हाईकोर्ट
₹1.95 करोड़ GST विवाद में गैरहाजिर रहने पर महिला पर ₹1 लाख जुर्माना: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कस्टम विभाग को निर्देश दिया है कि वह एक 70 वर्षीय महिला को व्यक्तिगत सुनवाई (Personal Hearing) का एक और अवसर प्रदान करे, जो अपने फर्म के खिलाफ लगाए गए ₹1,95,11,160 की मांग पर उपस्थित नहीं हो सकी थी। यह महिला एलपीजी (घरेलू व वाणिज्यिक) की डीलरशिप चलाने वाली फर्म की एकमात्र स्वामित्व (sole proprietor) हैं, जिनका समझौता हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ 10 वर्षों के लिए किया गया है।मामला तब शुरू हुआ जब विभाग ने GST रिटर्न में पाई गई विसंगतियों के संबंध में नोटिस...
सभी दस्तावेज़ पहले ही जांचे जा चुके थे: बॉम्बे हाईकोर्ट ने री-असेसमेंट नोटिस रद्द किया, कहा- विचार बदलने से नहीं खुल सकता आकलन'
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि आयकर अधिनियम 1961 (IT Act) की धारा 148 और 148A के तहत पुनर्मूल्यांकन (री-असेसमेंट) की कार्यवाही का उपयोग उन मुद्दों को दोबारा खोलने के लिए नहीं किया जा सकता, जिन्हें मूल आकलन के दौरान पहले ही जांचकर स्वीकार कर लिया गया था।अदालत ने स्पष्ट किया कि आकलन अधिकारी का केवल विचार बदल जाना विश्वास का कारण नहीं बन सकता और न ही यह पुनर्मूल्यांकन का आधार हो सकता है।जस्टिस बी.पी. कोलाबा वाला और जस्टिस अमित एस. जमसंदेकर की खंडपीठ ने ट्रस्ट की याचिका स्वीकार करते...
नेचुरल जस्टिस का उल्लंघन: GST डिमांड के खिलाफ व्यक्तिगत सुनवाई के लिए एक दिन का नोटिस देने पर दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि प्रस्तावित GST डिमांड के संबंध में व्यक्तिगत सुनवाई में शामिल होने के लिए किसी असेसी को सिर्फ एक दिन का नोटिस देना नेचुरल जस्टिस का उल्लंघन है।यह बात जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और सौरभ बनर्जी की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता फर्म की उस अपील को खारिज करने के खिलाफ चुनौती पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें देरी के कारण अपील को खारिज कर दिया गया था।यह डिमांड कुछ कम पेमेंट और इनपुट टैक्स क्रेडिट में अंतर के साथ-साथ GSTR-I (मासिक/तिमाही रिटर्न) और GSTR-3B (समरी रिटर्न) में रिपोर्ट की...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: पार्ट-टाइम या गेस्ट फैकल्टी से फुल टाइम की असिस्टेंट प्रोफेसर की जगह नहीं भर सकती यूनिवर्सिटी
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पार्ट-टाइम या गेस्ट फैकल्टी को उन विषयों के लिए स्थायी समाधान की तरह उपयोग नहीं किया जा सकता, जिनके लिए संपूर्ण समय (फुल-टाइम) असिस्टेंट प्रोफेसर की आवश्यकता होती है।कोर्ट ने कहा कि यूनिवर्सिटी विशेष अथवा नए विषयों के लिए विशेषज्ञों को अतिथि शिक्षक के रूप में बुला सकते हैं लेकिन इससे पूर्णकालिक शिक्षकों की अनिवार्यता समाप्त नहीं होती।यह निर्णय उस समय दिया गया, जब कश्मीर यूनिवर्सिटी की ओर से दायर कई अपीलों पर सुनवाई की जा रही थी। इन अपीलों में...
देश की अंतरात्मा पर धब्बा: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीवर में चार मैनुअल स्कैवेंजर्स की मौत पर हर परिवार को 30 लाख मुआवज़ा देने का आदेश दिया
एक कड़े फैसले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (KMC) और अन्य राज्य अधिकारियों को फरवरी 2021 में दक्षिण कोलकाता में सीवर की सफाई के दौरान चार मजदूरों की मौत और तीन अन्य के घायल होने के लिए गंभीर कमियों और लापरवाही का ज़िम्मेदार ठहराया।कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बढ़ा हुआ मुआवज़ा देने का निर्देश दिया और कई कंप्लायंस-ओरिएंटेड निर्देश जारी किए।एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस चैताली चटर्जी दास की डिवीजन बेंच ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स...
BNSS की धारा 106 के तहत जांच एजेंसी को बैंक खाता फ्रीज करने का अधिकार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: BNSS की धारा 106 के तहत पुलिस बैंक खाते फ्रीज नहीं कर सकती, अटैचमेंट केवल मजिस्ट्रेट के आदेश से संभवबॉम्बे हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी भी जांच एजेंसी को भारतिया नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 106 के तहत बैंक खाता फ्रीज या अटैच करने का अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि धारा 106 केवल जांच के उद्देश्य से संपत्ति जप्त करने की अनुमति देती है, जबकि बैंक खाते का अटैचमेंट या अपराध से अर्जित धन को रोकना केवल धारा 107 के तहत मजिस्ट्रेट के आदेश से ही किया जा...
अंतरिम रोक लगाने वाली एप्लीकेशन में पास किए गए इंटरलोक्यूटरी ऑर्डर के खिलाफ रिवीजन मेंटेनेबल नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अंतरिम रोक लगाने वाली एप्लीकेशन में पास किए गए इंटरलोक्यूटरी ऑर्डर के खिलाफ रिवीजन मेंटेनेबल नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इसे रिट ज्यूरिस्डिक्शन में चैलेंज किया जा सकता है।1985 में मृतक ने रेस्पोंडेंट नंबर 5 के फेवर में एक वसीयत लिखी थी। इसके बाद रेस्पोंडेंट नंबर 4 और याचिकाकर्ता के फेवर में क्रमशः दूसरी और तीसरी वसीयत लिखी गईं। वसीयत करने वाले की मौत के बाद रेस्पोंडेंट नंबर 5 ने याचिकाकर्ता के फेवर में लिखी गई वसीयत को छिपाकर रेवेन्यू रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा...
कहीं कुछ गड़बड़ है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 20 साल पुराने मामले में एक बुजुर्ग व्यक्ति के खिलाफ ट्रायल जज की 'सुस्ती' पर फटकार लगाई, कार्रवाई की चेतावनी दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते प्रयागराज की एक ट्रायल कोर्ट को 20 साल पुराने आपराधिक मामले को 'सुस्ती' से संभालने के लिए फटकार लगाई। साथ ही कहा कि कोर्ट के बार-बार टालने और पिछले 13 सालों से प्रॉसिक्यूशन द्वारा एक भी गवाह पेश न करने के कारण 73 साल के आरोपी को 'परेशान' किया गया।यह देखते हुए कि ट्रायल कोर्ट के कामकाज में कहीं कुछ गड़बड़ लग रहा है, जस्टिस विवेक कुमार सिंह ने पीठासीन अधिकारी को सख्त अल्टीमेटम दिया कि वह एक महीने के अंदर ट्रायल पूरा करें नहीं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना...
बिना मांगी रिश्वत ठुकराना भी उकसाने का अपराध: सरकारी कर्मचारी को ऑफर देने पर होगी सज़ा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी को रिश्वत की बिना मांगी पेशकश करना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 12 के तहत दंडनीय उकसाने का अपराध है, भले ही पहले कोई मांग की गई हो या बाद में उसे स्वीकार किया गया हो।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा,“PC एक्ट के पीछे कानून बनाने वालों का मकसद भ्रष्टाचार के खिलाफ कानूनों को मजबूत करना और उन्हें एक साथ लाना था। यह मानना कि रिश्वत की पेशकश तब तक अपराध नहीं है जब तक उसे स्वीकार न कर लिया जाए यह कानून के मकसद को ही खत्म कर देगा। रिश्वत देने का काम एक...
आसाराम की याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट का नोटिस: सस्पेंडेड सज़ा के दौरान पुलिस निगरानी की शर्त में ढील देने की मांग
गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें रेप केस में उनकी उम्रकैद की सज़ा 6 महीने के लिए सस्पेंड होने के दौरान उनके आस-पास तीन पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी की शर्त में बदलाव/हटाने की मांग की गई।बता दें, 6 नवंबर को हाईकोर्ट ने आसाराम को छह महीने के लिए सज़ा सस्पेंड कर दी थी।आसाराम को गांधीनगर की एक सेशंस कोर्ट ने 2013 के रेप केस में दोषी ठहराया था और वह उम्रकैद की सज़ा काट रहे हैं। उन्हें रिहा करते समय एक शर्त यह लगाई गई कि वह अपने फॉलोअर्स से ग्रुप में नहीं मिलेंगे और...
तय समय के अंदर रिजेक्ट न होने पर वॉलंटरी रिटायरमेंट अपने आप मंज़ूर माना जाएगा, बाद में टेक्निकल इस्तीफ़े की मांग गलत: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि अगर तय समय के अंदर वॉलंटरी रिटायरमेंट को साफ़ तौर पर रिजेक्ट नहीं किया जाता है तो उसे अपने आप मंज़ूर मान लिया जाएगा। बाद में टेक्निकल इस्तीफ़े की कोई भी मांग पहले से लागू हो चुके रिटायरमेंट को खत्म नहीं कर सकती।मामले के तथ्यकर्मचारी इंडियन कोस्ट गार्ड में प्रधान सहायक इंजीनियर के तौर पर काम कर रहा था। 2016 में उसने UPSC के ज़रिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ एरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस (DGAQA) में सीनियर साइंटिफिक...
S.144 BNSS | अगर पत्नी की टेम्पररी नौकरी से इनकम काफ़ी नहीं है तो वह पति से भरण-पोषण का दावा करने की हक़दार नहीं: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में साफ़ किया कि अगर पत्नी कहती है कि उसकी इनकम काफ़ी नहीं है तो वह CrPC की धारा 125 CrPC/BNSS की धारा 144 के तहत अपने पति से मेंटेनेंस क्लेम करने से हक़दार नहीं होगी, भले ही उसके पास टेम्पररी नौकरी हो जिससे उसे कुछ इनकम हो रही हो।डॉ. जस्टिस कौसर एडप्पागथ एक पत्नी की अपने पति के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर विचार कर रहे थे, जिसमें उसने अपने दो बच्चों को दिए जाने वाले मेंटेनेंस की रकम और फ़ैमिली कोर्ट द्वारा उसके क्लेम को खारिज़ करने को चुनौती दी थी। पति ने बच्चों को दिए जाने...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग बेटी का गला घोंटने के लिए आदमी की सज़ा बरकरार रखी, कहा- मां के मुकरने के बावजूद आरोप साबित हुए
इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने एक आदमी की सज़ा और उम्रकैद को बरकरार रखा, जिस पर अपनी 17 साल की बेटी की हत्या का आरोप था। उसे शक था कि उसकी बेटी का उसी इलाके के एक लड़के के साथ रिश्ता था।जस्टिस रजनीश कुमार और जस्टिस राजीव सिंह की बेंच ने कहा कि ट्रायल के दौरान पीड़िता की मां के मुकरने के बावजूद, हालात के सबूतों की चेन, जिसमें आरोपी-पिता का इंडियन एविडेंस एक्ट की धारा 106 के तहत मौत को समझाने में नाकाम रहना भी शामिल है, उन्होंने पक्के तौर पर उसके दोषी होने की ओर इशारा किया।इस तरह कोर्ट ने अपील...
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'Aaj Tak' मार्क को बचाया, न्यूज़ एजेंसियों को सोर्स कोड और मेटा टैग में इसका इस्तेमाल करने से रोका
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अमर उजाला और न्यूज़18 को अपनी वेबसाइट के सोर्स कोड या मेटा टैग के तौर पर ट्रेडमार्क 'Aaj Tak' का इस्तेमाल करने से रोक दिया, क्योंकि दोनों कंपनियों ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पहले ही उल्लंघन करने वाले लिंक हटा दिए और आज तक न्यूज़ ब्रांड के मालिक लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेडमार्क केस में कोई विरोध नहीं करना चाहतीं।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की सिंगल बेंच ने दोनों मीडिया हाउस के खिलाफ आदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने यह वादा किया कि वे सोर्स...
अपने घर में ताश खेलने वाले सीनियर सिटिज़न पर गैंबलिंग एक्ट के तहत केस दर्ज, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें शिकायत करने वालों से समझौता करने का सुझाव दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (24 नवंबर) को पांच सीनियर सिटिज़न के खिलाफ दर्ज FIR की कार्रवाई पर रोक लगा दी, जिन पर बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ़ गैंबलिंग एक्ट के तहत अपने घर में कथित तौर पर ताश खेलने का केस दर्ज किया गया।कोर्ट एक रिट पिटीशन पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एक्ट की धारा 4 (जो एक कॉमन गेमिंग हाउस रखने पर सज़ा देता है) और 12(A) के तहत दर्ज FIR रद्द करने की मांग की गई। धारा 12A में कहा गया कि कोई पुलिस ऑफिसर बिना वारंट के किसी भी ऐसे व्यक्ति को पकड़ सकता है, जो किसी न्यूज़पेपर, न्यूज़शीट या दूसरे...
'अगर रिहा किया गया तो समाज के लिए खतरा होगा': SIT ने कर्नाटक हाईकोर्ट में रेप केस में सज़ा सस्पेंड करने की प्रज्वल रेवन्ना की अर्ज़ी का विरोध किया
रेप केस में दोषी पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की उम्रकैद की सज़ा सस्पेंड करने और बेल देने की अर्ज़ी का विरोध करते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने सोमवार (24 नवंबर) को कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया कि अगर उसे बेल पर रिहा किया गया तो वह न सिर्फ़ इसी तरह के अपराधों में शामिल हो सकता है, बल्कि समाज के लिए भी खतरा बन सकता है।स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने SIT की तरफ से दलील देते हुए जस्टिस के एस मुद्गल और जस्टिस वेंकटेश नाइक टी की डिवीजन बेंच के सामने कहा:“अपील करने वाले ने पीड़ित...
सत्य, विश्वास और प्रौद्योगिकी: AI मतिभ्रम के युग में कानूनी व्यवसाय
जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेएनएआई) के आगमन ने लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) को प्रौद्योगिकी के साथ मनुष्यों के बातचीत करने के तरीके में पूरी तरह से क्रांति लाने में सक्षम बनाया है। आबादी के विभिन्न क्षेत्रों के बीच चैटजीपीटी, जेमिनी और ग्रोक जैसे मॉडलों की अपार लोकप्रियता इन मॉडलों के हमारे दैनिक जीवन पर पड़ने वाले व्यक्तिगत और सामाजिक प्रभाव को रेखांकित करती है। विविध पृष्ठभूमि के लोग अब विभिन्न कार्यों को करने के लिए इन मॉडलों पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। ओपनएआई के अनुसार, 2020 के मध्य...
SC/ST समुदाय की भूमि बेदखली शिकायत को 'सिविल विवाद' बताकर FIR दर्ज करने से इनकार नहीं कर सकती पुलिस: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा: SC/ST समुदाय की भूमि से बेदखली की शिकायत पर FIR दर्ज करना अनिवार्य, पुलिस “सिविल विवाद” बताकर इनकार नहीं कर सकतीमद्रास हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की भूमि से बेदखली या अवैध कब्जे की शिकायत को पुलिस केवल यह कहकर खारिज नहीं कर सकती कि मामला “सिविल विवाद” है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 18A के तहत यदि शिकायत में संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है, तो पुलिस प्रारंभिक जांच किए...
'शिक्षा के अधिकार में रुकावट नहीं डाली जा सकती': MP हाईकोर्ट ने टाइप-1 डायबिटीज वाले स्टूडेंट को एडमिशन देने का आदेश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लक्ष्मी बाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन को B.P.Ed कोर्स में टाइप 1 डायबिटीज वाले स्टूडेंट को यह देखते हुए एडमिशन देने का निर्देश दिया कि उसे बाहर करना मनमाना और भेदभाव वाला था।जस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस पुष्पेंद्र यादव की डिवीजन बेंच ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि दिव्यांगता के कारण शिक्षा पाने के अधिकार में रुकावट नहीं डाली जा सकती या उसे छीना नहीं जा सकता।बेंच ने कहा;"यह स्टूडेंट को B.P.Ed. कोर्स करने के लिए दिया गया एडमिशन है। इसलिए टाइप-1 डायबिटीज के बहाने...
पटना हाईकोर्ट: 'सिर्फ़' ढाई साल की जेल UAPA के तहत ज़मानत का आधार नहीं
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक सेफ्टी को खतरे वाले मामलों की तुलना आम क्रिमिनल मामलों से नहीं की जा सकती। साथ ही कहा कि 'सिर्फ़ ढाई साल की जेल' किसी आरोपी को ज़मानत का हक़ नहीं दे सकती, जहाँ नेशनल सिक्योरिटी की चिंताएँ शामिल हों।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस सौरेंद्र पांडे की डिवीज़न बेंच ने ये बातें प्रधानमंत्री के पटना दौरे के दौरान गड़बड़ी फैलाने की प्लानिंग में कथित तौर पर शामिल आरोपी को ज़मानत देने से इनकार करते हुए कहीं।नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA)...



















