संपादकीय

जब महात्मा गांधी ने माफी मांगने से इनकार किया और अवमानना की कार्रवाई का सामना किया
जब महात्मा गांधी ने माफी मांगने से इनकार किया और अवमानना की कार्रवाई का सामना किया

अशोक किनीअवमानना मामले में एडवोकेट प्रशांत भूषण ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दिए बयान में महात्मा गांधी के कथन को उद्धृत किया था। महात्मा गांधी के उक्त कथन की काफी चर्चा हुई। दरअसल महात्मा गांधी ने उक्त कथन 1919 में बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष दिया था। तब गांधी के खिलाफ़ उस कोर्ट ने अवमानना ​​कार्यवाही शुरु की थी। आलेख गांधी के खिलाफ चलाए गए अवमानना ​​मामले और उस मामले में फैसले पर चर्चा की गई है। मोहनदास करमचंद गांधी और महादेव हरिभाई देसाई "यंग इंडिया" नामक एक साप्ताहिक समाचार पत्र के...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात के विदेशियों पर दर्ज एफआईआर को रद्द किया, कहा-मीडिया ने उनके ख‌िलाफ दुष्प्रचार किया, उन्हें बलि का बकरा बनाया गया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात के विदेशियों पर दर्ज एफआईआर को रद्द किया, कहा-मीडिया ने उनके ख‌िलाफ दुष्प्रचार किया, उन्हें बलि का बकरा बनाया गया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बहुत ही कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए एक फैसले में 29 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया। आईपीसी, महामारी रोग अधिनियम, महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और विदेशी नागरिक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज यह एफआईआर टूर‌िस्ट वीजा का उल्‍लंघन कर दिल्ली स्थिति निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने के आरोप में दर्ज की गई थी। पुलिस ने विदेशी नागरिकों के अलावा, उन्हें आश्रय देने के आरोप में छह भारतीय...

[सीपीसी की धारा 96] अजनबी व्यक्ति अपील दायर नहीं कर सकता, जब तक कि कोर्ट को संतुष्ट न कर दिया जाये कि अपीलकर्ता पीड़ित व्यक्ति है : सुप्रीम कोर्ट
[सीपीसी की धारा 96] अजनबी व्यक्ति अपील दायर नहीं कर सकता, जब तक कि कोर्ट को संतुष्ट न कर दिया जाये कि अपीलकर्ता 'पीड़ित व्यक्ति' है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 96 के तहत किसी अजनबी व्यक्ति को अपील दायर करने की इजाजत तब तक नहीं दी जा सकती, जब तक वह यह संतुष्ट नहीं कर देता कि वह 'पीड़ित व्यक्तियों' की श्रेणी में आता है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की खंडपीठ ने कहा कि अपील दायर करने वालों को यह दिखाना होगा कि संबंधित आदेश से वे पक्षपातपूर्ण या प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं या उनके कानूनी अधिकार जोखिम में पड़ चुके हैँ। ट्रायल...

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने बताया, NEET/JEE परीक्षाओं को शेड्यूल के मुताबिक कराने के लिए की हैं व्यापक व्यवस्‍थाएं
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने बताया, NEET/JEE परीक्षाओं को शेड्यूल के मुताबिक कराने के लिए की हैं व्यापक व्यवस्‍थाएं

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने घोषणा की है कि उसने NEET-2020 परीक्षा के लिए व्यवस्थाएं की है। परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी, और परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड शीघ्र ही जारी किए जाएंगे। एजेंसी की ओर से जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि सभी परीक्षा केंद्रों पर स्वच्छता की व्यवस्‍था की जाएगी और और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। परीक्षा के संचालन में शामिल कर्मियों को एनटीए की एडवाइजरी के कार्यान्वयन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रेसनोट में कहा गया है, "एनटीए ने...

वाहनों में फैंसी नंबरों के आवंटन के लिए  स्पेशल फीस वसूलना मोटर वाहन अधिनियम के विपरीत : एमिक्स क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
वाहनों में फैंसी नंबरों के आवंटन के लिए ' स्पेशल फीस' वसूलना मोटर वाहन अधिनियम के विपरीत : एमिक्स क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

वाहनों के लिए विशेष पंजीकरण नंबर के आवंटन पर विशेष शुल्क के भुगतान के विषय में एमिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज स्वरूप ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया है कि राज्य सरकारों को पंजीकरण पर कोई अतिरिक्त शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं है, अन्यथा मोटर वाहन अधिनियम के तहत ये प्रदान किया गया हो। उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल सिविल अपील में लिखित दलील दी गई है जिसमें सरकार पर सवाल उठाते हुए "आरक्षण" के माध्यम से मोटर वाहनों के पंजीकरण के लिए शुल्क...

मुख्य न्यायाधीश के बाद अब जस्टिस नरीमन ने भी तीन राजधानी गठित करने पर रोक के आंध्र HC के फैसले के खिलाफ राज्य की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया 
मुख्य न्यायाधीश के बाद अब जस्टिस नरीमन ने भी तीन राजधानी गठित करने पर रोक के आंध्र HC के फैसले के खिलाफ राज्य की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया 

न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ नरीमन ने बुधवार को राज्य में तीन राजधानी शहरों के गठन पर उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम रोक के आदेश के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस नरीमन 17 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के बाद इस मामले में खुद को अलग करने वाले दूसरे सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए। उन्होंने फैसला किया कि वह अपनी बेटी के कारण में उस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते, जो हाईकोर्ट के समक्ष कार्यवाही के दौरान किसी एक पक्ष के लिए पेश हुई थीं। मुख्य...

मैंने सोच-समझकर बयान दिया है: प्रशांत भूषण ने बयान पर विचार करने लिए समय देने के सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव को ठुकराया
'मैंने सोच-समझकर बयान दिया है': प्रशांत भूषण ने बयान पर विचार करने लिए समय देने के सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव को ठुकराया

एडवोकेट प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट के पक्ष में दिए गए बयान पर पुनर्विचार करने के सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दो ट्वीटों के कारण अवमानना का दोषी माना है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने गुरुवार को उनकी सजा पर सुनवाई की, जिसमें भूषण ने कहा कि उनका बयान पर्याप्त "सोच और समझ" के बाद दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर पुनर्विचार नहीं करना चाहते और उन्हें विचार करने लिए समय देने का कोई उपयोगी उद्देश्य...

वर्चुअल सुनवाई के दौरान धूम्रपान करने पर राजीव धवन के वरिष्ठ पदनाम वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
वर्चुअल सुनवाई के दौरान धूम्रपान करने पर राजीव धवन के वरिष्ठ' पदनाम वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

वर्चुअल कोर्ट की कार्यवाही के दौरान धूम्रपान के लिए वरिष्ठ वकील राजीव धवन के 'वरिष्ठ' पदनाम को वापस लेने की मांग करने वाली एक रिट याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है।यह याचिका हाल ही में वायरल वीडियो की पृष्ठभूमि में राशिद खान पठान द्वारा दायर की गई है, जो मानवाधिकार कार्यकर्ता होने का दावा करते हैं, जहां धवन को राजस्थान हाईकोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के दौरान धूम्रपान करते देखा जा सकता है। राजस्थान विधानसभा के 6 बसपा विधायकों की अयोग्यता याचिका पर सुनवाई के दौरान कथित घटना हुई। याचिकाकर्ता का...

क्या यह पूरे न्यायालय का दृष्टिकोण है? इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से प्रशांत भूषण अवमानना मामले पर विचार करने का आग्रह किया
क्या यह पूरे न्यायालय का दृष्टिकोण है? इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से प्रशांत भूषण अवमानना मामले पर विचार करने का आग्रह किया

वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर-जनरल इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि 3-जजों की बेंच, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस अरुण मिश्रा ने की है, उसके फैसले पर पुनर्विचार किया जाए, जिसमें अधिवक्ता प्रशांत भूषण को दो ट्वीट्स के कारण अदालत की अवमानना ​​का दोषी करार दिया गया है। जयसिंह ने मामले की सुनवाई के लिए 32 न्यायाधीशों की एक पूर्ण अदालत की मांग की है।उन्होंने यह टिप्पणी भारतीय-अमेरिकियों द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कीनोट स्पीच के दौरान की है। भारतीय-अमेरिकियों के समूह...

जस्टिस कुरियन जोसेफ ने स्वत: संज्ञान अवमानना ​​मामलों के फैसले में इंट्रा कोर्ट अपील का प्रावधान मांगा, कहा न्याय की विफलता की जरा सी भी संभावना से बचें
जस्टिस कुरियन जोसेफ ने स्वत: संज्ञान अवमानना ​​मामलों के फैसले में इंट्रा कोर्ट अपील का प्रावधान मांगा, कहा न्याय की विफलता की जरा सी भी संभावना से बचें

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने सुझाव दिया है कि शीर्ष अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान अवमानना ​​मामलों में पारित किए गए फैसले में इंट्रा कोर्ट अपील का प्रावधान होना चाहिए।सेवानिवृत्त जज का बयान सीजेआई और न्यायपालिका के बारे में दो ट्वीट्स के लिए वकील प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना ​​के लिए दोषी ठहराए गए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के मद्देनज़र आया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को अवमानना ​​मामले में सजा पर भूषण की सुनवाई करने के लिए निर्धारित किया गया है। इस...

विकास दुबे एनकाउंटर केस : जस्टिस BS चौहान   के  जांच आयोग को भंग करने की मांग की याचिका  सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 
विकास दुबे एनकाउंटर केस : जस्टिस BS चौहान  के  जांच आयोग को भंग करने की मांग की याचिका  सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस आवेदन को खारिज कर दिया जिसमें यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे की कथित मुठभेड़ की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी एस चौहान जांच आयोग को भंग करने की मांग की गई थी।मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा:"हमने जांच करने के तरीके में कुछ सुरक्षा प्रदान की है। आवेदन में कोई मेरिट नहीं है और तदनुसार खारिज किया जाता है।" 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे की कथित मुठभेड़ की...

PM CARES फंड का कैग ऑडिट कराने की कोई आवश्यकता नहीं, क्योंकि यह एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है : सुप्रीम कोर्ट
PM CARES फंड का कैग ऑडिट कराने की कोई आवश्यकता नहीं, क्योंकि यह एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ( CAG) से PM CARES फंड का ऑडिट कराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है।जस्टिस अशोक भूषण,जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए इस मामले में सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की तरफ से दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में मांग की गई थी कि COVID19 से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 11 के तहत एक नई राष्ट्रीय योजना तैयार करने के लिए...