COVID-19 के चलते अनाथ हुए बच्चों तक पहुंचें, मुआवजा प्रदान करें: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिए
LiveLaw News Network
20 Jan 2022 11:34 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्यों को निर्देश दिया कि वे उन बच्चों तक पहुंचें जो COVID-19 के कारण अनाथ हो गए हैं। ऐसे अनाथ हुए बच्चों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करें।
कोर्ट ने कहा कि अनाथ हुए बच्चे मुआवजे का दावा करने के लिए आवेदन जमा करने की स्थिति में नहीं हो सकते हैं और इसलिए राज्य के अधिकारियों को उन तक पहुंचना चाहिए।
बाल स्वराज पोर्टल पर राज्यों द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अदालत को बताया है कि महामारी में लगभग 10,000 बच्चे अनाथ हो गए हैं।
इस पर संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने आदेश दिया,
"यह बताया गया है कि पूरे देश में और बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड की गई जानकारी के अनुसार लगभग 10,000 बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, इसलिए उनके लिए आवेदन करना या मुआवजे के लिए दावा करना बहुत मुश्किल होगा। हम संबंधित राज्यों को निर्देश देते हैं कि उन बच्चों तक पहुंचें जिन्होंने अपने माता-पिता/जीवित माता-पिता दोनों को खो दिया है और पहले से ही बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं ताकि उन्हें मुआवजा दिया जा सके। इसके साथ ही संबंधित राज्यों को निर्देश देते हैं कि दर्ज की गई मौतों की संख्या के साथ-साथ बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड की गई जानकारी को भी साझा करें।"
पीठ गौरव कुमार बंसल बनाम भारत संघ के मामले पर विचार कर रही थी, जिसमें वह COVID-19 मौतों के लिए अनुग्रह राशि के वितरण की निगरानी कर रही है।
इससे पहले, पीठ ने राज्यों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में आवेदन प्रक्रिया का व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया था ताकि पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा योजना से अवगत कराया जा सके।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राज्यों को तकनीकी आधार पर मुआवजे के दावों को खारिज नहीं करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा COVID मौतों के लिए 50,000 रुपये की मुआवजे की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।
मामले को 4 फरवरी, 2022 के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
[मामले का शीर्षक: गौरव बंसल बनाम भारत संघ]