सुप्रीम कोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस की एफआईआर से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों को अंतरिम सुरक्षा दी
Sharafat
6 Sept 2023 2:01 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के चार सदस्यों को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा के संबंध में प्रकाशित एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने ईजीआई सदस्यों द्वारा दायर रिट याचिका पर मणिपुर राज्य को नोटिस जारी करते हुए यह आदेश पारित किया। इस मामले की सुनवाई अगले सोमवार को होगी।
याचिका आज सूचीबद्ध नहीं थी, लेकिन सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किए जाने के बाद सीजेआई चंद्रचूड़ इस मामले को उठाने के लिए सहमत हुए। दीवान ने कहा कि फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और आरोप लगाया गया है कि उनकी रिपोर्ट "दुश्मनी को बढ़ावा देती है।"
पीठ शुरू में सीमित सुरक्षा देकर रिट याचिका का निपटारा करने की इच्छुक थी जिससे याचिकाकर्ता हाईकोर्ट का रुख कर सकें। हालांकि, दीवान ने कहा कि किसी और ने नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईजीआई के खिलाफ आरोप लगाए और यहां तक कह दिया कि "ईजीआई ने भड़काऊ बयान दिए हैं।"
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुख्यमंत्री का बयान एक अतिरिक्त पहलू है जिस पर न्यायालय को विचार करना चाहिए।
इसके बाद पीठ याचिका पर नोटिस जारी करने और अंतरिम सुरक्षा देने पर सहमत हुई।
ईजीआई की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान ने शीर्ष अदालत से मामले की तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया क्योंकि मामले में शामिल सीनियर जर्नलिस्ट को गिरफ्तार करने की आशंका थी।
उन्होंने कहा- " हम यहां अनुच्छेद 32 के तहत आपातकालीन दिशा-निर्देश मांग रहे हैं और मैं दिखाऊंगा कि कैसे। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी नियुक्त की। इसमें तीनों वरिष्ठ पत्रकार थे। वे मणिपुर गए और एक रिपोर्ट बनाई और निष्कर्ष निकाला कि स्थानीय समाचार रिपोर्टें पक्षपातपूर्ण हैं। "
सीजेआई ने पूछा था कि मामले में इतनी जल्दी क्या है?
इस पर दीवान ने जवाब दिया कि पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और ईजीआई ऐसी दो एफआईआर को चुनौती दे रहा है।
सीजेआई ने कहा- " कृपया कागजात तैयार रखें, हम इस पर विचार करेंगे। "
गिल्ड के 24 पेज के निष्कर्ष 2 सितंबर को जारी किए गए थे। फैक्ट फाइंडिंग टीम को 7 से 10 अगस्त तक राज्य में मीडिया रिपोर्टों की जांच करने के लिए मणिपुर भेजा गया था। एफआईआर रिपोर्ट को "झूठा, मनगढ़ंत और" बताने वाली शिकायतों पर आधारित हैं।”