एम.एफ. हुसैन की करोड़ों की पेंटिंग न लौटाने के मामले में कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमे का आदेश

Amir Ahmad

12 Nov 2025 6:23 PM IST

  • एम.एफ. हुसैन की करोड़ों की पेंटिंग न लौटाने के मामले में कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमे का आदेश

    दिल्ली कोर्ट ने कांग्रेस नेता और पूर्व गृह राज्य मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ मशहूर चित्रकार एम.एफ. हुसैन की एक पेंटिंग न लौटाने के आरोप में आपराधिक विश्वासघात (धारा 406 आईपीसी) के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया।

    राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि आरोपी का आचरण बार-बार मौखिक और लिखित अनुरोधों के बावजूद पेंटिंग वापस न करना, झूठे आश्वासन देना और अंततः लौटाने से इनकार करना आपराधिक विश्वासघात के सभी तत्वों को पूरा करता है।

    अदालत ने अपने आदेश में कहा,

    “रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट होता है कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के तहत मुकदमा चलाने के पर्याप्त आधार मौजूद हैं।”

    यह शिकायत रोहित सिंह महियारिया ने दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि अप्रैल, 2014 में भंवर जितेंद्र सिंह ने उनकी मां जो स्वयं पूर्व सांसद थीं, से एम.एफ. हुसैन की एक पेंटिंग उधार ली थी। उन्होंने कहा था कि वे इसे अपनी पत्नी को दिखाना चाहते हैं, जो हुसैन के चित्रों की प्रशंसक हैं।

    शिकायत के अनुसार, कुछ दिनों बाद जब पेंटिंग वापस मांगी गई, तो सिंह ने टालमटोल शुरू कर दी। वर्ष 2017 में उन्होंने यह कहकर पेंटिंग लौटाने से असमर्थता जताई कि वह मिल नहीं रही है। इसके बदले बूंदी मिनिएचर पेंटिंग्स देने की पेशकश की। इसके बावजूद शिकायतकर्ता की मां ने कई बार लिखित व मौखिक रूप से पेंटिंग लौटाने का आग्रह किया, जो कभी पूरा नहीं हुआ।

    इससे पहले अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए शिकायत खारिज कर दी थी कि इसमें धोखाधड़ी या विश्वासघात का कोई मामला नहीं बनता।

    हालांकि स्पेशल जज ने इस आदेश को रद्द करते हुए कहा कि यह पेंटिंग अप्रैल, 2014 में केवल सीमित उद्देश्य से देखने और संभवतः खरीदने के विचार से सौंपी गई, न कि उपहार में दी गई थी।

    जज ने कहा,

    “पेंटिंग वापस न करना, झूठे वादे करना और बाद में लौटाने से साफ इनकार करना, यह सब विश्वासघात और सौंपे गए संपत्ति के दुरुपयोग को दर्शाता है, जो धारा 406 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।”

    अदालत ने कहा कि निचली अदालत द्वारा यह निष्कर्ष निकालना कि पेंटिंग उपहार में दी गई, तथ्यों के विपरीत और अस्थिर है।

    इसलिए स्पेशल कोर्ट ने मामला पुनः विचार के लिए ट्रायल कोर्ट को भेज दिया और आदेश दिया कि ट्रायल कोर्ट अब इस मामले में कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करे।

    अदालत ने कहा,

    “शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों 25 नवंबर 2025 को ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होंगे।”

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