संपादकीय

जस्टिस अब्दुल नज़ीर का अयोध्या मामले में सर्वसम्मत फैसले से सहमत होना उनके राष्ट्र प्रथम रवैये को दर्शाता है : एससीबीए प्रेसिडेंट
जस्टिस अब्दुल नज़ीर का अयोध्या मामले में सर्वसम्मत फैसले से सहमत होना उनके 'राष्ट्र प्रथम' रवैये को दर्शाता है : एससीबीए प्रेसिडेंट

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर के विवाई समारोह में बोलते हुए सीनियर एडवोकेट और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के प्रेसिडेंट विकास सिंह ने बुधवार को कहा कि जब विवादास्पद अयोध्या भूमि विवाद का फैसला करने वाली संविधान पीठ के एकमात्र मुस्लिम न्यायाधीश के रूप में सुप्रीम कोर्ट का सर्वसम्मत फैसला (Unanimous Verdict) सुनाने के लिए सहमत हुए तो उन्होंने वास्तव में न केवल देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया, बल्कि धर्मनिरपेक्षता और एक 'सच्चे भारतीय' के रूप में न्यायिक संस्था...

सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी कोटा के बिना यूपी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी कोटा के बिना यूपी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को ओबीसी आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनावों को अधिसूचित करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने साथ ही उन स्थानीय निकायों में सुचारु प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए जिनकी शर्तें समाप्त हो चुकी हैं, जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय निकाय को शक्तियों के प्रतिनिधिमंडल की अनुमति इस शर्त के साथ दी कि कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की...

जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बिलकिस बानो मामले में गैंगरेप-हत्या के दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग किया
जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बिलकिस बानो मामले में गैंगरेप-हत्या के दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग किया

सुप्रीम कोर्ट की जज, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने बुधवार को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार और हत्या के लिए बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा पाए 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने की गुजरात सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। यह इस आधार पर प्रतीत होता है कि जस्टिस त्रिवेदी ने 2004-2006 के दौरान गुजरात सरकार का कानून सचिव के रूप में प्रतिनियुक्त किया था।जस्टिस अजय रस्तोगी के साथ दिसंबर, 2022 में उसी संयोजन में बैठीं जस्टिस बेला एम....

सालों से हाउस टैक्स भर रहे हैं, आधार कार्ड है’: हल्द्वानी के निवासियों ने रेलवे की जमीन से बेदखल करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कहा
'सालों से हाउस टैक्स भर रहे हैं, आधार कार्ड है’: हल्द्वानी के निवासियों ने रेलवे की जमीन से बेदखल करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कहा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कल सुनवाई होने की संभावना है, जिसके आधार पर हल्द्वानी में कई लोगों के घरों को तोड़ा गया था।एडवोकेट प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया गया था।याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता गरीब लोग हैं जो 70 से अधिक वर्षों से हल्द्वानी जिले के मोहल्ला नई बस्ती के वैध निवासी हैं।याचिकाकर्ता के अनुसार, उत्तराखंड...

Azam Khan
आजम खान ने यूपी में निष्पक्ष ट्रायल नहीं होने का आरोप लगाया; सुप्रीम कोर्ट ने केस को दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के अपने मामलों को उत्तर प्रदेश राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।इस मामले की सुनवाई सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अब्दुल नज़ीर की बेंच ने की।आजम खान की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों में यूपी राज्य में निष्पक्ष ट्रायल नहीं होगा।कथित पक्षपात के प्वाइंट को स्पष्ट करने के लिए सिब्बल ने कहा कि अतिरिक्त सबूत पेश करने के...

संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप न होने वाली राय रखने के लिए किसी को दंडित नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप न होने वाली राय रखने के लिए किसी को दंडित नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को दिए गए अपने फैसले में टिप्पणी की कि संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप न होने वाली राय रखने के लिए किसी पर न तो टैक्स लगाया जा सकता है और न ही उसे दंडित किया जा सकता है।संविधान पीठ (बहुमत 4:1) ने यह मानते हुए कि एक मंत्री द्वारा दिया गया बयान, संविधान के भाग III के तहत एक नागरिक के मौलिक अधिकारों के साथ असंगत है, संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो सकता है और ना ही संवैधानिक क्षति यानी अपकृत्य के तहत कार्रवाई योग्य हो सकता है।कौशल किशोर बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में संविधान पीठ...

केवल मौद्रिक मांग पर विवाद आईपीसी की धारा 405 के तहत आपराधिक विश्वासघात का अपराध नहीं बनता : सुप्रीम कोर्ट
केवल मौद्रिक मांग पर विवाद आईपीसी की धारा 405 के तहत आपराधिक विश्वासघात का अपराध नहीं बनता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल मौद्रिक मांग पर विवाद आईपीसी की धारा 405 के तहत आपराधिक विश्वासघात का अपराध नहीं बनता है।इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि आरोपी जेआईपीएल द्वारा 6,37,252 रुपये 16 पैसे की जाली मांग की गई। इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 405, 420, 471 और धारा 120बी के तहत रिपोर्ट की।। हालांकि, मजिस्ट्रेट ने आईपीसी की धारा 406 के तहत ही समन जारी करने का निर्देश दिया, न कि आईपीसी की धारा 420, 471 या धारा 120 बी के तहत। समन के इस आदेश को इलाहाबाद...

Supreme Court
प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री का अन्य मंत्रियों पर अनुशासनात्मक नियंत्रण नहीं होता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री का मंत्रिपरिषद के सदस्यों पर अनुशासनात्मक नियंत्रण नहीं होता है।सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से फैसला सुनाया है कि मंत्रियों के बयानों के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।संविधान पीठ ने यह अवलोकन करते हुए कहा कि एक मंत्री द्वारा दिया गया बयान, भले ही राज्य के किसी भी मामले या सरकार की रक्षा के लिए दिया गया हो, सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत को लागू करके सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।इस...

मजिस्ट्रेट को आरोपी को समन भेजने से पहले ये परीक्षण करना चाहिए कि कहीं शिकायत सिविल गलती का गठन तो नही करती : सुप्रीम कोर्ट
मजिस्ट्रेट को आरोपी को समन भेजने से पहले ये परीक्षण करना चाहिए कि कहीं शिकायत सिविल गलती का गठन तो नही करती : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीआरपीसी की धारा 204 के तहत समन आदेश को हल्के में या स्वाभाविक रूप से पारित नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जे के माहेश्वरी की पीठ ने कहा, "जब कथित कानून का उल्लंघन स्पष्ट रूप से बहस योग्य और संदिग्ध है, या तो तथ्यों की कमी और तथ्यों की स्पष्टता की कमी के कारण, या तथ्यों पर कानून के आवेदन पर, मजिस्ट्रेट को अस्पष्टताओं का स्पष्टीकरण सुनिश्चित करना चाहिए।" इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 405, 420, 471 और 120बी लगाई थी।...

“सभी धर्मांतरणों को अवैध धर्मांतरण नहीं कहा जा सकता है” : सुप्रीम कोर्ट ने धर्म परिवर्तन के लिए घोषणा के प्रावधान के खिलाफ एमपी हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया
“सभी धर्मांतरणों को अवैध धर्मांतरण नहीं कहा जा सकता है” : सुप्रीम कोर्ट ने धर्म परिवर्तन के लिए घोषणा के प्रावधान के खिलाफ एमपी हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्य प्रदेश राज्य द्वारा हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें सरकार को मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 की धारा 10 का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया गया है जिसके तहत धर्म परिवर्तन के इच्छुक व्यक्ति को इस संबंध में जिलाधिकारी को एक घोषणापत्र देना होगा।हालांकि, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।इस प्रावधान...

ब्रेकिंग- ‘मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की स्वतंत्रता पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता’: सुप्रीम कोर्ट
ब्रेकिंग- ‘मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की स्वतंत्रता पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता’: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने कहा कि मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की स्वतंत्रता पर अधिक प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। अनुच्छेद 19(2) पहले से बोलने की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।कोर्ट ने कहा कि बोलने की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने के लिए अनुच्छेद 19 (2) में उल्लिखित आधार संपूर्ण हैं।कोर्ट ने यह फैसला 4:1 बहुमत के साथ सुनाया। पांच जजों की संविधान पीठ में केवल एक जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने अलग फैसला सुनाया। जस्टिस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस...

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने धोखे से धर्मांतरण पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने धोखे से धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए एख स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया। इसके साथ याचिका वापस लेने के रूप में खारिज कर दी।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ बेंच के समक्ष लंबित मामले में एक याचिका दायर करने की अनुमति दी।पीठ ने कहा,“हमें आपको क्यों सुनना चाहिए? आप अभियोग के लिए एक आवेदन दायर करते हैं। हम आपको सुनेंगे, अन्यथा याचिकाओं की बहुलता होगी।"पीठ इसी...

संविधान सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले वकीलों की हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति पर रोक नहीं लगाता : सुप्रीम कोर्ट
संविधान सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले वकीलों की हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति पर रोक नहीं लगाता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भारत के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने से रोकता हो।जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओक ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यही टिप्पणी की।याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 217 के अनुसार, एक व्यक्ति जिसे स्टेट बार काउंसिल में इनरोल किया गया है और बाद में सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस ट्रांसफर कर दी गई है, उस हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए अयोग्य...

आरबीआई ने नोटबंदी की सिफारिश करने में स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया, पूरी क़वायद 24 घंटे में हो गई : जस्टिस बीवी नागरत्ना
आरबीआई ने नोटबंदी की सिफारिश करने में स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया, पूरी क़वायद 24 घंटे में हो गई : जस्टिस बीवी नागरत्ना

सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपने असहमतिपूर्ण फैसले में कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित पूरे 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को रद्द करने की सिफारिश करने में स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया।जस्टिस नागरत्ना ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तुत निर्णय से संबंधित रिकॉर्ड का हवाला देते हुए यह राय बनाई।जस्टिस नागरत्ना ने कहा, "रिकॉर्ड (आरबीआई द्वारा प्रस्तुत) को देखने पर, मुझे वहां "...

सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी वी नागरत्ना ने नोटबंदी को गलत माना, जस्टिस ने कहा- नोटबंदी गैरकानूनी थी
सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी वी नागरत्ना ने नोटबंदी को गलत माना, जस्टिस ने कहा- नोटबंदी गैरकानूनी थी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों की पीठ ने केंद्र सरकार के 2016 के नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले की पुष्टि की। कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी का फैसला लेते समय अपनाई गई प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी। इसलिए उस अधिसूचना को रद्द करने की कोई जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ में से केवल एक जज जस्टिस बी.वी नागरत्ना ने नोटबंदी को गैरकानूनी कहा।जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि केन्द्र सरकार के कहने पर सभी सीरीज़ नोट को प्रचलन से बाहर करना काफी गंभीर विषय है।जस्टिस ने कहा कि नोटबंदी का...

सड़क दुर्घटना - यदि अलग- अलग राज्यों में दावे  किए गए हैं तो बाद वाले उस ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर होंगे जहां पहला दावा दायर हुआ था : सुप्रीम कोर्ट
सड़क दुर्घटना - यदि अलग- अलग राज्यों में दावे किए गए हैं तो बाद वाले उस ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर होंगे जहां पहला दावा दायर हुआ था : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कई दावेदारों वाले मोटर दुर्घटना के मामले में, यदि दावेदार अलग-अलग हाईकोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के ट्रिब्यूनलों में अलग-अलग दावा याचिका दायर करते हैं, तो पहली दावा याचिका को सुनवाई योग्य माना जाना चाहिए और बाद की दावा याचिकाओं को उस ट्रिब्यूनल में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए जहां पहली याचिका दायर की गई थी। ऐसी बाद की दावा याचिकाओं के स्थानांतरण के लिए सुप्रीम कोर्ट में कोई स्थानांतरण याचिका दायर करने की आवश्यकता नहीं है। न्यायालय ने आगे सभी हाईकोर्ट...

व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दों पर अत्यावश्यकता की भावना के साथ निर्णय लिया जाना चाहिए: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दों पर अत्यावश्यकता की भावना के साथ निर्णय लिया जाना चाहिए: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर मुद्दे पर हो रही आलोचनाओं के मुद्दे पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि करीब 14 लाख मामलों के निस्तारण में विलंब इसलिए हो रहा है कि किसी ना किसी प्रकार के रिकॉर्ड या दस्तावेज का इंतजार किया जा रहा है और करीब 63 लाख से ज्यादा मामले इसलिए लंबित हैं क्योंकि वकील उपलब्ध नहीं है। सीजेआई ने इस संबंध में नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड के आंकड़ों को पेश किया।सीजेआई ने कहा, "हमें वास्तव में यह सुनिश्चित करने के लिए बार के समर्थन की आवश्यकता है कि हमारी अदालतें...