हाईकोर्ट
विभाग को विलय के बारे में जानकारी होने के बावजूद विलय करने वाली कंपनी के नाम पर जांच नोटिस जारी किया गया: कलकत्ता हाईकोर्ट ने Income Tax Act की धारा 292b लागू करने से इनकार किया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने विलय करने वाली कंपनी के नाम पर जारी जांच नोटिस पर Income Tax Act 1961 की धारा 292b लागू करने से इनकार किया, जबकि मूल्यांकन अधिकारी को कंपनी के विलय के बारे में जानकारी थी।धारा 292-b में प्रावधान है कि किसी भी नोटिस या मूल्यांकन या किसी कार्यवाही को केवल इस कारण से अमान्य नहीं माना जा सकता कि ऐसे नोटिस मूल्यांकन या अन्य कार्यवाही में कोई गलती, दोष या चूक हुई।चीफ न्यायाधीश टी.एस. शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में विलय का तथ्य मूल्यांकन अधिकारी...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14 वर्षीय मंगेतर को गर्भवती करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी
यह देखते हुए कि गरीबी भारत में सबसे बड़ा मुद्दा है बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने पिछले महीने व्यक्ति को जमानत दी, जिस पर अपनी नाबालिग मंगेतर के साथ बलात्कार करने का आरोप है। इस आधार पर कि वे जल्द ही शादी करने वाले थे क्योंकि उनके परिवारों ने उनकी शादी करवाने का फैसला किया।एकल जज जस्टिस संजय मेहरे ने कहा कि वर्तमान मामला वास्तविक है, क्योंकि यह देश के 'सामाजिक ढांचे' को छूता है, जिसमें गरीबी के कारण लोग आमतौर पर अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में कर देते हैं।न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में...
कानून के अनुसार न्याय सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट का कर्तव्य है कि वह अपने अधिकार क्षेत्र में सटीक रिकॉर्ड बनाए रखे: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
यह दोहराते हुए कि हाईकोर्ट एक रिकॉर्ड न्यायालय के रूप में भारत के संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत निर्णयों पर पुनर्विचार करने की अपनी शक्ति प्राप्त करता है, जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र में सटीक रिकॉर्ड बनाए रखने के अपने दायित्व और कर्तव्य पर जोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कानून के अनुसार न्याय हो।अनुच्छेद 215 के तहत परिकल्पित हाईकोर्ट के अधिदेश और दायित्व को स्पष्ट करते हुए जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने कहा,"यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि हाईकोर्ट द्वारा अपने...
Income Tax Act की धारा 68 के तहत अस्पष्टीकृत नकद लोन के जोड़ने के संबंध में विवाद की तथ्यात्मक जांच धारा 260A के तहत अपील के दायरे से बाहर: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि वह आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 260A के तहत दायर अपील में करदाता-कंपनी द्वारा प्रस्तुत या प्रस्तुत नहीं की गई सामग्री की तथ्यात्मक जांच नहीं कर सकता, जिससे उसे प्राप्त शेयर पूंजी और प्रीमियम की व्याख्या की जा सके।चीफ जस्टिस टी.एस. शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसमें धारा 68 के तहत कर निर्धारण अधिकारी द्वारा अस्पष्टीकृत शेयर पूंजी और 15,51,00,000 रुपये के शेयर प्रीमियम में...
लोक अदालत के पास एग्रीमेंट अवार्ड पारित करने का अधिकार: तेलंगाना हाईकोर्ट
मंडल विधिक सेवा समिति (MLSC) का आदेश रद्द करते हुए कि यह एग्रीमेंट/एग्रीमेंट अवार्ड नहीं था, बल्कि संपत्ति विवाद मुकदमे से संबंधित निष्पादन याचिका की प्रकृति का था, तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा कि समिति ने अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया।ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने दोहराया कि MLSC सहित लोक अदालतें केवल सुलह के लिए होती हैं। उनके पास निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता। संदर्भ के लिए, मंडल, जिला स्तर से नीचे की एक प्रशासनिक इकाई होती है, जिसमें गांवों का एक समूह होता है।पंजाब राज्य और अन्य बनाम जालौर...
अयोग्य MLA इरफान सोलंकी आगजनी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से किया इनकार
2022 में घर में आगजनी के मामले में समाजवादी पार्टी (SP) के अब अयोग्य घोषित विधायक इरफान सोलंकी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 'व्यापक' राय यह है कि अपराध के आरोपी व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।न्यायालय ने यह भी कहा कि अक्सर देखा गया कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले या जघन्य अपराधों के आरोपी बड़ी संख्या में व्यक्ति विधानसभा और संसद के लिए चुनाव लड़ते हैं और चुने जाते हैं।सोलंकी, उनके भाई और दो अन्य को कानपुर की...
NEET | कॉलेज आवंटन के लिए मेरिट ही एकमात्र मानदंड, तकनीकी औपचारिकताएं मेधावी उम्मीदवारों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकतीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को निर्देश दिया कि वह NEET UG 2024 (NEET) में उनकी योग्यता के आधार पर कॉलेज आवंटन के लिए याचिकाकर्ताओं की उम्मीदवारी पर विचार करें, जिसे केंद्र ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता निर्धारित प्रारूप में कुछ हलफनामे/प्रमाणपत्र समय पर जमा नहीं कर पाए।जस्टिस समीर जैन की पीठ ने कहा कि सबसे पहले आवंटन प्रक्रिया दिवाली, 2024 के कारण छुट्टियों की अवधि के बीच आयोजित की गई। उसमें भी उम्मीदवारों को दस्तावेज जमा करने के लिए प्रदान की गई...
वक्फ बोर्ड समिति के माध्यम से संपत्ति को 'निजी' घोषित करने के प्रशासक के आदेश को वापस नहीं ले सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा पारित आदेश रद्द किया, जिसमें वर्ष 1976 में बोर्ड के तत्कालीन प्रशासक द्वारा पारित आदेश पर पुनर्विचार करने और उसे वापस लेने के लिए एक विधि समिति का गठन किया गया था। इसमें कहा गया कि बेंगलुरु के कुम्बरपेटे क्षेत्र में स्थित संपत्ति का एक हिस्सा निजी संपत्ति है, न कि वक्फ संपत्ति।जस्टिस एम जी एस कमल की एकल पीठ ने जाबिर अली खान उर्फ शुजा नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका स्वीकार की, जिसने विधि समिति के गठन पर सवाल उठाया था। इसने बोर्ड को...
वैवाहिक कार्यवाही में पत्नियों और बच्चों को अक्सर पतियों की तुलना में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है, पति उनकी स्थिति का फायदा उठाते हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि वैवाहिक कार्यवाही में पत्नियों और बच्चों को अक्सर पतियों की तुलना में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें परिवार या आय से सीमित सहायता मिलती है। पति अक्सर उनकी स्थिति का फायदा उठाते हैं, जिससे उनके लिए ऐसी कार्यवाही का सामना करना मुश्किल हो जाता है।जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा,“वैवाहिक कार्यवाही में पत्नी और बच्चों को पति या पिता के खिलाफ खड़ा किया जाता है, जैसा भी मामला हो और अधिकांश मामलों में वे समान स्तर पर नहीं...
धारा 16 HMA के बावजूद सर्विस रिकॉर्ड में अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों के नाम दर्ज करने के लिए घोषणात्मक डिक्री अस्वीकार की जा सकती है? : इलाहाबाद हाईकोर्ट तय करेगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट कानून के महत्वपूर्ण प्रश्न पर निर्णय लेने के लिए तैयार है कि क्या कोई सिविल न्यायालय हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (HMA) की धारा 16 के तहत निहित कानून के बावजूद सेवा रिकॉर्ड में अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों के नाम दर्ज करने के लिए घोषणात्मक डिक्री को अस्वीकार कर सकता है, जो अमान्य और अमान्यकरणीय विवाह से पैदा हुए बच्चों को वैधता प्रदान करता है।इस कानून के प्रश्न पर दूसरी अपील स्वीकार करते हुए जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने अपीलीय न्यायालय और निचली अदालत के रिकॉर्ड को तलब करते...
मामले के सभी पक्षों को सुनवाई का अवसर दिए बिना मामले को लोक अदालत में नहीं भेजा जा सकता: गुहाटी हाईकोर्ट
गुहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार (14 नवंबर) को कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 19 के तहत एक लोक अदालत द्वारा पारित एक फैसले को इस आधार पर रद्द कर दिया कि याचिकाकर्ता मूल दीवानी मुकदमे में पक्षकार नहीं थी और इसलिए, उसे मामले को लोक अदालत में भेजने से पहले मामले में सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया था।जस्टिस मार्ली वानकुंग की सिंगल जज बेंच ने कहा: "कानून के उपरोक्त प्रावधानों को पढ़ने पर, यह स्पष्ट है कि, किसी भी अदालत द्वारा किसी भी मामले को लोक अदालत में नहीं भेजा जा सकता है, सिवाय इसके कि विवाद...
केरल हाईकोर्ट ने मंदिर के त्योहारों के दौरान हथियों के साथ क्रूरता को रोकने के लिए निर्देश जारी किए
केरल हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि केरल में हाथियों का परंपरा और धर्म के नाम पर मंदिरों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, लेकिन वास्तव में, यह उनकी भलाई के लिए किसी भी देखभाल या चिंता के बिना एक "व्यावसायिक शोषण" है। जस्टिस ए के जयशंकरन नांबियार और जस्टिस गोपीनाथ पी की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। इस प्रकार केरल बंदी हाथी (प्रबंधन और रखरखाव) नियम, 2012 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए और वन्यजीव बचाव और पुनर्वास केंद्र और अन्य बनाम भारत संघ (2016) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनुपालन सुनिश्चित...
ईएसआईसी के वेतन गणना से अस्थायी महामारी भत्ते को बाहर रखा जाना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस गिरीश कथपालिया की एकल पीठ ने फैसला सुनाया कि महामारी के दौरान दिए गए अस्थायी विशेष प्रोत्साहनों को ईएसआई के लिए वेतन गणना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि वेतन गणना में ऐसे अस्थायी महामारी-संबंधी भुगतानों को शामिल करना योजना के कल्याण उद्देश्यों के विपरीत होगा। फैसले ने स्थापित किया कि कोविड-19 व्यय जैसी असाधारण परिस्थितियों को कवर करने के लिए विशेष भत्ते का उपयोग श्रमिकों को कल्याण लाभों से अयोग्य ठहराने के लिए नहीं किया जा सकता है। ...
राजस्थान हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले में आरोपी महिला को पढ़ाई के लिए विदेश लौटने की अनुमति दी, साथ ही उसकी बेटी की विदेशी नागरिकता रद्द होने से भी रोका
राजस्थान हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी एक महिला की याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उसने अपना पासपोर्ट वापस लेने और अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कनाडा लौटने तथा 180 दिनों से अधिक समय तक दूसरे देश में रहने के कारण अपनी बेटी की कनाडाई नागरिकता रद्द होने से रोकने की अनुमति मांगी है। जस्टिस फरजंद अली की पीठ न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने याचिकाकर्ता के विदेश जाने और पासपोर्ट जारी करने की अनुमति मांगने वाले आवेदन को खारिज कर दिया था। ...
AIBE की 3500 रुपये की फीस को तेलंगाना हाईकोर्ट में चुनौती
ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा ली जाने वाली फीस को चुनौती देते हुए तेलंगाना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।AIBE-19 के लिए, एक सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार को 3500 रुपये + GST (12.60 INR) + सुविधा शुल्क (70 INR) का भुगतान करना होगा। याचिकाकर्ता, एडवोकेट विजय गोपाल ने गौरव कुमार बनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर भरोसा किया, जिसमें कहा गया था कि बार काउंसिल सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क के रूप में 750 रुपये से अधिक नहीं ले...
दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA को बालकनी गिरने से मरने वाले व्यक्ति के परिवार को ₹11 लाख का भुगतान करने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को एक महिला और उसके नाबालिग बेटों को 11 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया है।जस्टिस धर्मेश शर्मा ने लापरवाही के लिए डीडीए को फटकार लगाई और कहा कि फ्लैट के बुनियादी ढांचे के "स्थायित्व और आवंटन के बाद दीर्घायु" सुनिश्चित करने के लिए इसका "निरंतर दायित्व" था। "साफ है कि डीडीए की लापरवाही ही बालकनी ढहने की सीधी वजह थी। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मृतक या उसके परिवार के सदस्यों ने जानबूझकर कोई कार्रवाई की जिससे रिसाव या नमी में योगदान...
Customs Act की धारा 124 के तहत कारण बताओ नोटिस की छूट का कोई प्रावधान नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट हाल ही में एक OCI कार्डधारक के बचाव में आया था, जिसकी लक्जरी घड़ी सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 124 के तहत कोई कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना IGI हवाई अड्डे पर उतरने पर सीमा शुल्क विभाग द्वारा जब्त कर ली गई थी।धारा 124 में कहा गया है कि किसी भी सामान को जब्त करने का कोई आदेश तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि माल के मालिक को जब्ती के आधार, जब्ती के खिलाफ प्रतिनिधित्व करने का अवसर और मामले में सुनवाई का उचित अवसर सूचित करने वाला नोटिस नहीं दिया जाता है। जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस...
ब्रिज कोर्स वाले विदेशी लॉ डिग्री धारक को AIBE के अलावा अन्य योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य बार काउंसिल को निर्देश दिया कि वह विदेशी यूनिवर्सिटी से लॉ डिग्री धारक को, जिसने ब्रिज कोर्स के 2 वर्ष पूरे कर लिए हैं, AIBE के अलावा किसी अन्य योग्यता परीक्षा के लिए आग्रह किए बिना ब्रिज कोर्स के परिणामों के आधार पर अपने रोल पर नामांकित करे।जस्टिस सूरज गोविंदराज की एकल पीठ ने करण धनंजय द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए कहा,"मेरा विचार है कि 21.3.2023 की अधिसूचना (बार काउंसिल ऑफ इंडिया (CBI) द्वारा जारी) के अनुसार ऐसे डिग्री धारक को अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) के...
भूतपूर्व सैनिक द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान की गई सेवा को सेवामुक्त होने के एक वर्ष बाद भी सरकारी पद के लिए पेंशन लाभ के रूप में गिना जा सकता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों द्वारा प्रथम आपातकाल के दौरान की गई सेवा को सेवामुक्त होने के एक वर्ष बाद भी सरकारी पद से मिलने वाले पेंशन लाभ के रूप में गिना जाएगा, यदि भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पद निर्धारित समय के भीतर विज्ञापित नहीं किया जाता है।पंजाब भूतपूर्व सैनिक भर्ती नियम 1982 के अनुसार यदि अधिकारी को सेवामुक्त होने के एक वर्ष के भीतर नियुक्त किया जाता है तो वह प्रथम राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान की गई सेवा को वेतन वृद्धि के साथ-साथ पेंशन लाभ के रूप में गिनने का...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2 वर्षीय बेटे को यौन क्रियाकलापों में धकेलने के आरोप में गिरफ्तार मां को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मां को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया, जिस पर अपने कथित प्रेमी के साथ अपने 2 वर्षीय बेटे का यौन शोषण करने का आरोप है। न्यायालय ने कहा कि मां की भूमिका बच्चे की देखभाल और पालन-पोषण करना है। इस मानक से कोई भी विचलन, विशेष रूप से इस तरह से कि जिससे उसके अपने बच्चे को नुकसान पहुंचे कानून के तहत सख्त कार्रवाई को आमंत्रित करता है।जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा,"याचिकाकर्ता की कथित हरकतें और आचरण, विशेष रूप से पीड़ित बच्चे की मां के रूप में बेहद चिंताजनक हैं। इसने समाज पर...