हाईकोर्ट
बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार सरपंच को मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के तहत 'कदाचार' के लिए सेवा से बर्खास्त नहीं किया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने हाल ही में माना कि पंचायत पदाधिकारियों को "कदाचार" के लिए हटाने और बलात्कार जैसे अपराधों के लिए आरोपित होने पर उनके निलंबन के बीच अंतर है, जो राज्य पंचायत कानून के अलग-अलग प्रावधानों के तहत हैं। ऐसा कहते हुए, न्यायालय ने बलात्कार की प्राथमिकी में दर्ज पंचायत सरपंच को हटाने की मांग करने वाली याचिका से संबंधित एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया।विधायी मंशा स्पष्ट, धारा 39 और 40 अलग-अलग क्षेत्रों मेंजस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस हिरदेश की...
Badlapur Sexual Assault: बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्कूल के चेयरमैन और सचिव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को बदलापुर के उस स्कूल के चेयरमैन और सचिव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की, जहां किंडरगार्टन में पढ़ने वाली दो नाबालिग लड़कियों के साथ शौचालय में सफाईकर्मी ने यौन उत्पीड़न किया था।एकल जज जस्टिस राजेश लड्ढा ने कहा कि यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम (POCSO Act) बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया था। इसलिए उन्होंने कहा कि बच्चों के हितों को अपराधियों के हितों से अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए।जस्टिस लड्ढा ने गिरफ्तारी से पहले की जमानत याचिकाओं को खारिज...
महिला आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने DHCBA, जिला बार एसोसिएशन के चुनाव 13 दिसंबर तक स्थगित किए
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (DHCBA) की कार्यकारी समिति और सभी जिला कोर्ट बार एसोसिएशनों के लिए चुनाव 13 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।चीफ़ जस्टिस मनमोहन सिंह, जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने डीएचसीबीए के सचिव द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया, जिसमें आगामी चुनावों को स्थगित करने की मांग की गई थी, जो 19 अक्टूबर को निर्धारित किए गए थे। मार्च में खंडपीठ ने कहा था कि दिल्ली में सभी बार एसोसिएशनों की कार्यकारी समिति...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने ISIS के कथित आतंकी को जमानत देने से इनकार किया, कहा- व्यक्तिगत स्वतंत्रता देश से बड़ी नहीं
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि जब भी राष्ट्रीय हित शामिल होता है या राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती दी जाती है, तो व्यक्तिगत स्वतंत्रता पृष्ठभूमि में चली जाती है, क्योंकि एक व्यक्ति उस राष्ट्र से बड़ा नहीं होता है जहां उसने जन्म लिया है।जस्टिस श्रीनिवास हरीश कुमार और जस्टिस जे एम खाजी की खंडपीठ ने आरोपी अराफत अली @ अराफत द्वारा दायर जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिस पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और आईपीसी के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं। खंडपीठ ने...
दिल्ली हाईकोर्ट ने दुबई स्थित जुमेराह और नोएडा के डेवलपर के बीच समझौते की अनुमति दी, जिसने अपनी परियोजनाओं में 'Burj' ट्रेडमार्क का इस्तेमाल किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दुबई की अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखला जुमैरा बीच रिजॉर्ट एलएलसी और एक रियल एस्टेट डेवलपर के बीच एक समझौते की अनुमति दी, जिसने अपनी परियोजनाओं में बुर्ज चिह्न और लोगो का इस्तेमाल किया था।इससे पहले, एकल न्यायाधीश की पीठ ने रियल एस्टेट डेवलपर डिजाइनआर्क को मुकदमा लंबित रहने तक 'बुर्जबैंगलोर', 'बुर्जमुंबई', 'बुर्जदिल्ली', 'बुर्जगुरुग्राम' और 'बुर्जगुड़गांव' चिह्नों का उपयोग करने से रोक दिया था। हालांकि, एकल न्यायाधीश ने 'बुर्जनोइडा' चिह्न के उपयोग की अनुमति दी थी क्योंकि आवासीय...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मां की हत्या करने और उसके अंगों को खाने वाले व्यक्ति की मौत की सजा बरकरार रखी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक व्यक्ति को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा, जिसने अपनी ही मां की बेरहमी से हत्या कर दी और बाद में उसके अंगों को खा लिया।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने खुली अदालत में फैसला सुनाया, जबकि अपीलकर्ता सुनील कुचकोरवी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से पेश किया गया। "यह एक दुर्लभतम मामला है, जिसमें अपीलकर्ता ने न केवल अपनी मां की हत्या की, बल्कि उसके मस्तिष्क, हृदय आदि जैसे अंगों को निकाल दिया और वह उसे स्टोव पर पकाने वाला था।...
बुजुर्ग या अशक्त होने से अपराध में सीधे तौर पर शामिल महिला को अग्रिम जमानत का अधिकार नहीं मिल जाता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि केवल वृद्ध या अशक्त होने से महिला को अग्रिम जमानत पर रिहा करने का अधिकार नहीं मिल जाता। जस्टिस अमित महाजन ने बहू से संबंधित दहेज हत्या के मामले में सास को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा, "इस मामले में, जहां आवेदक पर मृतका की दहेज की लगातार मांगों और उत्पीड़न में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप है, केवल वृद्ध महिला या अशक्त होने के कारण उसे अग्रिम जमानत का अधिकार नहीं मिल जाता।"मृतका की मां ने भारतीय दंड संहिता, 1860 की...
दिल्ली हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा पाए दोषियों के खिलाफ हत्या के आरोप को गैर इरादतन हत्या में बदला, कहा- मौत का कारण शरीर के केवल एक हिस्से पर जानबूझकर किया गया हमला नहीं हो सकता
दिल्ली हाईकोर्ट ने धारा 302 आईपीसी के तहत हत्या के मामले को धारा 304 भाग II आईपीसी के तहत गैर इरादतन हत्या में बदल दिया। कोर्ट ने इस आधार पर यह निर्णय लिया कि मृतक के साथ झगड़ा, जिसके कारण उसकी मृत्यु हुई, संयोग से हुआ था और इसलिए, उसकी मृत्यु का कारण बनने की कोई पूर्व योजना या इरादा नहीं था। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की खंडपीठ ट्रायल कोर्ट के आदेश को अपीलकर्ताओं की चुनौती पर विचार कर रही थी। ट्रायल कोर्ट ने अपीलकर्ता संख्या एक और दो को धारा 302 आईपीसी के तहत हत्या के लिए...
सिविल जज को धारा 92 सीपीसी या धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम, 1863 की धारा 2 के तहत दायर मुकदमे पर विचार करने का कोई अधिकार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि सिविल न्यायाधीश को धारा 92, सी.पी.सी. या धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम, 1863 के तहत दायर मुकदमे पर विचार करने का अधिकार नहीं है। जस्टिस सुभाष विद्यार्थी ने कहा कि,“उत्तर प्रदेश राज्य में धारा 92 सीपीसी और धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम, 1863 की धारा 2 के तहत मुकदमा केवल मूल अधिकार क्षेत्र वाले प्रधान सिविल न्यायालय यानी जिला न्यायाधीश के न्यायालय में ही दायर किया जा सकता है, किसी अन्य न्यायालय में नहीं। जिला न्यायाधीश स्वयं मुकदमे का फैसला कर सकते हैं या वे इसे अतिरिक्त जिला...
हिरासत में लिए गए सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के कई अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई, जिन्हें लद्दाख के लिए छठी अनुसूची का दर्जा मांगने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करते समय सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया है।एडवोकेट विक्रम हेगड़े ने चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया।इस मामले की सुनवाई 03 अक्टूबर को होने की संभावना है।याचिका में वांगचुक के नेतृत्व में सीनियर नागरिकों सहित व्यक्तियों के समूह को...
"हमारे देश में महिलाओं की गरिमा की पूजा की जाती है": एमपी हाईकोर्ट ने समझौता होने पर बलात्कार का मामला रद्द करने से इनकार किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले में बलात्कार और आपराधिक धमकी के आरोपों के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जबकि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका था। जस्टिस प्रेम नारायण सिंह ने कहा कि बलात्कार जैसे अपराधों के सामाजिक निहितार्थ होते हैं, उन्हें केवल आरोपी और पीड़ित के बीच समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता।जस्टिस प्रेम नारायण सिंह ने कहा कि “केवल समझौता करने से, आरोपों को कम या रद्द नहीं किया जा सकता क्योंकि अपराध...
इन्फ्लुएंसर पार्टनर के साथ बल्ताकार और उसको आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार YouTuber हाईकोर्ट पहुंचा
बलात्कार और अपनी प्रेमिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार 21 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बिनॉय ने जमानत के लिए केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।मृतक लड़की की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर IPC की धारा 363, 354डी, 376 (1), 312, 306, 34, धारा 4 सहपठित 3 (ए), 6 सहपठित 5 (1), 5 (जे) (आई), 5 (जे) (ii), 8 सहपठित 7, 10 सहपठित 9 (जे) (ii), 9 (ii), 12 सहपठित 11 (iv), 21 सहपठित 19 (1) के तहत अपराध दर्ज किया गया था।मामले की सुनवाई जस्टिस सी एस डायस की पीठ ने की, जिसने सरकारी...
हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दोषी को परिवीक्षा पर रिहा नहीं कर सकता, जब उसकी अपील सत्र न्यायालय में लंबित हो: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि लापरवाही से मौत के लिए धारा 304-ए के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को सत्र न्यायालय में अपील लंबित होने पर हाईकोर्ट परिवीक्षा पर रिहा करने पर विचार नहीं कर सकता। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि वैकल्पिक उपाय उपलब्ध है, इसलिए दोषी सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटा सकता।कोर्ट ने कहा,“इसलिए, सीआरपीसी की धारा 482 में निहित प्रतिबंध, हाईकोर्ट में निहित अधिकार क्षेत्र के कारण, तब लागू नहीं होता, जब कोई वैकल्पिक...
दिल्ली हाईकोर्ट ने कैदी अंकित गुज्जर हत्या मामले में तिहाड़ जेल के पूर्व अधिकारी को जमानत देने से किया इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में तिहाड़ जेल के पूर्व उपाधीक्षक को कैदी अंकित गुज्जर की हत्या के मामले में जमानत देने से इनकार किया। 29 वर्षीय कथित गैंगस्टर अंकित गुज्जर 2021 में जेल के अंदर मृत पाया गया था।जस्टिस सुधीर कुमार जैन ने अपराध की प्रकृति और गंभीरता तथा गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने की संभावना को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन जेल अधिकारी नरेंद्र मीना को जमानत देने से इनकार किया।अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे पता चले कि मुकदमे में देरी अगर कोई हुई...
धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 1978 के तहत मसौदा नियमों को छह महीने के भीतर अंतिम रूप दें: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश सरकार से कहा
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश राज्य से कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम, 1978 की धारा 8 के तहत नियमों को छह महीने के भीतर अंतिम रूप दे।जस्टिस कर्दक एटे और जस्टिस बुदी हाबुंग की खंडपीठ ने कहा“हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित अधिकारी अपने दायित्वों के प्रति सचेत रहेंगे। मसौदा नियमों को आज से 6(छह) महीने की अवधि के भीतर अंतिम रूप दे दिया जाएगा।”न्यायालय जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें यह मुद्दा उठाया गया कि राज्य के अधिकारी अरुणाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता...
किराए की राशि या वृद्धि के बारे में किसी वैध विवाद के अभाव में किरायेदार बॉम्बे किराया अधिनियम की धारा 12(3)(ए) के तहत बेदखली से बच नहीं सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि किराएदार द्वारा मानक किराए या अनुमत वृद्धि की राशि के बारे में किसी विवाद के अभाव में, किराएदार बॉम्बे किराया अधिनियम की धारा 12(3)(ए) के तहत बेदखली से बच नहीं सकता है, यदि किराए का भुगतान निर्दिष्ट समय के भीतर नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा,“इसलिए, मेरे विचार में, मांग नोटिस प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर धारा 11(3) के तहत मानक किराए के निर्धारण के लिए आवेदन दायर करके मानक किराए या अनुमत वृद्धि की राशि के बारे में प्रतिवादी द्वारा बनाए गए किसी भी वैध विवाद के...
1984 के सिख विरोधी दंगे: Congress नेता जगदीश टायलर की हत्या के आरोप के खिलाफ याचिका पर 29 नवंबर को होगी सुनवाई
कांग्रेस नेता जगदीश टायलर ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान तीन व्यक्तियों की हत्या से संबंधित मामले में उनके खिलाफ हत्या के आरोप तय किए जाने को चुनौती देते हुए मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने मामले की सुनवाई की और मामले को 29 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। हालांकि, अदालत ने आज याचिका पर नोटिस जारी नहीं किया।टायलर की ओर से सीनियर एडवोकेट अरविंद निगम पेश हुए। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का प्रतिनिधित्व एसपीपी अनुपम एस शर्मा और अधिवक्ता...
दिल्ली सरकार के आरोपपत्र में संदिग्ध कॉलम शामिल करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका, हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव को निर्णय लेने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह) को निर्देश दिया कि वह आपराधिक मामले में संदिग्ध का विवरण शामिल करने के लिए पुलिस आरोपपत्र में शामिल कॉलम 12 की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को प्रतिनिधित्व के रूप में विचार करें।याचिकाकर्ता जमशेद अंसारी ने यह घोषित करने की मांग की कि दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम रिपोर्ट फॉर्म का कॉलम 12 मनमाना है। यह दंड प्रक्रिया संहिता (CrPc) की धारा 173(2) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 में इसके संगत धारा 193(3) के तहत वैधानिक...
हिंदुत्व वॉच अकाउंट को ब्लॉक करने का केंद्र का फैसला अनुपातहीन: X ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया
X कॉर्प (ट्विटर) के नाम से जाना जाता था, ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी है कि केंद्र सरकार द्वारा हिंदुत्व वॉच अकाउंट को ब्लॉक करने का फैसला अनुपातहीन है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत निर्धारित सीमाओं से परे है।याचिका में अकाउंट को बहाल करने और ब्लॉक करने के लिए संबंधित रिकॉर्ड पेश करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई।ब्लॉकिंग आदेश तब पारित किया गया, जब केंद्र सरकार ने एक्स को नोटिस जारी किया, जिसमें उन यूआरएल की सूची संलग्न की गई, जिन्हें वह ब्लॉक करना...
आरोपी को डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार नहीं, न्यायालय 60 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी करने में विफल रहा: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि कोई व्यक्ति सिर्फ़ इस आधार पर डिफ़ॉल्ट जमानत का हकदार नहीं है कि मामले की सुनवाई दंड प्रक्रिया संहिता (CrPc) की धारा 437 (6) के तहत निर्धारित 60 दिनों के भीतर पूरी नहीं हुई।औरंगाबाद पीठ में बैठे जस्टिस संजय मेहरे की एकल पीठ ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के मामले में आरोपी महिला को जमानत देने से इनकार किया।पीठ ने याचिकाकर्ता लताबाई जाधव की मुख्य दलील पर गौर किया, जिन्होंने तर्क दिया कि वह डिफ़ॉल्ट जमानत की हकदार हैं, क्योंकि निचली अदालत मामले को साक्ष्य के लिए...