुए बताया कि वह इस मुद्दे पर राज्य निर्वाचन आयोग से विचार-विमर्श कर रही है।इसके साथ ही अदालत ने सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित कर दी।चीफ जस्टिस सुर्याकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ के समक्ष राज्य निर्वाचन आयोग के लिए सीनियर...




















