संपादकीय

लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 सिविल कोर्ट में दीवानी मुकदमा शुरू करने पर लागू नहीं होती : सुप्रीम कोर्ट
लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 सिविल कोर्ट में दीवानी मुकदमा शुरू करने पर लागू नहीं होती : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (21 जनवरी 2022) को एक फैसले में कहा कि लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 सिविल कोर्ट में दीवानी मुकदमा शुरू करने पर लागू नहीं होती है।कोर्ट ने एनसीडीआरसी द्वारा पारित उस फैसले को निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें उसने कहा था कि शिकायतकर्ता सक्षम सिविल कोर्ट में उपाय तलाशने के लिए स्वतंत्र होगा। आयोग ने आगे कहा था कि यदि वह एक सिविल कोर्ट में कार्रवाई करने का विकल्प चुनता है, तो वह लिमिटेशन एक्ट, 1963 की धारा 5 के तहत एक अर्जी दायर करने के लिए स्वतंत्र है। आयोग ने एसबीआई के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
हिंदू कानून के मुताबिक बेटी वसीयत के बिना पिता की मृत्यु के बाद स्व-अर्जित संपत्ति को विरासत में लेने में सक्षम : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक बेटी अपने हिंदू पिता की मृत्यु के बाद उनकी स्व-अर्जित संपत्ति या सामूहिक संपत्ति के विभाजन में प्राप्त हिस्से को विरासत में लेने में सक्षम है।इस मामले में, विचाराधीन संपत्ति निश्चित रूप से मारप्पा गौंडर की स्व-अर्जित संपत्ति थी। अपीलकर्ता द्वारा उठाया गया प्रश्न यह था कि क्या स्वर्गीय गौंडर की एकमात्र जीवित पुत्री कुपायी अम्मल को ये संपत्ति उत्तराधिकार से विरासत में मिलेगी और उत्तरजीविता द्वारा हस्तांतरित नहीं होगी? अदालत इस सवाल पर विचार कर रही थी कि क्या एक इकलौती...

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा: याचिका में दलील- सिविल सेवा परीक्षा 2020 की चयन सूची में 50% आरक्षण सीमा का उल्लंघन किया गया; सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इनकार किया
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा: याचिका में दलील- सिविल सेवा परीक्षा 2020 की चयन सूची में 50% आरक्षण सीमा का उल्लंघन किया गया; सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा के एक उम्मीदवार की एक रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याच‌िकाकर्ता ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा 2020 की अंतिम चयन सूची को 50% आरक्षण सीमा का उल्लंघन करने की सीमा तक रद्द करने की मांग की थी।याचिकाकर्ता नीतीश शंकर 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवार थे। उन्होंने दलील दी कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा लागू करने से, आरक्षण 60% हो गया है और सामान्य वर्ग के लिए केवल 40% पद ही बचे हैं। याचिका में तर्क...

हिंदू महिला यदि नि:संतान और बिना वसीयत के मरती है तो विरासत में प्राप्त उसकी सम्पत्ति मूल स्रोत को लौट जाती है : सुप्रीम कोर्ट
हिंदू महिला यदि नि:संतान और बिना वसीयत के मरती है तो विरासत में प्राप्त उसकी सम्पत्ति मूल स्रोत को लौट जाती है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदू महिला यदि नि:संतान और बिना वसीयत के मरती है तो विरासत में प्राप्त उसकी सम्पत्ति मूल स्रोत को लौट जाती है।न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने बंटवारे संबंधी मुकदमे के फैसले में कहा, "यदि एक हिंदू महिला बिना किसी वसीयत के नि:संतान मर जाती है, तो उसके पिता या माता से विरासत में मिली संपत्ति उसके पिता के उत्तराधिकारियों के पास चली जाएगी, जबकि उसके पति या ससुर से विरासत में मिली संपत्ति उसके पति के वारिसों के पास जाएगी।''इस मामले में,...

समान नागरिक संहिता समानता सुनिश्चित करेगी: सुप्रीम कोर्ट में यूसीसी के लिए एक्सपर्ट कमेटी के गठन की मांग वाली याचिका दायर
'समान नागरिक संहिता समानता सुनिश्चित करेगी': सुप्रीम कोर्ट में यूसीसी के लिए एक्सपर्ट कमेटी के गठन की मांग वाली याचिका दायर

मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति फिरोज बख्त ने लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा हासिल करने के लिए एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) तैयार करने के लिए एक न्यायिक आयोग या उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति के गठन के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है।स्वतंत्रता सेनानी मौलाना कलाम आजाद के पोते फिरोज बख्त द्वारा दायर याचिका में उनके द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका को स्थानांतरित करने...

ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने वाला अनुच्छेद 15(4) समानता के सिद्धांत के लिए अनुच्छेद 15(1) का अपवाद नहीं, विस्तार है : सुप्रीम कोर्ट ने नीट- एआईक्यू में कहा
ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने वाला अनुच्छेद 15(4) समानता के सिद्धांत के लिए अनुच्छेद 15(1) का अपवाद नहीं, विस्तार है : सुप्रीम कोर्ट ने नीट- एआईक्यू में कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा ( नीट) परीक्षा में अखिल भारतीय कोटा (" एआईक्यू") सीटों में आरक्षण की अनुमति और इन एआईक्यू सीटों में 27% ओबीसी कोटा की संवैधानिकता को बरकरार रखते हुए एक विस्तृत निर्णय सुनाया।न्यायमूर्ति डॉ. डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने अपने निर्णय को उचित ठहराते हुए, अन्य बातों के साथ-साथ, कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 15(5), अनुच्छेद 15(1) के अपवाद नहीं हैं, बल्कि...

[ओमिक्रॉन का खतरा] सुप्रीम कोर्ट में पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग वाली जनहित याचिका दायर
[ओमिक्रॉन का खतरा] सुप्रीम कोर्ट में पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग वाली जनहित याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक जनहित याचिका (PIL) याचिका दायर की गई है। याचिका में COVID के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के प्रसार के बीच उत्तर प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड, गोवा और पंजाब सहित देश के पांच राज्यों में आगामी चुनाव स्थगित करने की मांग की गई है।एडवोकेट अभिषेक यादव और एओआर देवेंद्र सिंह के माध्यम से कांवरिया सेना संगठन द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है।याचिका में कहा गया है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को लागू करके चुनावों को टाला...

कानून की शाब्दिक व्याख्या का प्रासंगिक व्याख्या से मिलान होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
कानून की शाब्दिक व्याख्या का प्रासंगिक व्याख्या से मिलान होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी क़ानून के प्रावधानों की व्याख्या करते समय, शाब्दिक व्याख्या का प्रासंगिक के साथ मिलान किया जाना चाहिए।जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि कानूनों का अर्थ लगाया जाना चाहिए ताकि हर शब्द का एक स्थान हो और सब कुछ अपनी जगह पर हो।कोर्ट ने इस प्रकार कर्नाटक हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ अपील पर विचार करते हुए ट्रेड मार्क्स एक्ट, 1999 की धारा 29 और 30 की व्याख्या की।इस मामले में, अपीलकर्ता-वादी ने स्थायी निषेधाज्ञा की एक...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
मेरिट की परिभाषा प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदर्शन तक सीमित नहीं की जा सकती': सुप्रीम कोर्ट ने नीट-एआईक्यू में ओबीसी आरक्षण बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी के निर्देशों, जिनमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा 27% कोटा और अखिल भारतीय कोर्ट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10% आरक्षण के आधार पर 2021-22 में प्रवेश के लिए नीट-पीजी और नीट-यूजी के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी गई थी, गुरुवार को कारण बताते हुए विस्तृत आदेश सुनाया।न्यायालय ने 27% ओबीसी कोटे की संवैधानिकता को बनाए रखने के लिए एक विस्तृत निर्णय पारित किया और एक अन्य आदेश पारित किया, जिसमें जारी प्रवेशों के लिए मौजूदा...

COVID-19 के चलते अनाथ हुए बच्चों तक पहुंचें, मुआवजा प्रदान करें: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिए
COVID-19 के चलते अनाथ हुए बच्चों तक पहुंचें, मुआवजा प्रदान करें: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्यों को निर्देश दिया कि वे उन बच्चों तक पहुंचें जो COVID-19 के कारण अनाथ हो गए हैं। ऐसे अनाथ हुए बच्चों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करें।कोर्ट ने कहा कि अनाथ हुए बच्चे मुआवजे का दावा करने के लिए आवेदन जमा करने की स्थिति में नहीं हो सकते हैं और इसलिए राज्य के अधिकारियों को उन तक पहुंचना चाहिए। बाल स्वराज पोर्टल पर राज्यों द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अदालत को बताया है कि महामारी में लगभग...

COVID-19 मौत पर मुआवजा : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को तकनीकी आधार पर दावे खारिज ना करने के निर्देश दिए
COVID-19 मौत पर मुआवजा : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को तकनीकी आधार पर दावे खारिज ना करने के निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्यों को निर्देश दिया कि तकनीकी आधार पर COVID-19 से मरने वाले व्यक्तियों के परिजनों / परिवार के सदस्यों के आवेदन / दावों को खारिज न करें। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि जहां भी आवेदन खारिज किए जाते हैं, राज्यों का कर्तव्य है कि वे संबंधित दावेदार को इसका कारण बताएं और उन्हें आवेदन में सुधार करने का अवसर प्रदान करें।भारत संघ द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए चार्ट के अवलोकन पर, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि कई राज्यों ने कई दावों को खारिज कर दिया है।...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
न्यायिक समीक्षा की कार्यवाही में, न्यायालय निर्णय लेने की प्रक्रिया से संबंधित होते हैं, न कि स्वयं निर्णय से : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि न्यायिक समीक्षा की कार्यवाही में, न्यायालय निर्णय लेने की प्रक्रिया से संबंधित होते हैं, न कि स्वयं निर्णय से।इस मामले में, एक हेड कांस्टेबल, अपीलकर्ता ने 21.01.2004 से पूर्वव्यापी पदोन्नति की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी शिकायत थी कि उन्हें वर्ष 2004 में ही पदोन्नत कर दिया जाना चाहिए था और 2008 में उनकी नियुक्ति में देरी अवैध और मनमाना है। एकल न्यायाधीश ने याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि चयन अधिकार का मामला नहीं है। रिट अपील को...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी और रिमांड पर यूपी पुलिस, मजिस्ट्रेट को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बाइक बोट घोटाले के आरोपी विजय कुमार शर्मा द्वारा दायर एक आवेदन पर विचार करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के जांच अधिकारी के आचरण की निंदा की और जिस तरह से मजिस्ट्रेट ने शीर्ष अदालत के शर्मा की रिहाई के आदेश के बावजूद रिमांड का निर्देश दिया, उस पर गंभीर आपत्ति जताई।जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने अपने आदेश में कहा, "हम जांच अधिकारी के आचरण की निंदा करते हैं और जिस तरह से मजिस्ट्रेट ने आवेदक / याचिकाकर्ता को...

सीपीसी आदेश XXXVII नियम 3- बचाव के लिए अनुमति देना सामान्य नियम है; इनकार एक अपवाद: सुप्रीम कोर्ट
सीपीसी आदेश XXXVII नियम 3- बचाव के लिए अनुमति देना सामान्य नियम है; इनकार एक अपवाद: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अपने में एक फैसले में कहा है कि बचाव के लिए अनुमति देना (सशर्त या बिना शर्त) सामान्य नियम है; और बचाव के लिए अनुमति का इनकार एक अपवाद है। कोर्ट ने संबंधित फैसले में नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) 1908 के आदेश XXXVII के नियम 3 के दायरे पर चर्चा की है।न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में बचाव की अनुमति की प्रार्थना को अस्वीकार किया जाना चाहिए, जहां प्रतिवादी के पास व्यावहारिक रूप से कोई बचाव नहीं है और वह अदालत के समक्ष विचारणीय...

एक प्रामाणिक खरीदार के पीठ पीछे विशिष्ट अदायगी के लिए डिक्री प्राप्त नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
एक प्रामाणिक खरीदार के पीठ पीछे विशिष्ट अदायगी के लिए डिक्री प्राप्त नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रामाणिक खरीदार के पीठ पीछे विशेष अदायगी के लिए डिक्री हासिल नहीं की जा सकती, खासकर तब जब लेनदेन विशेष अदायगी के लिए मुकदमा दायर करने से पहले किया गया हो।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश ने मद्रास उच्च न्यायालय के एक फैसले को रद्द करते हुए कहा:"... हमारे लिए यह स्वीकार करना संभव नहीं है कि एक प्रामाणिक खरीदार की पीठ के पीछे एक डिक्री प्राप्त की जा सकती थी, खासकर जब लेनदेन विशिष्ट अदायगी के लिए मुकदमा शुरू करने से पहले किया गया हो।''कोर्ट ने विशिष्ट राहत...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
प्रवासी मजदूरों का मामला: कार्यकर्ताओं ने राशन, सामुदायिक रसोई आदि पर जारी दिशा-निर्देशों को लागू करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

एक्टिविस्ट हर्ष मंदर, अंजलि भारद्वाज और जगदीप छोकर ने प्रवासी मजदूरों के मामले में 29 जून, 2021 के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का भारत सरकार और कुछ राज्यों द्वारा अनुपालन नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।आवेदकों द्वारा एक विविध आवेदन दायर किया गया है, जो महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याओं से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दर्ज स्वत: संज्ञान मामले में हस्तक्षेप भी कर रहे हैं।एडवोकेट प्रशांत भूषण ने बुधवार को मामले को तत्काल...

अधीनस्थ कानून वैधानिक नियमों के रूप में भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 23 के तहत एक कानून है : सुप्रीम कोर्ट 
अधीनस्थ कानून वैधानिक नियमों के रूप में भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 23 के तहत एक 'कानून' है : सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अधीनस्थ कानून वैधानिक नियमों के रूप में भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 23 के तहत एक 'कानून' है।अनुबंध अधिनियम की धारा 23 में कहा गया है कि किसी समझौते का विचार या उद्देश्य वैध है, जब तक कि यह कानून द्वारा निषिद्ध न हो।अदालत एक विशिष्ट परफोरमेंस सूट से उत्पन्न एक अपील पर विचार कर रही थी जिसमें प्रतिवादी ने बताया कि बंगलौर आवंटन नियम, 1972 नियम 18 (2) में दस साल की अवधि तक अलग होने के खिलाफ प्रतिबंध है और इसलिए अनुबंध वैध नहीं है। उठाया गया मुद्दा यह था कि क्या स्पष्ट रूप...

सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अन्वेषण में फोरेंसिक साइंस को मजबूत करने और फोरेंसिक एक्सपर्ट की नियुक्ति की मांग वाली जनहित याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अन्वेषण में फोरेंसिक साइंस को मजबूत करने और फोरेंसिक एक्सपर्ट की नियुक्ति की मांग वाली जनहित याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें फोरेंसिक साइंस और वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करके अन्वेषण के तरीके में सुधार के लिए भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।रिट याचिका में अपराध स्थल के अन्वेषण में फोरेंसिक साइंस की भूमिका को मजबूत करने और फोरेंसिक विशेषज्ञों और उन्नत तकनीकों के माध्यम से आपराधिक मामलों में जांच के लिए मलीमठ समिति के 2003 के सुझावों को लागू करने के निर्देश देने की मांग की गई है।मलीमठ समिति, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति वी.एस. ...

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सीजेआई से वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल की अनुमति देने का अनुरोध किया
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सीजेआई से वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल की अनुमति देने का अनुरोध किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की 17 जनवरी, 2022 की अधिसूचना के अनुसार, जिसमें शीर्ष न्यायालय ने र्चुअल कोर्ट की कार्यवाही के लिए सर्वोत्तम प्रैक्टिस को अधिसूचित किया था, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCORA) ने सीजेआई को एक अभ्यावेदन दिया है कि रजिस्ट्री को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत की सुनवाई में शामिल होने के लिए एक विशेष प्रकार के उपकरण या कनेक्टिविटी पर जोर न देने के लिए कहा जाए।18 जनवरी, 2022 के अभ्यावेदन में एससीओआरए सचिव डॉ जोसेफ अरस्तू एस ने कहा है कि इस तरह की...

सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए, आरआईएमसी और सैनिक स्कूलों में महिलाओं की ज्यादा भर्तियों पर केंद्र से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए, आरआईएमसी और सैनिक स्कूलों में महिलाओं की ज्यादा भर्तियों पर केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज, राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों और सैनिक स्कूलों में 2022 प्रवेश के लिए महिला उम्मीदवारों के प्रवेश के संबंध में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।न्यायमूर्ति संजय कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने उस आवेदन पर संघ को नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया था कि एनडीए I - 2022 परीक्षा के लिए भी, सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए महिला उम्मीदवारों का सेवन 19 तक सीमित कर दिया गया है। आवेदक ने तर्क दिया कि यद्यपि केंद्क ने मई 2022...