संपादकीय

सफूरा ज़रगर की जमानत पर रोकः व्यक्तिगत आज़ादी पर भारी पड़ीं उल्टीपुल्टी दलीलें
सफूरा ज़रगर की जमानत पर रोकः व्यक्तिगत आज़ादी पर भारी पड़ीं उल्टीपुल्टी दलीलें

अतिरिक्त सत्र न्यायालय, पटियाला हाउस, नई दिल्ली का जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा ज़रगर को जमानत न देने का फैसला भ्रामकों तर्कों और निराधार अटकलों पर आधार‌ित है। 27 वर्षीय ज़रगर पर फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों की साजिश में शामिल होने का आरोप है और उन पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया है। उल्‍लेखनीय है कि सफुरा गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में हैं। अभियोजन पक्ष ने सफूरा पर आरोप लगाया है कि 23 फरवरी को उनके 'भड़काऊ भाषण' के कारण उत्तर...

  किसी अतिथि कामगार को भूखा नहीं रहने दिया  : केरल सरकार ने स्वतः संज्ञान मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने तथ्य रखे
 ' किसी अतिथि कामगार को भूखा नहीं रहने दिया ' : केरल सरकार ने स्वतः संज्ञान मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने तथ्य रखे

केरल सरकार ने प्रवासी मजदूरों के संकट से संबंधित स्वतः संज्ञान मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचार के लिए तथ्यों की रिपोर्ट दाखिल की है।केरल की राज्य सरकार ने कहा है कि उसने इस हानिकारक प्रभाव का जायजा लिया है कि प्रवासियों पर लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा है और सार्वजनिक जीवन के कई क्षेत्रों में वो स्थिति से निपटने के लिए उपाय करने पर एक रोल मॉडल रहा है। इसलिए इसमें प्रवासी मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए उपयुक्त उपायों पर प्रकाश डाला गया है। " COVID -19 महामारी...

प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद अब मामले के  मूल याचिकाकर्ताओं ने अदालत की सहायता करने के लिए हस्तक्षेप आवेदन दिया
प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद अब मामले के मूल याचिकाकर्ताओं ने अदालत की सहायता करने के लिए हस्तक्षेप आवेदन दिया

पिछले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने COVIDलॉकडाउन के बाद देश भर में फंसे प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर स्वत संज्ञान लिया था,जिसके बाद एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज और हर्ष मंदर के अलावा, आईआईएम-अहमदाबाद के पूर्व डीन जगदीप एस. छोकर ने इस मामले में न्यायालय की सहायता करने की अनुमति मांगी है। इस मामले में हस्तक्षेप करने के आवेदन दायर करते हुए मांग की गई है कि ''आवेदक उनके द्वारा दायर पूर्व में दायर की जनहित याचिकाओं को रिकॉर्ड पर रखकर इस मामले में अदालत की सहायता करना चाहते हैं।'' यह जनहित याचिकाएं...

कामगारों को पूरा वेतन न देने वाले नियोक्ताओं पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं : सुप्रीम कोर्ट
कामगारों को पूरा वेतन न देने वाले नियोक्ताओं पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अंतरिम आदेश पारित किया कि वेतन के पूर्ण भुगतान के लिए 29 मार्च की अधिसूचना के अनुपालन में विफलता के लिए नियोक्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।29 मार्च को जारी आदेश के अनुसार किसी भी नियोक्ता के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी, 12 जून को आने वाले आदेश तक ये अंतरिम आदेश जारी किया गया है। सभी पक्षों को तीन दिनों के भीतर लिखित दलीलें दाखिल करने की स्वतंत्रता दी गई हैं।जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने ये आदेश दिया।...

सुप्रीम कोर्ट ने मोहलत की अवधि के दौरान EMI पर ब्याज लेने पर चिंता जताई, मामले को 12 जून के लिए सूचीबद्ध किया
सुप्रीम कोर्ट ने मोहलत की अवधि के दौरान EMI पर ब्याज लेने पर चिंता जताई, मामले को 12 जून के लिए सूचीबद्ध किया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मोहलत की अवधि के दौरान EMI पर ब्याज लेने की छूट देने की अनुमति देने पर चिंता व्यक्त करते हुए मौखिक टिप्पणियां कीं। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने गजेन्द्र शर्मा की 27 मार्च और 22 मई के RBI परिपत्रों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने वित्तीय संस्थानों को 6 महीने की मोहलत के दौरान ऋण पर ब्याज लगाने की अनुमति को रद्द करने की मांग की है।जस्टिस भूषण ने कहा, "इसमें दो मुद्दे...

जब अपहरण के बाद हत्या होती है तो कोर्ट अपहरणकर्ता को हत्यारा मान सकता है: सुप्रीम कोर्ट
जब अपहरण के बाद हत्या होती है तो कोर्ट अपहरणकर्ता को हत्यारा मान सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने तमिलनाडु के नेता एम के बालन को 2001 में हुए अपहरण और हत्या का दोषी करार दिया है। दो-सदस्यीय खंडपीठ के खंडित फैसले के कारण इस मामले को तीन-सदस्यीय पीठ को सौंपा गया था। न्यायमूर्ति (अब सेवानिवृत्त) वी. गोपाल गौड़ा और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने 2016 में इस मामले में खंडित निर्णय दिया था। न्यायमूर्ति गौड़ा ने आरोपी को बरी कर दिया था, जबकि न्यायमूर्ति मिश्रा ने अभियुक्त को दोषी ठहराया था। (सोमासुन्दरम उर्फ सोमू बनाम पुलिस आयुक्त के माध्यम से राज्य सरकार, (2016)...

न्यायिक चुप्पी निर्वाचित के अत्याचार की पुष्टि करती: पूर्व मुख्य न्यायाधीश को एक जवाब
न्यायिक चुप्पी 'निर्वाचित के अत्याचार' की पुष्टि करती: पूर्व मुख्य न्यायाधीश को एक जवाब

अप्रत्याशित कोनों से कोर्ट पर, विशेष कर सुप्रीम कोर्ट पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वो गंभीर राष्ट्रीय मसलों, विशेष रूप से प्रवासी संकट में हस्तक्षेप न करें। सरकारों की लगातार निष्क्रियता का परिणाम यह है कि लाखों प्रवासी मजदूरों के जीवन अकल्पनीय दुखों का ढेर लग गया है, वो सड़कों पर पैदल चल रहे हैं। भोजन, पानी, जीवन के आवश्यक साधनों की कमी से जूझ रहे हैं। इस कठिन दौर में, अदालतों को हस्तक्षेप न करने की सलाह देना आंख पर पट्टी बांधने जैसा है। दूसरा मशविरा श्री आरसी लाहोटी (पूर्व सीजेआई) की...

National Uniform Public Holiday Policy
मालेगांव ब्‍लास्ट: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल जज का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे याचिकाकर्ता को बॉम्‍बे हाईकोर्ट जाने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मालेगांव ब्लास्ट मामले की त्वरित सुनवाई की के लिए ट्रायल जज के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग कर रहे पर‌िजनों को बॉम्बे हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है। मालेगांव ब्लास्ट की सुनवाई कर रहे मुम्बई की विशेष एनआईए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी श्री पाडालकर, 29 फरवरी, 2020 को सेवानिवृत्ति चुके हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने धमाके के पीड़ित के पिता को त्वरित सुनवाई के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट समक्ष अपील करने को कहा। पीठ ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट...

डीम्ड विश्वविद्यालय छात्रों से प्रोस्पेक्टस में लिखी फीस ही मांग सकते हैं : केरल हाईकोर्ट
डीम्ड विश्वविद्यालय छात्रों से प्रोस्पेक्टस में लिखी फीस ही मांग सकते हैं : केरल हाईकोर्ट

एक उल्लेखनीय निर्णय में, केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से संबद्ध या अफिलीऐटिड डीम्ड विश्वविद्यालय छात्रों से प्रोस्पेक्टस में बताई गई फीस से अधिक फीस नहीं वसूल सकते। यह कहते हुए न्यायमूर्ति अनु शिवराम की एकल पीठ ने तिरुवनंतपुरम स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस टेक्नोलॉजी (आईआईएसटी) को निर्देश दिया है कि वह रिसर्च स्काॅलर या अनुसंधान विद्वानों से एकत्रित उस अतिरिक्त शुल्क वापिस कर दें,जिसके बारे में वर्ष 2013 में जारी प्रवेश प्रोस्पेक्टस में कोई उल्लेख...

  इंडिया का नाम बदलकर  भारत करने की याचिका : सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार किया, केंद्र को प्रतिनिधित्व की तरह विचार करने को कहा
 " इंडिया" का नाम बदलकर " भारत" करने की याचिका : सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार किया, केंद्र को प्रतिनिधित्व की तरह विचार करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देश के नाम को इंडिया से " भारत" में बदलने की सीमा तक भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग करने वाली रिट याचिका पर केंद्र को कहा कि वो इसे प्रतिनिधित्व की तरह ले और इस पर निर्णय दे। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने माना कि ऐसे नाम परिवर्तन के लिए संविधान में संशोधन करने के लिए न्यायालय कोई निर्देश पारित नहीं कर सकता है।सीजेआई एसए बोबडे ने संविधान के अनुच्छेद 1 का जिक्र करते हुए कहा, "हम ऐसा नहीं कर सकते।...

लॉकडाउन की  अवधि को चेक / डिमांड ड्राफ्ट की प्रस्तुति से बाहर करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
लॉकडाउन की अवधि को चेक / डिमांड ड्राफ्ट की प्रस्तुति से बाहर करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें चेक / डिमांड ड्राफ्ट की प्रस्तुति के लिए सीमा की गणना के लिए लॉकडाउन की समय अवधि को बाहर करने के लिए राहत की मांग की गई थी। जनहित याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति आर बानुमति, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ​​और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि "हमारे विचार में, यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लिया जाने वाला एक नीतिगत निर्णय है जिसके बारे में न्यायालय कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता है। भारत के संविधान...

पत्रकार संगठनों की वेतन कटौती और छंटनी के खिलाफ याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य और दस मीडिया समूहों को नोटिस जारी किया
पत्रकार संगठनों की वेतन कटौती और छंटनी के खिलाफ याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य और दस मीडिया समूहों को नोटिस जारी किया

 बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (MUWJ) और नागपुर यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (NUWJ) दायर उस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, राज्य और दस मीडिया हाउसों को नोटिस जारी किया है जिसमें COVID-19 महामारी के दौरान पत्रकारों / गैर-पत्रकार कर्मचारियों पर वेतन में कटौती करने के " गैरकानूनी और मनमानी" के फैसले को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति एसबी शुकरे और न्यायमूर्ति ए एस किलोर की पीठ ने जनहित याचिकाओं पर कर्मचारियों की छंटनी या उनका वेतन काटने से...

क्या लॉकडाउन संवैधानिक रूप से वैध है? जनहित याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा
क्या 'लॉकडाउन' संवैधानिक रूप से वैध है? जनहित याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा

गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिसमें लॉकडाउन की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने याचिका पर केंद्र और गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। सामाजिक कार्यकर्ता विश्वास सुधांशु भांबुरकर की ओर से दाखिल याचिका में दलील दी गई है, "प्रधान मंत्री ने ईडीए और डीमए कानूनों का प्रयोग कर 24 मार्च 2020 को 3 सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगा दिया। यह लॉकडाउन 25 मार्च 2020 को रात 12 बजे से शुरू हुआ था। उसके बाद इस लॉकडाउन को 14 अप्रैल 2020 को, एक मई, 2020; और 17 मई 2020 को तीन बार बढ़ाया...

भीमा कोरेगांवः सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में जारी गौतम नवलखा की जमानत की कार्यवाही पर रोक लगाई
भीमा कोरेगांवः सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में जारी गौतम नवलखा की जमानत की कार्यवाही पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष जारी गौतम नवलखा की जमानत की कार्यवाही पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट के 27 मई के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था। दिल्‍ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में एजेंसी को एनआईए के विशेष न्यायाधीशों के समक्ष कार्यवाही का पूरा रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन्हें मुंबई स्थानांतरित किया गया था। जस्टिस अरुण मिश्रा, अब्दुल नजीर और इंदिरा बनर्जी की बेंच ने नवलखा को भी...

ऐसा कोई कानून नहीं है कि मुख्य अपराधी के साथ कोई व्यक्ति हर कृत्य के संबंध में अपना इरादा साझा करता है जिसके तहत उसने अपराध किया है: सुप्रीम कोर्ट
ऐसा कोई कानून नहीं है कि मुख्य अपराधी के साथ कोई व्यक्ति हर कृत्य के संबंध में अपना इरादा साझा करता है जिसके तहत उसने अपराध किया है: सुप्रीम कोर्ट

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसा कोई कानून नहीं है कि मुख्य अपराधी के साथ कोई व्यक्ति हर कृत्य के संबंध में अपना इरादा साझा करता है जिसके तहत उसने अपराध किया है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने चोरी और हत्या के एक आरोपी द्वारा दायर अपील की अनुमति देते हुए यह अवलोकन किया। अपीलार्थी के खिलाफ 4 अन्य लोगों के साथ मुकदमा चलाया गया और भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 34 के साथ धारा 394, 460 और 302 के तहत दोषी ठहराया गया। आईपीसी की धारा 34 का हवाला देते हुए, पीठ ने कहा कि...

किशोरों को इसके नकारात्मक प्रभाव से बचाने के लिए Tik Tok मोबाइल ऐप को नियंत्रित करना आवश्यक : उड़ीसा हाईकोर्ट
किशोरों को इसके नकारात्मक प्रभाव से बचाने के लिए Tik Tok मोबाइल ऐप को नियंत्रित करना आवश्यक : उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने एक ज़मानत आवेदन पर विचार करते हुए कहा कि टिक टोक मोबाइल एप्लिकेशन को अच्छी तरह से नियंत्रित करने की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति एसके पाणिग्रही ने कहा कि एप्लिकेशन अक्सर अपमानजन और अश्लील कल्चर को प्रदर्शित करता है और स्पष्ट रूप से परेशान करने वाली सामग्री के अलावा पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देता है। इस तरह के एप्लिकेशन को नियंत्रित करने की आवश्यकता है, जिससे किशोरों को इसके नकारात्मक प्रभाव से बचाया जा सके। इस मामले में आरोपी मृतक की पत्नी है। आरोपी पत्नी ने एक अन्य सह आरोपी के...

बीसीआई अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर मनन कुमार मिश्रा कैसे लड़ रहे हैं अपनी न‌िजी और राजन‌ीत‌िक लड़ाइयां?
बीसीआई अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर मनन कुमार मिश्रा कैसे लड़ रहे हैं अपनी न‌िजी और राजन‌ीत‌िक लड़ाइयां?

विकास भदौरियाबार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा की प्रेस विज्ञप्तियों में एक आम पैटर्न होता है- उनका मकसद हमेशा वास्तविक आलोचनाओं और सुधारों को दबाना होता। निजी हमलों के जरिए बीसीआई अध्यक्ष यह सुनिश्चित करते हैं कि बातचीत, आत्मनिरीक्षण और विश्लेषण का कोई भी स्थान न रहे। प्रयास होता है कि इन विचारों को बड़े पैमाने पर कानूनी समुदाय के विचारों के रूप में प्रचारित किया जाए। बीसीआई अध्यक्ष हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रेस विज्ञप्तियां बीसीआई के लोगो और प्रतीक चिन्ह के साथ जारी की...

जेल दोषियों को सजा देने के लिए है, न कि अंडरट्रायल को हिरासत में लेकर समाज को संदेश भेजने के लिए :  दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए दिल्ली दंगों के आरोपी को जमानत दी
"जेल दोषियों को सजा देने के लिए है, न कि अंडरट्रायल को हिरासत में लेकर समाज को संदेश भेजने के लिए" : दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए दिल्ली दंगों के आरोपी को जमानत दी

दिल्ली दंगों के दौरान एक दुकान जलाने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर अदालत को यह लगता है कि अभियुक्त को जेल में रखने से जांच और अभियोजन में कोई सहायता नहीं होने वाली है तो सिर्फ इस आधार पर जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि आरोपी को हिरासत में रखकर 'समाज को एक संदेश भेजना'है। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की एकल पीठ ने कहा कि जेल मुख्य रूप से दोषियों को सजा देने के लिए है, न कि अंडरट्रायल को हिरासत में लेकर 'समाज को संदेश भेजने'के लिए। अदालत ने...

सहनशीलता का स्तर घटता जा रहा है, नासमझी में संदेशों को फॉरवर्ड करने से फैलती हैं फर्जी खबरें : जस्टिस एस के कौल
सहनशीलता का स्तर घटता जा रहा है, नासमझी में संदेशों को फॉरवर्ड करने से फैलती हैं फर्जी खबरें : जस्टिस एस के कौल

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल ने रविवार को मद्रास बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन व्याख्यान में फर्जी खबरों और इनकी व्युत्पत्ति या डेरिवेटिव के खतरे पर अपने विचार व्यक्त किए। न्यायमूर्ति कौल ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि ''फ्रीडम ऑफ स्पीच का विचार व विषय आज के समय में मुझे आकर्षित करता है। मुझे लगता है कि जिस विषय पर हम चर्चा कर रहे हैं, उसके संबंध में इस समय की चुनौतियां थोड़ी अलग हैं। खासतौर पर जिस तरीके से तकनीक का विस्तार हुआ है, यह अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया...