संपादकीय

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से कहा, जजमेंट के काज़ टाइटल में पक्षकारों की जाति का उल्लेख न करें
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से कहा, जजमेंट के काज़ टाइटल में पक्षकारों की जाति का उल्लेख न करें

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि निर्णयों के वाद शीर्षकों (Cause Titles) में पक्षकारों की जाति का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस अभय श्रीनिवास ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने निचली अदालतों को सलाह दी कि वे काज़ टाइटल में नाम के आगे जाति जोड़ने की प्रथा को जारी रखने से बचें।बेंच ने कहा,"हम यहां देख सकते हैं कि विशेष न्यायाधीश, पोक्सो एक्ट कोटा, राजस्थान राज्य में द्वारा दिए गए फैसले के काज़ टाइटल में अभियुक्त की जाति का उल्लेख किया गया है। हमारा विचार है कि इस तरह की प्रथा का कभी...

भोपाल गैस त्रासदी : सुप्रीम कोर्ट ने यूसीसी से अतिरिक्त मुआवजे की मांग की केंद्र की क्यूरेटिव याचिका खारिज की
भोपाल गैस त्रासदी : सुप्रीम कोर्ट ने यूसीसी से अतिरिक्त मुआवजे की मांग की केंद्र की क्यूरेटिव याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने मंगलवार को भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे का दावा करने के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (अब डॉऊ केमिकल्स) के साथ समझौता फिर से शुरू करने की मांग वाली केंद्र द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया। अदालने नोट किया कि समझौते को केवल धोखाधड़ी के आधार पर रद्द किया जा सकता है, लेकिन भारत संघ द्वारा धोखाधड़ी का कोई आधार नहीं दिया गया है। हालांकि, न्यायालय ने निर्देश दिया कि आरबीआई के पास पड़ी 50 करोड़ रुपये की राशि का केंद्र सरकार...

सिर्फ सीजेआई केस असाइन कर सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट की बेंच दूसरी बेंच को केस सौंपने से नाखुशी जताई
'सिर्फ सीजेआई केस असाइन कर सकते हैं ': सुप्रीम कोर्ट की बेंच दूसरी बेंच को केस सौंपने से नाखुशी जताई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक दुर्लभ दृश्य देखा जब एक पीठ ने खुले तौर पर दूसरी पीठ को मामला सौंपे जाने पर अपनी नाखुशी ज़ाहिर की। न्यायालय की सुस्थापित प्रथा यह है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश "मास्टर ऑफ रोस्टर" की शक्तियों का प्रयोग करके बेंचों को मामले सौंपते हैं। कम सीनियरिटी वाले जज के नेतृत्व वाली पीठ यह निर्देश नहीं देती है कि किसी मामले को किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ इस प्रथा का पालन न होने से नाराज हो गई ।इस मामले की शुरुआत इस...

Same-Sex Marriage
समलैंगिक विवाह को मान्यता प्रदान करने के लिए दायर या‌चिकाओं पर संवैधानिक पीठ विचार करेगी, सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ का फैसला

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने समलैंगिक विवाह को मान्यता प्रदान करने के लिए दायर या‌चिकाओं को संवैधानिक पीठ को सौंप दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा, यह एक "मौलिक" मुद्दा है।बेंच ने आदेश में कहा,"हमारा विचार है कि यह उचित होगा कि पेश किए गए मुद्दों को पांच जजों की पीठ के समक्ष संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के आलोक में हल करने के लिए प्रस्तुत किया जाए। इस प्रकार, हम मुद्दे को संवैधानिक पीठ के समक्ष रखने का निर्देश देते...

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर से मस्जिद को हटाने के आदेश की पुष्टि की, वक्फ को राज्य सरकार से वैकल्पिक भूमि के लिए आग्रह की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर से मस्जिद को हटाने के आदेश की पुष्टि की, वक्फ को राज्य सरकार से वैकल्पिक भूमि के लिए आग्रह की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 2017 में "मस्जिद हाईकोर्ट" नामक एक मस्जिद को उसके परिसर से हटाने के लिए पारित आदेश की पुष्टि की।वक्फ मस्जिद हाईकोर्ट और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज करते हुए जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को मस्जिद को हटाने के लिए तीन महीने का समय दिया। पीठ ने कहा, अगर आज से 3 महीने की अवधि के भीतर निर्माण नहीं हटाया जाता है, तो यह हाईकोर्ट सहित अधिकारियों के लिए खुला होगा कि वे...

इंसाफ लॉन्च पर कपिल सिब्बल ने न्यायिक सुधारों के बारे में बात की, ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया कहा, भारत को बदलाव की जरूरत
'इंसाफ' लॉन्च पर कपिल सिब्बल ने न्यायिक सुधारों के बारे में बात की, ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया कहा, भारत को बदलाव की जरूरत

सीनियर एडवोकेट और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत में देश के चार क्षेत्रों में अपील की चार अंतिम अदालतें होनी चाहिए, जबकि सुप्रीम कोर्ट को केवल संविधान की व्याख्या करने के लिए कम शक्ति के साथ काम करना चाहिए। ऐसा लगा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अमेरिकी न्यायिक वास्तुकला के बाद तैयार की गई प्रणाली की सिफारिश कर रहे था, जिसमें 12 सर्किट अपीलीय अदालतें और संघीय सर्किट अपीलीय अदालतें अंततः हजारों मामलों का फैसला करती हैं, जबकि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में केवल नौ न्यायाधीश शामिल हैं, जो...

न्यायाधीशों के रिटायर्डमेंट के बाद कार्यकारी पदों पर उनकी नियुक्ति के चलन पर रोक लगनी चाहिए : सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे
न्यायाधीशों के रिटायर्डमेंट के बाद कार्यकारी पदों पर उनकी नियुक्ति के चलन पर रोक लगनी चाहिए : सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे

सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने शनिवार को कोच्चि में एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज ओल्ड स्टूडेंट्स एंड टीचर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में 'भारतीय संविधान की मूल संरचना और इसकी वर्तमान चुनौतियों' पर बोलते हुए टिप्पणी की कि कार्यकारी पदों पर न्यायाधीशों के रिटायर्डमेंट के बाद कार्यकारी पदों पर न्यायाधीशों की नियुक्ति के चलन पर रोक लगनी चाहिए।अपने व्याख्यान के दौरान दर्शकों के एक सदस्य ने कार्यकारी पदों पर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की हालिया नियुक्ति पर दवे से उनकी राय पूछी। इस संबंध में...

खिलाड़ी मैदान के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं; जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ऐसा क्यों कहा? (वीडियो)
खिलाड़ी मैदान के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं; जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ऐसा क्यों कहा? (वीडियो)

दिल्ली हाईकोर्ट ने अगामी एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए घुड़सवारों के चयन की प्रक्रिया पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे राष्ट्रीय खेल महासंघ को सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को बढ़ावा देना चाहिए। अति-तकनीकी और व्यक्तिगत प्रतिशोध से भ्रमित नहीं होना चाहिए।जस्टिस गौरांग कांत ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक खिलाड़ी मैदान और स्टेडियम के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं. जो लोग मातृभूमि का नाम रोशन करना चाहते हैं, उन्हें खेल संघों और उसके...

आबकारी नीति लागू करने में मनीष सिसोदिया की अहम भूमिका, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी जायज : दिल्ली कोर्ट
आबकारी नीति लागू करने में मनीष सिसोदिया की अहम भूमिका, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी जायज : दिल्ली कोर्ट

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में हर राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी (ईडी) में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जायज है। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप नेता को 17 मार्च तक ईडी की सात दिन की हिरासत में भेजते हुए यह टिप्पणी की।न्यायाधीश ने कहा कि ईडी के पास आगे की पूछताछ और...

महिलाओं के लिए 100% आरक्षण असंवैधानिक, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नर्सरी डेमोंस्ट्रेटर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए विज्ञापन रद्द किया
महिलाओं के लिए 100% आरक्षण असंवैधानिक, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नर्सरी डेमोंस्ट्रेटर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए विज्ञापन रद्द किया

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियमावली, 2013 ('नियम') की अनुसूची-III के तहत नोट-2 और सहायक प्रोफेसर (नर्सिंग) एवं डेमोंस्ट्रेटर के पदों पर सीधी भर्ती के लिए दिए गए विज्ञापन को रद्द कर दिया, जिसमें 100% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं। मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की खंडपीठ ने उपरोक्त योजना को असंवैधानिक घोषित करते हुए कहा,“…भारत के संविधान के अनुच्छेद 15(3) द्वारा उन नियमों नहीं बचाया गया है जो मनमानी से...

अतिरिक्त-न्यायिक स्वीकारोक्ति सबूत का एक कमजोर भाग है, इसकी स्वतंत्र पुष्टि की आवश्यकता : सुप्रीम कोर्ट
अतिरिक्त-न्यायिक स्वीकारोक्ति सबूत का एक कमजोर भाग है, इसकी स्वतंत्र पुष्टि की आवश्यकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि अतिरिक्त-न्यायिक स्वीकारोक्ति (Extra-Judicial Confession) साक्ष्य का एक कमजोर भाग है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले पर सुनवाई के दौरान देखा कि अतिरिक्त-न्यायिक स्वीकारोक्ति की विश्वसनीयता तब कम हो जाती है जब आसपास की परिस्थितियां संदिग्ध होती हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कहा कि अदालतें आमतौर पर एक अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति पर कोई भरोसा करने से पहले एक स्वतंत्र विश्वसनीय पुष्टि की तलाश करेंगी।बेंच ने कहा,"यह कानून का स्थापित...

सीआरपीसी की धारा 313  : सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी तरह से स्थापित 10 सिद्धांतों का सारांश दिया
सीआरपीसी की धारा 313 : सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी तरह से स्थापित 10 सिद्धांतों का सारांश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 313 के संबंध में स्थापित सिद्धांतों को संक्षेप में प्रस्तुत किया। यह प्रावधान आरोपी की जांच करने की शक्ति से संबंधित है। ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त से मुकदमे के किसी भी स्तर पर प्रश्न पूछने की शक्ति निहित है, ताकि वह उसके विरुद्ध साक्ष्य में प्रकट होने वाली किन्हीं भी परिस्थितियों को स्पष्ट कर सके। एक बार अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच हो जाने के बाद और अभियुक्त को अपने बचाव के लिए बुलाए जाने से पहले अदालत का यह कर्तव्य है...

अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने के आदेश को रद्द किया जा सकता है अगर ये दंडात्मक हो और अनुशासनात्मक कार्यवाही को रोकने के लिए हो : सुप्रीम कोर्ट
अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने के आदेश को रद्द किया जा सकता है अगर ये दंडात्मक हो और अनुशासनात्मक कार्यवाही को रोकने के लिए हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक राजपत्रित अधिकारी को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने के लिए राष्ट्रपति को संप्रेषित करने के वाले पारित आदेश को रद्द कर दिया, जिसकी आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल के सदस्य (लेखाकार) के रूप में नियुक्ति विचार किया जा रहा था।जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ नेअनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को कानून की दृष्टि से टिकाऊ नहीं मानते हुए कहा कि आदेश प्रकृति में दंडात्मक था और संबंधित...

धारा 438, सीआरपीसी | क्या हाईकोर्ट, सेशन कोर्ट के समक्ष उपलब्ध उपचार को समाप्त नहीं किए बिना दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा
धारा 438, सीआरपीसी | क्या हाईकोर्ट, सेशन कोर्ट के समक्ष उपलब्ध उपचार को समाप्त नहीं किए बिना दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा

सुप्रीम कोर्ट पिछले हफ्ते इस प्रश्न पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि क्या हाईकोर्ट दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत के लिए दायर आवेदन पर इस आधार पर विचार करने से इनकार कर सकता है कि आवेदक ने पहले सत्र अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया था।जस्टिस मनोज मिश्रा और अरविंद कुमार की खंडपीठ ने एक अपील पर नोटिस जारी करते हुए कहा, "इस अपील में उठाया गया मुद्दा यह है कि क्या धारा 438 के तहत क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने वाले हाईकोर्ट के पास इस आधार पर इस तरह के आवेदन पर विचार नहीं...