संपादकीय
क्या कोई ऐसा व्यक्ति जो वक़ील नहीं है, अदालत में किसी मुक़दमे की पैरवी कर सकता है? जानिए क्या कहता है कानून
क्या कोई ग़ैर-वक़ील व्यक्ति किसी मुक़दमादार की पैरवी करने के लिए क़ानून की अदालत में पेश हो सकता है? या क्या कोई मुक़दमादार किसी ऐसे व्यक्ति को अदालत में अपनी पैरवी करने के लिए कह सकता है जो वक़ील नहीं है? इस आलेख में इन्हीं बातों को स्पष्ट किया गया है। क़ानूनी व्यवस्था एडवोकेट्स एक्ट की धारा 30 में कहा गया है कि ऐसा कोई भी वक़ील जिसका नाम राज्य की सूची में शामिल है उसे सुप्रीम कोर्ट सहित किसी भी अदालत में किसी भी ट्रिब्यूनल या व्यक्ति जिसको क़ानूनी तौर पर सबूत लेने को अधिकृत किया गया...
जानिए संपत्ति-अंतरण अधिनियम के अंतर्गत 'संपत्ति' का अर्थ और इसकी प्रमुख विशेषताएं
संपत्ति का वास्तविक अर्थ बहुत व्यापक है। इसमें न केवल मूर्त (Tangible) वस्तुएं शामिल हैं (जैसे भूमि, आवास या दुकान इत्यादि), बल्कि आय या स्रोत के तत्व के रूप में माने जाने वाली तमाम अमूर्त (Intangible) संपत्तियां भी शामिल हैं (जैसे बौद्धिक सम्पदा)। गौरतलब है कि 'संपत्ति' शब्द के अर्थ के अंतर्गत, केवल मूर्त या अमूर्त वस्तुएं ही नहीं आती हैं, बल्कि इसके अंतर्गत उन मूर्त एवं अमूर्त वस्तुओं से सम्बंधित किसी व्यक्ति विशेष के अधिकार एवं हित भी आते हैं। सामान्य अर्थ में, संपत्ति कोई भी भौतिक या...
अर्ध-संविदा क्या होती है एवं अनुचित सम्पन्नता के सिद्धांत का इससे क्या है संबंध?
एक 'अर्ध/कल्प अनुबंध' (Quasi Contract) का अर्थ उस कानूनी रूप से वैध समझौते (Agreement) से है, जहाँ दो या अधिक पक्षों के बीच पहले से कोई संविदात्मक दायित्व (Contractual Liability) तय नहीं होता है। यह एक ऐसी संविदा है जो अदालत द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसका कानूनी प्रावधानों में भी उल्लेख मिलता है। यह कहा जा सकता है कि इस प्रकार की संविदा, अदालत के आदेश द्वारा बनायी/घोषित की जाती है, न कि पक्षों के द्वारा (हालाँकि अदालत की घोषणा पक्षों के कृत्यों पर आधारित होती है)। 'Quasi' शब्द का अर्थ आभासी...
साइबर अपराध के प्रमुख प्रकार क्या हैं और कैसे दिया जाता है इन्हें अंजाम?: 'साइबर कानून श्रृंखला' (भाग 2)
पिछले लेख साइबर अपराध क्या है एवं इसे किसके विरूद्ध अंजाम दिया जाता है?: 'साइबर कानून श्रृंखला' (भाग 1) में हमने यह समझा कि साइबर अपराध क्या है एवं इसे किस के विरुद्ध अंजाम दिया जाता है। जैसा कि हमने जाना और समझा है, साइबर अपराधों को ऐसे गैरकानूनी कृत्यों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जहां कंप्यूटर का उपयोग या तो एक उपकरण या लक्ष्य या दोनों के रूप में किया जाता है। साइबर अपराध एक सामान्य शब्द है, जिसमें फ़िशिंग, स्पूफिंग, DoS हमला, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, ऑनलाइन लेन-देन धोखाधड़ी,...
अयोध्या फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी के CJI गोगोई को बधाई देने की बांग्लादेशी मीडिया की खबरों का भारत ने खंडन किया
भारत ने बांग्लादेशी मीडिया की उस रिपोर्ट को " दुर्भावनापूर्ण "और" फर्जी " करार दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के फैसले पर भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को बधाई दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बुधवार को ट्वीट किया, "हम समुदायों को विभाजित करने के लिए ऐसी फर्जी और दुर्भावनापूर्ण ख़बरों को फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों की कड़ी निंदा करते है जो भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच असहमति और कमजोर दोस्ती पैदा करते हैं।"भारतीय उच्चायोग...
वकील अदालतों के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए बाध्य, कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों से काम से दूर न रहने की अपील की
कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अभय.एस. ओका ने एक बयान जारी किया है, जिसमें राज्य में वकीलों से अदालत के काम से परहेज न करने या अनुपस्थित न रहने और अदालत के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि ''यह कानून की एक स्पष्ट स्थिति है कि अदालत के काम को रोकना या अदालती कार्यवाही का बहिष्कार करना और बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों द्वारा बार के सदस्यों को अदालत के काम से दूर रहने या अदालतीय कार्यवाही का बहिष्कार करने के लिए कहने का काम या गतिविधि,...
अपराध की गंभीरता ज़मानत न देने का निर्णायक आधार नहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के मामले के (जिसने बाद में आत्महत्या कर ली थी) आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि ''ज़मानत देने से इनकार करने के लिए अपराध की गंभीरता अकेले एक निर्णायक आधार नहीं हो सकती, बल्कि अदालत द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते समय प्रतिस्पर्धी कारकों या तथ्यों को संतुलित किया जाना चाहिए।'' न्यायमूर्ति अशोक.जी निजगनवर ने संतोष दानकांकेरी को जमानत देते हुए कहा , ''जमानत का उद्देश्य मुकदमे में अभियुक्त की उपस्थिति को सुनिश्चित करना है और इस...
साइबर अपराध क्या है एवं इसे किसके विरूद्ध अंजाम दिया जाता है?: 'साइबर कानून श्रृंखला' (भाग 1)
जिस गति से तकनीक ने उन्नति की है, उसी गति से मनुष्य की इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। एक ही जगह पर बैठकर, इंटरनेट के जरिये मनुष्य की पहुँच, विश्व के हर कोने तक आसान हुई है। आज के समय में हर वो चीज़ जिसके विषय में इंसान सोच सकता है, उस तक उसकी पहुँच इंटरनेट के माध्यम से हो सकती है, जैसे कि सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डेटा स्टोर करना, गेमिंग, ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब इत्यादि। आज के समय में इंटरनेट का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में किया जाता है। इंटरनेट के विकास और इसके संबंधित लाभों के साथ...
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को POCSO मामलों की जांच के लिए अतिरिक्त फोर्स का गठन करने के निर्देश दिए
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (POCSO) अपराधों की जांच के लिए अतिरिक्त फोर्स का गठन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि POCSO अपराध की जांच के सभी चरणों और कोर्ट ट्रायल को अधिनियम के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके। "यह इन मामलों में चौंकाने वाली स्थिति है", सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार सुरिंदर एस राठी की रिपोर्ट पर पीठ ने टिप्पणी की। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि POCSO मामलों के 20% मामलों में,...
जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा, राफेल मामले में फैसले पर के बाद भी सीबीआई याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर कानूनी कार्रवाई कर सकती है
जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा है कि राफेल मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर आया फैसला राफेल खरीद में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कानूनी कार्रवाई करने के मामले में सीबीआई के लिए रोड़ा नहीं बनेगा.
आवश्यक धार्मिक गतिविधियों के मामलों पर निर्णय के लिए बड़ी पीठ का गठन होने तक सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला रिव्यू को लंबित रखेगा
सुप्रीम कोर्ट ने वृहस्पतिवार को सबरीमाला मामले में 3:2 की सहमति से आए रिव्यू फ़ैसले को तब तक लंबित रखने का फ़ैसला किया है जब तक कि इस मामले में बड़ी पीठ इस मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के बारे में कोई निर्णय नहीं ले लेता। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति खानविलकर और इन्दु मल्होत्रा की राय एक थी कि आवश्यक धार्मिक गतिविधियों में अदालत हस्तक्षेप कर सकता है कि नहीं यह मामला बड़ी पीठ को सौंपी जाए जबकि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ और नरीमन ने इसके ख़िलाफ़ अपना फ़ैसला दिया। ...
अयोध्या का फैसला ऐतिहासिक गलतियों में सुधार के लिए नज़ीर नहीं बना सकता
मनु सेबेस्टियनराम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्पणियों पर गौर करें तो ये नहीं कहा जा सकता कि ये फैसला मौजूदा दौर के उन मालिकाना दावों के समर्थन में कानूनी नजीर बन सकता, जिनमें किसी मौजूदा इमारत पर कथित तौर पर पुराने दौर के शासकों की ऐतिहासिक गलतियों के आधार दावा किया जा रहा हो। 1045 पृष्ठ के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारतीय संविधान द्वारा निर्मित मौजूदा कानूनी तंत्र में पुराने शासकों की गई ऐतिहासिक गलतियों का सुधार नहीं किया जा सकता। पांच जजों...
जज क़ानून से ऊपर नहीं, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, न्यायिक नियुक्त की प्रक्रिया अवश्य ही पारदर्शी होनी चाहिए
अपनी अलग लेकिन सहमतिपूर्ण राय में न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली हाईकोर्ट के ख़िलाफ़ इस अपील को ख़ारिज कर दिया कि सीजेआई का ऑफ़िस आरटीआई अधिनियम के तहत आता है। अपने फ़ैसले में उन्होंने कहा कि उच्च न्यायपालिका में जजों का चयन और उनकी नियुक्ति की जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए। उनके हिसाब से, इससे नियुक्ति की प्रक्रिया में आत्मविश्वास बढ़ेगा और इसमें पारदर्शिता आएगी और न्यायपालिका एवं सरकार में हर स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में उत्तरदायित्व का भाव पैदा होगा। न्यायमूर्ति...
"चौकीदार चोर है" टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का मामला किया बंद
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 'चौकीदार चोर है' टिप्पणी के लिए अवमानना का मामला बंद कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राहुल गांधी द्वारा व्यक्त किए गए खेद के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई बंद कर दी। न्यायालय ने हालांकि "सावधानी" शब्द जोड़ते हुए कहा कि राहुल गांधी को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए थी। न्यायमूर्ति कौल ने कहा, "कोर्ट को...
क्या एक नाबालिग संविदा करने में सक्षम है ? जानिए क्या कहता है कानून
स्पर्श उपाध्यायआज के दौर में अवयस्क/नाबालिग सार्वजनिक जीवन में पहले से भी अधिक सक्रिय दिखते हैं। नाबालिग, सिनेमा हॉल में जाते हैं, टिकट पर यात्रा करते हैं, साइकिल स्टैंड का इस्तेमाल करते हैं, अपने कपड़े सिलवाने या साफ करने के लिए सेवाओं का उपयोग करते हैं, शिक्षा संस्थानों में स्वयं फीस भरते हैं और जीवन और शिक्षा से जुड़ी बहुत सारी अन्य चीज़ों का दैनिक लेनदेन करते हैं। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि हम अवयस्कों/नाबालिगों द्वारा किये जाने वाले करार या संविदा (Agreement) की वैधता को समझें। जैसा कि...
कर्नाटक : अयोग्य विधायकों को राहत, उपचुनाव लड़ सकेंगे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राजनीतिक नैतिकता को संवैधानिक नैतिकता से बदला नहीं जा सकता
कर्नाटक में अयोग्य करार दिए गए 17 बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए स्पीकर के अयोग्य ठहराने के फैसले को बरकरार रखा लेकिन विधानसभा कार्यकाल यानी 2023 तक अयोग्य ठहराने के फैसले को रद्द कर दिया। इसके साथ ही अब ये अयोग्य विधायक पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में हिस्सा ले सकते हैं। जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अयोग्यता उस तारीख से संबंधित है जब इस तरह के दलबदल की...
प्रथम दृष्टया पुख्ता सबूत को लेकर आश्वस्त होने पर ही अदालत आरोपी को अदालत में पेशी के लिए बुलाए : इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक ताज़ा फैसले में इस बात को दोहराया कि किसी आरोपी को अदालत में बुलाने को लेकर मजिस्ट्रेट के लिए यह जरूरी है कि वह इसके बारे में अपने आश्वस्त होने का उल्लेख करे। अदालत ने यह फैसला आवेदनकर्ता की इस दलील पर दिया कि निचली अदालत ने शिकायतकर्ता और उसके गवाहों के बयानों के आधार पर सिर्फ एक निष्कर्ष रिकॉर्ड किया था कि प्रथम दृष्टया ऐसा करने का आधार है, लेकिन अदालत का यह निष्कर्ष सीआरपीसी की धारा 200 और 202 के तहत शिकायतकर्ता और उसके गवाहों के रिकॉर्ड बयानों पर हुई बहस के बाद...