हाईकोर्ट
आपराधिक अदालतें अंतिम रिपोर्ट में अपराधों को छोड़कर या अंतिम रिपोर्ट में उल्लिखित अपराधों को शामिल करके आरोप तय कर सकती हैं: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि आपराधिक अदालतें अभियोजन के रिकॉर्ड के आधार पर आरोप तय कर सकती हैं, अंतिम रिपोर्ट में अपराधों को छोड़कर और यहां तक कि सीआरपीसी की धारा 228 और धारा 240 के अनुसार अंतिम रिपोर्ट में उल्लिखित अपराधों को भी शामिल नहीं कर सकती हैं।धारा 228 सत्र मामलों में आरोप तय करने से संबंधित है और धारा 240 वारंट मामलों की सुनवाई के लिए आरोप तय करने से संबंधित है। जस्टिस ए. बदरुद्दीन एक स्कूल वैन चालक आरोपी की पुनरीक्षण याचिका पर विचार कर रहे थे, जिस पर एक नाबालिग बच्चे के यौन उत्पीड़न का...
जमानत पर फैसला करते समय DNA रिपोर्ट पर विचार किया जा सकता है, अभियोजन पक्ष मुकदमे में इसकी वैधता को चुनौती दे सकता है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि जबकि अभियोजन पक्ष और शिकायतकर्ता मुकदमे के दौरान डीएनए विश्लेषण की वैधता को चुनौती देने का अधिकार रखते हैं, इस तरह की रिपोर्ट पर सुनवाई पूरी तरह से सामने आने से पहले जमानत याचिका के संदर्भ में विचार किया जा सकता है।याचिकाकर्ता को जमानत देते हुए, जिसके डीएनए परीक्षण ने उसे कथित तौर पर यौन उत्पीड़न से पैदा हुए बच्चे का जैविक पिता होने से इनकार कर दिया था, जस्टिस मोहम्मद यूसुफ वानी की पीठ ने स्वीकार किया कि डीएनए रिपोर्ट की कार्यवाही में...
हाईकोर्ट ने किसानों के भूमि रिकॉर्ड में शस्त्र लाइसेंस रद्द करने और रेड एंट्री के खिलाफ याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में पराली जलाने को रोकने और दंडित करने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री या किसानों के शस्त्र लाइसेंस रद्द करने सहित कथित प्रतिकूल कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।चीफ़ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील से निर्देश लेने और इस पर जवाब दाखिल करने को कहा। केएस राजू लीगल ट्रस्ट द्वारा दायर जनहित याचिका में एक समाचार पत्र में दावा किया गया है कि उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों ने...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य को सभी कर्मचारियों के अलग रह रहे जीवनसाथी को भरण-पोषण भत्ते के भुगतान के लिए दिशा-निर्देश बनाने का निर्देश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव और उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ के नियुक्ति और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को अपने कर्मचारियों के अलग रह रहे जीवनसाथी को भरण-पोषण भत्ते के भुगतान के लिए उचित दिशा-निर्देश बनाने का निर्देश दिया।जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डोनाडी रमेश की पीठ ने कहा,“यदि ऐसा समाधान किया जाता है तो सरकारी कर्मचारियों आदि के अलग रह रहे जीवनसाथी की मदद करने के अलावा यह उपाय सरकारी कर्मचारियों को...
S. 295 IPC | जमीन खोदते समय कब्र पर मिट्टी, पत्थर फेंकने से उसे नुकसान नहीं पहुंचता, इससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होतीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295 के तहत व्यवसायी के खिलाफ दर्ज की गई FIR खारिज करते हुए कहा कि कब्र के पास खुदाई का काम करते समय उस पर मिट्टी पत्थर आदि फेंकना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कब्र को नुकसान पहुंचाना नष्ट करना या अपवित्र करना नहीं माना जाएगा।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और संतोष चपलगांवकर की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता शेख तारिक मोहम्मद अब्दुल लतीफ ने कुछ लोगों को अपनी जमीन को समतल करने का निर्देश दिया, जो कब्र से सटी हुई। जजों ने कहा कि खुदाई के दौरान कब्र पर...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति देने वाले आदेश पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें सरकार के उस आदेश पर सवाल उठाया गया। इसके तहत उसने वक्फ बोर्ड को विवाहित मुस्लिम आवेदकों को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति दी।चीफ जस्टिस एन वी अंजारिया और जस्टिस के वी अरविंद की खंडपीठ ने ए आलम पाशा द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। राज्य सरकार को 12 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।सरकारी वकील द्वारा मौखिक रूप से प्रस्तुत किया गया कि बोर्ड को केवल विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए...
दिल्ली हाईकोर्ट ने ANI द्वारा लंबित मानहानि मुकदमे पर विकिपीडिया पेज हटाने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को समाचार एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) द्वारा प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर 2 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे के बारे में लंबित कार्यवाही पर विकिपीडिया पर पेज हटाने का आदेश दिया।चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि पेज पर एकल न्यायाधीश के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियां की गई थीं, जो प्रथम दृष्टया अवमाननापूर्ण थीं।विवादित विकिपीडिया पेज का टाइटल "एशियन न्यूज इंटरनेशनल बनाम विकिमीडिया फाउंडेशन" है।इसमें लिखा है कि मामले में जज ने भारत सरकार को देश...
वाडिया ट्रस्ट को धर्मार्थ गतिविधियों के लिए धन जुटाने के लिए भूमि विकसित करने का अधिकार: बॉम्बे हाईकोर्ट
सार्वजनिक ट्रस्ट द्वारा मांगी गई राय के संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट ने देखा है कि ट्रस्ट को अपनी धर्मार्थ गतिविधियों के लिए राजस्व जुटाने के लिए स्लम पुनर्वास योजना को क्रियान्वित करने के लिए अकेले या संयुक्त उद्यम के माध्यम से अपनी भूमि पर विकास गतिविधियां करने का अधिकार है।मामले की पृष्ठभूमिजस्टिस अभय आहूजा की एकल न्यायाधीश पीठ ए.एच. वाडिया ट्रस्ट (वादी नंबर 1) के ट्रस्टियों (वादी नंबर 2 से 5) द्वारा दायर किए गए मूल समन पर विचार कर रही थी।मूल समन के माध्यम से वादीगण ने न्यायालय से इस बारे में...
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्थानीय भाषा में समझौते की सामग्री का अनुवाद करने में विफल रहने पर मध्यस्थता केंद्र के प्रभारी को तलब किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कड़कड़डूमा न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र के प्रभारी को शिकायतकर्ता महिला को उसके द्वारा समझी जाने वाली स्थानीय भाषा में समझौता समझौते की सामग्री का अनुवाद करने में विफल रहने पर तलब किया।जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने कहा कि यद्यपि अदालती कार्यवाही और दस्तावेज़ीकरण के लिए आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है लेकिन संबंधित प्राधिकारी का कर्तव्य है कि वह ऐसे दस्तावेजों की सामग्री का अनुवाद उस व्यक्ति के लिए करे जो उस भाषा से अच्छी तरह वाकिफ नहीं है।अदालत ने कहा,"संबंधित प्राधिकारी का...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आधार आवेदन पर मुस्लिम बनकर सनातन धर्म अपनाने वाले आरोपी को राहत देने से किया इनकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में व्यक्ति (आरिफ हुसैन उर्फ सोनू सिंह) को राहत देने से इनकार किया। उक्त व्यक्ति पर हिंदू महिला (इंफॉर्मेंट) को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने, अपना असली नाम और धर्म छिपाकर उसके साथ बलात्कार करने और उसके बाद उसे अपने साथ शादी करने के लिए मजबूर करने का आरोप है।आरोपी का कहना है कि उसने 15 साल पहले सनातन धर्म अपना लिया था। 2009 में आर्य समाज मंदिर में पीड़िता से शादी की थी लेकिन जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने कहा कि 2009 में कथित तौर पर इस्लाम...
दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट की आत्महत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए 5 वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम के लिए उपस्थिति आवश्यकताओं पर बीसीआई का स्टैंड पूछा
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में पांच वर्षीय एलएलबी डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए उपस्थिति आवश्यकताओं के संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की कानूनी शिक्षा समिति से उसके स्टैंड के बारे में पूछा है। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की खंडपीठ ने बीसीआई की कानूनी शिक्षा समिति को अपनी स्थिति को अंतिम रूप देने के लिए एक वर्चुअल बैठक आयोजित करने को कहा और निर्देश दिया कि दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर किया जाए।पीठ 2016 में दिल्ली के एमिटी लॉ स्कूल के छात्र सुशांत रोहिल्ला की आत्महत्या...
अनुबंध समाप्ति और पंजीकरण निलंबन के लिए अलग-अलग नोटिस जारी किए जाने चाहिए, भले ही दोनों कार्रवाई का कारण एक ही हो: एमपी हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने हाल ही में उचित प्रक्रिया के अभाव में राज्य लोक निर्माण विभाग के साथ एक ठेकेदार के पंजीकरण के निलंबन को रद्द कर दिया। याचिकाकर्ता ने एक निर्माण अनुबंध की समाप्ति के बाद अपने पंजीकरण के निलंबन को चुनौती दी थी। न्यायालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ब्लैकलिस्टिंग या निलंबन जैसे किसी भी उपाय में एक निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें एक अलग कारण बताओ नोटिस जारी करना और सुनवाई का अवसर देना शामिल है।जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी...
केवल इसलिए कि राज्य या नगर परिषद मुकदमे में पक्षकार हैं, यह नहीं माना जा सकता कि राजस्व अधिकारी दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम करेंगे: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने भूमि सीमांकन के लिए अनुरोध को अस्वीकार करने के मुद्दे पर विचार किया। मामले में राज्य और नगर परिषद विवाद में पक्ष थे। न्यायालय ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने बिना किसी वैध आधार के राजस्व अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला था। न्यायालय ने पाया कि यह मानने का कोई औचित्य नहीं है कि राजस्व अधिकारी केवल इसलिए दुर्भावना से काम करेंगे क्योंकि राज्य और नगर परिषद मुकदमे में शामिल थे।कोर्ट ने कहा, "केवल इसलिए कि राज्य या नगर परिषद मुकदमे में पक्ष है, यह नहीं...
'बेबुनियाद आरोप': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटी से बलात्कार के आरोपी पति की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली महिला पर ₹20 हजार का जुर्माना लगाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महिला की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपने पति को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की थी, जिस पर उसने अपनी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया है। जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, क्योंकि उन्होंने प्रथम दृष्टया पाया कि उसके पति/आरोपी को जमानत देने के आदेश में निचली अदालत ने पाया था कि आवेदक-पत्नी द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद और लापरवाही भरे थे।अदालत ने कहा, "इस अदालत को यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि...
ड्राइवर को इसलिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि जिस दुर्घटना के कारण मौतें हुईं, उसमें वह बच गया: पीएंडएच हाईकोर्ट ने ट्रक ड्राइवर को लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में बरी किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2012 के लापरवाही से वाहन चलाने के मामले में एक ट्रक चालक को बरी कर दिया है, जिसमें वाहनों की आमने-सामने की टक्कर में दो यात्रियों की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति कुलदीप तिवारी ने कहा, "याचिकाकर्ता का कार्य लापरवाही से या गलती से किया गया था, यह उचित संदेह से परे साबित होना चाहिए, और केवल इसलिए कि दुर्भाग्यपूर्ण वाहन में दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है, और याचिकाकर्ता ड्राइविंग सीट पर होने के कारण बच गया है, याचिकाकर्ता के अपराध को मानने के लिए पर्याप्त नहीं...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'नग्न महिला के आकार के पेपरवेट पर हाथ फेरकर' महिला की गरिमा का हनन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) के एक अधीक्षक अभियंता के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को खारिज कर दिया। अभियंता पर एक महिला कर्मचारी की गरिमा का हनन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने शिकायकर्ता महिला की मौजूदगी एक पेपरवेट पर हाथ घुमाया था, जिसके बारे में शिकायतकर्ता ने कहा था कि यह 'नग्न महिला' की आकृति वाला था। जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस संतोष चपलगांवकर की खंडपीठ ने MSEDCL में एक कार्यकारी अभियंता, जो आवेदक से...
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना कर्मचारी के अनुशासनात्मक दंड को चुनौती देने के अधिकार को समाप्त नहीं करती: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड की ओर से दायर एक अपील पर फैसला सुनाते हुए पूर्व कर्मचारी डीपी शर्मा के पक्ष में दिए गए पिछले आदेश को बरकरार रखा। जस्टिस सी हरि शंकर और जस्टिस सुधीर कुमार जैन की खंडपीठ ने बीएसईएस के इस दावे को खारिज कर दिया कि डीपी शर्मा ने विशेष स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (एसवीआरएस) का विकल्प चुनने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई को चुनौती देने का अपना अधिकार खो दिया है, और पुष्टि की कि वेतन संशोधन जैसे कुछ वित्तीय लाभ अभी भी मांगे जा सकते...
राजस्थान हाईकोर्ट ने नामांकन में हुई चूक के बावजूद 'अनपढ़' विधवा को पारिवारिक पेंशन जारी करने का आदेश दिया, रेलवे पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया
राजस्थान हाईकोर्ट ने बीमा योजना के लिए नामांकन फॉर्म में नाम न होने के बावजूद रेलवे विभाग को मृतक कर्मचारी की 'अशिक्षित' विधवा और बेटियों को पारिवारिक पेंशन देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रक्रियागत खामियों के कारण किसी नागरिक के मौलिक अधिकार को अस्वीकार नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब पीड़ित व्यक्ति अशिक्षित हो। कोर्ट ने कहा, “कानून की यह स्थापित स्थिति है कि ऐसे मामलों में जहां पीड़ित व्यक्ति अशिक्षित है या कानूनी औपचारिकताओं के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है, उसे कानून की तकनीकी और...
वाहक चेक के फिजिकल कब्जे में व्यक्ति को इसका लाभार्थी माना जाता है, जब तक साबित न हो जाए: राजस्थान हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी की FIR खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए दर्ज तीन लोगों के खिलाफ़ दर्ज की गई FIR खारिज की। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि पूर्व ने गलत तरीके से एक खाली हस्ताक्षरित चेक का इस्तेमाल किया, जो उसके साहूकार को सुरक्षा के रूप में दिया गया था और नकली मूल्य भरकर इसे किसी और को दे दिया।जस्टिस अरुण मोंगा की एकल पीठ ने फैसला सुनाया कि वाहक चेक परक्राम्य साधन हैं, जो व्यक्ति इन चेकों के फिजिकल कब्जे में था। उसे इसके लाभार्थी मालिक माना जाता है, जब तक कि साबित न हो जाए।शिकायतकर्ता ने दावा...
उप-विभागीय अधिकारी केवल तहसीलदार से सहमत नहीं हो सकते, उन्हें रिकॉर्ड में सुधार को अस्वीकार करने के अपने आदेश के लिए कारण बताना चाहिए: एमपी हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि उप-विभागीय अधिकारी केवल यह कहकर अपने आदेश को कायम नहीं रख सकते कि वे क्षेत्र के तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से सहमत हैं। आदेश के निष्कर्षों का समर्थन करने के लिए कारण अवश्य दिए जाने चाहिए।जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया ने राजस्व अभिलेखों में सुधार के लिए याचिकाकर्ता का आवेदन खारिज करने वाले SDO द्वारा पारित अतार्किक आदेश खारिज किया और तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का जवाब देने के लिए पक्षों को सुनवाई का पूरा अवसर प्रदान करने के बाद मामले को नए सिरे से...