बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील के पेश न होने पर 2022 की दशहरा रैली में सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा इस्तेमाल किए गए फंड के स्रोत की जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

Shahadat

6 Sep 2023 10:06 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील के पेश न होने पर 2022 की दशहरा रैली में सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा इस्तेमाल किए गए फंड के स्रोत की जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने MMRDA मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए कथित तौर पर 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक खर्च करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य के खिलाफ जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी।

    चीफ जस्टिस देवेन्द्र उपाध्याय और जस्टिस आरिफ एस डॉक्टर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील नितिन सतपुते के सहित तीन मौकों पर अदालत में पेश होने में विफल रहने के बाद जनहित याचिका खारिज कर दी।

    याचिका में सीबीआई, मुंबई पुलिस आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों को 5 अक्टूबर, 2022 को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में आयोजित दशहरा रैली के दौरान शिंदे के नेतृत्व वाली अन-रजिस्टर्ड पार्टी द्वारा 10 करोड़ रुपये से अधिक के धन के उपयोग की जांच करने का निर्देश दिया जाने की भी मांग की गई।

    याचिकाकर्ता दीपक जगदेव ने आरोप लगाया कि मुंबई से नागपुर तक निर्माणाधीन समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कथित तौर पर यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए और MSRTC से अनुमति प्राप्त किए बिना रैली समर्थकों को मुंबई ले जाने के लिए किया गया था।

    याचिका में सबूत के तौर पर औरंगाबाद में एक राजमार्ग दुर्घटना का हवाला दिया गया, जिसमें दस वाहन शामिल थे। इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि समाचार पत्रों के विज्ञापनों, बीकेसी मैदान को किराए पर लेने, गाने और टीज़र बनाने, 2000 होर्डिंग्स लगाने और भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने पर पर्याप्त खर्च किया गया था।

    याचिका में फंडिंग के स्रोत पर सवाल उठाए गए। इसमें कहा गया कि MSRTC को 10 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया था। इसके अवाला, अन्य खर्च शिंदे द्वारा कवर किए गए। नतीजतन, इस पर्याप्त राशि की उत्पत्ति के बारे में संदेह उठाया गया।

    याचिका में संजय राउत के मामलों की समानता बताई गई है, जिन्हें 56 लाख रुपये के लिए जेल में डाल दिया गया था। इसके अलावा, अनिल देशमुख की संपत्ति के 4.5 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे। इसमें तर्क दिया गया कि शिंदे को 10 करोड़ रुपये के लिए भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

    याचिका में सार्वजनिक रैली के वित्तपोषण के लिए काले धन के इस्तेमाल की संभावना पर जोर दिया गया और काले धन और फंडिंग के स्रोतों की जांच की मांग की गई।

    याचिका में आग्रह किया गया कि पुलिस डायरेक्टर जनरल लापरवाही के लिए MSRTC अधिकारियों के साथ-साथ रैली के लिए समृद्धि राजमार्ग का इस्तेमाल करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करें। इसके अतिरिक्त, इसने आयोजन और कार्यक्रम से संबंधित सभी बुकिंग के लिए आय के स्रोतों का खुलासा करने का निर्देश देने की मांग की।

    केस नंबर– सीआरपीआईएल/3/2023

    केस टाइटल- दीपक जगदेव बनाम एकनाथ शिंदे और अन्य।

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