संपादकीय
अगर आज़ाद प्रेस मर गया है, तो लोकतंत्र भी नहीं बच पाएगाः सीमा चिश्ती
इंडियन एक्सप्रेस की डिप्टी एडिटर सीमा चिश्ती ने कहा है कि, "पहले, पहले, गौरी लंकेश की हत्या तक, लोग गैर-कानूनी तरीकों से पत्रकारों परेशान करते थे। लेकिन, अब, लोग कानून का इस्तेमाल कर उन्हें परेशान कर रहे हैं। उन्होंने यह बात लाइवलॉ की ओर से आयोजित एक ई-सेमिनार में कही है, जिसका विषय था, "शूटिंग दी मैसेंजरः दी चिलिंग इफेक्ट ऑफ क्रिमिनालाइजिंग जर्नलिज्म।" उन्होंने कहा, "अगर फ्री प्रेस मर गया है, तो लोकतंत्र भी नहीं बच पाएगा। इसलिए, हमें अपने लोकतंत्र को बचाने के लिए, फ्री प्रेस को बचाने...
मजिस्ट्रेट अपना दिमाग लगाएं, अभियोजन पर आंख बंद करके भरोसा करने की जरूरत नहीं हैः जस्टिस मदन बी लोकुर
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा है, "मजिस्ट्रेट को अपने दिमाग लगाने की जरूरत है और अभियोजन पर आंख बंद करके भरोसा करने की जरूरत नहीं है।"उन्होंने यह बात लाइवलॉ की ओर से आयोजित एक ई-सेमिनार में कही है, जिसका विषय था, "शूटिंग दी मैसेंजरः दी चिलिंग इफेक्ट ऑफ क्रिमिनालाइजिंग जर्नलिस्म।" उन्होंने कहा, "पुलिस अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर ना जाए, न्यायपालिका को यह पहरेदारी करनी पड़ती। एफआईआर की जांच करें, केस डायरी की जांच करें ... पता करें कि क्या हो रहा है, और व्यक्ति को...
सुप्रीम कोर्ट में क्षमादान / दया रिट याचिकाओं के समयबद्ध तरीके से निपटारे के दिशा- निर्देशों के लिए याचिका
क्षमादान / दया रिट याचिकाओं के निपटान के लिए और मौत की सजा के समयबद्ध तरीके से निष्पादन के लिए सुप्रीम कोर्ट में दिशा-निर्देश जारी करने के लिए एक याचिका दाखिल की गई है। वकील डॉ सुभाष विजयरण ने याचिका दायर की है और उच्च न्यायालयों में रिट याचिकाओं को तय करने में अनियमितताओं को उजागर किया है। उन्होंने दो हत्यारी बहनों "रेणुका और सीमा" मामले पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए, 5 बच्चों की हत्या के दोष में दोषी ठहराए जाने का मामला उठाया है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि दिल्ली में...
CLAT 2020 का आयोजन 22 अगस्त को होगा, ऑनलाइन लिया जाएगा टेस्ट (अधिसूचना)
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2020 (CLAT 2020) 22 अगस्त, 2020 को आयोजित किया जाएगा। इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। इस आशय का निर्णय सोमवार को आयोजित एक बैठक में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के संघ की कार्यकारी समिति द्वारा लिया गया। COVID-19 महामारी से उत्पन्न होने वाले लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के प्रभाव की समीक्षा करने के बाद, समिति ने निर्णय लिया है कि परीक्षा "कंप्यूटर-आधारित, ऑनलाइन, केंद्र-आधारित" परीक्षा के माध्यम से उपरोक्त तारीख को आयोजित की जाएगी। इस संबंध में जारी...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज FIR पर रोक लगाई कहा, 'प्रथम दृष्टया कोई केस नहीं बनता'
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को राह्त देते हुए उनके खिलाफ पालघर लिंचिंग मुद्दे पर कथित साम्प्रदायिकता फैलाने के आरोप में और मुंबई के बांद्रा रेलवे में प्रवासी कामगारों के जमा होने को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज दो एफआईआर पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति उज्जल भुयान और न्यायमूर्ति रियाज चागला की खंडपीठ ने कहा कि "उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मुकदमा नहीं बनता।" पीठ ने आदेश दिया कि अर्नब के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। पीठ ने 12...
जानिए कैसे होता है ट्रायल( विचारण) चलाने के लिए न्यायालय का निर्धारण
जब भी कोई अपराध होता है तो उस अपराध के होने के बाद उसका अन्वेषण किया जाता है तथा अन्वेषण के पश्चात उस पर जांच या विचारण न्यायालय द्वारा किया जाता है। बड़ा तात्विक प्रश्न है कि ऐसी जांच और विचारण कौन से न्यायालय द्वारा किया जाएगा? दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय 13 में जांच और विचारण का स्थान बताया गया है। इस अध्याय में लगभग उन सभी प्रश्नों को हल कर दिया गया है जो किसी विचारण के स्थान के संबंध में उत्पन्न होते हैं। विचारण कौन से न्यायालय द्वारा किया जाएगा, यह महत्वपूर्ण और बुनियादी प्रश्न है,...
काले रंग के कारण पत्नी पर किया गया अत्याचार धारा 498 ए के तहत अपराध हैः कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना है कि पति और ससुराल वालों द्वारा डार्क कॉम्प्लेक्सन के कारण पत्नी के खिलाफ क्रूरता करना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498 ए के तहत अपराध माना जाएगा।अदालत ने पत्नी की हत्या के मामले एक व्यक्ति की सजा को बरकारार रखते हुए कहा, "ससुराल वालों द्वारा शादी के बाद भी मृतक पीड़िता के साथ उसके काले रंग के कारण क्रूरता करना, निश्चित रूप से आरोपी पति सहित ससुराल वालों के खिलाफ धारा 498A/ 34 IPC आकर्षित करेगा।" जस्टिस साहिदुल्लाह मुंशी और सुभासिस दासगुप्ता की खंडपीठ शादी के...
केंद्र सरकार ने Tik Tok सहित 59 चाइनीज़ ऐप को ब्लॉक किया
केंद्र सरकार ने सोमवार को 59 चीनी ऐप को ब्लॉक करने का फैसला किया है, जिसमें टिक टोक, शेयर इट, यूसी ब्राउज़र शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए सह पठित सूचना प्रौद्योगिकी (प्रासंगिकता और सुरक्षा उपायों को सार्वजनिक रूप से सूचनाओं के अवरोधन के लिए नियम) 2009 के संबंधित प्रावधानों के तहत शक्तियों का आह्वान करते हुए भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा का हवाला...
क्या स्वास्थ्य का अधिकार (Right to Health) एक मौलिक अधिकार है, जानिए राज्य की क्या हैं जिम्मेदारियां?
यह काफी नहीं कि शरीर में रोग या दुर्बलता का अभाव हो तो उसे एक स्वस्थ शरीर कहा जा सकता है, बल्कि स्वास्थ्य (Health) सम्पूर्ण शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक आरोग्यढ की अवस्था् को माना जाता है। यह तथ्य भी जगजाहिर है कि स्वास्थ्य, किसी भी देश के विकास के महत्वपूर्ण मानकों में से एक है। कोरोना-काल में जहाँ स्वास्थ्य के ऊपर खतरा कई गुना बढ़ा है, वहीँ दुनिया भर के देश और उसके नागरिक इस खतरे से जूझ रहे हैं, इसके चलते सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था भी ध्वस्त हो चुकी है और मानव जीवन के हर पहलू...
तब्लीगी जमात : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्या विदेशी नागरिको के वीज़ा रद्द करने के लिए व्यक्तिगत आदेश दिए गए थे ?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से पूछा है कि क्या अधिकारियों ने मार्च में दिल्ली में तब्लीगी जमात में भाग लेने वाले विदेशियों के वीज़ा शर्तों के कथित उल्लंघन पर वीज़ा रद्द करने के लिए व्यक्तिगत आदेश जारी किए हैं। अदालत ने याचिका की प्रतिलिपि देने के संबंध में परस्पर विरोधी दावे करने के बाद, विदेशी नागरिकों द्वारा दायर याचिका को स्थगित कर दिया, जिन्होंने केंद्र के दस साल की भारत यात्रा से ब्लैकलिस्ट करने के आदेश को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और...
' अपने छात्रों का ध्यान रखें ' : सुप्रीम कोर्ट ने CA परीक्षा में 'ऑप्ट-आउट' योजना को लचीला बनाने की सलाह दी, ICAI अधिसूचना में संशोधन करेगा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जोर देकर कहा कि ICAI को COVID-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए 29 जुलाई से 16 अगस्त के बीच होने वाली CA परीक्षाओं के लिए 'ऑप्ट-आउट' योजना के साथ लचीला होना चाहिए। जस्टिस एएम खानविलकर , जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने इस संबंध में नए सिरे से अधिसूचना जारी करने को कहा। इस मामले पर अगली सुनवाई 2 जुलाई को की जाएगी। पीठ इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा "ऑप्ट आउट स्कीम" को चुनौती देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें परीक्षा के...
370 को निरस्त करने के बाद J&K हाईकोर्ट में दाखिल 99% हैबियस कॉर्पस याचिकाएं लंबित : J&K हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने CJI को लिखा
जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, श्रीनगर ने भारत के न्यायाधीश भारत को पिछले साल संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से अपने सदस्यों द्वारा सामना की जा रही विभिन्न समस्याओं को उजागर करते हुए पत्र लिखा है। हैबियस कॉर्पस याचिकाओं का निपटान एसोसिएशन ने सीजेआई को सूचित किया है कि 6 अगस्त, 2019 से, अर्थात् अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के उच्च न्यायालय के सामने 600 से अधिक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं दायर की गई हैं। हालांकि, आज तक, इस तरह के...
रविवार को विशेष सुनवाई : राजस्थान बोर्ड परीक्षा आयोजन के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को एक विशेष सुनवाई में राजस्थान बोर्ड की दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन पर राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि उन्होंने "राजश्री बनाम कर्नाटक" के हालिया फैसले के आलोक में उक्त याचिका में हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझा, जिसमें न्यायमूर्ति एलएन राव ने कहा था कि न्यायालयों को अकादमिक मुद्दों में न्यूनतम हस्तक्षेप करना चाहिए। कोर्ट ने कहा...
कस्टडी में मौतः जांच की प्रक्रिया क्या है?
"कानून द्वारा शासित एक सभ्य समाज में कस्टडी में मौत सबसे बुरे अपराधों में से एक है। जब एक पुलिसकर्मी किसी नागरिक को गिरफ्तार करता है, तब क्या उसके जीवन के मौलिक अधिकार समाप्त हो जाते हैं? क्या नागरिक के जीवन के अधिकार को उसकी गिरफ्तारी के बाद निलंबित किया जा सकता है? वास्तव में, इन सवालों का जवाब ठोस तरीके से "नहीं" होना चाहिए।"-डीके बसु बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ वेस्ट बंगाल AIR 1997 SC 610। हिरासत में मौत/ यातना के मामलों में स्वतंत्र जांच, कम से कम प्रारंभिक चरणों में, एक बड़ी समस्या रही है,...
देश के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को न्यायपालिका तुरंत नहीं उठाती: कपिल सिब्बल
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक ऑनलाइन सेमिनार में बोलते हुए, 'न्यायपालिका की स्वतंत्रता' के बारे चिंता जताई और कहा कि यह जनता के लिए चिंताजनक मुद्दा बन गया है। न्यायिक स्वतंत्रता के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक व्यक्ति के रूप में जज की विशेषताओं की परिकल्पना और निष्पक्ष होने की उनकी क्षमता के बारे में धारणा से शुरुआत की। "एक जज को संतुलनकारी दावे और साम्य को देखने और उसके अनुसार शासन करने की आवश्यकता है। जब हम किसी न्यायाधीश के पास जाते हैं तो हमारी अपेक्षा...
एडवोकेट अपर्णा भट ने सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट की महिला जजों को पत्र लिखकर कहा, जजों को सलाह दें कि महिला विरोध छोड़ें और फैसलों में महिलाओं के बारे में रूढ़िवादी धारणाओं का प्रदर्शन न करें
कर्नाटक हाईकोर्ट के जज जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की रेप के एक मामले में की गई टिप्पणी को सेंसर करने की मांग की गई है। रेप के मामले में दायर अग्रिम जमानत की एक याचिका पर सुनवाई में जस्टिस दीक्षित के समक्ष रेप पीड़िता ने कहा था कि रेप की वारदात के बाद वह सो गई थी, जिस पर जस्टिस दीक्षित ने टिप्पणी की थी कि हमारी महिलाएं रेप के बाद ऐसे व्यवहार नहीं करतीं। भारतीय महिलाओं के लिए यह अशोभनीय है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और महिला न्यायाधीशों आर भानुमती, इंदु मल्होत्रा, और इंदिरा बनर्जी को...
जामिया में पुलिस हिंसा के खिलाफ दर्ज शिकायत के मामले में मानवाधिकार आयोग ने कहा, दिल्ली पुलिस की विशेष जांच टीम विरोध के पीछे रहे "असली अपराधियों" की पहचान करें ओर उन्हें गिरफ्तार करे
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई पुलिस हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस की विशेष जांच टीम से विरोध के पीछे रहे "असली अपराधियों" की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की सिफारिश की है। मानवाधिकार आयोग ने छात्रों को विश्वविद्यालय की उचित अनुमति के बिना विरोध प्रदर्शन करने का दोषी माना है। एनएचआरसी ने कहा है कि विश्वविद्यालय के छात्र बाहरी लोगों के प्रभाव में आ गए और अनधिकृत विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। वे "गैर-कानूनी सभा" का हिस्सा बने, दिल्ली पुलिस को भड़काया और...
तब्लीगी जमात : सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट करने के खिलाफ दाखिल याचिका की प्रति केंद्र को देने के निर्देश दिए
तब्लीगी जमात गतिविधियों' में कथित संलिप्तता के लिए ब्लैकलिस्ट करने के MHA के फैसले को चुनौती देने वाले विदेशी नागरिकों को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को याचिका की प्रति केंद्र सरकार को देने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि उनकी दलीलों पर सोमवार को सुनवाई होगी।याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ताओं को वीजा रद्द करने के व्यक्तिगत आदेश नहीं दिए गए हैं।दरअसल 'तब्लीगी जमात...