संपादकीय
सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2022 के महत्वपूर्ण जजमेंट : भाग 3
लाइव लॉ प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी आपके लिए बीते साल (2022) के सुप्रीम कोर्ट के 100 महत्वपूर्ण जजमेंट की सूची लेकर आया है। आइए इसके तीसरे और अंतिम भाग पर नज़र डालते हैं।इस सीरीज़ के पहले दो भाग प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें आप यहां पढ़ सकते हैं।सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2022 के महत्वपूर्ण जजमेंट : भाग 1सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2022 के महत्वपूर्ण जजमेंट : भाग 2इन जजमेंट का चयन निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर किया गया है -(i) आम जनता के लिए महत्व;(ii) कानून की विवादित स्थिति का समाधान; (iii) वकीलों की...
सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2022 के महत्वपूर्ण जजमेंट : भाग 2
लाइव लॉ प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी आपके लिए बीते साल (2022) के सुप्रीम कोर्ट के 100 महत्वपूर्ण जजमेंट की सूची लेकर आया है।आइए इसके दूसरे भाग पर नज़र डालते हैं।इन जजमेंट का चयन निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर किया गया है -(i) आम जनता के लिए महत्व;(ii) कानून की विवादित स्थिति का समाधान; (iii) वकीलों की प्रैक्टिस के लिए उपयोगिता। यहां एक डिस्क्लेमर जोड़ा गया है कि सूची में शामिल निर्णय आवश्यक रूप से अच्छे या सर्वोत्तम निर्णय नहीं हैं; उनमें से कुछ विवादास्पद हैं। फिर भी ये निर्णय उनके सामान्य...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (19 दिसंबर, 2022 से 23 दिसंबर, 2022 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2022 के महत्वपूर्ण जजमेंट : भाग 2लाइव लॉ प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी आपके लिए बीते साल (2022) के सुप्रीम कोर्ट के 100 महत्वपूर्ण जजमेंट की सूची लेकर आया है। यहां एक डिस्क्लेमर जोड़ा गया है कि सूची में शामिल निर्णय आवश्यक रूप से अच्छे या सर्वोत्तम निर्णय नहीं हैं; उनमें से...
सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2022 के महत्वपूर्ण जजमेंट : भाग 1
लाइव लॉ प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी आपके लिए बीते साल (2022) के सुप्रीम कोर्ट के 100 महत्वपूर्ण जजमेंट की सूची लेकर आया है। आइए इसके पहले भाग पर नज़र डालते हैं।इस जजमेंट का चयन निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर किया गया है - (i) आम जनता के लिए महत्व;(ii) कानून की विवादित स्थिति का समाधान; (iii) वकीलों की प्रैक्टिस के लिए उपयोगिता। यहां एक डिस्क्लेमर जोड़ा गया है कि सूची में शामिल निर्णय आवश्यक रूप से अच्छे या सर्वोत्तम निर्णय नहीं हैं; उनमें से कुछ विवादास्पद हैं। फिर भी ये निर्णय उनके सामान्य...
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
देश के विभिन्न हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह (19 दिसंबर, 2022 से 23 दिसंबर, 2022) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं हाईकोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।धारा 302 आईपीसी | सिर्फ इसलिए कि मकसद और दुश्मनी स्थापित नहीं की गई है, आरोपी को ब्राउनी पॉइंट नहीं दिया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्टमध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि एक व्यक्ति को मृतक के मरने से पहले दिए गए बयान के आधार पर हत्या के लिए दोषी ठहराया जा सकता है, भले ही अभियोजन...
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के साल 2022 के फैसले
साल 2022 में संविधान पीठ के चार फैसले/आदेश आए। पिछले साल यह संख्या तीन (3) थी और इससे पहले के साल में संविधान पीठ ने ग्यारह (11) फैसले दिये थे।1. सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण को बरकरार रखासुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया। कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 10% EWS कोटा को 3-1 से सही ठहराया।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर...
पीएमएलए मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ शुरू किए गए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में जमानत दे दी। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने कप्पन को जमानत दी। लखनऊ कोर्ट द्वारा इस मामले में जमानत देने से इनकार करने के बाद कप्पन ने अक्टूबर 2022 में जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था।कप्पन के खिलाफ दर्ज अन्य सभी मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के 3 महीने बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश ने जेल से रिहाई का...
नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 2 जनवरी 2023 को फैसला सुनाएगा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ केंद्र सरकार द्वारा छह साल पहले 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले की वैधता पर फैसला सुनाएगी।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना वाले 5-जजों की पीठ ने 7 दिसंबर, 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।फैसला सुनाने की तिथि पीठासीन जज जस्टिस नजीर का अंतिम कार्य दिवस भी होगा, जो 3 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व...
शाहजहांपुर रेप केस- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद सरस्वती को अग्रिम जमानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सोमवार (19 दिसंबर) को शाहजहांपुर रेप केस 2011 के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद सरस्वती को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी।जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने पीड़िता और राज्य सरकार को इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करते हुए छह फरवरी तक अग्रिम जमानत दे दी।कोर्ट ने कहा,"राज्य के वकील ने अग्रिम जमानत की प्रार्थना का विरोध किया, लेकिन जांच के लंबित रहने के दौरान आवेदक को दिए गए संरक्षण के संबंध में तथ्यात्मक स्थिति पर...
कर्नाटक सरकार ने मैरिटल रेप के लिए पति पर मुकदमा चलाने का समर्थन किया; सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट जजमेंट के पक्ष में हलफनामा दाखिल
कर्नाटक सरकार ने मैरिटल रेप के मामले में पति के खिलाफ मुकदमा चलाने का समर्थन किया। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया, जिसमें पत्नी के साथ जबरन यौन संबंध के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत पति के खिलाफ लगाए गए आरोपों को बरकरार रखा गया।इस संबंध में, यह ध्यान देने योग्य है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को चुनौती देते हुए मैरिटल रेप को आपराधिक बनाने पर स्पष्ट रुख...
राइट टू बी फॉरगेटन- केरल हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फैमिली केस और इन-कैमरा सुनवाई में व्यक्तिगत पहचान को मिटाने की अनुमति दी
केरल हाईकोर्ट ने "राइट टू बी फॉरगेटन" पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए गुरुवार को कहा कि पक्षकारों के अनुरोध पर परिवार और वैवाहिक मामलों के संबंध में पक्षकारों की व्यक्तिगत जानकारी को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया जा सकता।यह मानते हुए कि निजता के अधिकार के आधार पर व्यक्तिगत जानकारी के संरक्षण का दावा ओपन कोर्ट न्याय प्रणाली में सह-अस्तित्व में नहीं हो सकता है, न्यायालय ने हालांकि वैवाहिक मामलों में और ऐसे मामलों में जहां कानून ओपन कोर्ट सिस्टम (मामलों) को मान्यता नहीं देता है, उनमें...
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के काम में आई तेजी, 40 दिनों में निपटाए गए 6844 मामले
आंकड़ों से पता चला है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के काम में तेजी आई है। 40 दिनों में कुल 6,844 मामले निपटाए गए। 9 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच 5,898 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि निपटाए गए मामलों की संख्या ज्यादा है।जब से चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज के साथ-साथ उसके प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला, तब से 5,898 नए मामले दायर किए गए और इसकी तुलना में कुल 6,844 मामलों का निपटारा किया गया।इसलिए, प्रतिदिन औसतन 179 नए मामलों की...
एक जज और एक पत्रकार को स्वतंत्र होना चाहिए; अगर वे लड़खड़ाते हैं तो पूरा लोकतंत्र हिल जाता है: जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण
"एक जज और एक पत्रकार को अनिवार्य रूप से स्वतंत्र होना चाहिए; अगर वे लड़खड़ाते हैं तो पूरा लोकतंत्र हिल जाता है।"सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण ने शनिवार को मुंबई प्रेस क्लब द्वारा आयोजित रेडइंक्स पुरस्कार समारोह में ये बातें कहीं।जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण ने कहा कि आज के माहौल में चर्चा का शब्द राम है, क्या मैं सही हूं? तो मैं रामायण को कोट कर देता हूं। मैं नहीं जानता कि वास्तव में राम को मानने वाले कितने लोगों ने रामायण पढ़ी है।जस्टिस ने आगे कहा,"विभीषण द्वारा अपने बड़े भाई...
'मैं नहीं चाहता कि अदालत भगवा हो' : सरकार का न्यायाधीशों की नियुक्ति पर नियंत्रण होने से बेहतर है कोलेजियम सिस्टम : कपिल सिब्बल
सीनियर एडवोकेट और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने मिरर नाउ चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा, भले ही कॉलेजियम प्रणाली सही नहीं है, लेकिन यह इससे बेहतर है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति पर सरकार का पूरा नियंत्रण हो।उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का सभी सार्वजनिक कार्यालयों पर नियंत्रण है और यदि वह "अपने स्वयं के न्यायाधीशों" की नियुक्ति करके न्यायपालिका पर भी कब्जा कर लेती है तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक होगा। "वे (सरकार) अपने लोगों को वहां (न्यायपालिका) चाहते हैं। अब यूनिवर्सिटी में...
न्यायपालिका में अधीनता की भावना हमें सर्वश्रेष्ठ इनपुट प्राप्त करने से रोकती है : सीजेआई चंद्रचूड़
भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को न्यायपालिका में अनकहे पदानुक्रम (Hierarchy) के बारे में बात की जहां बार से सीधे नियुक्त न्यायाधीशों को सीधे न्यायिक सेवाओं से नियुक्त किए गए न्यायाधीशों से बेहतर माना जाता है। उन्होंने कहा, "सेवाओं से आने वाले और बार से आने वालों के बीच एक विभाजन है। मुझे लगता है कि यह विभाजन समाप्त होना चाहिए। सेवाओं से आने वालों का हाईकोर्ट को समृद्ध बनाने में बहुत कुछ योगदान है। "बार के सदस्य कानूनी पेशे के साथ हाल के अनुभव की ताजगी की भावना लाते हैं,...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (12 दिसंबर, 2022 से 16 दिसंबर, 2022 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को समय से पहले रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ बिल्किस बानो की पुनर्विचार याचिका खारिज की सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 के फैसले पर बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने मई 2022 के फैसले में कहाथा कि गुजरात सरकार के पास उन 11...
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को समय से पहले रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ बिल्किस बानो की पुनर्विचार याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 के फैसले पर बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने मई 2022 के फैसले में कहाथा कि गुजरात सरकार के पास उन 11 दोषियों के क्षमा आवेदनों को तय करने का अधिकार है, जिन्हें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप और हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस रस्तोगी की अगुवाई वाली पीठ ने मई, 2022 में फैसला सुनाया कि गुजरात सरकार के पास छूट के अनुरोध पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र है, क्योंकि अपराध गुजरात में हुआ था। गुजरात हाईकोर्ट ने...
अगर किसी दोषी की अपील सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हो तो क्या हाईकोर्ट दिल्ली जेल नियमों के तहत फरलो दे सकता है? दिल्ली हाईकोर्ट फैसला करेगा
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) इस पर फैसला करेगा कि करने के लिए तैयार है कि क्या संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत वह दिल्ली जेल नियमों के तहत एक दोषी को फरलो दे सकता है, जब उसकी अपील सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है।नियम 1199 और 1200 कैदियों को पैरोल और फरलो देने से संबंधित हैं। नियम 1224 के नोट 2 में कहा गया है कि अगर किसी दोषी की अपील हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है या हाईकोर्ट के समक्ष अपील दायर करने की अवधि समाप्त नहीं हुई है, तो फरलो नहीं दी जाएगी और यह दोषी के लिए कोर्ट से उचित निर्देश के लिए...
'सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई मामला छोटा नहीं, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में दखल देना उसका कर्तव्य है': सीजेआई चंद्रचूड़ ने कानून मंत्री की टिप्पणी पर कहा
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई मामला बहुत छोटा नहीं है।उन्होंने आगे कहा,"अगर हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में कार्रवाई नहीं करते हैं और राहत देते हैं तो हम यहां क्या कर रहे हैं?"संयोग से केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को संसद में टिप्पणी की थी कि सुप्रीम कोर्ट को जमानत याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए, बल्कि संवैधानिक मामलों की सुनवाई करनी चाहिए।सीजेआई की टिप्पणी, जो कानून मंत्री के बयान की संभावित प्रतिक्रिया के रूप...
सुप्रीम कोर्ट में शीतकालीन अवकाश के दौरान कोई वेकेशन बेंच नहीं होगी: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार सुबह जानकारी दी कि कल से शुरू होने वाले शीतकालीन अवकाश के दौरान सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई वेकेशन बेंच नहीं होगी।कोर्ट 2 जनवरी, 2023 को फिर से खुलेगा।सीजेआई ने बैठक शुरू होने पर वकीलों को सूचित किया,"कल के बाद 2 जनवरी 2023 तक कोई बेंच उपलब्ध नहीं होगी।"