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आबकारी पॉलिसी मामले में मनीष सिसोदिया को कभी दोषी नहीं ठहराया, CBI ने मीडिया में झूठी कहानी फैलाई: अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली कोर्ट में बताया
आबकारी पॉलिसी मामले में मनीष सिसोदिया को कभी दोषी नहीं ठहराया, CBI ने मीडिया में झूठी कहानी फैलाई: अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली कोर्ट में बताया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले में CBI की हिरासत की मांग वाली याचिका का विरोध करते हुए शहर की राउज एवेन्यू कोर्ट को व्यक्तिगत रूप से संबोधित किया।AAP नेता ने मीडिया की उन खबरों का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया कि उन्होंने घोटाले के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दोषी ठहराया।केजरीवाल ने कहा,"CBI द्वारा मीडिया में झूठी कहानी फैलाई जा रही है कि मैंने शराब नीति घोटाले का दोष मनीष सिसोदिया पर डाला है। मैंने मनीष सिसोदिया या किसी अन्य व्यक्ति को दोषी...

कोर्ट फीस के संबंध में धारा 17 के तहत विविध आवेदनों पर आदेश SARFAESI अधिनियम की धारा 18 के तहत अपील योग्य है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
कोर्ट फीस के संबंध में धारा 17 के तहत विविध आवेदनों पर आदेश SARFAESI अधिनियम की धारा 18 के तहत अपील योग्य है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना है कि न्यायालय शुल्क के संबंध में विविध आवेदन पर आदेश वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 की धारा 18 के अंतर्गत अपील योग्य है। जस्टिस अजीत कुमार ने माना कि SARFAESI अधिनियम की धारा 18, जो अपील का प्रावधान करती है, यह निर्दिष्ट नहीं करती है कि अपील केवल अंतिम आदेशों के विरुद्ध दायर की जा सकती है, न कि अंतरिम आदेशों के विरुद्ध। यह देखते हुए कि धारा 17 के अंतर्गत आदेश अंतरिम प्रकृति का हो सकता है, न्यायालय ने माना कि...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी कर्मचारी को सजा देते समय लंबी सेवा, पदोन्नति जैसे कारकों पर विचार किया जाना चाहिए
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी कर्मचारी को सजा देते समय लंबी सेवा, पदोन्नति जैसे कारकों पर विचार किया जाना चाहिए

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि दोषी कर्मचारी को सजा अपराध की गंभीरता के अनुरूप होनी चाहिए और सजा देते समय दोषी द्वारा की गई लंबी और बेदाग सेवा, अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू होने तक उसके द्वारा अर्जित पदोन्नति की संख्या और प्रकृति, उसे दिया गया सम्मान, सेवानिवृत्ति के लिए शेष अवधि की कमी आदि कारकों पर विचार किया जाना चाहिए। जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस रामचंद्र डी हुड्डार की खंडपीठ ने सिंडिकेट बैंक के पूर्व कर्मचारी एम आर नागराजन द्वारा दायर अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी...

घरेलू हिंसा अधिनियम | तलाकशुदा पत्नी को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा साझा घर से बेदखल नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
घरेलू हिंसा अधिनियम | तलाकशुदा पत्नी को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा 'साझा घर' से बेदखल नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में कहा कि तलाकशुदा होने के बावजूद पूर्व पत्नी को कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अलावा साझा घर से बेदखल नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि भले ही तलाकशुदा महिला का साझा घर पर कोई अधिकार नहीं है, लेकिन अगर वह तलाक के दौरान या उसके बाद वहां रह रही थी, तो उसे कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के माध्यम से ही बेदखल किया जा सकता है।जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने कहा:“इसलिए, यह माना जाता है कि तलाकशुदा महिला साझा घर में रहने के अधिकार का दावा नहीं कर सकती।...

मृत्यु पूर्व कथन दर्ज करने का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं, लेकिन न्यायालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह स्वस्थ मनःस्थिति में किया गया: झारखंड हाईकोर्ट
मृत्यु पूर्व कथन दर्ज करने का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं, लेकिन न्यायालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह स्वस्थ मनःस्थिति में किया गया: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि मृत्यु पूर्व कथन दर्ज करने का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं है और यह मौखिक या लिखित हो सकता है। हालांकि इस पर भरोसा करने वाले किसी भी न्यायालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह घोषणाकर्ता द्वारा स्वस्थ मनःस्थिति में किया गया।जस्टिस सुभाष चंद और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने कहा,"यह स्थापित कानून है कि मृत्यु पूर्व कथन मौखिक या लिखित हो सकता है। लेकिन मृत्यु पूर्व कथन पर भरोसा करते समय न्यायालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह 'स्वस्थ मनःस्थिति' में किया गया। मृत्यु...

होमगार्डों की नियुक्ति दैनिक वेतन के आधार पर की जाती है, भर्ती और चयन प्रक्रिया सिविल पुलिस अधिकारियों से अलग: केरल हाईकोर्ट ने वेतन समानता से इनकार किया
होमगार्डों की नियुक्ति दैनिक वेतन के आधार पर की जाती है, भर्ती और चयन प्रक्रिया सिविल पुलिस अधिकारियों से अलग: केरल हाईकोर्ट ने वेतन समानता से इनकार किया

केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि होमगार्डों की नियुक्ति दैनिक वेतन के आधार पर की जाती है और उनकी भर्ती और चयन प्रक्रिया सिविल पुलिस अधिकारी से भिन्न होती है। न्यायालय ने आगे कहा कि गृह रक्षक, होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य (2015) में सुप्रीम कोर्ट ने यह घोषित नहीं किया था कि होमगार्डों को सिविल पुलिस अधिकारियों के बराबर माना जाएगा। इस मामले में, होमगार्डों को पुलिस कांस्टेबल के समान वेतन देने के न्यायाधिकरण के आदेश से व्यथित होकर, राज्य सरकार ने अपील के साथ हाईकोर्ट का...

कंपनी कीटनाशक अधिनियम के तहत अपराध करती है तो व्यवसाय के संचालन के लिए जिम्मेदार सभी लोग उत्तरदायी होंगे: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
कंपनी कीटनाशक अधिनियम के तहत अपराध करती है तो व्यवसाय के संचालन के लिए जिम्मेदार सभी लोग उत्तरदायी होंगे: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि कीटनाशक अधिनियम 1968 (Insecticides Act, 1968 ) के तहत यदि कोई कंपनी कोई अपराध करती है तो कंपनी और उस समय प्रभारी व्यक्ति दोनों को दोषी माना जाता है और उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। साथ ही उन्हें दंडित भी किया जा सकता है।कंपनी को वास्तव में आरोपी बनाए बिना कंपनी के कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए जस्टिस रजनीश ओसवाल की पीठ ने कहा,“जब कंपनी को आरोपी नहीं बनाया जाता है तो याचिकाकर्ता जो कंपनी के कर्मचारी हैं, उन पर कंपनी...

तेलंगाना हाईकोर्ट सीनियर एडवोकेट के खिलाफ दर्ज एफआईआर दर्ज करने से किया इनकार, जजों को प्रभावित करने के लिए रिश्वत लेने के हैं आरोपी
तेलंगाना हाईकोर्ट सीनियर एडवोकेट के खिलाफ दर्ज एफआईआर दर्ज करने से किया इनकार, जजों को प्रभावित करने के लिए रिश्वत लेने के हैं आरोपी

तेलंगाना हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट द्वारा दायर याचिका खारिज की। उक्त याचिका में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी। एफआईआर में कथित तौर पर हाईकोर्ट के जजों को रिश्वत देने के इरादे से एक वादी से 7 करोड़ रुपये स्वीकार करने का आरोप लगाया गया था।जस्टिस के. लक्ष्मण ने कहा,"याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं। इस न्यायालय के जजों को रिश्वत देने के लिए धन प्राप्त करने का आरोप न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर गंभीर संदेह पैदा करता है और इसका तात्पर्य है कि न्याय बिकाऊ है। ऐसे गंभीर...

अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ली
अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (26 जून) को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस ले ली, जिसमें कथित दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने वाले ट्रायल कोर्ट के 20 जून के आदेश के क्रियान्वयन पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 21 जून को पारित आदेश को चुनौती दी गई थी।केजरीवाल के वकील सीनियर एडवोकेट डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने ED की स्थगन याचिका पर अंतिम आदेश पारित किया और जमानत आदेश पर रोक लगाने के कारण बताए। मामले के इस दृष्टिकोण...

अदालत न तो परामर्शदाता है और न ही जल्लाद, जो पक्षों को अव्यवहारिक विवाह जारी रखने के लिए मजबूर करे: तेलंगाना हाईकोर्ट
अदालत न तो परामर्शदाता है और न ही जल्लाद, जो पक्षों को अव्यवहारिक विवाह जारी रखने के लिए मजबूर करे: तेलंगाना हाईकोर्ट

हिंदू विवाह अधिनियम (HMA) के तहत तलाक की मांग करने वाले पति की अपील स्वीकार करते हुए तेलंगाना हाईकोर्ट ने दोहराया कि विवाह को व्यक्तियों पर मजबूर नहीं किया जा सकता और अदालत को पार्टियों को प्रेमहीन विवाह में पत्नी और पति के रूप में रहने के लिए मजबूर करने के लिए जल्लाद या परामर्शदाता के रूप में कार्य नहीं करना चाहिए।जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य और जस्टिस एम.जी. प्रियदर्शिनी की खंडपीठ ने कहा,“वैवाहिक संबंधों का विलोपन पूरी तरह से विवाह में शामिल व्यक्तियों पर निर्भर करता है और उन्हें अपने हिसाब से इसका...

सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भूषण स्टील के पूर्व एमडी नीरज सिंघल की जमानत याचिका पर ED को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भूषण स्टील के पूर्व एमडी नीरज सिंघल की जमानत याचिका पर ED को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने भूषण स्टील लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल की याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी और जमानत खारिज किए जाने को चुनौती दी गई।सिंघल को पिछले साल 9 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक धोखाधड़ी मामले में कथित संलिप्तता और मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए गिरफ्तार किया था।आरोपों के अनुसार, सिंघल ने 46,000 करोड़ रुपये से अधिक का सार्वजनिक नुकसान पहुंचाया। ED का कहना है कि याचिकाकर्ता ने अन्य आरोपी व्यक्तियों/व्यावसायिक संस्थाओं के...

मद्रास हाईकोर्ट ने अमोनियम परक्लोरेट में पोटेशियम मिलाने की IIT-Madras की विधि को पेटेंट देने से इनकार किया
मद्रास हाईकोर्ट ने अमोनियम परक्लोरेट में पोटेशियम मिलाने की IIT-Madras की विधि को पेटेंट देने से इनकार किया

मद्रास हाईकोर्ट ने पेटेंट एवं डिजाइन नियंत्रक द्वारा पारित आदेश की पुष्टि की, जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास द्वारा अमोनियम परक्लोरेट में पोटेशियम मिलाने की विधि के लिए दायर पेटेंट आवेदन खारिज किया गया।जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति ने कहा कि इस विधि का आर्थिक महत्व दिखाने के लिए कोई प्रायोगिक डेटा नहीं था। इसके अलावा, न्यायालय ने यह भी कहा कि दावा किए गए आविष्कार में पेटेंट अधिनियम की धारा 2(1)(ja) के तहत आविष्कारक कदम का अभाव था।न्यायालय ने कहा,“मैं निष्कर्ष निकालता हूं कि...

Pune Porsche Accident | बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की, कहा- नाबालिग आरोपी को जमानत पर रिहा करके कानून लागू करना उसका कर्तव्य
Pune Porsche Accident | बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की, कहा- नाबालिग आरोपी को जमानत पर रिहा करके कानून लागू करना उसका कर्तव्य

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी को रिहा करने का आदेश देते हुए अभियोजन पक्ष और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जन आक्रोश से प्रभावित होकर स्थिति को संभालने के अव्यवस्थित तरीके की आलोचना की।कोर्ट ने कहा:“हम केवल इस पूरे दृष्टिकोण को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताकर अपनी निराशा और परेशानी व्यक्त कर सकते हैं और आशा और विश्वास करते हैं कि भविष्य में की जाने वाली कार्रवाई कानून के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार होगी, जिसमें किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं की जाएगी। हालांकि, इस...

तथ्यों को दबाने से निपटने के लिए कठोर उपायों की आवश्यकता: सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एसएलपी खारिज की
'तथ्यों को दबाने से निपटने के लिए कठोर उपायों की आवश्यकता': सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एसएलपी खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुमति याचिकाओं में वकीलों द्वारा तथ्यों को दबाने की प्रथा की निंदा की। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि इस तरह के 'कठोर' उपाय आवश्यक हैं।जस्टिस एएस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की वेकेशन बेंच अखिल भारतीय ईपीएफ स्टाफ फेडरेशन द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के 20 मार्च के अंतरिम आदेश के खिलाफ चुनौती पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता की मुख्य शिकायत यह थी कि अंतरिम राहत दिए बिना मामले को सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।सुनवाई के दौरान, बेंच ने पाया कि...

खेल कोटे से लॉ स्कूल में दाखिला लेने के इच्छुक निशानेबाज को प्रमाण पत्र देने से इनकार करने पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई
खेल कोटे से लॉ स्कूल में दाखिला लेने के इच्छुक निशानेबाज को प्रमाण पत्र देने से इनकार करने पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन के खेल विभाग को इस आधार पर राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज को खेल ग्रेडेशन प्रमाणपत्र जारी नहीं करने के लिए फटकार लगाई है कि वह प्रशासन द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल का छात्र नहीं था।खिलाड़ी खेल कोटा आरक्षण के माध्यम से पंजाब विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल में प्रवेश लेने के इच्छुक थे। जस्टिस संदीप मोदगिल ने कहा, 'याचिकाकर्ता को इस आधार पर खेल ग्रेडेशन प्रमाणपत्र जारी करने से इनकार करना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण, अनुचित, मनमाना और तर्कहीन होगा कि वह चंडीगढ़...

ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि निदेशक को भेजा समन
ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि निदेशक को भेजा समन

बॉम्बे हाईकोर्ट पतंजलि आयुर्वेद के निदेशक रजनीश मिश्रा को मंगलम ऑर्गेनिक्स द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में पेश होने का निर्देश दिया है।जस्टिस आरआई चागला पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और अन्य के खिलाफ मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा 30 अगस्त, 2023 के एक अंतरिम आदेश के कथित उल्लंघन के लिए अवमानना आवेदन पर विचार कर रहे थे। मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ एक अंतरिम आवेदन के साथ मूल वाणिज्यिक आईपी मुकदमा दायर किया, जिसमें पासिंग ऑफ और कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटी के भरण-पोषण से इनकार करने वाले व्यक्ति को राहत से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटी के भरण-पोषण से इनकार करने वाले व्यक्ति को राहत से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में पेशे से डॉक्टर एक व्यक्ति को राहत देने से इनकार कर दिया, जिसने अपनी बेटी के पितृत्व को चुनौती देने, उसे रखरखाव का भुगतान करने से बचने और यह दिखाने के लिए कि उसकी पत्नी व्यभिचार में रह रही थी, एक निजी डीएनए परीक्षण के लिए गुप्त रूप से उसके रक्त का नमूना लिया।आवेदक द्वारा प्राप्त उक्त डीएनए रिपोर्ट को 'कचरा के अलावा कुछ नहीं' करार देते हुए, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की पीठ ने आवेदक और उसकी बेटियों के नए सिरे से डीएनए परीक्षण का आदेश...