दिल्ली हाईकोर्ट ने ग्रीन पार्क एक्सटेंशन और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव रोकने के लिए AIIMS परिसर से होकर नई सीवर लाइन बिछाने के दिए निर्देश
Amir Ahmad
24 Jun 2025 3:42 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के ग्रीन पार्क एक्सटेंशन और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या को नियंत्रित करने के लिए एम्स (AIIMS) परिसर से होकर एक नई सीवर लाइन बिछाने के निर्देश दिए।
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया कि प्रस्तावित सीवर लाइन AIIMS रिहायशी परिसर से होकर गुज़रे, क्योंकि इसके लिए आवश्यक भूमि और इसमें व्यापक सार्वजनिक हित जुड़ा हुआ है।
मामले की पृष्ठभूमि
यह याचिका शैलेन्द्र भटनागर द्वारा दायर की गई थी, जिसमें ग्रीन पार्क एक्सटेंशन और आसपास के इलाकों में भारी जलभराव की समस्या उठाई गई थी।
AIIMS ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया कि नई सीवर लाइन नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) की भूमि पर प्रस्तावित है, जिसे पहले याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया।
AIIMS ने यह भी तर्क दिया कि संबंधित क्षेत्रों में जलभराव की समस्या सीवर संरचना की कमी के कारण नहीं है बल्कि वर्षा जल निकासी प्रणाली के अप्रभावी संचालन के कारण है।
इसके बाद कोर्ट ने NDMC को पक्षकार बनाते हुए उसे यह निर्देश दिया कि वह यह जांच करने के लिए बैठक आयोजित करे कि क्या AIIMS परिसर के भीतर NDMC की भूमि पर सीवर लाइन बिछाई जा सकती है।
कोर्ट की सुनवाई और निर्देश
18 जून को कोर्ट ने NDMC, दिल्ली जल बोर्ड (DJB), एम्स और याचिकाकर्ता की दलीलें सुनीं।
कोर्ट को सूचित किया गया कि हाल की बारिशों के दौरान ग्रीन पार्क एक्सटेंशन क्षेत्र में कोई जलभराव नहीं हुआ, क्योंकि DJB द्वारा लगातार सीवर लाइनों की सफाई की जा रही थी।
इसके अलावा DJB ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रस्तावित सीवर लाइन 200 मीटर से अधिक लंबी नहीं होगी और इसमें से केवल 130 मीटर भूमि AIIMS परिसर के भीतर की आवश्यकता होगी।
कोर्ट ने कहा,
“इन परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट को इस बात में कोई संदेह नहीं है कि AIIMS परिसर से होकर सीवर लाइन बिछाना आवश्यक है ताकि संबंधित क्षेत्रों में जलभराव को रोका जा सके।”
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि वर्तमान मानसून सीजन के दौरान, DJB और नगर निगम (MCD) यह सुनिश्चित करें कि सीवर लाइन और वर्षा जल नालियों की पूरी तरह से नियमित सफाई और डी-सिल्टिंग हो ताकि जलभराव की समस्या न हो।
आगे की कार्यवाही हेतु निर्देश
कोर्ट ने DJB के चीफ इंजीनियर को निर्देश दिया कि वह AIIMS, MCD, NDMC, PWD और दिल्ली सरकार के वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करें, जिससे यदि किसी पेड़ को उखाड़कर पुनः प्रतिरोपण करने की आवश्यकता हो तो उसके लिए आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त की जा सकें।
DJB के चीफ इंजीनियर और MCD के आयुक्त को यह भी निर्देश दिया गया कि वह AIIMS के नोडल अधिकारी दीपक भुटाले (सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर) की संतुष्टि के अनुसार, सीवर लाइन और वर्षा जल नाली के डिजाइन, योजना और मार्ग से संबंधित रिपोर्ट तैयार करें।
रिपोर्ट में यह भी बताया जाए कि सीवर लाइन को ग्रीन पार्क एक्सटेंशन से लेकर AIIMS के साथ लगती औरंगज़ेब मार्ग तक किस प्रकार जोड़ा जाएगा।
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि रिपोर्ट AIIMS के साथ समन्वय में तैयार की जानी चाहिए ताकि सीवर लाइन बिछाने के दौरान AIIMS रिहायशी परिसर के निवासियों को न्यूनतम असुविधा हो।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
केस टाइटल: शैलेन्द्र भटनागर बनाम भारत सरकार एवं अन्य

