जानिए हमारा कानून

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 113ए: विवाहित महिला द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने का अनुमान
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 113ए: विवाहित महिला द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने का अनुमान

1983 में, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 में धारा 113ए को शामिल करने के लिए संशोधन किया गया था, जो विवाहित महिलाओं द्वारा आत्महत्या की धारणा को संबोधित करता है। यह प्रावधान विवाहित महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बारे में समाज की बढ़ती चिंता को दर्शाता है। आइए सरल शब्दों में जानें कि यह खंड क्या कहता है।भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 113ए कहती है कि अगर कोई महिला अपनी शादी के सात साल के भीतर आत्महत्या कर लेती है और यह साबित हो जाता है कि उसके पति या उसके रिश्तेदारों ने उसके साथ क्रूर...

मिथु बनाम पंजाब राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 303 को असंवैधानिक क्यों ठहराया?
मिथु बनाम पंजाब राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 303 को असंवैधानिक क्यों ठहराया?

परिचय: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 303 हत्या करने वाले आजीवन कारावास की सजा काट रहे व्यक्तियों पर इसके निहितार्थ के कारण बहुत बहस और जांच का विषय रही है। इस लेख का उद्देश्य इस विवादास्पद प्रावधान के इतिहास, संवैधानिकता और प्रस्तावित परिवर्तनों का पता लगाना है।धारा 303 का अवलोकन आईपीसी की धारा 303 में प्रावधान है कि आजीवन कारावास की सजा वाले व्यक्ति जो हत्या करते हैं उन्हें मौत की सजा दी जाएगी। अनिवार्य रूप से, यह प्रावधान उन अपराधियों के लिए मृत्युदंड का आदेश देता है जो पहले से ही आजीवन...

लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय का आरक्षण हटाना: 104 वां संविधान संशोधन
लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय का आरक्षण हटाना: 104 वां संविधान संशोधन

परिचय: लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में एंग्लो-इंडियनों के लिए सीटों का आरक्षण एक दीर्घकालिक प्रावधान रहा है जिसका उद्देश्य निर्वाचित विधायी निकायों में उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। हालाँकि, भारतीय संविधान में हाल के संशोधनों ने इस प्रावधान में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं, जिससे सवाल और आलोचनाएँ बढ़ रही हैं।ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: एंग्लो-इंडियन प्रतिनिधित्व का प्रावधान स्वतंत्र भारत के शुरुआती दिनों से है, संविधान में एंग्लो-इंडियनों के लिए लोकसभा और राज्य विधान सभाओं दोनों में...