संपादकीय
[ चोरी और हत्या ] : यह अनुमान लगाना सुरक्षित नहीं कि चोरी की गई संपत्ति के कब्जे वाला व्यक्ति ही हत्यारा है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चोरी और हत्या के एक मामले में, यह अनुमान लगाना सुरक्षित नहीं है कि चोरी की गई संपत्ति के कब्जे वाला व्यक्ति ही हत्यारा है। इस सोनू @ सुनील बनाम राज्य मध्य प्रदेश, मामले में, चोरी और हत्या करने के लिए अपीलकर्ता को दोषी ठहराया गया था।उसे ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने बाद में मौत की सजा को आजीवन कारावास की सजा में बदल दिया। कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ सबूत अनिवार्य रूप से मोबाइल फोन की बरामदगी के हैं। यह भी ध्यान दिया गया कि बरामदगी की तारीख...
धारा 227 CrPC : जानिए डिस्चार्ज होने के लिए अभियुक्त के दलील या दस्तावेज प्रस्तुत करने पर क्या सीमाएं हैं?
जब कभी किसी मामले का अभियुक्त, मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है, और मजिस्ट्रेट को ऐसा लगता है कि उस अभियुक्त द्वारा कथित तौर पर किया गया अपराध, अनन्यतः (exclusively) सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय (triable) है तो वह मजिस्ट्रेट, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 209 की शर्तों के अधीन, मामले को सुपुर्द (commit) कर देता है (सेशन न्यायालय को)। गौरतलब है कि मजिस्ट्रेट इस बात की सूचना, लोक अभियोजक (Public Prosecutor) को भी दे देता है कि उसके द्वारा वह मामला सेशन न्यायलय को सुपुर्द...
COVID 19 के दौर में मकान मालिक-किरायेदार विवादः मुश्किलें और हल
अनघ मिश्रऐसा लगता है कि दुनिया एक विकट स्थिति का सामना कर रही है, जिसका प्रभाव न केवल आर्थिक, राजनीतिक और संगठनात्मक मोर्चों पर दिखाई दे रहा है, बल्कि हमारे पारस्परिक और सामाजिक संबंधों पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। भारत में COVID-19 महामारी का आर्थिक प्रभाव काफी निराशाजनक है। विश्व बैंक और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2021 के लिए भारत की विकास दर को कम कर दिया है। यह भारत के आर्थिक उदारीकरण के तीन दशकों की न्यूनतम विकास दर है। केंद्र सरकार ने बीते दो महीनों में कोरोनोवायरस के...
कंटेनमेंट ज़ोन में लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाया, अन्य क्षेत्रों में धार्मिक स्थल होटल, शॉपिंग मॉल 8 जून से खुलेंगे
गृह मंत्रालय ने शनिवार को आदेश जारी करते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को कंटेंटमेंट जोन में 30 जून तक बढ़ा दिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए जिला प्राधिकरणों द्वारा कंटेनटमेंट जोन का सीमांकन किया जाएगा।केवल आवश्यक गतिविधियों को ही अनुमति दी जाएगी। नियंत्रण क्षेत्रों के बाहर के क्षेत्रों में, निषिद्ध गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोला जाएगा। धार्मिक स्थान / पूजा स्थल, होटल, रेस्तरां और अन्य आतिथ्य सेवाएँ, शॉपिंग मॉल को 8 जून से...
PM CARES Fund सूचना के अधिकार के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है : प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आरटीआई अधिनियम के तहत दायर एक आवेदन में मांगी गई सूचना को साझा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 2 (एच) के तहत PM CARES FUND 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है। आरटीआई आवेदन 1 अप्रैल को हर्षा कंदुकुरी द्वारा किया गया था, जो प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष (PM CARES FUND) के संविधान के बारे में जानकारी मांग रही थीं। बेंगलुरु में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में एलएलएम की छात्रा हर्षा ने PM CARES FUND के ट्रस्ट...
जस्टिस संगीता सहगल को दिल्ली हाईकोर्ट में वर्चुअल विदाई दी गई : पूरी स्पीच पढ़ें
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल के लिए वर्चुअल विदाई का आयोजन किया। जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल आज, यानि 30 मई को कार्यालय से विदा लेने वाली हैं। न्यायमूर्ति सहगल का हाईकोर्ट न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल 20 जून, 2020 तक था, हालांकि उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पद से इस्तीफा दे दिया था। वह जल्द ही दिल्ली राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगी।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित अपने विदाई भाषण के दौरान, न्यायमूर्ति सहगल ने बताया कि...
" मनमाना और भेदभावपूर्ण " : बॉम्बे हाईकोर्ट ने CAP के माध्यम से UG इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं लेने वाले SC/ ST छात्रों के खिलाफ GR को रद्द किया
बॉम्बे हाई कोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने शुक्रवार को 27 फरवरी, 2013 के उस सरकारी प्रस्ताव ( GR) को मनमाना और भेदभावपूर्ण करार दिया जो कॉमन एडमिशन प्रोसेस (CAP) के माध्यम से राज्य में अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं लेने वाले SC और ST छात्रों के खिलाफ जारी किया गया था। कोर्ट ने उक्त GR को रद्द कर दिया और राज्य को ऐसे छात्रों द्वारा जमा की गई फीस लौटाने का निर्देश दिया।न्यायमूर्ति एए सईद, न्यायमूर्ति डीएस नायडू और न्यायमूर्ति पीडी नाइक की पीठ ने ये फैसला सुनाया जो मुख्य न्यायाधीश...
न्यायपालिका सिर्फ यह सोचकर बैठी नहीं रह सकती कि सरकार के पास लोगों की भलाई की बेहतर समझ हैः सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने शुक्रवार को कहा कि न्यायपालिका को लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही प्रभावी और सार्थक तरीके से हस्तक्षेप करना चाहिए था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लॉकडाउन "संगठित, निर्देशित और न्यायसंगत" तरीके से लागू किया गया है। उन्होंने कहा, "सभी भले उद्देश्यों, इरादों और इच्छाओं के बावजूद, यह समझ से परे है कि प्रधानमंत्री यह निर्णय ले सकता है कि वह पूरे देश पर 4 घंटे के भीतर ताला लगा देगा। न्यायपालिका को इस मामले में 24 घंटे के भीतर...
NCLAT के फैसले के खिलाफ साइरस मिस्त्री की अपील पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय कंपनी अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT)के उस फैसले के खिलाफ साइरस मिस्त्री की अपील पर सुनवाई करने पर सहमति जताई, जिसमें उन्हें टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल किया था। इस क्रॉस-एक्शन अपील के माध्यम से, मिस्त्री ने जजमेंट के खिलाफ राहत मांगी। जस्टिस एएस बोपन्ना और हृषिकेश रॉय की पीठ ने इस अपील को एनसीएलएटी द्वारा दिसंबर 2019 में पारित इस फैसले को चुनौती देते हुए रतन टाटा और टाटा समूह की अपील के साथ टैग कर दिया। सीनियर एडवोकेट सीए सुंदरम...
" इंडिया" का नाम बदलकर " भारत" करो, ये अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक : सुप्रीम कोर्ट में याचिका
देश के नाम को इंडिया से " भारत" में बदलने की सीमा तक भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई स्थगित कर दी।जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अनुपलब्धता के कारण सुनवाई 2 जून के लिए स्थगित की।नमाह नामक व्यक्ति ने ये याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि देश को "मूल" और "प्रामाणिक नाम" भारत द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए। याचिका वकील राज किशोर चौधरी के माध्यम से दायर की गई है।याचिकाकर्ता...
COVID19 पीड़ितोंं के शवोंं के निपटान पर कोर्ट का संज्ञान : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने COVID19 मामलों की दुखद स्थिति, जिसमें COVID19 की मौत हो चुके लोगों के शवों को श्मशान के साथ-साथ शवदाह गृह द्वारा संभाला जा रहा है, इस बारे में लिए गए स्वत संज्ञान मामले पर दिल्ली सरकार को एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की डिवीजन बेंच ने दिल्ली सरकार से 02 जून को उक्त स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति आशा मेनन की खंडपीठ ने गुरुवार को एक अखबार की रिपोर्ट पर...
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लॉकडाउन में कोई राष्ट्रीय योजना और मानक नहीं : वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
देश में लॉकडाउन के दौरान व्यापक तौर पर प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के माहौल के बीच गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में गरमा- गरम बहस और दलीलों के बाद शीर्ष अदालत ने उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए कई उल्लेखनीय निर्देश पारित किए।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र के लिए पेश हुए, जबकि वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, कॉलिन गोंजाल्विस, इंदिरा जयसिंग "इन रे: प्रॉब्लम्स एंड मिसरीज ऑफ माइग्रेंट वर्कर्स" शीर्षक से स्वत:.संज्ञान मामले में हस्तक्षेप करने वालों के लिए पेश हुए। वरिष्ठ वकील संजय पारिख, एक्टिविस्ट मेधा...
चौंंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण : मृत मां को जगाने की कोशिश कर रहे बच्चे के वीडियो पर पटना हाईकोर्ट ने संंज्ञान लिया
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन पर अपनी मृत मां को जगाने की कोशिश कर रहे एक बच्चे के वीडियो पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस घटना को "चौंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए पटना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की बेंच ने कहा कि इस घटना पर उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और तदनुसार इस खबर पर संज्ञान लिया और नोटिस जारी किया। । 28 मई, 2020 (पटना संस्करण) के टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक अखबार के लेख के माध्यम से सुनवाई के...
प्रवासियोंं से यात्रा का किराया न लिया जाए, फंंसे हुए प्रवासियोंं को भोजन उपलब्ध करवाया जाए, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
देश भर में फंसे प्रवासियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश इस प्रकार हैं : 1.प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेन या बस से कोई किराया नहीं लिया जाएगा। रेलवे किराया का किराया राज्यों द्वारा साझा किया जाएगा। 2. प्रवासी श्रमिकों को संबंधित राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा उन स्थानों पर भोजन और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा, जहां वे ट्रेन या बस में चढ़ने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। 3. रेल...
प्रवासियोंं की रेल यात्रा का किराया कौन दे रहा है? उन्हें शिफ्ट करने में कितना समय लगेगा? उन्हें खाना कौन दे रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मुद्दे पर केंद्र सरकार से सवाल किए
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उन प्रवासी श्रमिकों के मुद्दों पर केंद्र सरकार से कई सवाल किए, जो लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने "इन रे: प्रॉब्लम्स एंड माइजरीज ऑफ माइग्रेंट वर्कर्स" शीर्षक से दायर मुकदमे पर सुनवाई कर रही थी। सबसे पहले, पीठ ने स्पष्टता की मांग की कि प्रवासियों को उनके मूल राज्य लौटने के लिए उनकी ट्रेन यात्रा के किराये का वहन कौन कर रहा है? सॉलिसिटर जनरल (एसजी), तुषार मेहता ने उत्तर दिया,...
युवा वकील के खिलाफ तल्ख टिप्पणी के बाद बीसीआई ने वापस लिया कारण-बताओ नोटिस
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने एडवोकेट सुहासिनी सेन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और कारण बताओ नोटिस जारी करने का रेजलूशन वापस ले लिया है। सुहासिनी सेन पर आरोप था कि वह toplawyersofsupremecourtofindia.com नाम से एक वेबसाइट चला रही है, जो बीसीआई के नियमों के खिलाफ वकीलों के विज्ञापन में लिप्त है, जिसके बाद कारण बताओ नोटिस देने का प्रस्ताव दिया गया था। सेन के जवाब की जांच करने के बाद बीसीआई ने कहा कि वह सेन के जवाब से संतुष्ट है कि उन्हें इस तरह की वेबसाइट के बारे में नहीं पता था, या कि उस...
अम्रपाली : होमबॉयर्स इस धारणा में न रहें कि वे बकाया राशि का भुगतान किए बिना लाभ का आनंद ले सकते हैं, SC की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मौखिक रूप से टिप्पणी की कि आम्रपाली परियोजना के होमबॉयर्स इस धारणा में न रहें कि वे बकाया राशि का भुगतान किए बिना लाभ का आनंद ले सकते हैं। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कही, जो इस परियोजना से जुड़े कई मुद्दों पर सुनवाई कर रहे थे। होमबॉयर्स की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एम एल लाहोटी ने कहा कि उन्हें निर्माण के लिए इस बिंदु पर भुगतान नहीं करवाना चाहिए।कोर्ट के पिछले दिशा निर्देशों का उल्लेख करते हुए कि कोर्ट ने समयबद्ध तरीके से निर्माण पूरा करने के निर्देश...
नफरत फैलाना, अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है
19 मई, 2020 को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने अर्नब गोस्वामी के खिलाफ रिपब्लिक भारत के 21 अप्रैल और 29 अप्रैल को दो प्रसारणों के संबंध में महाराष्ट्र में दर्ज दो अलग-अलग एफआईआर के मामलों को या तो रद्द करने या सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने की मांग नहीं मानी। एफआईआर में हेट स्पीच से संबंधित आईपीसी के विभिन्न दंडात्मक प्रावधानों के साथ-साथ आपराधिक मानहानि का भी आरोप लगाया गया है। 21 अप्रैल के प्रसारण के संबंध में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने सुश्री सोनिया गांधी के खिलाफ बयान दिया और आरोप...
प्रवासी संकट: पूर्व जजों और कानूनी बिरादरी की प्रतिक्रिया का नतीजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी संकट का संज्ञान लिया
मनु सेबेस्टियनराष्ट्रीय स्तर पर लगाए गए लॉकडाउन के कारण दो महीनों से बहुत ही ज्यादा संकट का सामना कर रहे प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा का संज्ञान अंततः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 26 मई को ले लिया। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि सुप्रीम कोर्ट अब तक अनभिज्ञता की मुद्रा में रहा है और सरकार के बयान को कि-सब ठीक है- को ही सही मानता रहा है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रवासी मजदूरों से संबंधित कई मुद्दों, जैसे कि मजदूरी का भुगतान, खाद्य सुरक्षा, आश्रय...