हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2001 में सेवामुक्त हुए विकलांग सैनिक के लिए विकलांगता लाभ को तीन वर्ष तक सीमित करने की मांग वाली सेना की याचिका खारिज की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2001 में सेवामुक्त हुए विकलांग सैनिक के लिए विकलांगता लाभ को तीन वर्ष तक सीमित करने की मांग वाली सेना की याचिका खारिज की

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यू‌नियन ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें विकलांगता पेंशन के "ब्रॉड-बैंडिंग" के बकाया को 2001 में विकलांग सैनिक की सेवामुक्ति की तिथि से तीन वर्ष की अवधि तक सीमित करने की मांग की गई थी। 30% विकलांगता वाले आवेदक को पेंशन के विकलांगता तत्व का 50% पर पूर्णांकित लाभ प्राप्त करने का अधिकार है, जैसा कि केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार विकलांगता पेंशन का "ब्रॉड-बैंडिंग" कहा जाता है।न्यायालय ने यूनियन के इस तर्क को खारिज कर दिया कि राउंडिंग लाभ...

सीआरपीसी | मजिस्ट्रेट को प्रक्रिया जारी करने के चरण में विस्तृत आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं, विवेक का प्रयोग महत्वपूर्ण: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
सीआरपीसी | मजिस्ट्रेट को प्रक्रिया जारी करने के चरण में विस्तृत आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं, विवेक का प्रयोग महत्वपूर्ण: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने माना कि जब मजिस्ट्रेट दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 190/204 के तहत प्रक्रिया जारी करता है तो औपचारिक या तर्कपूर्ण आदेश अनिवार्य नहीं होता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि मजिस्ट्रेट का आदेश मामले पर विचार-विमर्श का संकेत दे। जस्टिस राजेश ओसवाल ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 494, 109 और 34 के तहत कथित अपराधों से जुड़े एक मामले में प्रक्रिया जारी करने को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। यह मामला प्रतिवादी कंचन देवी की शिकायत पर...

बहू को टीवी देखने, पड़ोसियों से मिलने, अकेले मंदिर जाने और कालीन पर सोने की अनुमति न देना क्रूरता नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बहू को टीवी देखने, पड़ोसियों से मिलने, अकेले मंदिर जाने और कालीन पर सोने की अनुमति न देना क्रूरता नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने मृतक पत्नी के साथ क्रूरता करने के लिए एक व्यक्ति और उसके परिवार को दोषी ठहराने वाले 20 साल पुराने आदेश को खारिज करते हुए कहा कि मृतक को ताना मारने, उसे टीवी देखने नहीं देने, उसे अकेले मंदिर नहीं जाने देने और उसे कालीन पर सुलाने के आरोप आईपीसी की धारा 498ए के तहत क्रूरता का अपराध नहीं बनेंगे, क्योंकि इनमें से कोई भी कृत्य "गंभीर" नहीं था। ऐसा करते हुए, हाईकोर्ट ने पाया कि आरोपों की प्रकृति शारीरिक और मानसिक क्रूरता नहीं बन सकती क्योंकि आरोप आरोपी के घर के...

यूपी राजस्व संहिता | मौखिक सेल डीड के आधार पर धारा 144 के तहत दायर मुकदमे में धारा 38 (1) के तहत कार्यवाही के निष्कर्षों का खुलासा करना होगा, यदि कोई हो: इलाहाबाद हाईकोर्ट
यूपी राजस्व संहिता | मौखिक सेल डीड के आधार पर धारा 144 के तहत दायर मुकदमे में धारा 38 (1) के तहत कार्यवाही के निष्कर्षों का खुलासा करना होगा, यदि कोई हो: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक निर्णय में कहा कि मौखिक सेल डीड और कथित कब्जे के आधार पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 144 के तहत दायर मुकदमे में सेल डीड के संबंध में संहिता की धारा 38 (1) के तहत कार्यवाही के निष्कर्ष शामिल होने चाहिए। संदर्भ के लिए, 2006 संहिता की धारा 144 का संबंध काश्तकारों द्वारा घोषणात्मक मुकदमों से है और धारा 38 (1) मानचित्र, दाखिल-किताब (खसरा) या अधिकारों के अभिलेख (खतौनी) में किसी त्रुटि या चूक के सुधार के लिए संबंधित तहसीलदार को किए जाने वाले आवेदन से है। इस मामले...

जब दावा अपंजीकृत गिफ्ट डीड पर आधारित हो तो हस्तक्षेपकर्ता बंटवारे के मुकदमे में पक्षकार के रूप में शामिल होने पर जोर नहीं दे सकता: पटना हाईकोर्ट
जब दावा अपंजीकृत गिफ्ट डीड पर आधारित हो तो हस्तक्षेपकर्ता बंटवारे के मुकदमे में पक्षकार के रूप में शामिल होने पर जोर नहीं दे सकता: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने बंटवारे के मुकदमे में हस्तक्षेपकर्ता को पक्षकार बनाने की अनुमति संबंधी आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका स्वीकार किया है। हाईकोर्ट ने निर्णय में कहा कि हस्तक्षेपकर्ता मुकदमे में पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने पर जोर नहीं दे सकता क्योंकि उसका दावा अपंजीकृत गिफ्ट डीड पर आधारित था। ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि हस्तक्षेपकर्ता मुकदमे की संपत्ति पर अपने अधिकार और स्वा‌मित्व के आधार पर अपनी स्वतंत्र क्षमता में अपना दावा कर सकता है, जिसमें ऐसे दावे को याचिकाकर्ता के दावे से अलग से तय...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, सेक्स से इनकार को तभी विवाह विच्छेद का आधार बनाया जा सकता है, जब ऐसा लंबी अवधि के लिए जारी रहे
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, सेक्स से इनकार को तभी विवाह विच्छेद का आधार बनाया जा सकता है, जब ऐसा लंबी अवधि के लिए जारी रहे

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि यौन संबंध से इनकार करने के आधार पर विवाह विच्छेद की मांग करने के लिए, यह प्रदर्शित किया जाना चाहिए कि यह इनकार लंबे समय से एक सुसंगत और जारी मुद्दा रहा है।जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डोनाडी रमेश की पीठ ने यह भी कहा कि पक्ष किस प्रकार की शारीरिक अंतरंगता बनाए रखने में सक्षम हो सकते हैं, यह मुद्दा न्यायिक निर्धारण के अधीन नहीं है।कोर्ट ने कहा, “शारीरिक अंतरंगता के संबंध में, पक्ष किस तरह का संबंध बनाए रखने में सक्षम हो सकते हैं, यह मुद्दा न्यायोचित...

मैच फिक्सिंग फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, कहा- फिल्म मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है, समुदायों के बीच तनाव बढ़ाती है
'मैच फिक्सिंग' फिल्म के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, कहा- फिल्म मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है, समुदायों के बीच तनाव बढ़ाती है

बॉम्बे हाईकोर्ट विवादास्पद फिल्म "मैच फिक्सिंग - द नेशन इज एट स्टेक" की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर सकता है। यह फिल्म 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस पर आधारित है। फिल्म पर आरोप है कि यह मुसलमानों के खिलाफ नकारात्मक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है। याचिका में इस आधार पर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है कि फिल्म के ट्रेलर में ही कई 'निराधार और झूठे' स्टीरियोटाइप हैं, जिनमें मुसलमानों को हिंसा के अपराधी और देश के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने वाले के रूप में...

साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिए तय दिन से 60 दिनों के भीतर ट्रायल समाप्त नहीं हुआ: राजस्थान हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में जमानत देने के लिए S.480 BNSS का हवाला दिया
साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिए तय दिन से 60 दिनों के भीतर ट्रायल समाप्त नहीं हुआ: राजस्थान हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में जमानत देने के लिए S.480 BNSS का हवाला दिया

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका को मंजूरी दी, धारा 480(6) BNSS के आधार पर धारा 420 और 406 IPC के तहत आरोप तय किए गए, क्योंकि मामले में साक्ष्य लेने के लिए तय की गई तारीख से साठ दिनों के भीतर मुकदमा समाप्त नहीं हुआ था और आरोपी दो साल से अधिक समय से हिरासत में था।धारा 480(6) BNSS में प्रावधान है कि मजिस्ट्रेट द्वारा सुनवाई योग्य किसी मामले में यदि किसी गैर-जमानती अपराध के आरोपी का मुकदमा साक्ष्य लेने के लिए तय की गई पहली तारीख से साठ दिनों के भीतर समाप्त नहीं हुआ। आरोपी पूरी अवधि के...

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोमा में पड़े पति की संरक्षक बनने की पत्नी की याचिका स्वीकार की
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोमा में पड़े पति की संरक्षक बनने की पत्नी की याचिका स्वीकार की

अपनी तरह के पहले आदेश में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पत्नी की याचिका स्वीकार की, जिसने कोमा में पड़े अपने पति की संरक्षकता की मांग की थी, जो कि बिस्तर पर लेटा हुआ है।याचिकाकर्ता-पत्नी ने अपने पति की संरक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसने पति की संपत्ति की देखभाल करने, उसके बैंक खातों का प्रबंधन करने और उसके नाम पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार मांगा।याचिकाकर्ता को उसके पति का संरक्षक नियुक्त करने के लिए कोई कानून नहीं है, इसलिए जस्टिस पंकज पुरोहित की एकल पीठ ने...

लड़की द्वारा होटल का कमरा बुक करना और लड़के के साथ उसमें प्रवेश करना सेक्स के लिए सहमति देना नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
लड़की द्वारा होटल का कमरा बुक करना और लड़के के साथ उसमें प्रवेश करना सेक्स के लिए सहमति देना नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि भले ही कोई लड़की किसी पुरुष के साथ होटल का कमरा बुक करती है और कमरे के अंदर जाती है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसने यौन संबंध के लिए सहमति दी है।एकल जज जस्टिस भारत देशपांडे ने 3 मार्च, 2021 को मडगांव में ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक व्यक्ति को बलात्कार के आरोप से मुक्त कर दिया गया था। ट्रायल कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि लड़की ने होटल में कमरा बुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए उसने कमरे के अंदर हुई...

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को मुस्लिम विवाहों का समयबद्ध तरीके से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को मुस्लिम विवाहों का समयबद्ध तरीके से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत संपन्न विवाहों का रजिस्ट्रेशन दिल्ली (विवाह का अनिवार्य पंजीकरण) आदेश, 2014 के अनुसार ऑनलाइन किया जाए।जस्टिस संजीव नरूला ने मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर गौर करने और 04 जुलाई को पारित निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जिसमें दिल्ली सरकार को सरकारी ऑनलाइन पोर्टल पर मुस्लिम विवाहों का रजिस्ट्रेशन सक्षम करने के लिए तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया गया।न्यायालय ने...

आपराधिक और विभागीय कार्यवाही में आरोप और साक्ष्य समान हो तो आपराधिक मामले में बरी होने पर कर्मचारी विभागीय कार्यवाही से मुक्त हो जाता है: केरल हाईकोर्ट ने दोहराया
आपराधिक और विभागीय कार्यवाही में आरोप और साक्ष्य समान हो तो आपराधिक मामले में बरी होने पर कर्मचारी विभागीय कार्यवाही से मुक्त हो जाता है: केरल हाईकोर्ट ने दोहराया

केरल हाईकोर्ट की एक खंडपीठ, जिसमें जस्टिस अनिल के नरेन्द्रन और जस्टिस पीजी अजितकुमार शामिल थे, उन्होंने सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिस कांस्टेबल को बहाल करने के केरल प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा। उस आदेश में कहा गया था कि केरल पुलिस अधिनियम, 2011 की धारा 101(8) उन्हीं तथ्यों के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई को रोकती है, जिसके आधार पर आपराधिक कार्यवाही में बरी किया गया था। न्यायालय ने अन्य सभी सेवा लाभ प्रदान करते हुए बकाया वेतन को तीन वर्ष तक सीमित कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में...

क्या पत्नी को दिए गए भरण-पोषण आदेश के निष्पादन में पेंशन को कुर्क किया जा सकता है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को सौंपा
क्या पत्नी को दिए गए भरण-पोषण आदेश के निष्पादन में पेंशन को कुर्क किया जा सकता है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को सौंपा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भरण-पोषण आदेश से उत्पन्न निष्पादन कार्यवाही में निर्णय-ऋणी की पेंशन जब्त की जा सकती है या नहीं, इस प्रश्न को बड़ी पीठ को सौंप दिया है। जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने स्पष्ट किया कि न तो पत्नी या नाबालिग बच्चों को दिया गया भरण-पोषण भत्ता 'ऋण' माना जा सकता है और न ही पत्नी या नाबालिग बच्चों को किसी भी तरह से 'लेनदार' माना जा सकता है। इसलिए पेंशन अधिनियम की धारा 11 और सीपीसी की धारा 60 के तहत छूट निष्पादन कार्यवाही में याचिकाकर्ता/निर्णय-ऋणी को नहीं दी जा सकती।...

S.60 Indian Evidence Act| तथ्य देखने या सुनने वाले व्यक्ति को प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रदान करने वाला कहा जा सकता है: झारखंड हाईकोर्ट
S.60 Indian Evidence Act| तथ्य देखने या सुनने वाले व्यक्ति को प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रदान करने वाला कहा जा सकता है: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने साक्ष्य अधिनियम की धारा 60 के तहत प्रत्यक्ष साक्ष्य की विश्वसनीयता पर जोर देते हुए कांस्टेबल की हत्या की सजा बरकरार रखी।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रत्यक्षदर्शी द्वारा दी गई गवाही, जिसने किसी तथ्य को प्रत्यक्ष रूप से देखा या सुना हो, प्रत्यक्ष साक्ष्य होती है।जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने कहा,“सूचना देने वाला घटना का प्रत्यक्ष प्रत्यक्षदर्शी है। इसे अफवाह नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उसने गोलीबारी की आवाज सुनी थी। घटना के तुरंत बाद अपीलकर्ता को गिरफ्तार...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पगड़ी न पहनने वाली सिख महिलाओं सहित बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने वाली महिलाओं को जारी किए गए चालानों का डेटा मांगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पगड़ी न पहनने वाली सिख महिलाओं सहित बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने वाली महिलाओं को जारी किए गए चालानों का डेटा मांगा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यू.टी. चंडीगढ़ की सरकारों से बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने वाली या पीछे बैठने वाली महिलाओं को जारी किए गए चालानों की संख्या के बारे में डेटा मांगा।यह घटनाक्रम 2017 में बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने वाली महिला सवारियों, विशेष रूप से पगड़ी न पहनने वाली सिख महिलाओं से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि पर स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की पीठ ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 में 15 जून,...

जम्मू-कश्मीर आरक्षण नियम | शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 4% कोटा समग्र क्षैतिज आरक्षण, विभाजित नहीं: हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर आरक्षण नियम | शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 4% कोटा समग्र क्षैतिज आरक्षण, विभाजित नहीं: हाईकोर्ट

शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण नियमों के संबंध में महत्वपूर्ण प्रश्न का समाधान करते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर आरक्षण नियम 2005 में उल्लिखित शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 4% आरक्षण समग्र क्षैतिज आरक्षण है, जो व्यापक रूप से लागू होता है। एक खंडित श्रेणी-विशिष्ट कोटा के रूप में कार्य नहीं करता है।जम्मू कश्मीर आरक्षण नियम 2005 के संशोधित नियम 4 के अधिदेश पर विस्तार से बताते हुए जस्टिस रजनीश ओसवाल और जस्टिस संजय धर की खंडपीठ ने...

राजस्थान पंचायती राज नियमों के तहत चुनाव न्यायाधिकरण का विवेकाधिकार साक्ष्य दर्ज करने के लिए आयुक्त नियुक्त करने में सक्षम: हाईकोर्ट
राजस्थान पंचायती राज नियमों के तहत चुनाव न्यायाधिकरण का विवेकाधिकार साक्ष्य दर्ज करने के लिए आयुक्त नियुक्त करने में सक्षम: हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने फैसला सुनाया कि राजस्थान पंचायती राज (चुनाव) नियमों के नियम 85 ने चुनाव न्यायाधिकरण को गवाह की जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने से नहीं रोका, क्योंकि नियम के परंतुक (b) में प्रदान किए गए विवेक ने प्रावधान को सक्षम बनाया है न कि निषेधात्मक है।ऐसा करते हुए अदालत ने चुनाव न्यायाधिकरण के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता के चुनाव को चुनौती देने वाली 72 वर्षीय महिला को अदालत आयुक्त के माध्यम से अपना साक्ष्य दर्ज करने की अनुमति...

अपार्टमेंट का कब्जा देने में 12 साल से अधिक की देरी, राजस्थान RERA ने सहारा प्राइम सिटी को रिफंड का दिया निर्देश
अपार्टमेंट का कब्जा देने में 12 साल से अधिक की देरी, राजस्थान RERA ने सहारा प्राइम सिटी को रिफंड का दिया निर्देश

राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की बेंच बेंच ने सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड को होमबॉयर द्वारा भुगतान की गई राशि ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया । होमबॉयर को अगस्त, 2009 में एक अपार्टमेंट आवंटित किया गया था और अक्टूबर, 2012 तक कब्जे की उम्मीद कर रहा था।पूरा मामला:होमबॉयर ने जयपुर में स्थित सहारा सिटी होम्स नामक बिल्डर (प्रतिवादी) परियोजना में एक अपार्टमेंट बुक किया। अपार्टमेंट का कुल बिक्री मूल्य 16,75,000/- रुपये था, जिसमें से होमबॉयर ने 12,12,664/- रुपये का भुगतान किया और उसे...