ताज़ा खबरे
बार एसोसिएशन के सदस्यों को हटाने को चुनौती देने वाली राज्य बार काउंसिल के समक्ष याचिका सुनवाई योग्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि एक बार एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा अपने अवैध निष्कासन के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य बार काउंसिल के समक्ष दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।जस्टिस सरल श्रीवास्तव और जस्टिस अमिताभ कुमार राय की खंडपीठ ने नरेश कुमार मिश्रा और तीन अन्य द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिन्हें एकीकृत बार एसोसिएशन, माटी, कानपुर देहात की आम सभा के सदस्यों के पद से हटा दिया गया।याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के समक्ष उत्तर प्रदेश राज्य बार काउंसिल (प्रतिवादी नंबर 1) द्वारा...
मामले में बाद के वकील की अलग राय गवाह को वापस बुलाने का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में आगे अभियोजन कैसे किया जाए इस बारे में बाद के वकील की अलग राय CrPC की धारा 311 के तहत गवाह को वापस बुलाने का आधार नहीं है।जस्टिस अमित महाजन ने कहा,"CrPC की धारा 311 के तहत शक्ति का प्रयोग इतनी देरी से केवल वकील बदलने के कारण नहीं किया जा सकता। मामले में अभियोजन कैसे किया जाए, इस बारे में बाद के वकील की अलग राय गवाह को वापस बुलाने का कानूनी आधार नहीं हो सकती।"अदालत ने आगे कहा,"अगर इस तरह की दलीलों को स्वीकार कर लिया जाता है तो मुकदमा एक अंतहीन प्रयास होगा,...
सीलबंद संपत्ति से छेड़छाड़ और विलंब के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 लाख का भारी जुर्माना लगाया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया कि कोई भी अधिभोगी (Occupant) जो कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त किरायेदार नहीं है। उसे मालिक की अनुमति के बिना परिसर में किसी भी तरह के तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने या सौंपने का कोई हक़, शीर्षक या हित नहीं है।जस्टिस कमल खाता ने ऑटो क्रेडिट कॉर्पोरेशन और रेखा प्रकाश जैन के आचरण पर गंभीर संज्ञान लिया। इन दोनों ने सील की गई संपत्ति में हस्तक्षेप करने और वसीयत संबंधी कार्यवाही में देरी करने की कोशिश की। कोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए...
इलाहाबाद हाईकोर्ट में गांधी जयंती समारोह, सीनियर जज ने महात्मा के दूरदर्शी कानूनी फैसलों पर ज़ोर दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गरिमापूर्ण समारोह के साथ गाँधी जयंती मनाई, जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर लखनऊ बेंच के माननीय सीनियर जज रजिस्ट्री के अधिकारी और हाईकोर्ट के कर्मचारी उपस्थित रहे।लखनऊ बेंच के सीनियर जज मिस्टर राजन रॉय ने समारोह की अध्यक्षता की। कार्यक्रम की शुरुआत जस्टिस रॉय द्वारा महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई, जिसके बाद राष्ट्रीय गान गाया गया।अपने संबोधन में जस्टिस रॉय ने गाँधीवादी दर्शन की...
जज द्वारा स्थगन देने या संबंधित शिकायत समेकित करने से इनकार करना मामला ट्रांसफर का आधार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी जज द्वारा मांगी गई तारीखों पर स्थगन देने या संबंधित शिकायत को समेकित करने से इनकार करना मामले को किसी अन्य जज को ट्रांसफर करने का आधार नहीं है।जस्टिस संजीव नरूला ने कहा, "समय-निर्धारण केस प्रबंधन का एक पहलू है और जब तक यह दुर्भावना से प्रेरित न हो, तब तक यह पक्षपात की उचित आशंका को जन्म नहीं दे सकता।"कोर्ट ने चेक बाउंसिंग के तीन मामलों का सामना कर रहे व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ खारिज कर दिया, जिसमें शिकायत को प्रथम श्रेणी...
SCAORA ने चीफ जस्टिस पर वकील द्वारा जूता फेंकने की कोशिश की निंदा की, अवमानना कार्रवाई की मांग
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCOARA) ने वकील के कृत्य की स्पष्ट रूप से निंदा की, जिसने सुबह कथित तौर पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई पर कोई वस्तु फेंकने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसे बाहर निकाल दिया।SCOARA ने कहा कि यह आचरण बार के एक सदस्य के लिए "अनुचित" है। यह उस आपसी सम्मान की नींव पर प्रहार करता है, जो बेंच और बार के बीच संबंधों को बनाए रखता है।SCOARA सचिव निखिल जैन द्वारा जारी बयान में कहा गया,"यह व्यवहार विधिक पेशे की गरिमा के विपरीत है। मर्यादा,...
सोशल मीडिया पर जमानत मनाने मात्र से जमानत रद्द नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह देखा कि केवल आरोपी या उसके साथियों द्वारा सोशल मीडिया पर जमानत का जश्न मनाना शिकायतकर्ता के लिए किसी विशेष खतरे के बिना जमानत रद्द करने का आधार नहीं बन सकता।एक हाउस ट्रेसपास मामले में आरोपी की जमानत रद्द करने से इंकार करते हुए जस्टिस रविंदर दुडेजा ने कहा: “यह तर्क कि आरोपी या उसके साथियों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जमानत मिलने के बाद वीडियो और स्टेटस मैसेज डालकर जश्न मनाया, शिकायतकर्ता को किसी विशेष धमकी या डराए जाने के बिना जमानत रद्द करने का आधार नहीं हो सकता।” ...
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार द्वारा स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग का कोटा 42% करने के खिलाफ याचिका पर विचार करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना सरकार द्वारा नगर पालिकाओं और पंचायतों में पिछड़ा वर्ग के लिए कोटा 42% करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया, जिससे स्थानीय निकायों में कुल आरक्षण 67% हो गया।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने कृषिविद् वंगा गोपाल रेड्डी को 26 सितंबर, 2025 के जी.ओ.एम. नंबर 09 को संविधान के अनुच्छेद 14, 243डी और 243टी का उल्लंघन करने के कारण असंवैधानिक, अवैध और अमान्य घोषित करने की मांग वाली अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी।याचिका...
घरेलू हिंसा अधिनियम (DV Act) में गृहस्थी और सांझी गृहस्थी का मतलब
इस एक्ट में गृहस्थी का निश्चित अर्थ होता है एवं इस प्रकार इसे "घर" शब्द के साथ पारस्परिक परिवर्तनीय रीति से साधारण शाब्दिक अर्थों में अर्थावित नहीं किया जा सकता इसलिए प्रश्नगत संविधि में सीधे "गृहस्थी" शब्द को प्रयुक्त करने में विधायन को निवारित नहीं किया जा सकता शब्द घर के कई अर्थ होते हैं जिसमें से एक है। "लोगों के रहने के लिए मकान जो सामान्यतया एक परिवार के लिए होता है" जैसा कि आक्सफोर्ड एडवांस डिक्शनरी न्यू 7वां संस्करण में परिभाषित है अमेरिकन हेरिटेज डिक्शनरी "घर" को "एक या अधिक व्यक्तियों...
घरेलू हिंसा अधिनियम (DV Act) में व्यथित व्यक्ति किसे कहा गया?
इस एक्ट में व्यथित व्यक्ति से ऐसी कोई महिला अभिप्रेत है जो प्रत्यर्थी की घरेलू नातेदारी में है या रही है और जिसका अभिकथन है कि वह प्रत्यर्थी द्वारा किसी घरेलू हिंसा की शिकार रही है।"व्यथित व्यक्ति" की परिभाषा के पठन से यह इंगित होता है कि महिला जो प्रत्यर्थी के साथ घरेलू नातेदारी में है या रही है एवं जो प्रत्यर्थी द्वारा घरेलू हिंसा के किसी कृत्य का शिकार है अधिनियम के प्रावधानों के अधीन संरक्षण की वांछा करने के लिए व्यथित व्यक्ति को महिला होना चाहिए और प्रत्यर्थी के साथ वह घरेलू नातेदारी में हो...
राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला: पति की गैरमौजूदगी में मां द्वारा नोटिस ठुकराने के आधार पर पत्नी को दिया गया एकतरफा तलाक अमान्य
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर न्यायालय का नोटिस स्वयं संबंधित व्यक्ति या उसके अधिकृत प्रतिनिधि के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ठुकराया जाता है तो उसे कानूनी रूप से वैध अस्वीकार नहीं माना जा सकता।हाईकोर्ट की यह टिप्पणी उस मामले में आई, जिसमें फैमिली कोर्ट ने पत्नी को यह मानते हुए एकपक्षीय तलाक (एक्स-पार्टी डिवोर्स) दे दिया कि पति को भेजा गया नोटिस उसकी मां ने ठुकरा दिया था।जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस संदीप तनेजा की खंडपीठ पति की अपील पर सुनवाई कर रही थी। पति ने...
'जब बच्चे गुफा में थे तब आप क्या कर रहे थे?': सुप्रीम कोर्ट ने गोकर्ण में मिले रूसी बच्चों के 'पिता' को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ऐसे व्यक्ति को फटकार लगाई, जो दो नाबालिग रूसी लड़कियों का पिता होने का दावा कर रहा था। वे बच्चे अपनी माँ के साथ इस साल की शुरुआत में कर्नाटक के गोकर्ण के पास एक गुफा में पाई गईं थीं।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार को रूस वापस भेजने के लिए यात्रा दस्तावेज जारी करने की अनुमति दी गई।जैसे ही यह मामला उठा, जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता के वकील से...
कोर्ट कार्यवाही के दौरान सीजेआई गवई पर 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान' नारा लगाते हुए हमले की कोशिश
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में असामान्य घटना घटी, जब सुबह की कार्यवाही के दौरान एक व्यक्ति ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई पर वस्तु फेंकने का प्रयास किया।नारे लगाते हुए सुनाई देने वाले इस व्यक्ति को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया। इस घटना के कारण कार्यवाही कुछ मिनटों के लिए बाधित रही, जिसके बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई।वहां मौजूद वकीलों के अनुसार, कोर्ट रूम से बाहर निकाले जाने के दौरान उस व्यक्ति ने चिल्लाया,"सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान"।कुछ गवाहों ने...
सोशल मीडिया पर जजों को भी नहीं बख्शा जा रहा, उनके आदेशों के लिए ट्रोल किया जा रहा: हाईकोर्ट के जज की मौखिक टिप्पणी
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन सेनहतिलकुमार ने सोमवार (5 अक्टूबर) को मौखिक टिप्पणी की कि सोशल मीडिया पर जजों को भी नहीं बख्शा जा रहा और उनके द्वारा पारित आदेशों के लिए अक्सर उन्हें ट्रोल किया जाता है।उन्होंने कहा कि कभी-कभी जजों के अतीत और उनके परिवारों को भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना दिया जाता है।जज ने मौखिक टिप्पणी की,"सोशल मीडिया में किसे बख्शा जा रहा है, जजों को भी ट्रोल किया जा रहा है। दरअसल व्यक्तिगत रूप से हमारे द्वारा पारित कुछ आदेशों के लिए हमें भी ट्रोल किया जा रहा है। अतीत को भी...
प्राथमिक दृष्टि में अपराध का उल्लेख संज्ञान नहीं माना जा सकता: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कहा- FIR दर्ज करने के निर्देश मात्र से मजिस्ट्रेट ने संज्ञान नहीं लिया
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि मजिस्ट्रेट किसी निजी शिकायत पर केवल यह उल्लेख करता है कि प्राथमिक दृष्टि में संज्ञेय अपराध बनता है। पुलिस को FIR दर्ज कर जांच करने का निर्देश देता है तो इसे अपराध का संज्ञान लेना नहीं कहा जा सकता।जस्टिस मिलिंद रमेश फडके की सिंगल बेंच ने कहा कि ऐसा आदेश दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 156(3) के अंतर्गत आता है, न कि CrPC की धारा 200 के तहत संज्ञान लेने के दायरे में।अदालत ने कहा,“मजिस्ट्रेट के आदेश से यह स्पष्ट है कि उन्होंने केवल यह कहा कि प्राथमिक...
Order XXXVII CPC | सारांश वाद में प्रतिवादी कोर्ट की अनुमति के बिना उत्तर/बचाव प्रस्तुत नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि सीपीसी के आदेश XXXVII (Order XXXVII CPC) के तहत सारांश वाद में कोर्ट की अनुमति के बिना किसी भी बचाव को रिकॉर्ड पर लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला रद्द कर दिया, जिसमें उसने प्रतिवादी को वादी द्वारा जारी किए गए निर्णय के समन का उत्तर प्रस्तुत करने की अनुमति दी, जिसमें बचाव प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट की अनुमति प्राप्त करने की अनिवार्य आवश्यकता को दरकिनार कर दिया...
सांभर का मांस खाने का आरोप: आरोपी से बरामद मांस का कोई सीधा संबंध नहीं, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दी जमानत
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को ज़मानत दी, जिस पर आरोप था कि उसने नागौद के पीडब्ल्यूडी विश्रामगृह में सांभर हिरण का मांस पकाकर खाया।अदालत ने पाया कि वन विभाग आरोपी और बरामद मांस के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध स्थापित नहीं कर सका, और फॉरेंसिक रिपोर्ट (FSL) अभी लंबित है।जस्टिस देवनारायण मिश्रा की एकल पीठ ने केस डायरी का अवलोकन करते हुए कहा कि वन अधिकारियों को “गुप्त सूचना” मिली थी कि कुछ लोग विश्रामगृह में सांभर का मांस पका रहे हैं परंतु “इस सूचना के अलावा आज तक वन विभाग आरोपी को बरामद मांस से...
BREAKING| सोनम वांगचुक की हिरासत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर रिट याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। गीतांजलि ने लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत उनकी नज़रबंदी को चुनौती दी।अदालत इस मामले की सुनवाई अगले मंगलवार (14 अक्टूबर) को करेगी।याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि उन्हें नज़रबंदी के आधार बताए जाने चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि नज़रबंदी के आधार...
विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित रखने के राज्यपाल के फैसले को तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
तमिलनाडु सरकार ने कलैगनार यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025 को राज्य मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार स्वीकृति देने के बजाय राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित रखने के राज्यपाल का फैसला चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।अनुच्छेद 32 के तहत दायर रिट याचिका में राज्य का तर्क है कि राज्यपाल का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 163(1) और 200 का उल्लंघन होने के कारण "अवैध, स्पष्ट रूप से असंवैधानिक और आरंभ से ही शून्य" है।राज्य ने राज्यपाल द्वारा विधेयक [एलए विधेयक संख्या 19, 2025] को आरक्षित रखने के फैसले को...
सुनवाई के दौरान वकील को मोबाइल चलाना पड़ा महंगा, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार और ज़ब्त की डिवाइस
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक सख्त कदम उठाते हुए बहस के दौरान अदालत के सवालों के जवाब देने के लिए अपने मोबाइल फ़ोन पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल और गूगल (Google) का इस्तेमाल करने वाले वकीलों को फटकार लगाई।इस आचरण को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने वकील का मोबाइल डिवाइस कुछ समय के लिए ज़ब्त कर लिया और इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसी प्रथाएं "अस्वीकार्य" हैं।जस्टिस संजय वशिष्ठ ने कहा,"ऐसी प्रथा दो कारणों से पूरी तरह अस्वीकार्य है। पहला, अदालत में बहस के दौरान मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल अशिष्ट और...




















