कर्नाटक हाईकोर्ट
हुक्का सिगरेट जितना ही नशीला और हानिकारक: कर्नाटक हाइकोर्ट ने प्रतिबंध बरकरार रखा
यह एक मिथक है कि हुक्का पीने से सिगरेट पीने की तुलना में तंबाकू से संबंधित बीमारियों का कम जोखिम होता है, कर्नाटक हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा राज्य के भीतर सभी प्रकार के हुक्का उत्पादों की बिक्री, खपत, भंडारण, विज्ञापन और प्रचार पर प्रतिबंध लगाने वाली अधिसूचना को बरकरार रखते हुए कहा।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने कहा कि राज्य ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नशीले पदार्थों और दवाओं को प्रतिबंधित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत...
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सीआरपीसी की धारा 410 के तहत अतिरिक्त सीएमएम के समक्ष लंबित मामलों को ट्रांसफर नहीं कर सकते: कर्नाटक हाइकोर्ट
कर्नाटक हाइकोर्ट ने माना कि सीआरपीसी की धारा 410 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाली दो अलग-अलग अदालतों के समक्ष लंबित दो मामलों को एक ही रैंक के न्यायिक अधिकारी की अध्यक्षता वाली एक अदालत में ट्रांसफर नहीं कर सकते है।जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की एकल पीठ ने रेडिकाएल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका स्वीकार कर ली और मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा पारित दिनांक 13-01-2023 का आदेश रद्द कर दिया, जिसके द्वारा...
कर्नाटक हाइकोर्टने धन के दुरुपयोग के आरोपी राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ आगे की जांच पर रोक लगाई
कर्नाटक हाइकोर्ट ने कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष विशाल रघु के खिलाफ आगे की जांच पर रोक लगा दी, जिन पर कई लाख रुपये के सरकारी धन के कथित दुरुपयोग का आरोप है।जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की सिंगल बेंच ने अंतरिम राहत देते हुए कहा,"याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रार्थना के अनुसार अंतरिम रोक रहेगी। प्रतिवादी नंबर 2 को आपत्तियों का बयान दर्ज करने और आदेश में संशोधन की मांग करने की स्वतंत्रता दी जाती है, राज्य सरकार के लिए HCGP द्वारा नोटिस स्वीकार किया जाता है।"रघु ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा...
SC/ST आयोग के पास SBI को अनुकंपा के आधार पर व्यक्ति को नियुक्त करने की सिफारिश करने का कोई अधिकार नहीं: कर्नाटक हाइकोर्ट
कर्नाटक हाइकोर्ट ने माना कि कर्नाटक राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग भारतीय स्टेट बैंक को अनुकंपा के आधार पर प्रतिवादी को रोजगार प्रदान करने की सिफारिश नहीं कर सकता।जस्टिस सचिन शंकर मगदुम की सिंगल जज बेंच ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए आयोग का वह आदेश रद्द कर दिया, जिसमें बैंक को चेतना सदाशिव कंबले सेवानगर को रोजगार प्रदान करने की सिफारिश की गई थी।पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और इस न्यायालय ने कई निर्णयों में लगातार माना है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति...
विशेष रूप से असक्षम व्यक्तियों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियां प्रदान करना संस्थान का कर्तव्य केवल नैतिक अनिवार्यता ही नहीं, कानूनी दायित्व भी है: कर्नाटक हाइकोर्ट
कर्नाटक हाइकोर्ट ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान बैंगलोर केंद्र द्वारा जारी निर्देश रद्द कर दिया, जिसमें संस्थान के दिव्यांग प्रोफेसर को दिए जाने वाले HRA के भुगतान को इस आधार पर रोक दिया गया कि वह संस्थान द्वारा प्रदान किए गए गेस्ट हाउस में रह रहे हैं।जस्टिस सचिन शंकर मगदुम की सिंगल बेंच ने प्रोफेसर डॉ. कौशिक मजूमदार द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए कहा,“विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को बेहतर कार्य परिस्थितियां प्रदान करना संस्थान का कर्तव्य न केवल नैतिक अनिवार्यता है, बल्कि विभिन्न...
कर्नाटक हाइकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकीलों को गर्मी के मौसम में काला कोट पहनने से छूट दी
कर्नाटक हाइकोर्ट ने राज्य के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और ट्रायल कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को 18 अप्रैल 2024 से 31 मई 2024 की अवधि के दौरान न्यायालय की कार्यवाही में भाग लेने के दौरान काला कोट पहनने से छूट दी।रजिस्ट्रार जनरल के एस भरत कुमार द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया,“वकील संघ, बैंगलोर के अध्यक्ष के दिनांक 05.04.2024 के अभ्यावेदन के मद्देनजर, माननीय फुल कोर्ट ने दिनांक 16.04.2024 के अपने प्रस्ताव में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और ट्रायल कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को छूट देने का प्रस्ताव...
कानूनी सबूत के अभाव में आरोपी को नैतिक रूप से दोषी नहीं ठहरा सकती है लोअर कोर्ट: कर्नाटक हाईकोर्ट ने हत्या की सजा, उम्रकैद की सजा को खारिज किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महिला को जलाने के तीन आरोपियों की हत्या की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा रद्द कर दी। उचित संदेह से परे अपने मामले को स्थापित करने में अभियोजन पक्ष की विफलता का हवाला देते हुए, जस्टिस श्रीनिवास हरीश कुमार और जस्टिस एस रचैया की खंडपीठ ने कहा कि “ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रायल कोर्ट ने कानूनी सबूतों के अभाव में आरोपी को नैतिक रूप से दोषी ठहराया है”शादीशुदा महिला का कथित तौर पर तीसरे आरोपी के साथ संबंध था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, तीनों आरोपियों (तीसरे आरोपी के माता-पिता...
जब तक कोई मामला साबित न हो जाए, आगे जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता: कर्नाटक हाइकोर्ट
कर्नाटक हाइकोर्ट ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी, जिसमें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसके तहत सहायक आयकर आयुक्त के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच में आरोप पत्र को खारिज कर दिया गया और पदोन्नति के लिए उनके मामले पर विचार करने के लिए दो महीने के भीतर समीक्षा डीपीसी आयोजित करने का निर्देश दिया गया।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जी बसवराज की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा,“जांच अधिकारी ने 14.03.2014 की रिपोर्ट के अनुसार उन्हें...
उल्लंघन के खिलाफ मुकदमे में पंजीकृत ट्रेडमार्क की प्रथम दृष्टया वैधता के रूप में अनुमान का खंडन करने के लिए प्रतिवादी पर बोझ: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हींग के विपणन के संबंध में मूल वादी के पंजीकृत ट्रेडमार्क "होटल स्पेशल" का उल्लंघन करने से रोकने वाले ट्रायल कोर्ट के अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश को चुनौती देने वाली एक साझेदारी फर्म द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया है।जस्टिस अनंत रामनाथ हेगड़े की सिंगल जज बेंच ने कहा कि ट्रेडमार्क का पंजीकरण प्राधिकरण द्वारा दिमाग के उचित उपयोग के बाद दिया जाता है। कोर्ट ने कहा “एक बार ट्रेडमार्क पंजीकृत होने के बाद, 1999 के अधिनियम की धारा 31 (1), पंजीकृत ट्रेडमार्क को प्रथम दृष्टया वैधता...
[चेक अनादरण] जब आरोपी का बचाव विश्वसनीय न हो तो अदालत यह अनुमान लगा सकती है कि उक्त लेनदेन के लिए उसने चेक जारी किया था: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि एनआई एक्ट के तहत पंजीकृत चेक के अनादरण के मामले में जब आरोपी का बचाव विश्वसनीय नहीं है तो अदालत यह निष्कर्ष निकाल सकती है कि उसने शिकायतकर्ता के साथ लेनदेन किया था और उक्त लेनदेन के लिए चेक जारी किया गया था। जस्टिस एस राचैया की सिंगल जज बेंच ने अधिनियम की धारा 138 के तहत निचली अदालत द्वारा पारित दोषसिद्धि के आदेश के खिलाफ रंगास्वामी की याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही। पीठ ने कहा कि यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि आरोपी को अपने मामले को साबित करने के लिए ठोस...
कर्नाटक हाईकोर्ट सांकेतिक भाषा दुभाषिया के माध्यम से भाषण और श्रवण-बाधित अधिवक्ता की दलीलें सुनने वाला पहला HC बना
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को एक प्रमाणित सांकेतिक भाषा दुभाषिया के माध्यम से एक भाषण और श्रवण बाधित अधिवक्ता सारा सनी द्वारा दी गई प्रस्तुतियों को सुनकर इतिहास रच दिया। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने अधिवक्ता की सराहना की और कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी की वकील सारा सनी ने सांकेतिक भाषा दुभाषिए के माध्यम से विस्तृत दलीलें पेश की थीं और सारा सनी द्वारा दी गई दलील की सराहना की जानी चाहिए और प्रशंसा रिकॉर्ड पर रखी जानी चाहिए, हालांकि यह सांकेतिक भाषा दुभाषिया के माध्यम से है। एडिसनल...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 'क्रूर और खतरनाक' कुत्तों की नस्लों के पालन पर प्रतिबंध लगाने वाले केंद्र के परिपत्र पर रोक बढ़ा दी
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र के संचालन पर लगाए गए रोक को सोमवार तक बढ़ा दिया है, जो राज्य में मानव जीवन के लिए क्रूर और खतरनाक होने के आधार पर कुत्तों की कुछ नस्लों के पालन पर प्रतिबंध लगाता है।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने स्थगन के अपने पहले के आदेश को सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ा दिया। मंत्रालय द्वारा दायर आपत्तियों के बयान में उल्लेख किया गया था कि याचिका में कुत्तों की कुछ प्रजातियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विभाग के...
[Sec.38 आर्म्स एक्ट] शस्त्र अधिनियम के तहत सभी अपराध संज्ञेय अपराध हैं: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 30 के तहत उसके खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग करने वाले एक आरोपी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता-आरोपी ने तर्क दिया कि अदालत की एक समन्वय पीठ ने फैसला सुनाया था कि शस्त्र अधिनियम की धारा 30 और 35 के तहत अपराध गैर-संज्ञेय थे।याचिका को खारिज करते हुए, जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की सिंगल जज बेंच ने कहा, "[उस अवसर पर] शस्त्र अधिनियम की धारा 38 को इस कोर्ट के संज्ञान में नहीं लाया गया था और इसलिए, इस...
मुबारत समझौता करने वाले जोड़े को फैमिली कोर्ट द्वारा विवाह विच्छेद की घोषणा का अधिकार: कर्नाटक हाइकोर्ट
कर्नाटक हाइकोर्ट ने दोहराया कि जब पक्षकारों (सुन्नी मुसलमानों) ने मुबारत समझौता किया और उक्त समझौते द्वारा उनके बीच दर्ज विवाह को खत्म करने का फैसला किया तो फैमिली कोर्ट को आपसी सहमति से तलाक के लिए आवेदन पर विचार करने का अधिकार है।जस्टिस अनु शिवरामन और जस्टिस अनंत रामनाथ हेगड़े की खंडपीठ ने जोड़े द्वारा दायर अपील स्वीकार कर ली और मुबारत समझौते को स्वीकार करते हुए पक्षकारों के बीच विवाह को खत्म कर दिया।दंपत्ति ने फैमिली कोर्ट में यह घोषणा करने की मांग की कि दिनांक 07-04-2019 को नंद गार्डन,...
वक्फ बोर्ड के आदेश को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका हाइकोर्ट के नियमों के अनुसार 90 दिनों में दायर की जानी है: कर्नाटक हाइकोर्ट
कर्नाटक हाइकोर्ट ने माना कि यद्यपि वक्फ एक्ट, 1995 के तहत पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए कोई विशिष्ट अवधि निर्धारित नहीं है, फिर भी कर्नाटक हाइकोर्ट नियम 1959 के प्रावधानों के अनुसार किसी भी न्यायालय के आदेश या कार्यवाही को संशोधित करने के लिए याचिकाएं आदेश की तिथि से 90 दिनों की अवधि के भीतर हाईकोर्ट में प्रस्तुत की जानी चाहिए।जस्टिस जी बसवराज की एकल पीठ ने सैयद मोहम्मद हुसैन नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। उन्होंने कर्नाटक वक्फ न्यायाधिकरण, कलबुर्गी के पीठासीन अधिकारी द्वारा...
फर्जी ट्रांसफर सर्टिफिकेट धोखाधड़ी वाले काम को समय बीतने से कोई पवित्रता नहीं मिलेगी: कर्नाटक हाइकोर्ट
कर्नाटक हाइकोर्ट की जस्टिस के.एस. हेमलेखा की एकल न्यायाधीश पीठ ने टी.वाई. सुब्रमणि बनाम डिवीजनल कंट्रोलर के.एस.आर.टी.सी. के मामले में सिविल रिट याचिका पर निर्णय लेते हुए कहा कि केवल समय बीतने से धोखाधड़ी वाले काम को कोई पवित्रता नहीं मिलेगी। ऐसे मामलों में इक्विटी क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इक्विटी चाहने वाले व्यक्ति को निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से कार्य करना चाहिए।मामले की पृष्ठभूमिकर्मचारी (याचिकाकर्ता) को निगम (प्रतिवादी) की स्थापना में चालक के रूप में नियुक्त...
लोकायुक्त और उपलोकायुक्त केवल सिफारिश करने वाले निकाय उन्हें जांच सौंपने का निर्देश नहीं दिया जा सकता: कर्नाटक हाइकोर्ट
कर्नाटक हाइकोर्ट ने माना कि राज्य सरकार के पास CCA नियम के नियम 14-ए के तहत कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के किसी कर्मचारी के संबंध में अनुशासनात्मक जांच का जिम्मा लोकायुक्त या उप-लोकायुक्त को सौंपने का अधिकार है।इसके अलावा इसने माना कि लोकायुक्त अधिनियम की धारा 12(3) के तहत रिपोर्ट बनाते समय लोकायुक्त द्वारा सरकार को यह सिफारिश कि जांच का जिम्मा उसे सौंपा जाए कायम नहीं रह सकती।जस्टिस एन एस संजय गौड़ा की एकल पीठ ने कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में कार्यरत सीनियर पर्यावरण अधिकारी...
लोक अदालतें ऐसे किसी भी आवेदन पर विचार नहीं कर सकती हैं जहां न्यायिक आदेश पारित किए जाने की आवश्यकता है: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना है कि लोक-अदालत द्वारा पारित एक आदेश समझौते को स्वीकार करने और वाद की डिक्री का निर्देश देने के लिए वैध नहीं है।जस्टिस वी श्रीशानंद की सिंगल जज बेंच ने पूजा द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और तालुका कानूनी प्राधिकरण, सिंदगी (लोक अदालत) द्वारा पारित 27-10-2007 के समझौता डिक्री को रद्द कर दिया। इसमें कहा गया, "चूंकि सुलहकर्ताओं ने लोक-अदालत की अध्यक्षता करते हुए न्यायिक शक्तियों का प्रयोग किया है, इसलिए समझौते को स्वीकार करने और वाद की डिक्री का निर्देश देने में...
निजी शिकायत का संज्ञान लेने के बाद भी अग्रिम जमानत आवेदन पर विचार किया जा सकता है: कर्नाटक हाइकोर्ट
न्यायालय ने निचली अदालत का आदेश खारिज कर दिया, जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (Scheduled Castes/Scheduled Tribes (Prevention of Atrocities) Act) के प्रावधानों के तहत आरोपित आरोपी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी गई कि शिकायत का संज्ञान पहले ही लिया जा चुका है।जस्टिस मोहम्मद नवाज की एकल पीठ ने निचली अदालत के 9 फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार कर ली और दो जमानतदारों के साथ 1,00,000 रुपये के बांड पर अग्रिम जमानत प्रदान की।न्यायालय...
दूसरे पति/पत्नी या उनके परिवार पर आईपीसी की धारा 494 के तहत द्विविवाह के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि केवल पति या पत्नी ही, जो पहले विवाह के अस्तित्व में रहते हुए और पहले पति या पत्नी के जीवनकाल के दौरान दूसरी बार शादी करते हैं, उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 494 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।जस्टिस सूरज गोविंदराज की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि दूसरे पति या पत्नी या उनके माता-पिता पर प्रावधान के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।इसमें प्रतिवादी ने अपने पति के खिलाफ निजी शिकायत दर्ज की। उक्त शिकायत में आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनकी शादी के दौरान...