हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप पीड़ितों की प्रेग्नेंसी खत्म करने में देरी पर खुद ही PIL दर्ज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में रेप पीड़ितों की प्रेग्नेंसी खत्म करने के मामलों में सही कदम उठाने में अलग-अलग लेवल पर हो रही देरी के मुद्दे पर खुद ही एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) दर्ज की।इस मामले का नाम रखा गया: प्रेग्नेंसी खत्म करने के मामलों में सभी संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए गाइडलाइंस बनाने के संबंध मेंPIL दर्ज करने का आदेश सितंबर में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस अरुण कुमार की बेंच ने दिया। बेंच ने महसूस किया कि प्रक्रिया में होने वाली देरी को दूर करना ज़रूरी है, जो अक्सर...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में एसिड की बिक्री को रेगुलेट करने वाली 2014 की PIL को स्वतः संज्ञान कार्यवाही में बदला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में एसिड की बिक्री पर रोक और रेगुलेशन से संबंधित 2014 में दायर एक जनहित याचिका (PIL) को स्वतः संज्ञान कार्यवाही में बदल दिया।यह आदेश तब पारित किया गया जब मूल याचिकाकर्ता (अनुभव वर्मा) ने कहा कि वह इस मुकदमे को आगे नहीं बढ़ाना चाहता।उन्हें मामले से हटने की अनुमति देते हुए जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस विवेक सरन की डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता की इच्छा के कारण मामला बंद कर दिया जाता है तो "न्याय का हित प्रभावित हो सकता है"।याचिका खारिज...
गुजरात हाई कोर्ट ने नॉन-वेज बेचने और लीज की शर्त तोड़ने के आरोप में सील किए गए रेस्टोरेंट को म्युनिसिपैलिटी से संपर्क करने की इजाज़त दी
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार (16 दिसंबर) को एक रेस्टोरेंट को, जिसे लीज एग्रीमेंट का उल्लंघन करके नॉन-वेज खाना बेचने और न्यूसेंस फैलाने के आरोपों में सील कर दिया गया था, सील हटाने के लिए आनंद नगर निगम को एक अंडरटेकिंग देने की इजाज़त दी, और निर्देश दिया कि इस पर कानून के अनुसार विचार किया जाए।कोर्ट 2-12-2025 की तारीख वाले नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसके तहत याचिकाकर्ता को 10 दिनों के भीतर जगह (दुकान) खाली करने का निर्देश दिया गया, ऐसा न करने पर गुजरात प्रांतीय नगर निगम...
क्या राष्ट्रपति की मंज़ूरी के लिए भेजा गया बिल राष्ट्रपति के फैसले से पहले गवर्नर वापस ले सकते हैं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से पूछा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र और केंद्र सरकार से यह साफ करने को कहा कि क्या गवर्नर द्वारा राष्ट्रपति की मंज़ूरी के लिए भेजे गए बिल को भारत के राष्ट्रपति द्वारा उस पर कोई फैसला लेने से पहले, मंत्रिपरिषद की सलाह पर वापस लिया जा सकता है।जस्टिस मनीष पिटाले और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की डिवीजन बेंच ने यह सवाल तब उठाया, जब उन्होंने पाया कि महाराष्ट्र विधानमंडल ने 2018 में एक बिल पास किया था, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में संशोधन की सिफारिश की गई थी ताकि...
बाह्य क्षेत्रीय अपराधों की जांच - क्या मंज़ूरी आवश्यक है?
अपराध और सजा के बीच का गठजोड़ पारंपरिक रूप से स्थानिक रहा है। सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त क्षेत्रीयता सिद्धांत प्रत्येक संप्रभु को अपनी सीमाओं के भीतर किए गए अपराधों की जांच करने और उन्हें दंडित करने का अनन्य अधिकार प्रदान करता है, एक नियम जो सीआरपीसी, 1973 के अध्याय XIII (अब बीएनएसएस, 2023 में अध्याय XIV) के तहत भारत में क्रिस्टलीकृत है।हालांकि, वैश्वीकरण ने क्षेत्रीय सीमाओं को छिद्रपूर्ण बना दिया है। बढ़ी हुई गतिशीलता, डिजिटल इंटरकनेक्शन और ट्रांसनेशनल नेटवर्क ने एक बार असाधारण घटना को...
चुनावी सुधारों पर हो रही बहस को किस प्रकार समझा जाना चाहिए?
संसद के शीतकालीन सत्र ने चुनावी सुधारों पर एक विस्तृत बहस को फिर से खोल दिया है, जिसमें विपक्ष बार-बार इस बात पर जोर दे रहा है कि सुधार को मजबूत करना चाहिए, न कि भारतीय लोकतंत्र की संस्थागत नींव को कमजोर करना चाहिए। जैसे ही सदस्यों ने मतदाता सूची में संशोधन, चुनाव आयोग के कामकाज और चुनावी अखंडता के व्यापक मुद्दों के बारे में चिंताओं को चिह्नित किया, यह स्पष्ट हो गया कि सुधार को अलग-अलग प्रक्रियात्मक समायोजन तक ही सीमित नहीं किया जा सकता है। इसके बजाय, भारत अब एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां...
वायु आपातकाल - आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता
यह 2025 की सर्दी है और अभी भी, बी ग्रेड फिल्म की तरह, वही दृश्य चल रहे हैं। एक्यूआई का स्तर खतरनाक है, डॉक्टर चेतावनी की घंटी बजा रहे हैं, माता-पिता स्कूलों को बंद करने या वर्चुअल होने के लिए चिल्ला रहे हैं, हमारे नीति निर्माता अपना दोष खेल जारी रख रहे हैं और फिर भी हम निकट भविष्य में किसी भी समय समाधान के करीब नहीं हैं? क्या यह वर्तमान पीढ़ी के बच्चों का बहुत कुछ है जो अपने फेफड़ों, उनके दिमाग और / या उनके जीवन को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य मुद्दों के साथ बड़े होते हैं? एक राष्ट्र के रूप में,...
एयर इंडिया के 'विस्तारा' ब्रांड से भ्रामक समानता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'VISTARRAAH' ट्रेडमार्क हटाने का आदेश दिया
एयर इंडिया की एयरलाइन ब्रांड 'VISTARA' से भ्रामक रूप से मिलते-जुलते पाए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रेडमार्क रजिस्टर से “VISTARRAAH” ट्रेडमार्क को हटाने का निर्देश दिया है।जस्टिस आरिफ़ एस. डॉक्टर ने 10 दिसंबर 2025 को यह आदेश पारित करते हुए एयर इंडिया द्वारा दायर रेक्टिफिकेशन (सुधार) याचिका को स्वीकार किया। अदालत ने कहा कि विवादित ट्रेडमार्क को रजिस्टर में बने रहने देना कानून के विपरीत होगा और इससे ट्रेडमार्क प्रणाली की पवित्रता एवं विश्वसनीयता प्रभावित होगी।एयर इंडिया ने अदालत को बताया कि वह...
महाराष्ट्र के पहाड़ी इलाकों में गर्भवती महिलाओं की दुर्दशा पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र के पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में गर्भवती महिलाओं की दयनीय स्थिति को लेकर स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लिया, जहां महिलाओं को घर पर ही प्रसव कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और नवजात शिशु की नाल काटने के लिए 'शेविंग ब्लेड' का इस्तेमाल किया जा रहा है।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस हितेन वेणेगावकर की खंडपीठ ने एक मराठी दैनिक में प्रकाशित समाचार रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए यह टिप्पणी की। रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने पिछले डेढ़ वर्ष में गर्भवती महिलाओं,...
अधिवक्ता पर कथित हमले के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ से सटे पंजाब के नयागांव क्षेत्र में 30 नवंबर को हरियाणा पुलिस के सादे कपड़ों में मौजूद कर्मियों द्वारा अधिवक्ता अमित पर कथित हमले के मामले में स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लिया।पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने में अनुचित देरी को लेकर 15 दिसंबर से हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव पारित किया था। अदालत ने नोट किया कि 30 नवंबर को हुई इस घटना के संबंध में पीड़ित अधिवक्ता अमित द्वारा थाना नयागांव में एक लिखित शिकायत दी गई थी,...
2017 में योगी आदित्यनाथ और केपी मौर्य को यूपी का सीएम और डिप्टी सीएम बनाए जाने को चुनौती, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2017 में दायर एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) याचिका खारिज की, जिसमें 2017 में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री और केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने की वैधता को चुनौती दी गई थी।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस राजीव भारती की बेंच ने कहा कि संविधान में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो पहले से ही संसद सदस्य व्यक्ति को किसी राज्य का मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने से रोकता हो।हाईकोर्ट ने कहा कि संसद सदस्य का पद न तो संवैधानिक पद है (जैसे राष्ट्रपति या...
BSF Rules | जांच कोर्ट शुरुआती तथ्य खोजने की प्रक्रिया, न कि अनुशासनात्मक ट्रायल: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी जांच सिर्फ़ एक तथ्य खोजने का तरीका है, जिसका मकसद अधिकारियों को भविष्य की कार्रवाई तय करने में मदद करना है। यह विभागीय कार्यवाही शुरू करने जैसा नहीं है।जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की डिवीजन बेंच ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जांच कोर्ट के नतीजे "शुरुआती रिपोर्ट" के रूप में होंगे। सिर्फ़ ऐसी जांच का आदेश देने या संबंधित अधिकारी को पेश होने और अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहने से उसे किसी भी तरह से नुकसान नहीं होगा।कोर्ट ने टिप्पणी की,"...जांच...
स्टेट बार काउंसिल डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के चुनावों को कंट्रोल या रेगुलेट नहीं कर सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि स्टेट बार काउंसिल के पास बार एसोसिएशन के चुनावों को "कंट्रोल या रेगुलेट" करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि वे अपने खुद के नियमों से चलते हैं।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने इस तरह उत्तर प्रदेश बार काउंसिल (प्रतिवादी नंबर 3) द्वारा जारी निर्देश रद्द कर दिया, जिसमें 15 नवंबर, 2025 और फरवरी 2026 के बीच राज्य के सभी बार एसोसिएशन के चुनाव कराने पर अस्थायी रोक लगाई गई थी।कोर्ट ने कहा कि हालांकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के पास स्टेट बार...
इंडिगो टिकट कैंसलेशन पर मुआवजे और DGCA के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग, हाईकोर्ट में याचिका दायर
दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर की गई, जिसमें इंडिगो एयरलाइंस द्वारा हाल ही में कैंसिल किए गए टिकटों के लिए "चार गुना" मुआवजे और कथित कमियों के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग की गई।इस मामले की सुनवाई बुधवार को चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की डिवीजन बेंच करेगी।यह याचिका सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमैटिक चेंज (CASC) ने दायर की।आरोप लगाया गया कि इंडिगो की गलती और कमियों और DGCA द्वारा रेगुलेटरी नियमों को लागू न करने के कारण, एविएशन...
राजस्थान हाईकोर्ट ने सजा अवधि की गलती धारणा के बावजूद हत्या की दोषी महिला को दी राहत
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महिला को जेल वापस भेजने से इनकार किया, जिसकी सज़ा 15 साल पहले डिवीज़न कोर्ट ने इस गलत धारणा के आधार पर कम कर दी थी कि उसने जेल में लगभग 8 साल बिता लिए हैं, जबकि असल में वह सिर्फ़ 2 साल ही जेल में रही है।जस्टिस फरजंद अली और जस्टिस आनंद शर्मा की डिवीज़न बेंच ने सभी परिस्थितियों पर विचार किया। इन्हें कम करने वाले कारकों के रूप में देखते हुए बेंच ने यह राय दी कि ऐसी परिस्थितियों में कानूनी रूप से अनुमत सीमा के भीतर सज़ा में बदलाव करना ज़रूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके...
अवैध निर्माण गिराने का आश्वासन देने के बाद कंपाउंडिंग की उम्मीद नहीं कर सकता दोषी पक्ष: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण के मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जब किसी पक्ष ने स्वयं यह स्वीकार करते हुए शपथपत्र दिया हो कि वह स्वीकृत मानचित्र से हटकर किए गए निर्माण को गिरा देगा तो बाद में वह यह अपेक्षा नहीं कर सकता कि विकास प्राधिकरण उससे मानचित्र कंपाउंड कराने के लिए संपर्क करे। अदालत ने स्पष्ट किया कि कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को इस तरह की राहत का कोई अधिकार नहीं है।जस्टिस सरल श्रीवास्तव और जस्टिस सुधांशु चौहान की खंडपीठ प्रयागराज के न्यू कटरा क्षेत्र में किए गए अवैध...
एमजे अकबर की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाई, प्रियंका रामानी की बरी होने के फैसले को दी गई है चुनौती
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर उस अपील की सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी, जिसमें उन्होंने पत्रकार प्रिया रामानी को आपराधिक मानहानि मामले में बरी किए जाने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।यह मामला रामानी द्वारा #MeToo आंदोलन के दौरान लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ा है।जस्टिस रविंदर दुडेजा ने एमजे अकबर की ओर से दाखिल उस आवेदन को स्वीकार कर लिया जिसमें मई 2027 में तय सुनवाई को पहले कराने का अनुरोध किया गया था।अदालत ने अब इस मामले को सुनवाई के...
तकनीकी खामी से मिले अतिरिक्त मुनाफे को अनुचित लाभ नहीं माना जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि ब्रोकर की प्रणाली में आई तकनीकी खामी के कारण यदि किसी ग्राहक को अधिक ट्रेडिंग मार्जिन दिखाई देता है। वह उसके आधार पर ट्रेड कर मुनाफा कमाता है तो उसे अनुचित लाभ नहीं कहा जा सकता।अदालत ने स्पष्ट किया कि मार्जिन की उपलब्धता केवल ट्रेडिंग का अवसर देती है, जबकि वास्तविक लाभ ग्राहक की जोखिम उठाने की क्षमता और ट्रेडिंग कौशल से उत्पन्न होता है।जस्टिस संदीप वी. मार्ने कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें राष्ट्रीय स्टॉक...
कानूनी तौर पर पहली शादी खत्म न होने पर महिला CrPC की धारा 125 के तहत अपने पार्टनर से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि अगर किसी महिला की पहली शादी अभी भी कानूनी तौर पर वैलिड है तो वह अपने साथ रहने वाले पार्टनर से CrPC की धारा 125 के तहत भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि शादी जैसा लंबा रिश्ता भी उसे 'पत्नी' का कानूनी दर्जा नहीं देता, अगर उसने अपने पहले पति से तलाक नहीं लिया है।जस्टिस मदन पाल सिंह की बेंच ने कहा कि ऐसे दावों की इजाज़त देने से "हिंदू परिवार कानून की नैतिक और सांस्कृतिक नींव" कमजोर होगी।बेंच ने टिप्पणी की,"अगर समाज में ऐसी प्रथा की इजाज़त दी जाती है,...
Codeine Syrup 'Racket' | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NDPS Act FIR में कथित सरगना और अन्य सह-आरोपियों को अंतरिम राहत दी
पिछले हफ़्ते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित सरगना शुभम जायसवाल और कुछ अन्य सह-आरोपियों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) के तहत दर्ज FIR के संबंध में गिरफ़्तारी पर अंतरिम रोक लगाई, यह मामला संदिग्ध कोडीन कफ़ सिरप रैकेट से जुड़ा है।शुभम जायसवाल सहित कई लोगों ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट में याचिका दायर कर NDPS Act की धारा 8, 21 और 25 के तहत उनके खिलाफ़ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की थी। उन पर नशे के लिए कोडीन-आधारित कफ़ सिरप की कथित खरीद-बिक्री...




















