मुख्य सुर्खियां

[कस्टडी] बच्चे को यह महसूस नहीं कराया जाना चाहिए कि उसे सिर्फ अदालत के आदेश को लागू करने के लिए जबरदस्ती एक से दूसरे के पास ले जाया जा रहा है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
[कस्टडी] बच्चे को यह महसूस नहीं कराया जाना चाहिए कि उसे सिर्फ अदालत के आदेश को लागू करने के लिए जबरदस्ती एक से दूसरे के पास ले जाया जा रहा है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि गोद लिए बच्चे को यह महसूस नहीं कराया जाना चाहिए कि उसे सिर्फ़ अदालत के आदेश को लागू करने के लिए जबरदस्ती एक माता-पिता से दूसरे माता-पिता के पास ले जाया जा रहा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कथित तौर पर दत्तक मां की कस्टडी में रह रहे बच्चे के जैविक माता-पिता को उससे मुलाक़ात करने का अधिकार दिया।जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच ने कहा,"फिलहाल, ऊपर बताए अनुसार अंतरिम व्यवस्था (मुलाकात के अधिकार) को बच्चे के कल्याण में सर्वोपरि रखते हुए और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के...

किसी महिला की इज्जत को छूने की कोशिश से बड़ा कोई अपमान नहीं, गुजरात हाईकोर्ट ने 12 साल की लड़की की अबॉर्शन याचिका स्वीकार की; पिता पर रेप का आरोप
किसी महिला की इज्जत को छूने की कोशिश से बड़ा कोई अपमान नहीं, गुजरात हाईकोर्ट ने 12 साल की लड़की की अबॉर्शन याचिका स्वीकार की; पिता पर रेप का आरोप

गुजरात हाईकोर्ट ने 12 साल की एक लड़की की लगभग 27 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की याचिका स्वीकार कर ली। लड़की का बलात्कार करने का आरोप उसके उसके प‌िता के ऊपर है । कोर्ट ने फैसले में कहा, किसी महिला की इज्जत को छूने की कोशिश करने से बड़ा कोई अपमान नहीं है।जस्टिस समीर जे दवे की पीठ ने मामले को दुखद और आश्चर्यजनक माना। उन्होंने फैसले में 'दुर्गा सप्तशती' का उल्लेख करते हुए कहा,"स्त्रिया: समस्ता: सकला जगत्सु [जगत की समस्त स्त्रियां तुम्हारा ही स्वरूप हैं] अर्थात हे देवी जगदम्बे, जगत में जितनी...

मानसिक क्रूरता में जीवनसाथी की वित्तीय अस्थिरता को भी शामिल किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
'मानसिक क्रूरता' में जीवनसाथी की 'वित्तीय अस्थिरता' को भी शामिल किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि "मानसिक क्रूरता" शब्द इतना व्यापक है कि यह अपने दायरे में जीवनसाथी की "वित्तीय अस्थिरता" को भी ले सकता है।जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने कहा,“वर्तमान मामले में मानसिक आघात को समझना आसान है, क्योंकि अपीलकर्ता [पत्नी] काम कर रही थी और प्रतिवादी [पति] काम नहीं कर रहा था। अपीलकर्ता और प्रतिवादी की वित्तीय स्थिति में भारी असमानता थी। स्वयं को जीवित रखने में सक्षम होने के प्रतिवादी के प्रयास निश्चित रूप से विफल रहे थे। इस प्रकार की...

आधी रात को पीड़ितों को कॉल करना और उनसे मिलना, विशेषकर यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से, उनकी निजता और गरिमा का उल्लंघन है: कलकत्ता हाईकोर्ट ने लेक पुलिस अधिकारियों की आलोचना की
आधी रात को पीड़ितों को कॉल करना और उनसे मिलना, विशेषकर यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से, उनकी निजता और गरिमा का उल्लंघन है: कलकत्ता हाईकोर्ट ने लेक पुलिस अधिकारियों की आलोचना की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक स्वत: संज्ञान मामले में सामूहिक बलात्कार पीड़िता से जुड़े मामले की जांच कर रहे लेक गार्डन और नरेंद्रपुर पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों के आचरण पर कड़ी निंदा व्यक्त की।जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस गौरांग कंठ की खंडपीठ ने आधी रात को पीड़िता को फोन करने, उससे मिलने जाने और मामले को छोड़ने के लिए उसे प्रभावित करने का प्रयास करने वाले किसी व्यक्ति को जमानत देने के लिए पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई।इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा,"इस अदालत ने कभी ऐसा मामला नहीं देखा, जहां...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक एसएचओ के खिलाफ महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने, पुलिस स्टेशन में एक बूढ़े व्यक्ति की पिटाई के आरोपों की जांच के आदेश दिए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक एसएचओ के खिलाफ महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने, पुलिस स्टेशन में एक बूढ़े व्यक्ति की पिटाई के आरोपों की जांच के आदेश दिए

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक, सुल्तानपुर को एक स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) के खिलाफ कुछ महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने और पुलिस स्टेशन के अंदर एक बूढ़े व्यक्ति की पिटाई करने के लगाए गए आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है। जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की पीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ताओं (कुछ महिलाओं सहित) द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। इस याचिका में आरोप लगाया गया कि जब वे अपने बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गए तो एसएचओ. कूरेभार, जिला...

सीआरपीसी की धारा 82 - व्यक्ति तभी घोषित भगोड़ा अपराधी होता है, जब इस संबंध में उद्घोषणा प्रकाशित होती है : इलाहाबाद हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 82 - व्यक्ति तभी 'घोषित' भगोड़ा अपराधी होता है, जब इस संबंध में उद्घोषणा प्रकाशित होती है : इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक सीआरपीसी की धारा 82 के अनुसार लिखित उद्घोषणा प्रकाशित नहीं की जाती है, तब तक आवेदक को भगोड़ा घोषित करने का अवसर ही नहीं आता है। जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत निर्धारित प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 82 की उपधारा (4) के तहत किसी व्यक्ति को भगोड़ा अपराधी घोषित करने से पहले सीआरपीसी की धारा 82 की उपधारा (1) के तहत एक उद्घोषणा प्रकाशित' की जानी चाहिए।भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामले में खालिद अनवर को...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप वाला केस रद्द करने से इनकार किया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप वाला केस रद्द करने से इनकार किया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया। इस याचिकाकर्ता के खिलाफ 4 अन्य आरोपियों के साथ प्रतिवादी नंबर 2 द्वारा दायर शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। प्रतिवादी नंबर 2 ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता ने उसके पति को "गंभीर मानसिक आघात" पहुंचाया, जिसके कारण उसने अपनी जान ले ली थी।जस्टिस सुभेंदु सामंत की एकल पीठ ने मामले को सुनवाई की ओर आगे बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा,केस...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गर्भपात की मांग कर रही नाबालिग बलात्कार पीड़िता को मेडिकल सुविधा और मुआवजा देने का आदेश दिया, पीड़िता के पिता गोद लिए जाने तक बच्चे को रखने के लिए सहमत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गर्भपात की मांग कर रही नाबालिग बलात्कार पीड़िता को मेडिकल सुविधा और मुआवजा देने का आदेश दिया, पीड़िता के पिता गोद लिए जाने तक बच्चे को रखने के लिए सहमत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को एक 15 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को पर्याप्त मेडिकल सुविधा और मुआवजा दिया। अदालत से पीड़ित लड़की अपने 29 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की मांग कर रही थी, लेकिन उसके पिता अपनी बेटी की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद गोद लिये जाने तक नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए सहमत हुए। इसे देखते हुए अदालत ने पीड़िता को पर्याप्त मेडिकल सुविधा और मुआवजा देने का आदेश दिया। बलात्कार पीड़िता ने अपनी गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था, हालांकि लड़की की...

सुप्रीम कोर्ट ने रिटरयर्ड जजों की सेवानिवृत्ति के बाद की नियुक्तियों के लिए दो साल के कूलिंग ऑफ पीरियड की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने रिटरयर्ड जजों की सेवानिवृत्ति के बाद की नियुक्तियों के लिए दो साल के कूलिंग ऑफ पीरियड की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मांग की गई ‌‌थी कि संवैधानिक अदालत के किसी भी रिटायर्ड जज को राजनीतिक नियुक्ति स्वीकार करने से पहले दो साल की 'कूलिंग ऑफ' अवधि से गुजरना पड़े।उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला, उन आलोचनाओं के मद्देनजर महत्वपूर्ण है, जिनमें कहा जा रहा है क‌ि रिटायर्ड जज सेवानिवृत्ति के बाद चैन की नौकरी स्वीकार कर रहे हैं।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की ओर से "न्यायपालिका की स्वतंत्रता, कानून...

एफआईआर दर्ज करने के बाद बहू के व्हाट्सएप मैसेज से पता चलता है कि ससुराल वालों के साथ उसके संबंध सामान्य थे : कलकत्ता हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 498ए केस रद्द किया
एफआईआर दर्ज करने के बाद बहू के व्हाट्सएप मैसेज से पता चलता है कि ससुराल वालों के साथ उसके संबंध सामान्य थे : कलकत्ता हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 498ए केस रद्द किया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए के तहत दर्ज आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। याचिकाकर्ताओं पर उनकी बहू ("विपरित पक्ष नंबर 2") ने कई मौकों पर उसे पीटने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। जस्टिस शंपा (दत्त) पॉल ने कहा कि बहू के दावे किसी भी मेडीकल एविडेंस से समर्थित नहीं हैं और उसका मानसिक बीमारियों का इलाज चल रहा था, जिसके कारण कई मौकों पर उसने अपने पति के साथ हिंसक व्यवहार किया।बेंच ने कहा,"एक मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन से पता चलता है कि विपरीत पक्ष नंबर 2 के पति का...

यूपी धर्मांतरण विरोधी कानून की धारा 4 के अनुसार एफआईआर दर्ज कराने के लिए सक्षम व्यक्ति कौन है?: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया
यूपी 'धर्मांतरण विरोधी' कानून की धारा 4 के अनुसार एफआईआर दर्ज कराने के लिए सक्षम व्यक्ति कौन है?: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को यूपी गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2021 (UP Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Act 2021) की धारा 4 के दायरे की व्याख्या की [एफआईआर दर्ज करने में सक्षम व्यक्ति]। अपनी इस व्याख्या में कोर्ट ने बताया कि अधिनियम की धारा 3 के तहत अपराध के संबंध में कौन एफआईआर दर्ज कर सकता है।जस्टिस शमीम अहमद की पीठ ने कहा कि उक्त प्रावधान के आदेश के अनुसार, केवल वह व्यक्ति, जिसका धर्म परिवर्तन किया गया है, उसके माता-पिता, भाई, बहन, या कोई अन्य व्यक्ति जो उससे रक्त,...

जांच अधिकारी ने बच्चे का पता लगाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया: पटना हाईकोर्ट ने सीआईडी को 11 साल पुराने अपहरण मामले की दोबारा जांच करने का आदेश दिया
'जांच अधिकारी ने बच्चे का पता लगाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया': पटना हाईकोर्ट ने सीआईडी को 11 साल पुराने अपहरण मामले की दोबारा जांच करने का आदेश दिया

पटना हाईकोर्ट ने सीआईडी को बिहार के सीवान जिले के 5 साल के एक लड़के के अपहरण के 11 साल पुराने मामले की दोबारा जांच करने का आदेश दिया है।यह फैसला तब आया जब अदालत ने कहा कि जांच अधिकारियों और पर्यवेक्षण अधिकारियों ने अपहृत लड़के या आरोपी व्यक्तियों का पता लगाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए।जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने कहा, “रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्रियों के आधार पर चर्चा से, जैसा कि ऊपर बताया गया है, जो तथ्य सामने आए हैं, वह यह है कि पुलिस ने लगभग पांच साल के बच्चे के अपहरण के संबंध में वर्तमान...

मणिपुर वकील के घर में तोड़फोड़: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने वकील को डराने-धमकाने की निंदा की
मणिपुर वकील के घर में तोड़फोड़: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने वकील को डराने-धमकाने की निंदा की

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने एक आपराधिक मामले में कुकी प्रोफेसर खाम खान सुआन हाउजिंग का प्रतिनिधित्व करने वाले मणिपुर के वकील एस चित्तरंजन के घर और कार्यालय में तोड़फोड़ के संबंध में रिपोर्टों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। इस महीने की शुरुआत में रिपोर्टें सामने आईं कि हाउजिंग के वकील सोरैशम चित्तरंजन के घर पर भीड़ ने तोड़फोड़ की गई है। इसके बाद उन्होंने और इंफाल स्थित तीन अन्य वकीलों ने मणिपुर हाईकोर्ट को बताया कि वे हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का प्रतिनिधित्व करने से पीछे हट रहे...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील के पेश न होने पर 2022 की दशहरा रैली में सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा इस्तेमाल किए गए फंड के स्रोत की जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील के पेश न होने पर 2022 की दशहरा रैली में सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा इस्तेमाल किए गए फंड के स्रोत की जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने MMRDA मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए कथित तौर पर 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक खर्च करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य के खिलाफ जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी।चीफ जस्टिस देवेन्द्र उपाध्याय और जस्टिस आरिफ एस डॉक्टर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील नितिन सतपुते के सहित तीन मौकों पर अदालत में पेश होने में विफल रहने के बाद जनहित याचिका खारिज कर दी।याचिका में सीबीआई, मुंबई पुलिस आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों को 5...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 52 साल पहले सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे और कब्जे दोनों की मांग वाली विरोधाभासी याचिका खारिज की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 52 साल पहले सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे और कब्जे दोनों की मांग वाली 'विरोधाभासी' याचिका खारिज की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 (LARR) में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार के तहत 52 साल पहले अधिग्रहित भूमि के मुआवजे और कब्जे की बहाली की मांग को लेकर दायर याचिका को 'पूरी तरह से अवैध' बताते हुए खारिज कर दिया है।जस्टिस शेखर बी सराफ की एकल पीठ ने रिट याचिका खारिज करते हुए कहा:मैं आश्चर्यचकित हूं कि इतनी तुच्छ और परेशान करने वाली याचिका दायर की गई है। वह भी 50 साल से अधिक समय के बाद। सरकार द्वारा अधिग्रहण विवाद में नहीं है। वर्तमान याचिका और कुछ नहीं...

बिना किसी वैध आधार के महिला आरोपी के पक्ष में लिंग आधारित धारणा न्याय प्रणाली के मूल सिद्धांतों के खिलाफ: दिल्ली हाईकोर्ट
बिना किसी वैध आधार के महिला आरोपी के पक्ष में लिंग आधारित धारणा न्याय प्रणाली के मूल सिद्धांतों के खिलाफ: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि बिना किसी ठोस या वैध आधार के महिला आरोपी के पक्ष में लिंग आधारित धारणाएं हमारी न्याय प्रणाली के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा,“जब तक कि अन्यथा प्रावधान न किया गया हो हमारी कानूनी प्रणाली लिंग तटस्थता के सिद्धांत पर आधारित है, जहां प्रत्येक व्यक्ति को, उनके लिंग को ध्यान में रखे बिना, कानून के अनुसार उनके कृत्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। लिंग आधारित धारणाओं का इस ढांचे में कोई स्थान नहीं है, जब तक कि ऐसे कानून ने प्रावधान न...

सुप्रीम कोर्ट ने  फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस की एफआईआर से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों को अंतरिम सुरक्षा दी
सुप्रीम कोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस की एफआईआर से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों को अंतरिम सुरक्षा दी

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के चार सदस्यों को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा के संबंध में प्रकाशित एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने ईजीआई सदस्यों द्वारा दायर रिट याचिका पर मणिपुर राज्य को नोटिस जारी करते हुए यह आदेश पारित किया। इस मामले की सुनवाई अगले सोमवार को होगी।याचिका आज सूचीबद्ध नहीं थी, लेकिन सीनियर एडवोकेट...

खराब स्वास्थ्य के कारण काम से कर्मचारी की अनधिकृत अनुपस्थिति, जानबूझकर या लापरवाही नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट ने बकाया वेतन का आदेश दिया
खराब स्वास्थ्य के कारण काम से कर्मचारी की अनधिकृत अनुपस्थिति, जानबूझकर या लापरवाही नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट ने बकाया वेतन का आदेश दिया

तेलंगाना हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश सड़क परिवहन निगम (एपीआरटीसी) को एक पूर्व कर्मचारी को पिछले वेतन के उद्देश्य से उसकी बर्खास्तगी की तारीख से उसकी मृत्यु की तारीख तक 'सेवा में' मानने का निर्देश दिया है।जस्टिस नागेश बीमपाका ने मृत व्यक्ति की पत्नी की ओर से दायर रिट में यह आदेश पारित किया। पत्नी ने श्रम न्यायालय की ओर से पारित आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें प्रतिवादी को मृतक की सेवा की अवधि उसकी बर्खास्तगी की तारीख से मृत्यु की तारीख तक गिनने का निर्देश दिया गया था, ‌हालांकि उसमें...