पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने IIM रोहतक के निदेशक के खिलाफ केंद्र सरकार को कार्रवाई करने की अनुमति देने वाले आदेश को वापस लेने की याचिका तुच्छ करार दी
Shahadat
15 Nov 2024 9:32 AM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने IIM रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार को अनुमति देने वाले अपने आदेश को वापस लेने की याचिका को "तुच्छ" करार दिया। शर्मा ने कथित तौर पर यह छिपाने के लिए कि वह इस पद के लिए योग्य नहीं हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार पर लगी रोक हटा दी थी। शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने इस पद के लिए आवश्यक योग्यता प्रथम श्रेणी ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं ली है। शर्मा की ओर से छह बार स्थगन मांगे जाने के बाद ऐसा किया गया।
उन्होंने अब फिर से इस आवेदन को वापस लेने की मांग की है।
इस पर जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने टिप्पणी की,
"यह आवेदन अब इस बात के बावजूद दायर किया गया कि याचिकाकर्ता पर एक बार दलीलें पेश न करने के लिए 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है और दो बार अंतिम अवसर भी दिए जा चुके हैं। मुझे लगता है कि इस तरह से दायर किए गए आवेदन पूरी तरह से तुच्छ हैं और अनावश्यक रूप से न्यायालयों के बोझ से दबे हुए काम को और बढ़ा रहे हैं।"
सुनवाई के दौरान शर्मा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट ने आवेदन वापस लेने की मांग की ताकि रिट याचिका में अंतिम सुनवाई के समय सभी दलीलें ली जा सकें।
न्यायालय ने नोट किया कि उन्होंने स्वेच्छा से कम से कम 2 लाख रुपये मूल्य के मेडिकल उपकरण दान करने का वचन दिया, जैसा कि सिविल सर्जन, सरकारी अस्पताल, रोहतक द्वारा ऐसी मांग के 04 सप्ताह की अवधि के भीतर बताया जा सकता है।
पीठ ने आवेदन को वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया, लेकिन आवेदक को मेडिकल उपकरण दान करने के स्वैच्छिक वचन के साथ बाध्य किया।
केस टाइटल: डॉ. धीरज शर्मा बनाम भारत और अन्य का संघ