जानिए हमारा कानून
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 33: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अभिगृहीत वस्तुओं का पुलिस द्वारा अपने भार साधन में लेना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 55 प्रक्रिया के संबंध में प्रावधान करती है। इस धारा के अनुसार पुलिस इस अधिनियम के अंतर्गत अभिगृहीत की गई वस्तुओं का कब्ज़ा या भार साधन अपने हाथ में ले सकती है। इस प्रावधान का उद्देश्य वस्तुओं की सुरक्षा है एवं उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी निर्दिष्ट व्यक्ति को दी जानी है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 55 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत मूल धारा हैधारा 55अभिगृहीत और परिदत्त वस्तुओं का पुलिस द्वारा...
क्या होता है फ्लोर टेस्ट, सदन में कैसे साबित होता है बहुमत?
बात महाराष्ट्र की। तारीख 29 जून 2022। महाराष्ट्र में राजननीतिक संकट चरम पर पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे की नेतृत्व वाली 31 महीने पुरानी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार का फ्लोर टेस्ट यानी बुहमत परीक्षण कराने के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं करने का फैसला किया और मुख्यमंत्री पद से इस्पीफा दिया। इसकी के चलते जुलाई 2022 में महाराष्ट्र में सरकार बदल गई। और एकनाथ शिंदे की सरकार बनी, जो कि वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं।दोनों...
भारत में कितनी तरह की जेलें हैं?
जेल में बंद कैदी की जिंदगी को लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। या यू कहें किस्से सुनने को मिलते हैं। सजा काट रहे कैदी के लिए जेल में दिन-रात अलग अलग गिने जाने का किस्सा या फिर उम्रकैद की सजा में केवल 14 साल तक की जेल की सजा का किस्सा। जेल में कैदी कैसे रहते हैं? क्या खाते हैं? वीआईपी लोगों को क्या अलग से कोई सुविधा मिलती है? कैदी क्या काम करते हैं? कितने पैसे मिलते हैं? कुल मिलाकर सवाल ये है कि जेल के अंदर कैदियों की जिंदगी कैसी होती है? हम इन सभी सवालों का जवाब देंगे। लेकिन एक...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 32: एनडीपीएस एक्ट के उपधारणा से संबंधित प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 54 उपधारणा के संबंध में प्रावधान करती है। एनडीपीएस एक्ट एक विशेष अधिनियम है, इसमे अभियुक्तों के विरुद्ध उपधारणा की जाती है अर्थात अभियोजन पर सिद्ध का भार नहीं होता है अपितु अभियुक्त पर यह साबित करने का भार होता है कि वह निर्दोष है। इस अधिनियम की धारा 54 यह स्पष्ट करती है कि अवैध वस्तुओं के संबंध में क्या उपधारणा की जाएगी। इस आलेख के अंतर्गत धारा 54 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा 54 का...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 31: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत जब्त की गई एनडीपीएस का डिस्पोजल
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 52(क) के अंतर्गत किसी एनडीपीएस वस्तु के डिस्पोजल के संबंध में प्रक्रिया दी गई है। अनेक दफ़ा यह होता है कि शासन ऐसी जब्त की गई वस्तुओं को समाप्त करना चाहता है क्योंकि इन्हें रखने के स्थान नहीं होते या फिर इनकी कोई आवश्यकता नहीं होती है। इन स्थितियों में इन वस्तुओं का डिस्पोजल कर दिया जाता है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 52(क) टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप हैधारा 52(क)अभिगृहीत स्वापक...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 30: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत तलाशी एवं गिरफ्तारी के पंचसाक्षी
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) के अधीन होने वाली गिरफ्तारी में पंचसाक्षी का भी महत्व है। बगैर किसी साक्षी के गिरफ्तारी संभव नहीं है। इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाले प्रकरण अनेक बार पंचसाक्षी के पलट जाने के कारण अप्रमाणित माने गए हैं। इस आलेख के अंतर्गत पंचसाक्षी से संबंधित न्यायलयीन निर्णयों पर विमर्श किया जा रहा है।उस्मान हैदर खान बनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र, 1991 (1) क्राइम्स 777:1991 क्रिलॉज 232 बम्बई के मामले में पंचसाक्षीगण की साक्ष्य का मूल्यांकन किया...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 29: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत धारा 50 के अपालन पर अपराध अप्रमाणित होना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 50 अधिनियम के प्रक्रिया अध्याय की एक महत्वपूर्ण धारा है। पुलिस अधिकारियों द्वारा इस धारा के अपालन की दशा में दशा में अभियुक्त पर अपराध प्रमाणित नहीं होता है। किसी भी अभियुक्त को तब ही दंडित किया जा सकता है जब उस पर अभियोजन अपराध प्रमाणित करने में सफल होता है। धारा 50 से संबंधित अनेक प्रकरण है जो भारत के विभिन्न हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में गए है। इस आलेख के अंतर्गत अप्रमाणित अपराध से संबंधित कुछ प्रकरणों के साथ...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 28: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत तलाशी की शर्तों का पालन न करना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा की धारा 50 अभियुक्त की तलाशी के संबंध में शर्ते निर्धारित करती है। यह अधिनियम के आज्ञापक प्रावधान है जिनका पालन पुलिस अधिकारियों को करना होता है। धारा 50 की शर्तों के अपालन की दशा में क्या परिणाम होंगे इसे अदालत द्वारा समय समय पर दिए निर्णयों के माध्यम से समझा जा सकता है। इस आलेख के अंतर्गत तलाशी की शर्तों के अपालन की विवेचना करते हुए निर्णय प्रस्तुत किये जा रहे हैं।बानो बी बनाम स्टेट आफ महाराष्ट्र, 2000 क्रिलॉज...
Same-Sex Marriage: ये हैं वो देश जहां सेम सेक्स मैरिज है लीगल
सेम-सेक्स मैरिज (Same-Sex Marriage) का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनियाभर में सेम-सेक्स मैरिज पर लंबे समय से बहस हो रही है। भारत में सेम सेक्स को अनुमति तो मिल गई, लेकिन सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने का मुद्दा कानूनी दांवपेच में फंसा हुआ है। दुनिया के 32 देशों में ऐसे विवाह को कानूनी मान्यता मिल चुकी है।सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में फैसला सुनाया था कि होमोसेक्सुएलिटी अपराध नहीं है। कोर्ट ने IPC के सेक्शन 377 पर फैसला सुनाते हुए होमोसेक्सुएलिटी को अपराध की श्रेणी से बाहर...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 27: एनडीपीएस एक्ट की वे शर्तें जिनके अधीन व्यक्तियों की तलाशी ली जाएगी
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा की धारा 50 अभियुक्तों के संबंध में महत्वपूर्ण धारा है। यह इस अधिनियम की प्रक्रिया के संबंध में धारा है जहां व्यक्तियों की गिरफ्तारी के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित की गई है। गिरफ्तारी के संबंध में कुछ शर्तें विधायिका ने निर्धारित की है जिनका पालन अभियोजन पक्ष द्वारा किया जाना आवश्यक है, इन शर्तों के पालन न होने के कारण अभियोजन संदेह के घेरे में आ जाता है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 50 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 26: एनडीपीएस एक्ट धारा 42 का पालन कब आवश्यक नहीं है
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 का पालन आवश्यक है और आदेशात्मक है किंतु फिर भी कुछ परिस्थिति ऐसी है जहां इसका पालन आवश्यक नहीं होता है। इससे संबंधित अदालतों के दिए हुए न्याय निर्णय है। इस आलेख के अंतर्गत इस प्रावधान पर चर्चा की जा रही है।एम. प्रभूलाल बनाम द असिस्टेंट डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंसी, 2003 (4) क्राइम्स 217 सुप्रीम कोर्ट के मामले में अभियुक्तगण की ओर से यह तर्क दिया गया था कि अधिनियम की धारा 42 के प्रावधान के अपालन...
सीआरपीसी की धारा 313 : सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी तरह से स्थापित 10 सिद्धांतों का सारांश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 313 के संबंध में स्थापित सिद्धांतों को संक्षेप में प्रस्तुत किया। यह प्रावधान आरोपी की जांच करने की शक्ति से संबंधित है। ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त से मुकदमे के किसी भी स्तर पर प्रश्न पूछने की शक्ति निहित है, ताकि वह उसके विरुद्ध साक्ष्य में प्रकट होने वाली किन्हीं भी परिस्थितियों को स्पष्ट कर सके। एक बार अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच हो जाने के बाद और अभियुक्त को अपने बचाव के लिए बुलाए जाने से पहले अदालत का यह कर्तव्य है...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 25: एनडीपीएस एक्ट धारा 42 के आदेशात्मक प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 के अधीन पुलिस अधिकारियों एवं अन्य शासन द्वारा प्राधिकृत अधिकारियों को बगैर वारंट के गिरफ्तारी एवं जप्ती की शक्तियां दी गई है। इस धारा के अंतर्गत दी गई प्रक्रिया का पालन आदेशात्मक है अर्थात उसका किसी भी स्थिति में होना चाहिए अन्यथा शासन अपना प्रकरण संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल मानी जाती है। इस आलेख के अंतर्गत इस धारा के ऐसे ही आदेशात्मक प्रावधानों से संबंधित निर्णय पर विमर्श किया जा रहा है।अधिनियम की धारा 42...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 24: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत वारंट प्रवेश,तलाशी,अभिग्रहण और गिरफ्तार करने की शक्ति
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 अलग अलग तरह के अधिकारियों को बगैर वारंट के एनडीपीएस एक्ट से संबंधित अपराध की शंका के आधार पर तलाशी लेने एवं आरोपी को गिरफ्तार करने के अधिकार देती है। यह शक्ति दंड प्रक्रिया संहिता में एक पुलिस अधिकारी को दी गई शक्ति की तरह ही है। लेकिन इस धारा के अंतर्गत सरकारी विभागों के अन्य अधिकारियों को भी ऐसी शक्तियां दी गई है जो दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत एक पुलिस अधिकारी को दी गई है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 42 पर...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 23: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत वारंट जारी करने की शक्ति
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 41 एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत होने वाले अपराधों के संबंध मजिस्ट्रेट और महानगर मजिस्ट्रेट को वारंट जारी करने की शक्ति देती है। मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट के पास जब विश्वास करने का यह कारण हो कि किसी व्यवस्था के कब्जे में कोई प्रतिबंधित प्रदार्थ है तब वह मजिस्ट्रेट उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर सकता है, इस हेतु धारा 41 मजिस्ट्रेट को शक्तिसंपन्न करती है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 41 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही...
करप्शन से हैं परेशान? ऐसे करें शिकायत
कानून के मुताबिक रिश्वत लेना और देना दोनों ही अपराध है। हमारे देश में भ्रष्टाचार से मुक्ति का दावा किया जाता है। कानून और दावा दोनों ही जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे हैं। रिश्वत लेने के मामलों में किसी भी तरह की कमी नहीं दिख रही है। सिस्टम से परेशान लोग सरकारी विभागों में छोटे-छोटे काम करवाने के लिए भी रिश्वत देने को मजबूर हैं।साल 2020 में ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर की रिपोर्ट आई। इसके मुताबिक भारत में एशिया के रिश्वतखोरी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित स्पेशल...
CBI रिमांड क्या होती है और कितने समय के लिए दी जाती है?
What is CBI Remand?- दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शराब नीति घोटाला मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई ने कोर्ट सेसिसोदिया की 5 दिन की रिमांड की मांग की थी जिसे अदालत ने मान लिया है।सीबीआई ने साल 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में भ्रष्टाचार को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रविवार शाम गिरफ्तार किया था। CBI रिमांड क्या होती है और कितने समय के लिए दी जाती है?रिमांड का सीधा-सीधा मतलब है पूछताछ। पुलिस आपको थाने ले जाकर...
एनडीपीएस मामलों में जमानत मिलने के महीनों बाद भी कुछ विदेशी कैदी जेल में क्यों हैं? व्याख्या
सोफी अहसाननारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत बड़ी संख्या में मामलों की सुनवाई में देरी, विशेष रूप से विदेशी नागरिकों के खिलाफ देरी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 1994 में उन अभियुक्तों की रिहाई के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए, जो उचित समय सीमा से परे जेल में बंद हैं।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार,"आरोपी अपराध के लिए तय अधिकतम सजा का आधा कारावास में बिता चुका हो तो उसके बाद व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए मौलिक अधिकार...
किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले क्या उसे नोटिस दिया जाता है ? जानिए सीआरपीसी की धारा 41 A के प्रावधान
पवन खेड़ा। कांग्रेस के जाने माने नेता। 23 फरवरी यानी गुरूवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में भाग लेने के लिए रायपुर जा रहे थे। तभी असम पुलिस ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई।सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली में सक्षम मजिट्रेट के समाने पेश किए जाने पर खेड़ा को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दी। इसका मतलब...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 22: एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 से संबंधित निर्णय
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 37 इस अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराधों को संज्ञेय एवं गैर जमानती बनाती है। यह अधिनियम की एक प्रक्रियात्मक धारा है जो अभियुक्त के जमानत के संबंध में भी प्रावधान करती है जहां स्पष्ट किया गया है कि इस अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराध गैर जमानती है। समय समय पर विभिन्न अदालतों द्वारा फैसले दिए गए हैं जो इस धारा से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत ऐसे कुछ निर्णय प्रस्तुत किये जा रहे हैं।स्टेट ऑफ हिमाचल प्रदेश बनाम...