अपार्टमेंट का कब्जा देने में 12 साल से अधिक की देरी, राजस्थान RERA ने सहारा प्राइम सिटी को रिफंड का दिया निर्देश
Praveen Mishra
9 Nov 2024 4:15 PM IST
राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की बेंच बेंच ने सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड को होमबॉयर द्वारा भुगतान की गई राशि ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया । होमबॉयर को अगस्त, 2009 में एक अपार्टमेंट आवंटित किया गया था और अक्टूबर, 2012 तक कब्जे की उम्मीद कर रहा था।
पूरा मामला:
होमबॉयर ने जयपुर में स्थित सहारा सिटी होम्स नामक बिल्डर (प्रतिवादी) परियोजना में एक अपार्टमेंट बुक किया। अपार्टमेंट का कुल बिक्री मूल्य 16,75,000/- रुपये था, जिसमें से होमबॉयर ने 12,12,664/- रुपये का भुगतान किया और उसे 21.08.2009 के पत्र के माध्यम से अपार्टमेंट आवंटित किया गया था।
होमबॉयर ने उल्लेख किया कि कई अनुरोधों और अनुवर्ती कार्रवाई के बावजूद, बिल्डर ने कभी भी होमबॉयर के पक्ष में सेल एग्रीमेंट को निष्पादित नहीं किया। बिल्डर अपार्टमेंट और सामान्य क्षेत्रों को विकसित करने में भी विफल रहा और आवंटन पत्र में वादा किए गए 38 महीनों के भीतर कब्जा नहीं दिया।
इसलिए, परियोजना के पूरा होने में 12 साल से अधिक की देरी से व्यथित, होमबॉयर ने प्राधिकरण के समक्ष शिकायत दर्ज की और ब्याज के साथ राशि वापस करने की मांग की।
सहारा की दलीलें:
सहारा ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने 21.11.2013 को एक आदेश पारित कर सहारा समूह की कंपनियों के सभी लेनदेन पर रोक लगा दी और सेबी को इन लेनदेन को नियंत्रित करने का निर्देश दिया, जिसमें परियोजना के निर्माण, विकास और कब्जे से संबंधित लेनदेन शामिल हैं।
इसके अलावा, सहारा ने इस मुद्दे को हल करने के लिए दो विकल्प प्रस्तावित किए:
1. विकल्प A: यदि कोई होमबॉयर अपनी बुकिंग के साथ आगे बढ़ने के लिए लिखित रूप में सहमति देता है और बकाया राशि का भुगतान करता है तो वे छह महीने के भीतर अपार्टमेंट को पूरा और पंजीकृत करेंगे।
2. विकल्प B: यदि कोई होमबॉयर रिफंड पसंद करता है तो वे जमा की तारीख से 31 मार्च 2024 तक गणना की गई ब्याज के साथ मूल राशि वापस कर देंगे। रिफंड का भुगतान जनवरी 2025 से शुरू होने वाले 7% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 36 मासिक किस्तों में किया जाएगा।
प्राधिकरण का निर्देश:
प्राधिकरण ने माना कि चूंकि परियोजना आज तक पूरी नहीं हुई है, इसलिए यह एक चालू परियोजना की परिभाषा के अंतर्गत आती है और इसलिए RERA के दायरे में आती है।
प्राधिकरण ने मेसर्स न्यूटेक प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य (LL 2021 SCC 641) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख किया, जहां यह माना गया था कि यदि बिल्डर समझौते की शर्तों के तहत निर्धारित समय के भीतर अपार्टमेंट, प्लॉट या भवन का कब्जा सौंपने में विफल रहता है, तो RERA, 2016 के तहत देरी के लिए रिफंड या क्लेम ब्याज़ लेने का होमबॉयर का अधिकार बिना शर्त और निरपेक्ष है.
इसके परिणामस्वरूप, प्राधिकरण ने बिल्डर को अपार्टमेंट खरीदने के लिए होमबॉयर द्वारा भुगतान किए गए 12,12,664 रुपये वापस करने का निर्देश दिया, जिसमें कब्जे की नियत तारीख (21.10.2012) से रिफंड की तारीख तक 11.10% प्रति वर्ष की ब्याज दर है।