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'सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रभावहीन बनाने का प्रयास', उत्तर प्रदेश पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा और विधिमान्यकरण अध्यादेश 2020 के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
उत्तर प्रदेश पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा और विधिमान्यकरण अध्यादेश 2020 के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नोटिस जारी किया। अध्यादेश को पिछले साल 21 अक्टूबर को पारित किया गया था।जस्टिस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ, उत्तर प्रदेश ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट नॉन गजेटेड इम्प्लॉइज एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया है है कि अध्यादेश को कार्य-प्रभारित कर्मचारियों के खिलाफ शोषणकारी भेदभाव का उपचार किए बिना पारित किया गया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट भी अस्वीकृत...
कलर्स टीवी शो 'नमक इश्क का' के खिलाफ याचिका: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को संबंधित अधिकारी के पास जाने के लिए कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कलर्स टीवी पर शुरू किए गए एक नए शो 'नमक इश्क़ का' (धारावाहिक) के सार्वजनिक प्रदर्शन को रोकने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। लखनऊ स्थित एक डांस सोसाइटी, जिसका नाम 'कल्चरल क्वेस्ट' है, ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि शो का प्रोमो समारोह में डांंस करने वाली महिलाओंं के शादी करने पर सवालिया निशान लगाता है।उन्होंने तर्क दिया था कि एक टीवी धारावाहिक 'फिल्म' भी है, जैसा कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 2 (dd) के तहत परिभाषित किया गया है और इसी तरह...
दोषपूर्ण प्रारंभिक जांच, अकुशल अभियोजन पक्ष और ट्रायल जज की निष्क्रिय भागीदारी के कारण सभी अभियुक्त बरी हो गएः वालयार बलात्कार-मौत मामले में केरल हाईकोर्ट की टिप्पणी
वालयार के बलात्कार के बाद मौत के मामलों में दोबार मुकदमे का आदेश देते हुए, केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रारंभिक जांच में दोष, अकुशल अभियोजन पक्ष और ट्रायल जज की निष्क्रिय भागीदारी के कारण सभी अभियुक्त बरी हो गए।हाईकोर्ट ने यहां तक कहा है कि इन खामियों ने कुल मिलाकर ट्रायल को एक "मॉक ट्रायल" बना दिया।"... हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि मुकदमे की असावधानी भरी प्रारंभिक जांच और सरसरी, बेमेल और अकुशल अभियोजन पक्ष, साथ में ट्रायल जज की निष्क्रिय भागीदारी का नतीजा न्याय का गर्भपात रहा है, और सभी...
भले ही पीड़िता का आरोपी के साथ दोस्ताना व्यवहार था, लेकिन इससे सहमति के बिना यौन संबंध स्थापित करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता : जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
भले ही शिकायतकर्ता का याचिकाकर्ता के साथ लंबे समय से दोस्ताना व्यवहार था, फिर भी याचिकाकर्ता-अभियुक्त को उसकी सहमति के बिना उसके साथ यौन संबंध बनाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है,यह टिप्पणी करते जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने हाल ही में एक याचिकाकर्ता को आईपीसी की धारा 376 के तहत नियमित जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया। महत्वपूर्ण रूप से, न्यायमूर्ति संजय धर की खंडपीठ ने यह भी कहा कि बलात्कार के अपराध में जमानत देने से संबंधित मामलों पर अलग तरीके से विचार करने आवश्यकता होती है, क्योंकि ऐसे मामलों...
यूएपीए के तहत जमानत देने से इनकार करने के मामले में क्या सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका डिवीजन बेंच के समक्ष रखी जानी चाहिए? : मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ी पीठ के पास सवाल रेफर किया
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक बड़ी पीठ को यह सवाल रेफर किया है कि क्या गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक सत्र न्यायालय द्वारा पारित आदेश के खिलाफ दायर आवेदन को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के समक्ष रखा जाना चाहिए या डिवीजन बेंच के समक्ष? न्यायमूर्ति ए डी जगदीश चंदीरा की एकल पीठ एक आरोपी जफर सथीक की तरफ से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जफर के खिलाफ यूएपीए अधिनियम (एनआईए अधिनियम के तहत अनुसूचित अपराध) के तहत केस बनाया गया है और उसे जिला एंव सत्र न्यायाधीश,कोयम्बटूर ने जमानत देने...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने टेलीविज़न विज्ञापन के माध्यम से चमत्कारी या अलौकिक शक्तियों का दावा करने वाले आइटम की बिक्री पर रोक लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट (औरंगाबाद बेंच) ने मंगलवार (05 जनवरी) को एक महत्वपूर्ण फैसले में उन वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी, जो टेलीविजन विज्ञापन के माध्यम से यह दावा करती है कि उनके पास चमत्कारी या अलौकिक शक्तियां हैं। न्यायमूर्ति तानाजी नलावडे और न्यायमूर्ति मुकुंद सेवलिकर की पीठ ने यह भी कहा है कि इस तरह के विज्ञापन का प्रसारण करने वाला टीवी चैनल महाराष्ट्र प्रतिबंध और मानव बलि और अन्य अमानवीय, बुराई और अघोरी प्रथाओं की रोकथाम और काला जादू कानून, 2013 के प्रावधानों के तहत उत्तरदायी होगा।बेंच ने...
अन्वेषण अधिकारी अग्रिम जमानत मामलों को आवश्यक गंभीरता से नहीं लेते: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य को उचित सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
यह देखते हुए कि अग्रिम जमानत मामले प्रकृति में 'गंभीर' होते हैं और इन्हें प्राथमिकता पर लिया जाना आवश्यक है, क्योंकि वे देश के नागरिकों की स्वतंत्रता से संबंधित होते हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में देखा, "बड़ी संख्या में ऐसे मामलों में यह पाया गया है कि अन्वेषण अधिकारी/सर्किल अधिकारी ऐसे मामलों को आवश्यक गंभीरता के साथ नहीं लेते हैं और उनके द्वारा बार-बार निर्देश/प्रति शपथपत्र या न्यायालय के समक्ष संबंधित रिकॉर्ड रखने के लिए समय मांगा जाता है।"दरअसल न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की पीठ धारा...
साक्षरता और जागरूकता के लिए एससी / एसटी के समक्ष पेश आने वाली दिक्कतों को नजरंदाज करके तकनीकी आधार पर आरक्षण का लाभ उनसे वापस नहीं लिया जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है, "यह वास्तविक तथ्य कि अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए न केवल कानूनी तौर पर, बल्कि संवैधानिक तौर पर एक निश्चित आरक्षण / छूट की व्यवस्था की गयी है, इस व्यवस्था की जरूरत को प्रदर्शित करता है। इस कथित आवश्यकता की पूर्ति न केवल आरक्षण / छूट प्रदान करके पूरी की जानी चाहिए, बल्कि एसटी के लिए निर्धारित आरक्षण और लाभ के अनुपालन में भी सहयोग किया जाना चाहिए। आरक्षण और छूट का अनुपालन करते वक्त इस तरह का आरक्षण / छूट प्रदान करने के कारण और उद्देश्य की भी अनदेखी नहीं की...
कर्नाटक सरकार ने पशु हत्या पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश लागू किया, केवल 13 साल से अधिक उम्र की भैंस प्रतिबंध के दायरे से बाहर
विधान परिषद में पशु हत्या के खिलाफ कानून पारित कराने में विफल रहने के बाद कर्नाटक सरकार अध्यादेश लेकर आई है।कर्नाटक के राज्यपाल ने मंगलवार को कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020 को मंजूरी दी। इस अध्यादेश के तहत 13 वर्ष से अधिक उम्र के भैंस को छोड़कर सभी मवेशियों के वध पर प्रतिबंध होगा।अध्यादेश के तहत "गाय, बछड़े, सांड़, बैल, 13 साल से कम उम्र की भैंस का मवेशा के रूप में परिभाषित किया गया है। किसी भी रूप में मवेशियों के मांस" को "बीफ" के रूप में परिभाषित किया गया है।"अध्यादेश की...
'शाहीन बाग की दादी' के फोटो को किसान आंदोलन का बताकर ट्वीट करने पर अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ किसान आंदोलन में प्रदर्शन करने वाली एक महिला प्रदर्शनकारी की तुलना शाहीन बाग की बिल्कीस दादी से करने पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है। 73 वर्षीय महिला किसान प्रदर्शनकारी महिंदर कौर ने मजिस्ट्रेट कोर्ट, भटिंडा में यह मुकदमा दायर किया है, जिसमें रानौत के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है। दायर मुकदमें कहा गया कि कंगना से झूठा दावा करते हुए कहा है कि वह 100 रूपये में प्रदर्शन के लिये उपलब्ध है। यह दावा किया गया है कि...
"याचिकाकर्ता लिटिगेशन डिपेंडेश सिंड्रोम से पीड़ित प्रतीत होता है" याचिकाकर्ता को फटकारते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा दोबारा याचिका दायर करना कोर्ट की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने जैसा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक याचिकाकता को एक ही तथ्य और सामग्री को बार-बार याचिकाएं दायर कर, उठाने के लिए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता लिटिगेशन डिपेंडेश सिंड्रोम से पीड़ित प्रतीत होता है।जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की खंडपीठ एचसी राम नरेश की ओर से दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी। अपील उसी पीठ द्वारा पारित आदेश के खिलाफ दायर की गई थी।कोर्ट ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता के विवादों पर 8 दिसंबर 2020 के एक पुराने आदेश में विचार किया जा चुका है और...
साल 2020 के दिल्ली हाईकोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण फैसले
मौलिक अधिकारों से संबंधित आदेश 1. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि नाम और अभिव्यक्ति एक समान है। यह अनुच्छेद 19 और 21 के तहत संरक्षित है। इसलिए डीयू के छात्र की याचिका को स्वीकार किया जाता हैएक न्यायिक निर्णय में, न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एकल पीठ ने डीयू के छात्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक ही नाम और अभिव्यक्ति एक समान है। संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) और 21 के तहत संरक्षित है और इसके तहत ही अनुमति दी गई है। छात्र याचिकाकर्ता ने अपना नाम बदलने से पहले यह कहा कि "आमतौर पर किसी व्यक्ति को यह...
"अधिवक्ता को जासूस की तरह जिज्ञासु, किसान की तरह दृढ़, और सर्जन की तरह सटीक होना चाहिए", चीफ जस्टिस आरएस चौहान ने अपने विदाई भाषण में कहा
चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान को सोमवार को तेलंगाना हाईकोर्ट की फुल कोर्ट ने विदाई दी। हाल ही में उन्हें उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया है।अपने विदाई भाषण में जस्टिस चौहान ने कहा, "अधिवक्ता को जासूस की तरह जिज्ञासु, किसान की तरह दृढ़, और सर्जन की तरह सटीक होना चाहिए।" उन्होंने कहा, "कानूनी बिरादरी में, हमें भारत के संविधान द्वारा निर्धारित मार्ग पर चलना चाहिए। संवैधानिक मार्ग को छोड़ना अराजकता के मार्ग पर चलने जैसे और जंगल राज में प्रवेश करने जैसा...
अभियुक्त को इस आधार पर हिरासत में रखा जाना कि उसने गंभीर अपराध किया है, उसे ट्रायल से पहले सजा देने जैसा : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी आरोपी को केवल इस कारण से हिरासत में नहीं रखा जा सकता है कि उसके द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है। अदालत ने एक अभियुक्त की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि, "याचिकाकर्ता को सिर्फ इस आधार पर हिरासत में रखना कि उस पर गंभीर अपराध का आरोप है। यह तो उसे ट्रायल से पहले सजा देने जैसा होगा।"न्यायमूर्ति संजय धर की खंडपीठ ने दोहराया कि प्रत्येक व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि वह विधिवत दोषी नहीं ठहराया जाता है, इसलिए जमानत...
चिकित्सा लापरवाही- त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने मृतक अधिवक्ता की मां को दस लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया
त्रिपुरा उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने, जिसमें चीफ जस्टिस अकिल कुरैशी और जस्टिस एसजी चट्टोपाध्याय शामिल थे, सोमवार को त्रिपुरा राज्य को एक अधिवक्ता भास्कर देबरॉय की मौत के मामले में दस लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया। जांच में पाया गया था कि अधिवक्ता की मौत जीबीपी अस्पताल की चिकित्सा लापरवाही के कारण हुई थी।मामले की पृष्ठभूमिसामाजिक कार्यकर्ता पुलक साहा की ओर से दायर जनहित याचिका में चिकित्सा लापरवाही के मामले में डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। याचिका...
यदि महिला संगठन शराब की अवैध बिक्री को लेकर शिकायत कर रहे हैं, इसका मतलब है कि अभी राज्य सरकार को और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि यदि महिलाओं का एक संगठन शराब की अवैध बिक्री के बारे में शिकायत करता है, तो राज्य सरकार और उसके अधिकारियों को महिलाओं के अधिकारों को देखते हुए बहुत तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी की खंडपीठ ने 1 दिसंबर, 2020 को कर्नाटक राज्य सरकार को यह आदेश दिया। आदेश में आगे कहा कि," राज्य सरकार का कर्तव्य है कि यदि कहीं अवैध रूप से शराब की बिक्री हो रही है और इसके खिलाफ कोई शिकायत आती है, तो राज्य सरकार को शराब की अवैध...
जानिए 2020 के 30 फेमिनिस्ट जजमेंट
साल 2020 में महिला अधिकारों की रक्षा करने वाले निर्णय पर एक नज़र। 1.बेटियों को सहदायिक अधिकार प्राप्त होगा, भले ही उस समय उनके पिता जीवित नहीं थे जब हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 लागू हुआ थाःसुप्रीम कोर्ट एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक बेटी के पास हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 के बाद एक हिस्सा होगा, भले ही संशोधन के समय उसके पिता जीवित हो या नहीं। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि संशोधन के तहत अधिकार 9-9-2005 के अनुसार जीवित हिस्सेदारों...
मुस्लिम लड़के के साथ घर छोड़कर जाने वाली हिंदू लड़की को दिल्ली हाईकोर्ट ने माता-पिता के साथ लौटने की अनुमति दी
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने सोमवार को उस बालिग हिंदू लड़की को घर लौटाने की अनुमति दे दी है,जो अपने मुस्लिम प्रेमी के साथ घर से चली गई थी। इसी के साथ खंडपीठ ने उसे सुरक्षा प्रदान करते हुए यह शर्त भी लगाई है कि उसके माता-पिता उसकी शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी उठाएंगे। लड़की, जो एक बीटेक की छात्रा है, ने दावा किया था कि वह यूपीएससी की भी तैयारी कर रही है और उसे अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए अपने माता-पिता से उचित समर्थन नहीं मिल रहा था।...
व्यक्तियों के बीच के विवादों को सुलझाने का अधिकार SC/ST आयोग के पास नहीं है: कर्नाटक हाई कोर्ट
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक SC/ST यानी राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के पास पार्टियों के बीच विवादों को स्थगित करने और निर्णय लेने का अधिकार नहीं देता है और न ही अपने आदेशों को अंतरिम या अंतिम घोषित कर सकता है। न्यायमूर्ति एम नागाप्रसन्ना की एकल पीठ ने कहा कि,"अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम-2002 के तहत कर्नाटक राज्य आयोग के धारा- 8 और धारा- 10 में यह बहुतायत से स्पष्ट है कि SC/ST आयोग को पार्टियों के अधिकारों पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।"पीठ ने आगे कहा...




















