कर्नाटक हाइकोर्टने धन के दुरुपयोग के आरोपी राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ आगे की जांच पर रोक लगाई

Amir Ahmad

20 April 2024 12:26 PM IST

  • कर्नाटक हाइकोर्टने धन के दुरुपयोग के आरोपी राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ आगे की जांच पर रोक लगाई

    कर्नाटक हाइकोर्ट ने कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष विशाल रघु के खिलाफ आगे की जांच पर रोक लगा दी, जिन पर कई लाख रुपये के सरकारी धन के कथित दुरुपयोग का आरोप है।

    जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की सिंगल बेंच ने अंतरिम राहत देते हुए कहा,

    "याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रार्थना के अनुसार अंतरिम रोक रहेगी। प्रतिवादी नंबर 2 को आपत्तियों का बयान दर्ज करने और आदेश में संशोधन की मांग करने की स्वतंत्रता दी जाती है, राज्य सरकार के लिए HCGP द्वारा नोटिस स्वीकार किया जाता है।"

    रघु ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 37,34,120बी,403,406,409,420,465,468,471,477ए के तहत विधान सौधा पुलिस में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। यह एफआईआर परिषद के सदस्य सीनियर वकील बसवराज एस ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराई।

    आरोप है कि केएसबीसी ने 12-13 अगस्त 2023 को मैसूर में राज्य वकील सम्मेलन आयोजित किया और सम्मेलन के लिए विभिन्न स्रोतों से 3.3 करोड़ रुपये एकत्र किए गए। इसमें वकीलों और अन्य लोगों से दान के रूप में एकत्र 1.16 करोड़ रुपये, राज्य सरकार से योगदान के रूप में 1 करोड़ रुपये और केएसबीसी के अपने फंड से 75 लाख रुपये शामिल थे।

    आरोप है कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों और फर्जी अकाउंट्स का उपयोग करके और अपने निजी उपयोग के लिए एकत्र किए गए धन का दुरुपयोग करके सम्मेलन पर 3.12 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का दावा किया।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर वकील उदय होला ने कहा कि आय और व्यय विवरण को परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया। अक्टूबर में समिति के समक्ष विवरण की फिर से पुष्टि की गई और बैठक में दूसरा प्रतिवादी भी मौजूद था। व्यक्तिगत रूप से पेश हुए शिकायतकर्ता ने तर्क दिया कि उन्होंने यह दिखाने के लिए ढेर सारे दस्तावेज पेश किए कि उन्होंने बिल कैसे बनाए और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष द्वारा 50 लाख रुपये निकाले गए और शरीफ फर्नीचर को भुगतान किए गए।

    इसके अलावा उन्होंने कहा कि शिकायत में दस्तावेजों को जाली बनाने और नकली बिल बनाने और 50 लाख रुपये निकालने का गंभीर अपराध बनता है। कहा गया कि कई हज़ार वकीलों के पैसे की ठगी की जा रही है। उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज पेश करने के लिए सोमवार तक का समय मांगा और प्रार्थना की कि तब तक कोई अंतरिम राहत न दी जाए।

    केस टाइटल- विशाल रघु और कर्नाटक राज्य

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