' अपने छात्रों का ध्यान रखें ' : सुप्रीम कोर्ट ने CA परीक्षा में 'ऑप्ट-आउट' योजना को लचीला बनाने की सलाह दी, ICAI अधिसूचना में संशोधन करेगा

LiveLaw News Network

29 Jun 2020 7:47 AM GMT

  •  अपने छात्रों का ध्यान रखें  : सुप्रीम कोर्ट ने CA परीक्षा में ऑप्ट-आउट योजना को लचीला बनाने की सलाह दी, ICAI अधिसूचना में संशोधन करेगा

     सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जोर देकर कहा कि ICAI को COVID-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए 29 जुलाई से 16 अगस्त के बीच होने वाली CA परीक्षाओं के लिए 'ऑप्ट-आउट' योजना के साथ लचीला होना चाहिए।

    जस्टिस एएम खानविलकर , जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने इस संबंध में नए सिरे से अधिसूचना जारी करने को कहा। इस मामले पर अगली सुनवाई 2 जुलाई को की जाएगी।

    पीठ इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा "ऑप्ट आउट स्कीम" को चुनौती देने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें परीक्षा के लिए और केंद्रों की मांग भी की गई है।

    याचिकाकर्ता के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है कि ICAI ने घोषणा की है कि वह 29 जुलाई से 16 अगस्त के बीच मई 2020 चक्र चार्टर्ड एकाउंटेंट्स परीक्षा आयोजित करेगा। 15 जुलाई को, ICAI ने सूचित किया कि छात्र 'ऑप्ट-आउट' विकल्प का लाभ उठा सकते हैं, जिसके अनुसार उनके प्रयास को रद्द माना जाएगा, और वे नवंबर में निर्धारित परीक्षा में भाग लेने में सक्षम होंगे। ऑप्ट-आउट विकल्प की समय सीमा आज, 29 जून थी। इसे याचिकाकर्ता द्वारा अत्यधिक भेदभावपूर्ण और मनमाना बताया गया है।

    सोमवार की सुनवाई के दौरान, पीठ ने योजना में लचीलेपन की वकालत की। पीठ ने कहा कि महामारी के कारण स्थिति "स्थिर" नहीं है और "गतिशील" है, इसलिए, अंतिम परीक्षा तक ऑप्ट-आउट का विकल्प खुला रखा जाना चाहिए।

    ICAI ने पीठ को बताया कि ऑप्ट-आउट चुनने की सीमित खिड़की को परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या के संबंध में निश्चितता की भावना के साथ रखा गया था, लेकिन पीठ ने कहा कि महामारी की स्थिति लगातार बदल रही है और प्रतिबंधित क्षेत्र हमेशा बदल रहे है।

    "यदि कोई CA परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं होता है, तो उन्हें ऑप्ट आउट के रूप में मानें। जितना आसान हो उतना मान लें क्योंकि यह COVID-19 से संबंधित है।"

    पीठ ने दो सुझाव दिए:

    • ऑप्ट आउट करना अंतिम पेपर तक सक्रिय रहेगा।

    • CBSE परीक्षा के संचालन के लिए MHA द्वारा जारी दिशानिर्देशों को अपनाया जाना चाहिए।

    पीठ ने कहा कि छात्रों के लिए किसी भी सीए परीक्षा को कठिन नहीं बनाया जाना चाहिए। आप ( ICAI) एक पेशेवर निकाय हैं। अपने छात्रों का ध्यान रखें। पीठ ने ICAI के लिए पेश वरिष्ठ वकील रामजी श्रीनिवासन से कहा।

    पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि एक बार जब ऑप्‍शन आउट करने का विकल्‍प अंतिम पेपर तक खुला रखा जाता है, तो कोई अन्य तार्किक चिंता प्रासंगिक नहीं होगी। पीठ ने यह भी कहा कि परीक्षा तिथि से पहले अंतिम सप्ताह तक केंद्र को बदलने का विकल्प खुला होना चाहिए।

    श्रीनिवासन ने पीठ को बताया कि पीठ द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करते हुए एक संशोधित अधिसूचना जारी की जाएगी।

    इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि "ऑप्ट-आउट" विकल्प इस तथ्य के कारण छात्रों के खिलाफ भेदभाव करता है कि कुछ छात्र जो देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रह रहे हैं या वर्तमान में प्रतिबंध क्षेत्रों में रहने बाध्य हैं, "ऑप्ट-आउट" विकल्प चुनें और इस प्रकार उक्त परीक्षा देने के "एक अनमोल परीक्षा प्रयास" को खो दें।

    यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत के प्रत्येक जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र हो ताकि अधिकतम छात्र परीक्षा दे सकें, परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रार्थना की गई है। चूंकि भारत में केवल 259 केंद्र और विदेशों में 5 केंद्र हैं, जबकि भारत में कुल 739 जिले हैं।"

    याचिका मेंं दलील दी गई है कि

    ".... ऊपर से यह स्पष्ट है कि उत्तरदाता नंबर 1 ICAI केवल भारत में लगभग 30% जिलों में उपरोक्त परीक्षाओं का संचालन कर रहा है। इसका अर्थ है कि भारत के अन्य 70% जिलों में रहने वाले छात्र / अभ्यर्थी अपने घरों से लंबी दूरी की यात्रा कर अन्य जिलों में जाने को विवश होंगे क्योंकि उपरोक्त परीक्षाओं में उपस्थित होना आवश्यक है, जो कि उनके जीवन को COVID -19 के घातक महामारी के खतरे में डाल देगा। "

    यह, यह दलील दी गई है कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि संक्रमण के जोखिम को कम किया जाए और छात्रों को परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरी तय ना करनी पड़े।

    इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ता ने उन छात्रों के लिए मुफ्त परिवहन और मुफ्त आवास के लिए प्रार्थना की है जो अपने संबंधित परीक्षा केंद्रों के करीब नहीं हैं और अनावश्यक उत्पीड़न" से बचाने के लिए ऐसे छात्रों को जारी किए जाने वाले "ई-एडमिट कार्ड" को परीक्षाओं के दौरान नियमन / प्रतिबंधित क्षेत्रों में ऐसे बेरोकटोक आवाजाही के लिए ई-पास के रूप में माना जाए।"

    इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने उन केंद्रों के लिए अतिरिक्त परीक्षा केंद्रों के लिए प्रार्थना की है जिनके कंटेनमेंट ज़ोन में जाने की संभावना है।"

    "उन छात्रों के मुफ्त चिकित्सा उपचार के लिए विशिष्ट MHA दिशानिर्देशों को बनाने और कार्यान्वयन की आवश्यकता है, जो परीक्षा के दौरान COVID19 से संक्रमित हो सकते हैं।"

    "सभी छात्र / उम्मीदवारों और परीक्षा केंद्रों पर तैनात शिक्षकों और कर्मचारियों का भी निशुल्क COVID-19 टेस्ट होना चाहिए।"

    तथा

    "प्रत्येक ऐसे अभ्यर्थी / छात्र को परीक्षा केंद्र चुनने के लिए नए विकल्प प्रदान करें, उक्त परीक्षा केंद्रों की संख्या में वृद्धि कर, इस पक्षपात के बिना कि उसने पहले से ही 15.06.2020 / 20.06. 2020 की महत्वपूर्ण घोषणाओं के तहत पहले ही केंद्र चुन लिया है।

    अंत में,एक वैकल्पिक प्रार्थना भी की गई है कि

    "एक वैकल्पिक प्रार्थना के रूप में,याचिकाकर्ता आगे प्रार्थना कर रहा है कि यदि पूर्वोक्त COVID -19 सुरक्षा उपायों का पालन करना उत्तरदाताओं द्वारा संभव नहीं है, तो उत्तरदाता संख्या 1 ICAI को परीक्षा को तत्काल स्थगित कर COVID-19 संकट के बाद सामान्य हालत होने पर किसी भी बाद की अवधि में करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।"

    Next Story