जम्मू और कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट

[Section 145 Cr.PC] शांति भंग की आशंका वाली तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर ज़मीन कुर्की का आदेश पारित नहीं किया जा सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
[Section 145 Cr.PC] शांति भंग की आशंका वाली तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर ज़मीन कुर्की का आदेश पारित नहीं किया जा सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 145 के तहत कुपवाड़ा के एडिशनल ज़िला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश रद्द कर दिया। न्यायालय ने कहा कि ज़मीन की कुर्की और तीसरे पक्ष को कब्ज़ा सौंपना वैधानिक प्रक्रिया का पालन किए बिना किया गया।जस्टिस विनोद चटर्जी कौल की पीठ ने कहा कि मजिस्ट्रेट को पक्षों को नोटिस जारी करके उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और संतुष्टि दर्ज करने के बाद इन आवश्यकताओं का पालन न करने पर आदेश अस्थिर हो जाता है।अदालत ने कहा,"आलोचना आदेश को पढ़ने से ऐसा प्रतीत...

अनियमित नियुक्तियों को अवैध नियुक्तियों के बराबर नहीं माना जा सकता, 10 साल से ज़्यादा सेवा दे चुके योग्य नियुक्तियों को नियमित किया जाना चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
अनियमित नियुक्तियों को अवैध नियुक्तियों के बराबर नहीं माना जा सकता, 10 साल से ज़्यादा सेवा दे चुके योग्य नियुक्तियों को नियमित किया जाना चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

यह कहते हुए कि अनियमित नियुक्तियों को अवैध नियुक्तियों के बराबर नहीं माना जा सकता, जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि उचित चयन प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त योग्य व्यक्ति, जिन्होंने स्वीकृत पदों पर एक दशक से ज़्यादा समय तक सेवा की है, अपनी सेवाओं के नियमितीकरण के हकदार हैं।जस्टिस संजय धर द्वारा पारित फैसले में न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर राज्य केबल कार निगम को छह याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को दस साल की निरंतर संविदा नियुक्ति पूरी होने की तिथि से नियमित करने का निर्देश दिया। न्यायालय...

सुरक्षा बलों के लिए सरकार द्वारा किराए पर लिए गए होटलों के किराए पर जीएसटी देय, प्रतिपूर्ति की जिम्मेदारी गृह विभाग की: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
सुरक्षा बलों के लिए सरकार द्वारा किराए पर लिए गए होटलों के किराए पर जीएसटी देय, प्रतिपूर्ति की जिम्मेदारी गृह विभाग की: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्‍मीर हाईकोर्ट ने कहा है कि गृह विभाग उन होटल मालिकों को निर्धारित किराए के अतिरिक्त जीएसटी की प्रतिपूर्ति करने के लिए उत्तरदायी है जिनके आवास सुरक्षा बलों के आवास के लिए अधिग्रहीत किए गए हैं। याचिकाकर्ता ने याचिका दायर कर यह निर्देश देने की मांग की थी कि गृह विभाग निर्धारित किराए के अतिरिक्त कर राशि का भुगतान करे या अलग से प्रतिपूर्ति करे।जस्टिस संजय परिहार और जस्टिस संजीव कुमार की पीठ ने कहा कि किराये की दरें बहुत पहले तय कर दी गई थीं, लेकिन जीएसटी लागू होने से होटल व्यवसायियों के...

Prevention Of Corruption Act | प्रारंभिक जांच में पूर्व अनुमोदन के प्रावधान का उल्लंघन पूरी प्रक्रिया को दूषित नहीं करता: J&K हाईकोर्ट
Prevention Of Corruption Act | प्रारंभिक जांच में पूर्व अनुमोदन के प्रावधान का उल्लंघन पूरी प्रक्रिया को दूषित नहीं करता: J&K हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एक प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया है, जबकि उसने यह स्वीकार किया है कि प्रारंभिक चरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत अनिवार्य पूर्वानुमति के बिना की गई थी। जस्टिस संजय धर की पीठ ने कहा कि जांच के प्रारंभिक चरण में धारा 17ए का उल्लंघन प्राथमिकी या कार्यवाही को रद्द करने के लिए पर्याप्त नहीं है, खासकर जब अपेक्षित अनुमति बाद में प्राप्त कर ली गई हो।अदालत ने...

उपभोक्ता फोरम संक्षिप्त निर्णय का सहारा नहीं ले सकता, उसे दावेदार के मामले का खंडन करने की अनुमति देनी चाहिए: जेएंड के हाईकोर्ट
उपभोक्ता फोरम "संक्षिप्त निर्णय" का सहारा नहीं ले सकता, उसे दावेदार के मामले का खंडन करने की अनुमति देनी चाहिए: जेएंड के हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित एक आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह "बिना किसी कारण के" पारित किया गया था और बीमा कंपनी को दावेदार के बयान का खंडन करने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिए बिना पारित किया गया था। यह मामला एक बीमित व्यक्ति की मृत्यु से संबंधित बीमा दावे से संबंधित था, जहां बीमा कंपनी ने प्राथमिक आपत्तियां उठाईं कि दावेदार ने अपनी पुरानी हृदय रोग की जानकारी छिपाई थी। हालांकि, उपभोक्ता आयोग ने इस बिंदु पर गवाह पेश करने के अपने अधिकार को समाप्त कर...

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग में लंबित RTI अपीलों के समयबद्ध निपटारे की याचिका पर नोटिस जारी किया
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग में लंबित RTI अपीलों के समयबद्ध निपटारे की याचिका पर नोटिस जारी किया

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग (CIC), नई दिल्ली के समक्ष सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI Act) के तहत दायर द्वितीय अपीलों के समयबद्ध निपटारे की मांग की गई, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित मामलों में।यह याचिका जुनैद जाविद 28 वर्षीय RTI और सोशल एक्टिविस्ट द्वारा दायर की गई, जो बारामुला के निवासी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ी दूसरी अपीलों को सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई में व्यवस्थित देरी हो...

जेएंडके हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और FIR के 8 महीने बाद 69 वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार करने के मामले में पुलिसकर्मी के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस जारी किया
जेएंडके हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और FIR के 8 महीने बाद 69 वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार करने के मामले में पुलिसकर्मी के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस जारी किया

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी संबंधी दिशानिर्देशों पर अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य, 2014 के ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित निर्देशों का उल्लंघन करने पर एक पुलिस अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने मामूली अपराधों से जुड़े एक मामले में अनधिकृत गिरफ्तारी के लिए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की, जिसमें एक 69 वर्षीय व्यक्ति को आरोपी बनाया गया था।अदालत ने पाया कि प्रतिवादी पुलिस अधिकारी ने अर्नेश कुमार मामले में व्याख्या की गई सीआरपीसी की धारा 41...

प्रतिष्ठा के लिए जांच नहीं बदली जा सकती: J&K हाईकोर्ट ने चोरी मामले में CBI जांच की याचिका खारिज की
प्रतिष्ठा के लिए जांच नहीं बदली जा सकती: J&K हाईकोर्ट ने चोरी मामले में CBI जांच की याचिका खारिज की

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ मांग करने या किसी की प्रतिष्ठा और अहंकार को संतुष्ट करने के लिए जांच को दूसरी एजेंसी को नहीं सौंपा जा सकता। कोर्ट ने श्रीनगर में घर में चोरी के एक मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।जस्टिस वसीम सादिक नरगल की पीठ ने जोर देकर कहा कि हालांकि सीबीआई जैसी एक जांच एजेंसी से दूसरी जांच एजेंसी को स्थानांतरित करने की शक्ति केवल संवैधानिक अदालतों द्वारा ही की जा सकती है, लेकिन इस तरह के जांच संबंधी स्थानांतरण दुर्लभ और असाधारण मामलों में...

रिक्तियों का नोटिफिकेशन केवल आवेदन का आमंत्रण है, नियुक्ति की गारंटी नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
रिक्तियों का नोटिफिकेशन केवल आवेदन का आमंत्रण है, नियुक्ति की गारंटी नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा कि एक उम्मीदवार केवल भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने से नियुक्ति का अपरिहार्य अधिकार प्राप्त नहीं करता है, जम्मू और कश्मीर बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर (के पद के लिए असफल उम्मीदवार सुशांत खजुरिया द्वारा दायर एक रिट याचिका को खारिज कर दिया।सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए, जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में जोर दिया, "आमतौर पर, अधिसूचना केवल योग्य उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए निमंत्रण के समान होती है ... उन्हें पद पर कोई अधिकार प्राप्त नहीं होता है।...

जब तक ट्रायल कोर्ट तय नहीं कर लेता कि जांच में गड़बड़ी है या नहीं, तब तक हाईकोर्ट दोबारा जांच का आदेश नहीं दे सकता: J&K हाईकोर्ट
जब तक ट्रायल कोर्ट तय नहीं कर लेता कि जांच में गड़बड़ी है या नहीं, तब तक हाईकोर्ट दोबारा जांच का आदेश नहीं दे सकता: J&K हाईकोर्ट

जम्‍मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने एक रिट याचिका पर विचार करने से मना कर दिया, जिसमें कथित हमले और कपड़े उतारने के मामले में आरोपों की पुनः जांच या परिवर्तन की मांग की गई थी। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निचली अदालत के समक्ष मौजूदा उपायों का उपयोग करने का निर्देश दिया। जस्टिस संजय परिहार की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास निचली अदालत के समक्ष अपनी शिकायतें उठाने का पर्याप्त अवसर था, और जब तक कोई स्पष्ट त्रुटि या न्याय का हनन साबित नहीं हो जाता, तब तक रिट क्षेत्राधिकार का उपयोग नहीं किया जा...

पत्नी को जलाकर मारने के आरोपी को बरी किया गया, अदालत ने कहा, अगर वह मौके पर था तो बेटे को क्यों नहीं बचाया: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
पत्नी को जलाकर मारने के आरोपी को बरी किया गया, अदालत ने कहा, "अगर वह मौके पर था तो बेटे को क्यों नहीं बचाया: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट"

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष के मामले में कई कमियों की ओर इशारा करते हुए हत्या के लिए दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति को बरी कर दिया, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट में भिन्नता और विरोधाभास और प्रमुख गवाहों की गवाही और इस्तेमाल किए गए हथियारों के प्रकार, हमले के तरीके और चोटों की प्रकृति के परस्पर विरोधी खाते शामिल हैं।अदालत ने अभियोजन पक्ष की इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि आग लगने के दौरान कथित तौर पर मौजूद आरोपी ने अपने ढाई वर्षीय बेटे को आग की लपटों से क्यों नहीं बचाया। यह देखा गया कि "ट्रायल...

हाईकोर्ट ने पहलगाम हमले के बाद निर्वासित 63 वर्षीय पाकिस्तानी मूल की महिला को वापस भेजने के आदेश पर लगाई रोक
हाईकोर्ट ने पहलगाम हमले के बाद निर्वासित 63 वर्षीय पाकिस्तानी मूल की महिला को वापस भेजने के आदेश पर लगाई रोक

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एकल जज की पीठ द्वारा पारित प्रत्यावर्तन आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी, जिसने केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) को पहलगाम हमले के बाद निर्वासित 63 वर्षीय पाकिस्तानी मूल की महिला को वापस भेजने का निर्देश दिया था।केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और गृह मंत्रालय द्वारा भारत संघ बनाम रक्षंदा राशिद थ. फलक जहूर, 2025 टाइटल से लेटर्स पेटेंट अपील (एलपीए) दायर की गई थी, जिसमें एकल जज के 6 जून के आदेश को चुनौती दी गई थी। इस आदेश में निर्वासन को उचित प्रक्रिया की कमी और...

J&K हाईकोर्ट ने FCI को परिवहन ठेकेदार को लगभग 8 लाख रुपये वापस करने का निर्देश दिया, कहा- संशोधित मार्ग के आधार पर पूर्वव्यापी वसूली अवैध
J&K हाईकोर्ट ने FCI को परिवहन ठेकेदार को लगभग 8 लाख रुपये वापस करने का निर्देश दिया, कहा- संशोधित मार्ग के आधार पर पूर्वव्यापी वसूली अवैध

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय खाद्य निगम (FCI) को एक परिवहन ठेकेदार मेसर्स दुर्गा एंटरप्राइजेज को 7,93,456 रुपये की राशि वापस करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह माना कि संशोधित मार्ग दूरी के आधार पर पूर्वव्यापी रूप से की गई वसूली अवैध थी और अनुबंध की शर्तों और नीति दिशानिर्देशों के विपरीत थी। अनुबंध शर्तों की बाध्यकारी प्रकृति, एकतरफा पूर्वव्यापी वित्तीय अधिरोपण की अस्वीकार्यता और सार्वजनिक खरीद अनुबंधों में प्रशासनिक विवेक की सीमाओं को रेखांकित करते हुए, जस्टिस मोक्ष...

पाकिस्तान की नागरिकता स्वेच्छा से लेने पर भारतीय नागरिकता समाप्त: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने निर्वासन आदेश सही ठहराया
पाकिस्तान की नागरिकता स्वेच्छा से लेने पर भारतीय नागरिकता समाप्त: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने निर्वासन आदेश सही ठहराया

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने 34 साल पुरानी रिट पिटीशन खारिज करते हुए कहा कि याचियों ने अपनी इच्छा से विदेशी नागरिकता हासिल की है। उनके पासपोर्ट और उनके पक्ष में जारी रेजिडेंशियल परमिट इस तथ्य के ठोस और स्पष्ट प्रमाण हैं कि याचिकाकर्ता भारत के नागरिक नहीं हैं इसलिए उनका निर्वासन आदेश वैध है।जस्टिस सिंधु शर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जारी निर्वासन आदेशों में किसी प्रकार की कानूनी त्रुटि न पाते हुए उनकी याचिका खारिज की। यह याचिकाकर्ता पिछले तीन दशकों से श्रीनगर में न्यायिक स्थगन...

पत्नी को गोली मारने के आरोपी को जमानत, बेटे-बेटी समेत अहम गवाह मुकर गए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
पत्नी को गोली मारने के आरोपी को जमानत, बेटे-बेटी समेत अहम गवाह मुकर गए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने अपनी पत्नी की हत्या करने के आरोपी एक व्यक्ति को नियमित जमानत देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष उसे अपराध से जोड़ने वाला कोई ठोस या विश्वसनीय सबूत पेश करने में विफल रहा है।जस्टिस राजेश सेखरी की पीठ ने जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि 'कोई सबूत नहीं' के ऐसे मामलों में अदालत समग्र दृष्टिकोण अपनाने और स्वतंत्रता के पक्ष में विवेक का प्रयोग करने के लिए बाध्य हैं। यह मामला आरोपी की पत्नी की कथित गोली मारकर हत्या से संबंधित है, अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि व्यक्ति ने उसे...

जब दोनों पक्ष समान रूप से दोषी हों, तो कानून की ओर से हस्तक्षेप नहीं होगा : J&K हाईकोर्ट ने भूमि मुआवजा मामले में अपील खारिज की
जब दोनों पक्ष समान रूप से दोषी हों, तो कानून की ओर से हस्तक्षेप नहीं होगा : J&K हाईकोर्ट ने भूमि मुआवजा मामले में अपील खारिज की

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने पैरी डेलिक्टो के सिद्धांत को दोहराते हुए कहा कि जहां दोनों पक्ष अवैध समझौते में प्रवेश करने में समान रूप से दोषी हैं, वहां कानून उनके पारस्परिक अधिकारों और दायित्वों को निर्धारित करने में हस्तक्षेप नहीं करेगा। इस प्रकार जस्टिस सिंधु शर्मा और जस्टिस राजेश सेखरी की खंडपीठ ने पवन कुमार शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा दायर लेटर्स पेटेंट अपील को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए दिए गए मुआवजे से संबंधित उनकी रिट याचिका...

राजस्व अधिकारी भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 10 के तहत स्थानांतरण शक्तियों का प्रयोग करते समय गुण-दोष के आधार पर मामलों का निर्णय कर सकते हैं: J&K हाईकोर्ट
राजस्व अधिकारी भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 10 के तहत स्थानांतरण शक्तियों का प्रयोग करते समय गुण-दोष के आधार पर मामलों का निर्णय कर सकते हैं: J&K हाईकोर्ट

जम्मू एवं कश्मीर भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 10 के तहत वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों को प्रदान की गई व्यापक विवेकाधीन शक्तियों को दोहराते हुए, जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि कलेक्टर, संभागीय आयुक्त और वित्तीय आयुक्त जैसे अधिकारियों को अधीनस्थ राजस्व अधिकारियों के समक्ष लंबित मामलों को वापस लेने और स्थानांतरित करने के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए मामलों को गुण-दोष के आधार पर तय करने का कानूनी अधिकार है। जस्टिस मोक्ष खजूरिया काज़मी ने भागू राम और अन्य द्वारा दायर एक रिट...

साक्ष्य अधिनियम | धारा 106 का इस्तेमाल ठोस आधार के बिना अभियोजन मामले में अंतराल को भरने के लिए नहीं किया जा सकता: जेएंडके हाईकोर्ट
साक्ष्य अधिनियम | धारा 106 का इस्तेमाल ठोस आधार के बिना अभियोजन मामले में अंतराल को भरने के लिए नहीं किया जा सकता: जेएंडके हाईकोर्ट

आपराधिक न्यायशास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों की पुष्टि करते हुए, जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष के मामले में भौतिक अंतराल को भरने के लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि दायित्व को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक मूलभूत तथ्य पहले दृढ़ता से स्थापित न हो जाएं। 2002 में फारूक अहमद पार्रे की कथित हत्या के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए आरोपी शमीम अहमद पार्रे उर्फ ​​कोका पार्रे और श्रीमती गुलशाना को बरी करते...

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने मध्यस्थ शुल्क गतिरोध को हल किया, केंद्र को मध्यस्थता अधिनियम की चौथी अनुसूची के अनुसार शुल्क जमा करने का निर्देश दिया
जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने मध्यस्थ शुल्क गतिरोध को हल किया, केंद्र को मध्यस्थता अधिनियम की चौथी अनुसूची के अनुसार शुल्क जमा करने का निर्देश दिया

मध्यस्थता मामले में लंबे समय से चल रहे गतिरोध को संबोधित करते हुए जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने यूनियन ऑफ इंडिया को मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की चौथी अनुसूची के अनुसार मध्यस्थ की फीस जमा करने का निर्देश दिया, ताकि मध्यस्थता अवॉर्ड की घोषणा की जा सके। अदालत के समक्ष मुद्दा यह था कि क्या पैनल में शामिल मध्यस्थों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित आंतरिक शुल्क संरचना 1996 अधिनियम की चौथी अनुसूची में वैधानिक शुल्क पैमाने को दरकिनार कर सकती है।न्यायालय ने यूनियन ऑफ इंडिया को निर्देश दिया कि वह...