सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

Shahadat

25 Dec 2022 12:00 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

    सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (19 दिसंबर, 2022 से 23 दिसंबर, 2022 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

    सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2022 के महत्वपूर्ण जजमेंट : भाग 2

    लाइव लॉ प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी आपके लिए बीते साल (2022) के सुप्रीम कोर्ट के 100 महत्वपूर्ण जजमेंट की सूची लेकर आया है। यहां एक डिस्क्लेमर जोड़ा गया है कि सूची में शामिल निर्णय आवश्यक रूप से अच्छे या सर्वोत्तम निर्णय नहीं हैं; उनमें से कुछ विवादास्पद हैं। फिर भी ये निर्णय उनके सामान्य महत्व और मुकदमेबाजी और सामान्य सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र पर प्रभाव को देखते हुए ध्यान देने और चर्चा करने के योग्य हैं।

    100 निर्णयों की सूची तीन भागों में प्रकाशित की जा रही है और यह दूसरा भाग है जिसमें 33 जजमेंट हैं। पहला भाग [1-33 जजमेट प्रकाशित किया जा चुका है]

    आइए इसके दूसरे भाग पर नज़र डालते हैं।

    नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 2 जनवरी 2023 को फैसला सुनाएगा

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ केंद्र सरकार द्वारा छह साल पहले 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले की वैधता पर फैसला सुनाएगी। जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना वाले 5-जजों की पीठ ने 7 दिसंबर, 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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    सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2022 के महत्वपूर्ण जजमेंट : भाग 1

    लाइव लॉ प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी आपके लिए बीते साल (2022) के सुप्रीम कोर्ट के 100 महत्वपूर्ण जजमेंट की सूची लेकर आया है। यहां एक डिस्क्लेमर जोड़ा गया है कि सूची में शामिल निर्णय आवश्यक रूप से अच्छे या सर्वोत्तम निर्णय नहीं हैं; उनमें से कुछ विवादास्पद हैं। फिर भी ये निर्णय उनके सामान्य महत्व और मुकदमेबाजी और सामान्य सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र पर प्रभाव को देखते हुए ध्यान देने और चर्चा करने के योग्य हैं।

    100 फैसलों की सूची तीन भागों में प्रकाशित की जाएगी और यह पहला भाग है।

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    कर्नाटक सरकार ने मैरिटल रेप के लिए पति पर मुकदमा चलाने का समर्थन किया; सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट जजमेंट के पक्ष में हलफनामा दाखिल

    कर्नाटक सरकार ने मैरिटल रेप के मामले में पति के खिलाफ मुकदमा चलाने का समर्थन किया। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया, जिसमें पत्नी के साथ जबरन यौन संबंध के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत पति के खिलाफ लगाए गए आरोपों को बरकरार रखा गया।

    इस संबंध में, यह ध्यान देने योग्य है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को चुनौती देते हुए मैरिटल रेप को आपराधिक बनाने पर स्पष्ट रुख अपनाने से परहेज किया है।

    केस टाइटल: हृषिकेश साहू और कर्नाटक राज्य व अन्य | एसएलपी (सीआरएल) 4063/2022

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    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, आईआईटी को अध्यापकों की नियुक्ति और रिसर्च डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन में 2019 अधिनियम के अनुसार आरक्षण की अनुमति देने का निर्देश दिया

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत ‌‌रिसर्च डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन और फैकल्टी मेंबर्स के रिक्रूटमेंट के लिए आरक्षण नीति का पालन करने का निर्देश दिया।

    जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने 5 दिसंबर को दिए आदेश में कहा, "संबंधित उत्तरदाताओं (केंद्र और 23 IIT) को निर्देश दिया जाता है कि वे आरक्षण का पालन करें और केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों (शिक्षकों के संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत प्रदान किए गए आरक्षण के अनुसार कार्य करें।"

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    सुप्रीम कोर्ट ने फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया को 2023-24 के लिए नए कॉलेजों की स्थापना के लिए प्राप्त आवेदनों पर विचार करने की अनुमति दी

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अगले शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए नए फार्मेसी कॉलेजों की स्थापना के लिए प्राप्त आवेदनों पर विचार करने की अनुमति मांगने वाले फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के आवेदन को मंजूरी दे दी।

    मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने की। 15 सितंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने नए फार्मेसी कॉलेज खोलने पर पीसीआई द्वारा लगाए गए 5 साल के स्थगन को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसलों को मंजूरी देते हुए प्राधिकरण को नए आवेदनों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

    केस टाइटल: पार्श्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट और अन्य बनाम ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक एजुकेशन और अन्य

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