इलाहाबाद हाईकोर्ट में राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने वाली याचिका खारिज
Amir Ahmad
14 May 2025 9:57 AM

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस (Congress) नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नागरिकता रद्द करने और विदेश यात्रा पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) को याचिकाकर्ता की मांग पर खारिज की।
यह याचिका भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े सदस्य एस. विग्नेश शिशिर ने दायर की थी।
जस्टिस अत्ताउ रहमान मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव-1 की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि यह मामला पहले भी दो बार उठ चुका है और याचिकाकर्ता के पास कोई नया या ठोस साक्ष्य नहीं है।
दिलचस्प बात यह है कि यह राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा दायर की गई तीसरी याचिका थी। इससे पहले की दोनों याचिकाएं भी अदालत ने बिना किसी ठोस राहत के खारिज कर दी थीं। इस बार की याचिका उन्होंने अपनी पिछली याचिका खारिज होने के चार दिन बाद दाखिल की थी।
पिछली सुनवाई (5 मई) में कोर्ट ने शिशिर को अन्य कानूनी विकल्प अपनाने की छूट दी थी, क्योंकि केंद्र सरकार ने कहा था कि वे इस मामले पर निर्णय के लिए समय-सीमा नहीं बता सकते।
वर्तमान सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि चूंकि पहले ही याचिकाकर्ता को अन्य उपाय अपनाने की स्वतंत्रता दी गई इसलिए इस याचिका में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं बनता।
कोर्ट ने कहा,
"जब तक हमारे सामने कोई कानूनी रूप से मान्य साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जाता, हम इस मामले में दखल नहीं दे सकते। यह हमारा क्षेत्राधिकार नहीं है। हमारे पास केंद्र सरकार की कोई राय भी नहीं है।"
विग्नेश ने कोर्ट को बताया कि उन्हें ब्रिटेन सरकार से जानकारी मिली है कि राहुल गांधी का ब्रिटिश पासपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजा गया है। उन्होंने गृह मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की कि गांधी का पासपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
कोर्ट ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि चूंकि याचिकाकर्ता पहले ही गृह मंत्रालय को इस बारे में आवेदन दे चुके हैं उन्हें उनके निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
कोर्ट ने यह भी पूछा कि पासपोर्ट की प्रमाणिकता किसने जांची और यह किस प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया था। जब याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके पास एक वीडियो है, जिसमें गांधी किसी अन्य देश का पासपोर्ट पकड़े हुए दिख रहे हैं तो कोर्ट ने उन्हें सलाह दी कि वह इसके लिए आरटीआई दाखिल कर सकते हैं।
कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार ने गांधी को इस संबंध में कोई नोटिस जारी किया है?
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि ऐसा एक नोटिस जारी किया गया।
इन तमाम तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज की, लेकिन याचिकाकर्ता को आदेश की समीक्षा याचिका दाखिल करने की छूट दी।
मामला
इस याचिका में मांग की गई कि राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द की जाए, क्योंकि वे भारत के नागरिक नहीं हैं। साथ ही उनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाए, क्योंकि उन्होंने भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए कथित रूप से झूठी जानकारी दी।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि जब तक यह मामला लंबित है, गांधी को देश से बाहर यात्रा करने से रोका जाए, क्योंकि उन्हें भारत छोड़ने और किसी अन्य देश में शरण लेने की संभावना है।
इससे पहले की याचिका में उन्होंने राहुल गांधी का निर्वाचन प्रमाणपत्र रद्द करने और उनकी कथित ब्रिटिश नागरिकता की CBI जांच की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने गृह मंत्रालय के विदेशी शाखा में नागरिकता रद्द करने की विस्तृत शिकायत भी दी है।
यह शिकायत नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) और नागरिकता नियम 2009 के नियम 40(2) एवं अनुसूची III के तहत दी गई थी।
शिकायत में यह भी बताया गया कि याचिकाकर्ता ने यूके सरकार से गांधी की नागरिकता को लेकर जानकारी मांगी थी। वर्ष 2022 में एक अन्य व्यक्ति (वी.एस.एस. शर्मा) को यूके से जवाब मिला था, जिसे उन्होंने याचिकाकर्ता से साझा किया। याचिका में दावा किया गया कि इन ईमेल्स में राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता का जिक्र है।