दिल्ली हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मानव तस्करी से बचाई गई लड़कियों की कस्टडी में चूक पर मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से बुराड़ी इलाके में व्यावसायिक यौन शोषण रैकेट से बचाई गई आठ लड़कियों (नाबालिग और वयस्क) की हिरासत में अपनी कथित लापरवाही पर स्पष्टीकरण मांगा है। जस्टिस रविंदर डुडेजा ने गैर सरकारी संगठन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस की याचिका पर नोटिस जारी किया। संगठन ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 31 के संदर्भ में एजेंसी को नाबालिग लड़कियों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करना चाहिए था। प्रावधान में कहा गया है कि सीडब्ल्यूसी के पास जरूरतमंद बच्चों की देखभाल,...
नौकरी छोड़ने के बाद कर्मचारी को काम से नहीं रोका जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉन-कम्पीट क्लॉज अवैध करार दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार 25 जून को यह स्पष्ट रूप से कहा कि किसी कर्मचारी को नौकरी छोड़ने के बाद नई नौकरी करने से रोकने वाला नॉन-कम्पीट क्लॉज (Non-Compete Clause) अवैध है और भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 27 के विरुद्ध है। अदालत ने कहा कि इस तरह के प्रावधान कर्मचारी के रोजगार के अधिकार पर रोक लगाते हैं जो कानूनन अमान्य है।धारा 27 के अनुसार कोई भी अनुबंध जो व्यापार या व्यवसाय में प्रतिबंध लगाता है, वह शून्य (Void) माना जाता है।जस्टिस तेजस करिया ने अपने निर्णय में कहा,“नौकरी समाप्त होने के बाद...
उल्लंघन की कोई मंशा नहीं: वेबसाइट और मेटा टैग में टाइटन के ट्रेडमार्क उपयोग पर लेंसकार्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया 'गलती'
भारतीय मल्टीनेशनल आईवियर कंपनी लेंसकार्ट ने हाल ही में स्वीकार किया कि टाटा समूह की स्वामित्व वाली आईवियर ब्रांड टाइटन के ट्रेडमार्क का उसकी वेबसाइट और मेटा टैग्स में उपयोग 'अनजाने में हुई गलती' थी।टाइटन कंपनी लिमिटेड ने पियूष बंसल की कंपनी लेंसकार्ट के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि Titan, Titan Eye+ और Fastrack जैसे रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क्स का उपयोग लेंसकार्ट की वेबसाइट और उसके सोर्स कोड के मेटा टैग्स में किया गया।संदर्भ के लिए मेटा टैग्स HTML का हिस्सा...
दिल्ली हाईकोर्ट ने नकली भारतीय बसों के खिलाफ वोल्वो को दी अंतरिम राहत, कहा- विशिष्टता समाप्त हो सकती है
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक बस निर्माता और दो अंतर-शहर बस सेवा प्रदाताओं को स्वीडन स्थित प्रसिद्ध वोल्वो बसों के 'ग्रिल स्लैश' ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने से रोकते हुए एकपक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की।जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि प्रतिवादियों ने कंपनी की सद्भावना को भुनाने के लिए जानबूझकर और बेईमानी से वोल्वो के ट्रेडमार्क जैसी दिखने वाली बसें बनाईं।पीठ ने कहा,"प्रतिवादी नंबर 1 ने 100-125 से अधिक मौकों पर उल्लंघनकारी लोगो वाली ऐसी बसों का निर्माण और बिक्री करना स्वीकार किया। यदि प्रतिवादियों...
हाईकोर्ट ने पूर्व आप विधायक नरेश बल्याण की MCOCA केस में जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक नरेश बाल्यान की उस याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा जिसमें उन्होंने कथित संगठित अपराध से संबंधित कड़े महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999 के तहत उनके खिलाफ दर्ज मामले में जमानत का अनुरोध किया है।अवकाशकालीन जस्टिस मनोज जैन ने बाल्यान की नई नियमित जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। अदालत ने मामले को 03 जुलाई को रोस्टर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया, यह देखते हुए कि इसमें कोई तात्कालिकता नहीं थी। अदालत ने...
AO द्वारा शेयरधारकों की पहचान और साख की जांच के बाद बिना अतिरिक्त जानकारी के पुनर्मूल्यांकन का अधिकार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में आयकर विभाग (रेवेन्यू) की अपील खारिज की, जिसमें एक कंपनी की आय में जोड़े गए 25.32 करोड़ को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि जब एक बार असेसिंग ऑफिसर (AO) द्वारा शेयरधारकों की पहचान और उनकी वित्तीय साख की जांच कर ली जाती है तो आय में चोरी के संदेह में पुनर्मूल्यांकन केवल अतिरिक्त जानकारी मिलने पर ही किया जा सकता है।जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस तेजस कारिया की खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा,"मूल आकलन के दौरान AO द्वारा एक प्रश्नावली जारी की गई, जिसका उत्तर देते हुए असेसी...
भोजन उत्पादों के लिए 'भ्रामक समानता' की सीमा कम: दिल्ली हाईकोर्ट ने स्विगी और जोमैटो को डोमिनोज़ के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाले रेस्टोरेंट्स को डीलिस्ट करने का आदेश दिया
ऐसा करते हुए जस्टिस सौरभ बनर्जी ने कहा कि खाद्य उत्पादों से जुड़े विवादों में भ्रामक समानता स्थापित करने की सीमा अन्य मामलों में लागू सीमा से कम है।पीठ ने कहा,"संक्षेप में यदि ऐसे उत्पादों के बीच किसी भी भ्रम को जारी रहने दिया जाता है तो इससे मानव स्वास्थ्य पर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। इसलिए इस न्यायालय को भ्रम की संभावना का आकलन करने और अधिक सावधानी बरतने के लिए अधिक सतर्क और कठोर दृष्टिकोण अपनाना होगा।”न्यायालय ने ऑनलाइन खाद्य एग्रीगेटर स्विगी और ज़ोमैटो को प्रतिवादी संस्थाओं को उनके...
दिल्ली हाईकोर्ट ने ग्रीन पार्क एक्सटेंशन और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव रोकने के लिए AIIMS परिसर से होकर नई सीवर लाइन बिछाने के दिए निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के ग्रीन पार्क एक्सटेंशन और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या को नियंत्रित करने के लिए एम्स (AIIMS) परिसर से होकर एक नई सीवर लाइन बिछाने के निर्देश दिए।जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया कि प्रस्तावित सीवर लाइन AIIMS रिहायशी परिसर से होकर गुज़रे, क्योंकि इसके लिए आवश्यक भूमि और इसमें व्यापक सार्वजनिक हित जुड़ा हुआ है।मामले की पृष्ठभूमियह याचिका शैलेन्द्र भटनागर द्वारा दायर की गई थी, जिसमें ग्रीन पार्क एक्सटेंशन और...
दिल्ली हाईकोर्ट ने घड़ी डिटर्जेंट के विज्ञापनों से Surf Excel के लिए 'अपमानजनक' वाक्यांशों को हटाने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में घड़ी डिटर्जेंट पाउडर द्वारा जारी विज्ञापनों से सर्फ एक्सेल डिटर्जेंट के लिए "अपमानजनक" वाक्यांशों को हटाने का आदेश दिया।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि हालांकि तुलनात्मक विज्ञापन अपने आप में स्वस्थ हो सकते हैं, लेकिन अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं होंगी।न्यायालय ने कहा,"इसलिए अंतरिम व्यवस्था के रूप में यह न्यायालय प्रथम दृष्टया प्रतिवादी को निम्नलिखित वाक्यांशों को हटाने का निर्देश देने के लिए इच्छुक है, जो स्पष्ट रूप से अपमानजनक हैं और वादी...
'अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण के लिए NOC4 साल से अधिक समय से अटकी हुई है': दिल्ली हाईकोर्ट ने CARA को 4 सप्ताह के भीतर कदम उठाने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले दंपति की मदद की, जिन्हें CARA (केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण) की निष्क्रियता के कारण 4 साल से अधिक समय से अपने दत्तक पुत्र को देश वापस ले जाने से रोका गया था।जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि दत्तक ग्रहण विलेख 2020 में निष्पादित किया गया था। इसलिए प्राधिकरण को याचिकाकर्ता-दंपति को बच्चे को अपने साथ ले जाने में सक्षम बनाने के लिए तुरंत एक एनओसी जारी करने का निर्देश दिया।पीठ ने कहा कि दत्तक ग्रहण कानून के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार संपन्न...
PMLA के तहत संपत्ति जब्त होने या दूसरी कानूनी कार्यवाही चलने पर भी मध्यस्थता ट्रिब्यूनल का क्षेत्राधिकार बना रहता है: दिल्ली हाईकोर्ट
जस्टिस अमित महाजन की दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने माना कि अस्थायी कुर्की आदेश में कुछ संपत्तियों का संदर्भ मात्र मध्यस्थ न्यायाधिकरण के अधिकार क्षेत्र को समाप्त नहीं करता है। इसी तरह, धोखाधड़ी के आरोपों में सीबीआई या ईडी द्वारा समानांतर जांच का लंबित होना मध्यस्थ को विवाद का फैसला करने से नहीं रोकता है। मध्यस्थता की कार्यवाही स्वतंत्र रूप से जारी रह सकती है, तब भी जब विषय वस्तु के कुछ पहलुओं की आपराधिक जांच चल रही हो।पूरा मामला: आक्षेपित आदेश द्वारा, विद्वान मध्यस्थ ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम,...
स्पष्ट और असंदिग्ध शर्तों के बावजूद क्लॉज की व्याख्या करने के लिए बाहरी पत्राचार का सहारा लेना 'पेटेंट अवैधता' के बराबर: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस तेजस करिया की पीठ ने माना कि जब अनुबंध की भाषा स्पष्ट हो तो व्याख्या की आंतरिक सहायता या बातचीत और पत्राचार जैसी बाहरी सामग्री का सहारा लेना अस्वीकार्य है। न्यायालय ने कहा, "अनुबंध के किसी स्पष्ट खंड की अनदेखी करना या अनुबंध की शर्तों के विपरीत कार्य करना स्पष्ट रूप से अवैधता के बराबर है।" न्यायालय ने देखा कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 37 के तहत अधिकार क्षेत्र सीमित है और धारा 34 में निर्धारित प्रतिबंधों द्वारा सीमित है। धारा 37 का...
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1626.74 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी में शामिल जोड़े की विदेश यात्रा के अधिकार को बरकरार रखा, उन्हें अमेरिका जाकर अपने बच्चों से मिलने की अनुमति दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में 1626.74 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल दो व्यक्तियों को अमेरिका में अपने बच्चों से मिलने की अनुमति दी। ऐसा करते हुए, जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर ने न केवल संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत यात्रा करने के मौलिक अधिकार का हवाला दिया, बल्कि यह भी कहा कि उनके खिलाफ एलओसी निलंबित है। इसके अलावा, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को धोखाधड़ी की घोषणा को खारिज करने के अपने आदेश पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था, लेकिन उच्च...
मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण को मुआवजा निर्धारित करने के लिए मृतक की आय का आकलन करने से पहले कर, अन्य कटौतियों को समायोजित करना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण को मृतक के परिजनों को देय मुआवजे का निर्धारण करने के लिए, मृतक की आय से आयकर और अन्य वैधानिक दायित्वों में कटौती करनी चाहिए। जस्टिस अमित महाजन ने सरला वर्मा एवं अन्य बनाम दिल्ली परिवहन निगम एवं अन्य (2009) पर भरोसा किया, जहां सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मुआवजे की गणना के लिए, पीड़ित की आय में से आयकर घटाकर वास्तविक आय मानी जानी चाहिए।इसी तरह विमल कंवर एवं अन्य बनाम किशोर डेन एवं अन्य (2013) में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि यदि वार्षिक आय कर...
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजपुताना राइफल्स के सैनिकों के लिए फुटओवर ब्रिज निर्माण की अंतिम योजना मांगी, सैनिक रोज़ाना गंदे नाले से होकर गुजरने को मजबूर
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को शहर के संबंधित प्राधिकरणों से राजपुताना राइफल्स के सैनिकों के लिए फुटओवर ब्रिज निर्माण की अंतिम योजना मांगी। बता दें, ये सैनिक हर सुबह अपनी बैरकों से परेड ग्राउंड तक मार्च करते हुए एक गंदे नाले से होकर गुजरने को मजबूर हैं।जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग (PWD) दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया कि वे संयुक्त बैठक कर इस फुटओवर ब्रिज के तत्काल निर्माण का समाधान निकालें।कोर्ट ने यह भी कहा कि...
खाता फ्रीज़ होने से चेक बाउंस हुआ तो नहीं होगा केस: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक इकाई को राहत प्रदान की, जिस पर परक्राम्य लिखत अधिनियम (NI Act ) 1881 की धारा 138 के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है, क्योंकि उसके द्वारा जारी किए गए चेक का अनादर किया गया था, उसके बैंक खाते को फ्रीज करने के कारण।जस्टिस रविंदर डुडेजा ने कहा कि NI Act की धारा 138 के तहत अपराध तब होता है, जब चेक को आहरणकर्ता द्वारा बनाए गए खाते में अपर्याप्त धनराशि के कारण बिना भुगतान के वापस कर दिया जाता है।जब बैंक खाता फ्रीज कर दिया जाता है तो यह नहीं कहा जा सकता है कि आहरणकर्ता उस...
लिखित बयान दाखिल करने का अधिकार बंद होने के बाद, मध्यस्थता अधिनियम की धारा 8 के तहत आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस शालिंदर कौर और जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने माना कि एक बार लिखित बयान दाखिल करने का अधिकार समाप्त हो जाने के बाद, मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 8 के तहत मध्यस्थता के लिए संदर्भ मांगने वाला आवेदन स्वीकार्य नहीं है। तथ्यवाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 की धारा 13 के तहत यह नियमित प्रथम अपील जिला न्यायाधीश, वाणिज्यिक न्यायालय-06, दक्षिण-पूर्व जिला, साकेत न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा पारित दिनांक 25.11.2024 के निर्णय को चुनौती देती है। प्रतिवादी (विद्वान जिला न्यायाधीश...
Sec. 138 NI Act | लीगल नोटिस में चेक धारक को 'चेक राशि' की स्पष्ट मांग करनी होगी : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब चेक बाउंस होने पर ड्रॉअर (चेक जारी करने वाले) को लीगल नोटिस भेजा जाता है, तो उसमें विशेष रूप से चेक राशि की मांग की जानी चाहिए।अगर नोटिस में चेक की राशि की स्पष्ट मांग नहीं की गई है, तो निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत कार्यवाही शुरू करने की पूर्व-शर्तें पूरी नहीं मानी जाएंगी।जस्टिस अमित महाजन ने कहा, "धारा 138(b) के अनुसार, प्राप्तकर्ता या विधिसंगत धारक को 'उक्त राशि' की मांग करते हुए ड्रॉअर को लिखित नोटिस देना होता है। यहां 'उक्त...
परिवार के सदस्य की बीमारी के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी को अंतरिम जमानत दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत आरोपी को उसकी गंभीर रूप से बीमार मां की देखभाल करने और उनके इलाज की आवश्यक व्यवस्थाएँ करने के लिए अंतरिम जमानत दी।प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह दलील दी कि PMLA की धारा 45 के तहत आरोपी के पारिवारिक सदस्य की बीमारी को अंतरिम जमानत का आधार नहीं माना जा सकता, लेकिन जस्टिस तेजस कारिया ने मानवीय आधार पर राहत दी।न्यायालय ने 15 दिनों के लिए सख्त शर्तों के साथ जमानत प्रदान की।अदालत ने आदेश दिया,"आवेदक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र...
आश्रित भाई-बहनों और उनके बच्चों को दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना 2018 के तहत लाभ लेने से वंचित नहीं किया जाएगा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवाहित या अविवाहित भाई-बहन या ऐसे भाई-बहनों के बच्चे, दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना, 2018 (डीवीसीएस) के तहत मुआवजे का दावा करने से स्वतः ही वंचित नहीं हैं। जस्टिस हरिश वैद्यनाथन शंकर ने कहा कि हालांकि डीवीसीएस के खंड 2(बी) के तहत “आश्रित” की परिभाषा में “भाई-बहन” शामिल नहीं हैं, लेकिन परिभाषा में नियोजित समावेशी शब्दावली को देखते हुए, “भाई-बहन” शब्द को शामिल न करने से उन्हें योजना के लाभों से स्वतः ही वंचित नहीं किया जा सकता है।पीठ ने तर्क दिया,“डीवीसीएस के खंड...


















