मालेगांव ब्‍लास्ट: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल जज का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे याचिकाकर्ता को बॉम्‍बे हाईकोर्ट जाने को कहा

LiveLaw News Network

3 Jun 2020 2:55 PM GMT

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    Supreme Court of India

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मालेगांव ब्लास्ट मामले की त्वरित सुनवाई की के लिए ट्रायल जज के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग कर रहे पर‌िजनों को बॉम्बे हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है। मालेगांव ब्लास्ट की सुनवाई कर रहे मुम्बई की विशेष एनआईए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी श्री पाडालकर, 29 फरवरी, 2020 को सेवानिवृत्ति चुके हैं।

    चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने धमाके के पीड़ित के पिता को त्वरित सुनवाई के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट समक्ष अपील करने को कहा। पीठ ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ ज‌स्टिस इस सबंध में उचित निर्णय ले सकते हैं।

    पीठ, मालेगांव के 60 वर्षीय निवासी निसार अहमद सैय्यद बिलाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव के भिक्कू चौक पर हुए विस्फोट में उनके बेटे सैय्यद अजहर निसार अहमद की मौत हो गई ‌थी।

    याचिकाकर्ता की दलील थी कि मामले की सुनवाई में हो रही देरी संविधान के अनुच्छेद 21 के खिलाफ है। याचिका में कहा गया था, "मुकदमे में हुई देरी के कारण याचिकाकर्ता और अन्य पीड़ितों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत, याचिकाकर्ता त्वरित ट्रायल का हकदार है और विशेषकर तब, जबकि याचिकाकर्ता का बेटा धमाके में मारा गया हो।"

    याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना 29 सितंबर 2008 की है, लेकिन मुकदमे के ट्रायल में 12 साल लग गए हैं और अब जज को बदलने पर और देर होगी, क्योंकि नए जज को सारे सबूतों को समझने में समय लगेगा।

    याचिकाकर्ता की दलील थी, "वह पिछले एक साल और 4 महीनों में 140 गवाहों के परीक्षण में सक्षम रहे थे। नया जज मामले के रिकॉर्डों को, जो कि हजारों पन्नों में है, और समय लेगा। पीठासीन अधिकारी रिकॉर्डों से वाकिफ थे, और उनका कार्यकाल बढ़ाना न्याय के हित में होगा।"

    याचिकाकर्ता ने इससे पहले एक फरवरी, 2020 को बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ ज‌स्टिस से पीठासीन अधिकारी के कार्यकाल के विस्तार के लिए अनुरोध किया था। हालांकि, उस संबंध में कोई निर्देश पारित नहीं किया गया।

    मालेगांव विस्फोट मामले के मुकदमे की प्रभावी प्रगति न होने के कारण 26 फरवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की खिंचाई भी की थी। इसके बाद, 27 फरवरी को, भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, जो मालेगांव विस्फोट मामले के प्रमुख अभियुक्तों में से एक हैं, मुंबई की विशेष अदालत में पेश हुईं थीं।

    ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात लोग इस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। मालेगांव बम विस्फोटों छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए ‌थे।

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