हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक के बावजूद महिला को हिरासत में लेने के लिए SP, CWC चेयरपर्सन को अवमानना ​​का कारण बताओ नोटिस जारी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक के बावजूद महिला को 'हिरासत में लेने' के लिए SP, CWC चेयरपर्सन को अवमानना ​​का कारण बताओ नोटिस जारी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक (मऊ), स्टेशन हाउस ऑफिसर (मधुबन) और बाल कल्याण समिति (CWC), मऊ के चेयरपर्सन को एक महिला को हिरासत में लेने के लिए सिविल अवमानना ​​का कारण बताओ नोटिस जारी किया, जबकि हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का खास आदेश दिया था।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की बेंच ने कहा कि किसी भी कार्यकारी प्राधिकरण, जिसमें सरकार भी शामिल है, द्वारा किया गया कोई भी काम जो किसी न्यायिक आदेश का उल्लंघन करता है, वह कोर्ट की अवमानना ​​का काम होने के अलावा, अमान्य...

लापता यूपी पुलिस अधिकारी की मौत?: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को क्रिमिनल रिट में बदला, खराब CCTV कैमरों पर शक जताया
लापता यूपी पुलिस अधिकारी की मौत?: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को क्रिमिनल रिट में बदला, खराब CCTV कैमरों पर 'शक' जताया

उत्तर प्रदेश पुलिस के सस्पेंड अधिकारी के लापता होने के मामले में एक गंभीर मोड़ आया। बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अलीगढ़ के सब-इंस्पेक्टर अनुज कुमार "जाहिर तौर पर एक भयानक अंजाम को पहुंचे हैं"।यह देखते हुए कि मामला 'गंभीर' और 'महत्वपूर्ण' मुद्दों से जुड़ा है, हाईकोर्ट ने उनकी मां की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को क्रिमिनल मिसलेनियस रिट याचिका में बदलने का निर्देश दिया।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की बेंच ने मामले में पुलिस जांच पर गहरा संदेह व्यक्त किया, क्योंकि उन्होंने खास...

घर का अधिकार मौलिक अधिकार: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने छोटी फ्लैट योजना के तहत झुग्गी वालों के दावों को खारिज करने का फैसला रद्द किया
'घर का अधिकार मौलिक अधिकार': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने छोटी फ्लैट योजना के तहत झुग्गी वालों के दावों को खारिज करने का फैसला रद्द किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (CHB) का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें चंडीगढ़ स्मॉल फ्लैट्स स्कीम, 2006 के तहत फ्लैटों के आवंटन के लिए झुग्गी में रहने वालों के एक ग्रुप के दावों को खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए लिया गया।जस्टिस अनूपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस मनदीप पन्नू ने कहा,"यह साफ है कि याचिकाकर्ताओं, जो झुग्गी में रहने वाले हैं, उसके दावे पर 2006 की योजना के तहत फ्लैट आवंटन के लिए विचार किया जा रहा था, लेकिन...

वित्तीय मजबूरियां रिटायर्ड कर्मचारियों को मेडिकल रीइम्बर्समेंट देने से इनकार करने का आधार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
वित्तीय मजबूरियां रिटायर्ड कर्मचारियों को मेडिकल रीइम्बर्समेंट देने से इनकार करने का आधार नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन वित्तीय मजबूरियों के आधार पर अपने रिटायर्ड कर्मचारियों को मेडिकल रीइम्बर्समेंट देने से इनकार नहीं कर सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने उन दो आदेशों को रद्द कर दिया, जिनमें पूर्व कर्मचारियों को यह फायदा देने से मना किया गया था। कोर्ट ने दोहराया कि एक बार जब मेडिकल रीइम्बर्समेंट सर्विस की शर्तों का हिस्सा बन जाता है तो रिटायर्ड कर्मचारियों को सेवारत कर्मचारियों की तुलना में नुकसान वाली श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।जस्टिस हरप्रीत सिंह...

कर्नाटक सरकार ने सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्रों को बंद करने का दिया था आदेश, हाईकोर्ट ने किया रद्द
कर्नाटक सरकार ने सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्रों को बंद करने का दिया था आदेश, हाईकोर्ट ने किया रद्द

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 14 मई के सरकारी आदेश रद्द कर दिया, जिसमें सरकारी अस्पतालों के परिसर में चल रहे सभी जन औषधि केंद्रों (JAKs) को बंद करने का निर्देश दिया गया था।धारवाड़ बेंच में बैठे सिंगल जज जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने राकेश महालिंगप्पा एल और अन्य द्वारा दायर याचिका को मंज़ूरी दी। उन्होंने कहा, "मंज़ूर और रद्द।"उन्होंने मौखिक रूप से कहा,"हम सरकार के किसी भी विंग को गरीबों को दी जाने वाली दवाओं के साथ छेड़छाड़ करने की इजाज़त नहीं देंगे, चाहे वह मुफ्त हो या...

हरियाणा सरकार का क्लर्क की इंक्रीमेंट वापस लेना प्रथम दृष्टया बड़ी बेंच के सामने दिए गए वचन का उल्लंघन: हाई कोर्ट ने अवमानना ​​नोटिस जारी किया
हरियाणा सरकार का क्लर्क की इंक्रीमेंट वापस लेना प्रथम दृष्टया बड़ी बेंच के सामने दिए गए वचन का उल्लंघन: हाई कोर्ट ने अवमानना ​​नोटिस जारी किया

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के एक कर्मचारी को पहले दी गई इंक्रीमेंट वापस लेने का कदम, प्रथम दृष्टया कोर्ट की एक बड़ी बेंच के सामने कंप्यूटर एप्रिसिएशन और एप्लीकेशन (SETC) में राज्य पात्रता परीक्षा की प्रयोज्यता के संबंध में दर्ज किए गए वचन का उल्लंघन है।कोर्ट ने अवमानना ​​अधिनियम, 1971 की धारा 10 और 12 के तहत आरोप का नोटिस जारी किया। साथ ही प्रतिवादी नंबर 1 को 28.04.2026 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया।जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन...

ट्रैप कार्रवाई में हाथ धोना और रिश्वत की रकम सील करना घटनास्थल पर ही हो, थाने में नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी को दिशानिर्देश जारी करने का आदेश दिया
ट्रैप कार्रवाई में हाथ धोना और रिश्वत की रकम सील करना घटनास्थल पर ही हो, थाने में नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी को दिशानिर्देश जारी करने का आदेश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में ट्रैप कार्रवाई की विश्वसनीयता तब कमजोर हो जाती है जब आरोपी और शिकायतकर्ता के हाथ धोने, बरामद रिश्वत की रकम को सील करने जैसी ज़रूरी प्रक्रियाएँ घटनास्थल के बजाय थाने में की जाती हैं। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत होने वाली जाँच की “लापरवाहीपूर्ण कार्यप्रणाली” पर गंभीर आपत्ति जताई।जस्टिस समीअर जैन की बेंच ने मुख्य सचिव (गृह) और डीजीपी को निर्देश दिया कि वे तुरंत आवश्यक आदेश जारी करें ताकि ट्रैप से...

इंडिगो संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से की कड़ी पूछताछ, एयरलाइन को फंसे यात्रियों को मुआवज़ा देने का निर्देश
इंडिगो संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से की कड़ी पूछताछ, एयरलाइन को फंसे यात्रियों को मुआवज़ा देने का निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट में इंडिगो संकट और बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन के मुद्दे पर दायर एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान बुधवार को कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना तो की, लेकिन यह भी कहा कि लाखों यात्रियों का एयरपोर्ट पर फंसा रह जाना देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है, जो अदालत के लिए गंभीर चिंता का विषय है।कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि फंसे हुए यात्रियों को मुआवज़ा देने के प्रावधानों का “इंडिगो द्वारा सख्ती से पालन किया जाए” और यह सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी...

मासिक अवकाश विवाद: कर्नाटक हाईकोर्ट जनवरी 2026 में करेगा याचिकाओं पर सुनवाई, कहा- मामला सार्वजनिक महत्व का
मासिक अवकाश विवाद: कर्नाटक हाईकोर्ट जनवरी 2026 में करेगा याचिकाओं पर सुनवाई, कहा- मामला सार्वजनिक महत्व का

कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा सभी पंजीकृत औद्योगिक प्रतिष्ठानों में महिलाओं को सवेतन मासिक धर्म अवकाश (मेनस्ट्रुअल लीव) देने संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई जनवरी 2026 में करने का फैसला किया।अदालत ने बुधवार (10 दिसंबर) को कहा कि यह विषय सार्वजनिक महत्व का है और इस पर विस्तृत सुनवाई आवश्यक है।अगली सुनवाई की तारीख 20 जनवरी, 2026 तय की गई।यह मामला जस्टिस ज्योति एम की पीठ के समक्ष सुनवाई में है। इससे पहले मंगलवार को अदालत ने राज्य सरकार की अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी थी...

सिर्फ़ आर्य समाज सर्टिफ़िकेट ही सही शादी का सबूत नहीं: मध्य प्रदेशहाई कोर्ट ने सप्तपदी न होने पर शादी को अमान्य ठहराया
सिर्फ़ आर्य समाज सर्टिफ़िकेट ही सही शादी का सबूत नहीं: मध्य प्रदेशहाई कोर्ट ने सप्तपदी न होने पर शादी को अमान्य ठहराया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फ़ैमिली कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक महिला को किसी पुरुष की कानूनी तौर पर शादीशुदा पत्नी घोषित किया गया था। कोर्ट ने कहा कि अगर पवित्र अग्नि, फेरे या सप्तपदी जैसी ज़रूरी रस्में नहीं की गईं तो हिंदू मैरिज एक्ट के तहत शादी को मान्यता नहीं दी जा सकती।ऐसा करते हुए जस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस हिरदेश की डिवीज़न बेंच ने कहा कि फ़ैमिली कोर्ट ने आर्य समाज सर्टिफ़िकेट और रजिस्टर एंट्री को सही शादी होने का पक्का सबूत मानकर गलती की।इसने आगे कहा कि हिंदू धर्म में शादी एक रस्म...

कानून की बेइज्जती: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भरण-पोषण मामले में फर्जी बैंक स्टेटमेंट फाइल करने के आरोपी पति को राहत देने से किया मना
'कानून की बेइज्जती': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भरण-पोषण मामले में 'फर्जी' बैंक स्टेटमेंट फाइल करने के आरोपी पति को राहत देने से किया मना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में ऐसे व्यक्ति के खिलाफ क्रिमिनल केस रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज की, जिस पर भरण-पोषण मामले में अपनी फाइनेंशियल कैपेसिटी को कम दिखाने के लिए कथित तौर पर जाली डॉक्यूमेंट फाइल करने का आरोप है।कोर्ट ने कहा कि जाली डॉक्यूमेंट फाइल करना ज्यूडिशियल प्रोसेस की ईमानदारी बनाए रखने के प्रिंसिपल पर 'सीधा हमला' है और यह "कानून की बेइज्जती" है।इस तरह जस्टिस विक्रम डी चौहान की बेंच ने गौरव मेहता नाम के एक व्यक्ति की CrPC की धारा 482 के तहत फाइल की गई एप्लीकेशन खारिज की,...

पुलिस थानों से तुरंत निर्देश लें: हाईकोर्ट के आदेश के बाद DG प्रॉसिक्यूशन ने पूरे UP में प्रॉसिक्यूटर को निर्देश जारी किया
'पुलिस थानों से तुरंत निर्देश लें': हाईकोर्ट के आदेश के बाद DG प्रॉसिक्यूशन ने पूरे UP में प्रॉसिक्यूटर को निर्देश जारी किया

पूरे यूपी में पुलिस और प्रॉसिक्यूशन मशीनरी के बीच तालमेल को बेहतर बनाने के मकसद से उत्तर प्रदेश में डायरेक्टर जनरल (प्रॉसिक्यूशन) ने पिछले महीने एक सख्त सर्कुलर जारी किया, जिसमें सभी प्रॉसिक्यूटिंग ऑफिसर को यह पक्का करने का निर्देश दिया गया कि पुलिस थानों से निर्देश बिना देरी के ट्रायल कोर्ट तक पहुंचें।यह निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) के दखल के बाद जारी किया गया, जिसने एक मामले में एडमिनिस्ट्रेटिव सुस्ती पर ध्यान दिया, जिसके कारण आरोपी के सरेंडर एप्लीकेशन में देरी हुई।संक्षेप में मामलायह...

UAPA| पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने क्रॉस-बॉर्डर सिंडिकेट से जुड़े टेरर फंडिंग केस में ज़मानत याचिका खारिज की
UAPA| पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने क्रॉस-बॉर्डर सिंडिकेट से जुड़े टेरर फंडिंग केस में ज़मानत याचिका खारिज की

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आरोपियों की दो अपीलें खारिज की, जिनमें उन्होंने अपनी दूसरी ज़मानत अर्ज़ी खारिज होने को चुनौती दी थी। यह मामला एक बड़े नार्को-टेरर केस का है, जिसमें हेरोइन, हथियार, विस्फोटकों की क्रॉस-बॉर्डर तस्करी और पाकिस्तान के हैंडलर्स से जुड़ी कथित टेरर-फंडिंग शामिल है, जिसमें आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे भी शामिल है।जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल और जस्टिस रमेश कुमारी की बेंच ने कहा,"इस केस के फैक्ट्स से पता चलता है कि बॉर्डर पार से तस्करी किए गए नशीले पदार्थों की बिक्री से मिले पैसे का...

ज़िला परिषद चुनाव | पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कैंडिडेट के NOC को वेरिफाई करने से मना करने के मामले में दखल देने से किया इनकार
ज़िला परिषद चुनाव | पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कैंडिडेट के NOC को वेरिफाई करने से मना करने के मामले में दखल देने से किया इनकार

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में ज़िला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के कैंडिडेट की रिट पिटीशन में दखल देने से मना किया, जिसमें हल्का पटवारी के उनके नॉमिनेशन फाइल करने के लिए ज़रूरी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) को वेरिफाई करने से मना करने को चैलेंज किया गया था।संविधान का आर्टिकल 243-O कोर्ट को पंचायत (लोकल गांव की सरकार) चुनावों और चुनावी प्रोसेस में दखल देने से रोकता है, जिसका मतलब है कि डिलिमिटेशन (चुनाव क्षेत्र का चुनाव) या खुद नतीजों से जुड़े विवादों के लिए खास चुनाव याचिका तय...

हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के धारा 498A में बदलाव करके इसे कंपाउंडेबल बनाने का प्रस्ताव वापस लेने पर उठाया सवाल
हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के धारा 498A में बदलाव करके इसे कंपाउंडेबल बनाने का प्रस्ताव वापस लेने पर उठाया सवाल

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को सवाल किया कि महाराष्ट्र सरकार इंडियन पैनल कोड (IPC) की धारा 498A में प्रस्तावित बदलाव को कैसे वापस ले सकती है, जिसे 2018 में राज्य विधानसभा ने पास करके इसे कंपाउंडेबल अपराध बनाने की सिफारिश की थी।जस्टिस मनीष पिटाले और जस्टिस मंजुषा देशपांडे की डिवीजन बेंच को बताया गया कि राज्य विधानसभा ने 2018 में IPC की धारा 498A में बदलाव का प्रस्ताव दिया, जिससे यह कंपाउंडेबल अपराध बन गया। हालांकि, हाल ही में राज्य सरकार ने वह प्रस्ताव वापस ले लिया।वह प्रस्ताव केंद्र सरकार के...

राजस्थान हाईकोर्ट ने पिता की हत्या के लिए 22 साल से जेल में बंद उम्रकैद की सज़ा पाए व्यक्ति को किया रिहा
राजस्थान हाईकोर्ट ने पिता की हत्या के लिए 22 साल से जेल में बंद उम्रकैद की सज़ा पाए व्यक्ति को किया रिहा

राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने पिता की हत्या के लिए उम्रकैद की सज़ा पाए व्यक्ति को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया। यह निर्देश एमिक्स क्यूरी की रिपोर्ट के आधार पर दिया गया, जिसमें एडवाइजरी कमेटी के इस आधार को गलत बताया गया था कि वह व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर था और उसका परिवार उसे अपनाने को तैयार नहीं था।जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस आनंद शर्मा की डिवीजन बेंच को सेंट्रल जेल, उदयपुर से पत्र याचिका मिली थी, जिसमें कोर्ट ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने के लिए एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया...

किसी हाई-प्रोफ़ाइल मामले में बरी होना.. और आपराधिक न्याय प्रणाली का ढांचागत संकट
किसी हाई-प्रोफ़ाइल मामले में बरी होना.. और आपराधिक न्याय प्रणाली का ढांचागत संकट

मलयालम फ़िल्म अभिनेता दिलीप को एक बेहद चर्चित अपहरण और यौन उत्पीड़न साजिश मामले में हाल ही में मिले बरी होने के आदेश ने एक बार फिर भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को तीखी सार्वजनिक और कानूनी समीक्षा के केंद्र में ला खड़ा किया है। पूरा विस्तृत फ़ैसला अभी अपलोड भी नहीं हुआ है, लेकिन केरल और उसके बाहर जन-प्रतिक्रियाएं गहराई से बंटी हुई हैं। एक वर्ग इस फ़ैसले को आरोपी की पूर्ण जीत के रूप में देख रहा है, जबकि दूसरा मानता है कि न्याय पीड़िता के साथ खड़ा होने में विफल रहा है। यह ध्रुवीकरण टीवी डिबेट,...