हाईकोर्ट
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जेल से हुए रिहा: SGI तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया
दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख से उनके सहयोगी, जिन्हें कथित तौर पर कुछ मांगों को उठाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करते समय हिरासत में लिया गया था, रिहा कर दिए गए और उन्हें मुक्त कर दिया गया।SGI तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी।SGI ने अग्रिम सूचना पर उपस्थित होते हुए निर्देश पर कहा कि वांगचुक और उनके सहयोगियों को मुक्त कर दिया गया है और उनकी गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है।उन्होंने...
"पारिवारिक संबंध सर्वोपरि, अदालतें कलह को बढ़ावा नहीं दे सकती: राजस्थान हाईकोर्ट ने पारिवारिक विवाद पर क्रॉस एफआईआर खारिज की
परिवार के सदस्यों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज क्रॉस एफआईआर खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि अदालत का प्राथमिक उद्देश्य पारिवारिक बंधन को मजबूत करना होना चाहिए, न कि परिवार के सदस्यों के बीच कलह को बढ़ावा देना।जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा विवाद के कारण आपराधिक हमले और चोट पहुंचाने के लिए दर्ज क्रॉस-एफआईआर से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।दोनों पक्षों के वकीलों का कहना था कि अगर दूसरा पक्ष आरोप लगाना बंद कर देता है तो वे भी एफआईआर सरेंडर कर...
न्यायाधिकरण ने समाधान योजना को मंजूरी देते समय निष्पक्षता और तर्कसंगतता का फैसला किया, हाईकोर्ट ऐसा नहीं कर सकता- दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने लेनदारों की समिति (COC) के कमर्शियल विवेक की पुष्टि की। यह मामला हेलियो फोटो वोल्टेइक प्राइवेट लिमिटेड (कॉर्पोरेट देनदार) की कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान योजना (CIRP) में ई-नीलामी में उच्चतम बोली लगाने के बावजूद याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तावित समाधान योजना अस्वीकार करने से संबंधित था।संक्षिप्त तथ्ययाचिकाकर्ता जो समाधान आवेदकों (RA) में से एक था, उसने दावा किया कि वह कॉर्पोरेट देनदार के संबंध में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) में सबसे ऊंची बोली लगाने वाला था लेकिन 5 मई,...
राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत से किया इनकार: किसी की नाक काटना स्थायी रूप से विकृत हो जाता है, आत्मसम्मान को प्रभावित करता है और सामाजिक कलंक लाता है
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी की नाक काटने का कृत्य शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक प्रभाव के कारण एक गंभीर अपराध है। यह माना गया कि नाक मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसका कार्यात्मक और सांस्कृतिक महत्व दोनों है क्योंकि भारतीय संस्कृति में, किसी व्यक्ति की नाक काटना एक सजा या बदला है। जस्टिस राजेंद्र प्रकाश सोनी की पीठ आरोपी द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिस पर गंभीर चोट पहुंचाने और हत्या के प्रयास के अपराध का आरोप लगाया गया था। मामले के तथ्य यह थे कि आरोपी और...
धारा 138 के तहत निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट की कार्यवाही दिवालिया कार्यवाही शुरू होने पर समाप्त नहीं होती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में, दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत शुरू की गई दिवालियापन कार्यवाही के बावजूद परक्राम्य लिखत अधिनियम(Negotiable Instruments Act) के तहत अभियुक्तों की व्यक्तिगत देयता को बरकरार रखा गया था।पूरा मामला: तुषार शर्मा (आरोपी) और उसकी पत्नी श्रीमती श्वेता शर्मा ने 2 करोड़ रुपये के गृह ऋण के लिए आवेदन किया, जिसे 24 जनवरी, 2015 को स्वीकृत और मंजूर कर लिया गया। ऋण राशि चंडीगढ़ में स्थित स्टेट ऑफ बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक संपत्ति को गिरवी...
District Bar Associations Election: दिल्ली हाईकोर्ट ने टैक्सेशन बार एसोसिएशन के सदस्यों को न्यायालय में उपस्थिति की आवश्यकता से छूट दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने टैक्सेशन बार एसोसिएशन के सदस्यों को न्यायालय में उपस्थिति की आवश्यकता से छूट दी।चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस विभु बाखरू और यशवंत वर्मा की पीठ ने कहा कि ललित शर्मा और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य के फैसले के आलोक में दिनांक 19 मार्च 2024 के अनुसार दिल्ली टैक्स बार एसोसिएशन के अधिकांश एडवोकेट सदस्य, सक्रिय अभ्यास के बावजूद अब 19 अक्टूबर 2024 को निर्धारित कार्यकारी समिति के चयन के लिए चुनाव लड़ने, मतदान करने या चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गए।दिल्ली हाईकोर्ट ने...
RP Act 1951 | हाईकोर्ट के पास चुनाव याचिका दायर करने में देरी को माफ करने या सीमा अवधि बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत, उसके पास सीमा अवधि बढ़ाने या चुनाव याचिका दायर करने में देरी को माफ करने का अधिकार नहीं है।जस्टिस समित गोपाल की पीठ ने यह भी कहा कि 1951 अधिनियम अपने आपमें संहिता है। इस प्रकार परिसीमा अधिनियम 1963 के प्रावधान चुनाव याचिकाओं पर लागू नहीं होते हैं। चुनाव याचिका दायर करना अधिनियम, 1951 की धारा 81 द्वारा सख्ती से शासित है।न्यायालय ने कहा कि चुनाव याचिका के गुण-दोष को तब तक नहीं देखा और विचार नहीं किया जा सकता जब तक कि वह सुनवाई योग्य...
न्याय वितरण के लिए पूर्ण रूप से कार्यात्मक ई-जेल वेबसाइट आवश्यक: राजस्थान हाईकोर्ट ने डीजी जेल, अन्य को साइट के साथ मुद्दों को हल करने के लिए कहा
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने इस मुद्दे पर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय वितरण के लिए पूर्ण रूप से कार्यात्मक ई-जेल वेबसाइट आवश्यक है। इसका सही आकार में न होना न्यायालय के लिए चिंता का विषय है।जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ ने अपने आदेश में इस बात पर प्रकाश डाला कि हाईकोर्ट की समन्वय पीठों द्वारा निरंतर आदेश के रूप में पारित कई पूर्व आदेशों ने ई-जेल वेबसाइट को सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करने में सक्षम बनाया।...
सरकार ने पंजाब पुलिस को जज की सुरक्षा में तैनात न करने के हाईकोर्ट के आदेश को वापस लेने की मांग की
पंजाब सरकार ने 27 सितंबर को पारित पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए आवेदन दायर किया- जिसमें पंजाब पुलिस को मौजूदा हाईकोर्ट जज की सुरक्षा में तैनात न करने का निर्देश दिया गया था, जिन्होंने पंजाब की "जांच एजेंसियों की ओर से बड़े पैमाने पर चूक" को उजागर किया और जिनकी सुरक्षा हाल ही में एक घटना में खतरे में पड़ गई।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने जज की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए पंजाब पुलिस के बजाय "तटस्थ" पुलिस बल के अधिकारियों को तैनात...
पत्नी के व्यभिचार को साबित करने और अंतरिम भरण-पोषण का विरोध करने के लिए पति द्वारा प्रस्तुत सोशल मीडिया सामग्री का मूल्यांकन न्यायालय कर सकता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि पति पत्नी द्वारा शुरू की गई अंतरिम भरण-पोषण कार्यवाही का विरोध करने के लिए व्यभिचार की दलील दे सकता है और उस चरण में न्यायालय द्वारा सोशल मीडिया से प्राप्त साक्ष्यों पर विचार किया जा सकता है। जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा, "पति को पत्नी द्वारा व्यभिचार की दलील देने का अधिकार है; अंतरिम भरण-पोषण और कार्यवाही के व्यय (जिसे सामान्यतः मुकदमेबाजी व्यय के रूप में संदर्भित किया जाता है) के निर्णय से संबंधित कार्यवाही में; ताकि पत्नी द्वारा की गई...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नशा मुक्ति केंद्रों पर मनोचिकित्सकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया, कहा- नशे के आदी लोगों को मनोचिकित्सक की मदद दिलाने से तस्करी में कमी आएगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि नशे के आदी लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों और चंडीगढ़ यूटी के सलाहकार को सभी नशा मुक्ति केंद्रों पर नियमित आधार पर मनोचिकित्सकों की नियुक्ति करनी चाहिए। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा कि, "नशे के आदी लोगों को मनोरोग चिकित्सा उपलब्ध कराने से अंततः मांग में कमी आएगी, जिसका परिणाम आपूर्ति में कमी के रूप में सामने आएगा, जिससे नशीले पदार्थों की तस्करी में कमी आएगी।"ये टिप्पणियां पंजाब, हरियाणा और यूटी...
15 साल की सेवा पूरी करने के बाद, कर्मचारी को नगर निगम की ओर से नियुक्ति में प्रक्रियागत खामियों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि अपेक्षित योग्यता रखने वाले अंशकालिक शिक्षकों को 15-16 वर्ष की सेवा के बाद सेवाओं के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता, क्योंकि नगर निगम की ओर से ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति में प्रक्रियागत चूक हुई है। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा, "एक बार जब अभ्यर्थियों के पास अपेक्षित योग्यता हो और उन्हें विधिवत गठित चयन समिति द्वारा चुन लिया गया हो, तो चाहे एक समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया हो या नहीं, याचिकाकर्ताओं को निगम के अधिकारियों द्वारा की गई किसी भी चूक के लिए दंडित...
'मोटी रिश्वत लेने के लिए आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया', हाईकोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ पंजाब के पूर्व वन मंत्री की याचिका खारिज की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एक लोक सेवक होने के नाते उन्होंने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और 2017 से 2021 के अपने कार्यकाल के दौरान रिश्वत के रूप में मोटी रकम प्राप्त की। धर्मसोत 1992 से लगातार पांच बार विधायक रहे और 2017 से 2021 तक पंजाब में कैबिनेट मंत्री रहे। पंजाब के वन विभाग में अनियमितताओं (पेड़ों को काटने, अधिकारियों को स्थानांतरित करने, खरीद करने और...
यूएपीए | दिल्ली हाईकोर्ट ने यूएनएलएफ 'सेना प्रमुख', सहयोगियों की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका की स्वीकार्यता पर एनआईए की प्रारंभिक आपत्ति को खारिज किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को यूएपीए मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के स्वयंभू सेना प्रमुख और उनके दो सहयोगियों द्वारा दायर याचिका की स्वीकार्यता के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा उठाई गई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर दिया। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि याचिका स्वीकार्य है और मामले के गुण-दोष पर बहस के लिए इसे स्वीकार किया।तीनों आरोपियों को एनआईए ने 13 मार्च को गिरफ्तार किया था। यूएपीए मामले में आरोप लगाया गया है कि वे...
[S. 3(3) Of Interest Act, 1978] ब्याज केवल मूल राशि पर देय, न्यायालय द्वारा दिए गए ब्याज पर नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि ब्याज अधिनियम, 1978 (Interest Act) की धारा 3(3) के तहत ब्याज अवार्ड पर ब्याज नहीं लगाया जा सकता, यह केवल मूल राशि पर देय है।प्रतिवादी नंबर 3 के वकील बाल मुकुंद ने उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद, इलाहाबाद की देव प्रयागम योजना के तहत एमआईजी 45/75 प्रकार के मकान में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था। रजिस्ट्रेशन राशि के रूप में 20,000 रुपये जमा किए गए। इसके बाद उन्होंने लॉटरी ड्रा जीता और उन्हें इस शर्त के साथ आवंटन पत्र जारी किया गया कि 31.08.2005 तक 1,92,956/- रुपये...
विजयादशमी के अवसर पर प्रस्तावित RSS रूट मार्च को हाईकोर्ट से मिली मंजूरी
मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को विजयादशमी के अवसर पर अपने प्रस्तावित रूट मार्च का आयोजन करने की अनुमति दी।जस्टिस जी जयचंद्रन की एकल पीठ ने इस वर्ष जनवरी में हाईकोर्ट द्वारा रूट मार्च आयोजित करने के लिए जारी किए गए पूर्व दिशा-निर्देशों के अनुसार रूट मार्च करने की अनुमति दी। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की थी कि न्यायालय द्वारा पहले दिए गए विस्तृत दिशा-निर्देशों के बावजूद सरकार ने आदेशों का उल्लंघन किया, जिसके कारण आयोजकों को पुनः न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।अदालत...
राजकोट अग्निकांड मामला | 'कोई पछतावा नहीं': गुजरात हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्तों की प्रतिक्रिया पर निराशा व्यक्त की
गुजरात हाईकोर्ट ने 2021 से मई 2024 तक नगर निगम में तैनात तत्कालीन राजकोट नगर आयुक्तों को निर्देश दिया है कि वे "गलती करने वाले अधिकारियों" द्वारा अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने तथा पीड़ितों को मुआवजा देने के निर्देशों का पालन न करने सहित अन्य मुद्दों पर न्यायालय के पिछले आदेश का जवाब दें। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि वह मामले के दौरान राजकोट के नगर आयुक्तों के रूप में तैनात अधिकारियों के बयानों में "पश्चाताप की भावना" नहीं देख सकता है, साथ ही न्यायालय के समक्ष दायर हलफनामों...
राजस्थान हाईकोर्ट ने सड़क किनारे बच्चों के साथ रह रही विधवा के मामले में स्वतः संज्ञान लिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने 25 सितंबर, 2024 को एक क्षेत्रीय दैनिक में प्रकाशित "घबरा देने वाली, हृदय विदारक और समाज को झकझोर देने वाली" खबर का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें सड़क किनारे टेंट में रह रही एक विधवा की दो बेटियों सहित 4 नाबालिग बच्चों के साथ दुखद स्थिति के बारे में बताया गया।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने पाया कि कानूनों और योजनाओं के खराब क्रियान्वयन के कारण ऐसी स्थितियां पैदा हो रही हैं। राज्य सरकार को कानून के प्रावधानों के अनुसार बच्चों और महिला को उचित देखभाल, सुरक्षा और ध्यान देने का...
S.111 BNS | राज्य पहले गिरफ्तारी नहीं कर सकता और बाद में "संगठित अपराध" के सबूत नहीं जुटा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111 के तहत "संगठित अपराध" के लिए किसी व्यक्ति को उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया स्वीकार्य सबूत के बिना गिरफ्तार नहीं कर सकता।भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले नए कानून BNS ने धारा 111 के तहत संगठित अपराध को अपराध के रूप में जोड़ा है। यदि अपराध के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो अधिकतम निर्धारित सजा मृत्युदंड है।संगठित अपराध की परिभाषा इस प्रकार है- अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि हड़पना, ठेके पर...
गिर सोमनाथ में मुस्लिम धार्मिक और आवासीय स्थलों को ध्वस्त करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
औलिया औलिया-ए-दीन समिति-एक वक्फ के प्रबंधक ने मंगलवार (1 अक्टूबर) को गुजरात हाईकोर्ट से आग्रह किया कि राज्य अधिकारियों द्वारा मस्जिदों और कब्रों सहित मुस्लिम पूजा स्थलों को कथित तौर पर ध्वस्त करने के मामले में "यथास्थिति" बनाए रखने का निर्देश दिया जाए, जो 28 सितंबर को गिर सोमनाथ में किया गया।सभी पक्षकारों को सुनने के बाद जस्टिस संगीता के. विशेन की एकल न्यायाधीश पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और कहा, "गुरुवार को आदेश के लिए"।वक्फ द्वारा दायर याचिका - जिसका प्रतिनिधित्व इसके मुतवल्ली...