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आरोपी के साथ स्वेच्छा से घर छोड़ने से पीड़िता की निजता पर हमला करने का आरोपी को कोई अधिकार नहीं मिल जाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने बलात्कार की सजा बरकरार रखी
आरोपी के साथ स्वेच्छा से घर छोड़ने से पीड़िता की निजता पर हमला करने का आरोपी को कोई अधिकार नहीं मिल जाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने बलात्कार की सजा बरकरार रखी

कलकत्ता हाईकोर्ट की सर्किट बेंच ने जलपाईगुड़ी में हाल ही में माना है कि एक लड़की द्वारा स्वेच्छा से आरोपी व्यक्ति के साथ अपना घर छोड़ने से आरोपी को उसकी निजता पर हमला करने या उसके साथ यौन अपराध करने का कोई अधिकार नहीं मिल जाता है। जस्टिस सिद्धार्थ रॉय चौधरी की एकल पीठ ने आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार के लिए अपीलकर्ता की ट्रायल कोर्ट की सजा को बरकरार रखा और कहा," यदि यह मान लिया जाए कि पीड़िता का अपहरण नहीं किया गया था और उसने अकेले ही आरोपी के साथ अपना घर छोड़ दिया था, इससे आरोपी व्यक्ति...

लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए हैबियस कार्पस रिट जारी नहीं की जा सकती: उड़ीसा हाईकोर्ट
लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए हैबियस कार्पस रिट जारी नहीं की जा सकती: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने दोहराया है कि बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) रिट लापता व्यक्तियों' का पता लगाने के लिए जारी नहीं की जा सकती, क्योंकि किसी विशेष व्यक्ति द्वारा अवैध हिरासत को साबित करना उक्त रिट दायर करने से पहले एक पूर्व शर्त है। जस्टिस संगम कुमार साहू और जस्टिस सिबो शंकर मिश्रा की खंडपीठ ने अपनी बेटी का पता लगाने के लिए रिट जारी करने की प्रार्थना करने वाली याचिकाकर्ता को राहत देने से इनकार कर दिया।कोर्ट ने कहा ,“बंदी प्रत्यक्षीकरण का रिट आकस्मिक और नियमित तरीके से जारी नहीं किया जा...

जब विशेष क्षेत्राधिकार किसी अन्य स्थान की अदालतों को सौंप दिया जाता है तो मध्यस्थता का स्थान मध्यस्थता की सीट नहीं बन जाता: राजस्थान हाईकोर्ट
जब विशेष क्षेत्राधिकार किसी अन्य स्थान की अदालतों को सौंप दिया जाता है तो मध्यस्थता का स्थान मध्यस्थता की सीट नहीं बन जाता: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने माना है कि जब विशेष क्षेत्राधिकार किसी अन्य स्थान के न्यायालयों को प्रदान किया जाता है तो मध्यस्थता का स्थान मध्यस्थता की सीट नहीं बन जाता है।जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की पीठ ने कहा कि जहां एक स्थान को केवल 'स्थल' के रूप में नामित किया गया है और किसी अन्य स्थान की अदालतों को विशेष क्षेत्राधिकार प्रदान किया गया है, तो यह एक स्पष्ट 'विपरीत संकेत' है जो उस स्थान को मध्यस्थता का स्थान बनने से रोकता है।न्यायालय ने माना कि केवल नई दिल्ली मध्यस्थता का स्थान होगी, जब बीकानेर में...

हाईकोर्ट ने भीख मांगने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों पर दिल्ली सरकार से विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी
हाईकोर्ट ने भीख मांगने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों पर दिल्ली सरकार से विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने कानून का उल्लंघन करने वाले उन बच्चों के पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों पर दिल्ली सरकार से विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी है, जिन्हें बाल भिक्षावृत्ति से बचाया गया है और राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न पुनर्वास केंद्रों में रखा गया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार को उनकी देखरेख में रहने वाले बच्चों पर ऐसे पुनर्वास केंद्रों के दीर्घकालिक प्रभाव के आकलन को स्टेटस रिपोर्ट में शामिल करने का भी निर्देश दिया।कोर्ट ने यह देखते हुए कि बाल...

मंदिर परिसर का उपयोग सामूहिक ड्रिल, हथियार प्रशिक्षण के लिए नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
मंदिर परिसर का उपयोग सामूहिक ड्रिल, हथियार प्रशिक्षण के लिए नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह त्रावणकोर देवास्वोम आयुक्त और सरकरा देवी मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी को मंदिर परिसर में मास ड्रिल और आर्म्स ट्रेनिंग पर प्रतिबंध का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कथित सदस्यों द्वारा मास ड्रिल आर्म्स ट्रेनिंग आयोजित करने के लिए तिरुवनंतपुरम में श्री सरकारा देवी मंदिर पर अवैध अतिक्रमण का आरोप लगाने वाली याचिका पर यह निर्देश जारी किया। मंदिर के दो भक्तों और आसपास के निवासियों द्वारा दायर याचिका में कहा गया...

आखिरकार यह एक रिपोर्ट है, जमीनी स्तर पर किया गया कोई अपराध नहीं: एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर पर मणिपुर पुलिस से सुप्रीम कोर्ट ने कहा
"आखिरकार यह एक रिपोर्ट है, जमीनी स्तर पर किया गया कोई अपराध नहीं": एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर पर मणिपुर पुलिस से सुप्रीम कोर्ट ने कहा

मणिपुर में जातीय हिंसा के बारे में प्रकाशित एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) के सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आज मौखिक रूप से कहा कि यह मुद्दा सिर्फ एक रिपोर्ट से संबंधित है और यह किसी की ओर से किए गए अपराध करने का मामला नहीं है। पत्रकार सीमा गुहा, संजय कपूर, भारत भूषण और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने संयुक्त रूप से रिट याचिका दायर की। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीबीएमपी को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के उल्लंघन के लिए आपराधिक कार्रवाई, जुर्माना बढ़ाने पर विचार करने को कहा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीबीएमपी को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के उल्लंघन के लिए आपराधिक कार्रवाई, जुर्माना बढ़ाने पर विचार करने को कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) और राज्य सरकार को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के उल्लंघनकर्ताओं पर लगाए जा रहे जुर्माने को संशोधित कर बढ़ाने पर विचार करने का सुझाव दिया। मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की खंडपीठ ने पाया कि अब तक 10-09-2019 से 31-08-2023 के बीच 4 वर्षों में 11.66 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं, क्योंकि 3.84 लाख एसडब्ल्यूएम उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाया गया है।बेंच ने कहा,“ हमारी राय में यदि प्रतिवादी बीबीएमपी...

रेलवे दुर्घटना के 44 साल बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मृतक की मां को 51 हजार रुपये का मुआवजा बरकरार रखा
रेलवे दुर्घटना के 44 साल बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मृतक की मां को 51 हजार रुपये का मुआवजा बरकरार रखा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में 44 साल पुरानी एक रेलवे दुर्घटना में मारे गए 24 वर्षीय युवक की मां को 51,000 रुपये का मुआवजे देने का निर्णय बरकरार रखा। दुर्घटना एक ट्रक और ट्रेन इंजन की टक्कर के कारण हुई थी।जस्टिस पीके चव्हाण ने कहा कि दुर्घटना रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुई थी।उन्होंने कहा,“यह स्पष्ट रूप से अपीलकर्ताओं के कर्मचारियों की ओर से लापरवाही का कार्य है क्योंकि साक्ष्य से यह प्रतीत होता है कि स्विचमैन और गेटमैन के साथ-साथ संबंधित रेलवे स्टेशन के बीच कोई उचित संचार मौजूद नहीं...

दुनिया में मां के समान कोई जीवनदाता नहीं: गुजरात हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को 17 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति देते समय स्कंद पुराण का हवाला दिया
'दुनिया में मां के समान कोई जीवनदाता नहीं': गुजरात हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को 17 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति देते समय 'स्कंद पुराण' का हवाला दिया

गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक नाबालिग लड़की की 17 सप्ताह की गर्भावस्था को मेडिकल रूप से समाप्त करने की अनुमति दी। जस्टिस समीर दवे ने अपने आदेश में हमारे समाज में माताओं के महत्व पर जोर देने के लिए हिंदू धार्मिक ग्रंथ स्कंद पुराण सबसे बड़े मुखपुराण के निम्नलिखित श्लोक का उल्लेख किया:"नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रपा॥"अनुवाद: मां के समान इस संसार में कोई छाया, आश्रय और सुरक्षा नहीं है, मां के समान इस संसार में कोई जीवन देने वाली नहीं...

बच्चे द्वारा उपेक्षित होने पर सीनियर सिटीजन संपत्ति को पुनः प्राप्त कर सकते हैं, प्यार और स्नेह स्थानांतरण के लिए विचाराधीन है: मद्रास हाईकोर्ट
बच्चे द्वारा उपेक्षित होने पर सीनियर सिटीजन संपत्ति को पुनः प्राप्त कर सकते हैं, 'प्यार और स्नेह' स्थानांतरण के लिए विचाराधीन है: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि माता-पिता और सीनियर सिटीजन के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 (Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007) की धारा 23(1) में प्रयुक्त वाक्यांश 'शर्त के अधीन' को समग्र रूप से सीनियर सिटीजन के भरण-पोषण के लिए निहित शर्त के रूप में समझा जाना चाहिए।एक्ट की धारा 23(1) के अनुसार, जहां किसी भी सीनियर सिटीजन ने इस एक्ट के प्रारंभ होने के बाद अपनी संपत्ति गिफ्ट या अन्यथा के माध्यम से हस्तांतरित की है, इस शर्त के अधीन है कि जिस व्यक्ति को संपत्ति...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी मदरसों की एसआईटी जांच के खिलाफ याचिका खारिज की, यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट के तहत राज्य की शक्ति को बरकरार रखा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'फर्जी' मदरसों की एसआईटी जांच के खिलाफ याचिका खारिज की, यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट के तहत राज्य की शक्ति को बरकरार रखा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 के तहत राज्य सरकार को दी गई शक्तियों के आधार पर आज़मगढ़ के कई मदरसों की एसआईटी जांच को बरकरार रखा है। कोर्ट ने माना कि अधिनियम, 2004 की धारा 13 के तहत, राज्य को कुछ परिस्थितियों में बोर्ड के संदर्भ के बिना अधिनियम के अनुरूप तत्काल कार्रवाई करने का अधिकार है। इसमें कहा गया है कि किसी भी समय सत्यापन के लिए दस्तावेज पेश करने के लिए मदरसों के प्रमुख या उसके अधिकारियों को बुलाना राज्य की वैधानिक शक्तियों के अंतर्गत है। ऐसे मामलों में...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिम्मेदार सार्वजनिक अधिकारियों से विलंबित पेंशन भुगतान पर ब्याज की वसूली का आदेश दिया
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिम्मेदार सार्वजनिक अधिकारियों से विलंबित पेंशन भुगतान पर ब्याज की वसूली का आदेश दिया

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि पब्लिक अथॉरिटी को अपने कर्तव्यों को पूरा करने में देरी के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्हें खासकर सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट बेनेफिट के शीघ्र वितरण के संबंध में जवाबदेह होना चाहिए।जस्टिस सत्येन वैद्य ने कहा कि इस प्रकार की पब्लिक अथॉरिटीज, फंड को ट्रस्ट में रखते हैं। उन्हें अनुचित देरी के माध्यम से पब्लिक फंड को बर्बाद करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि यह सार्वजनिक कल्याण कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।ये...

केरल हाईकोर्ट ने घटना के 1.5 महीने बाद सार्वजनिक स्थान पर नाबालिग पीड़िता द्वारा देखे गए और पहचाने गए व्यक्ति की बलात्कार की सजा बरकरार रखी
केरल हाईकोर्ट ने घटना के 1.5 महीने बाद सार्वजनिक स्थान पर नाबालिग पीड़िता द्वारा देखे गए और पहचाने गए व्यक्ति की बलात्कार की सजा बरकरार रखी

केरल हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह माना कि बलात्कार के लिए दोषसिद्धि पीड़ित की एकमात्र गवाही पर की जा सकती है। साथ ही यदि पीड़िता के साक्ष्य विश्वसनीय हैं और अदालत के विश्वास को प्रेरित करते हैं तो टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड जैसी किसी पुष्टि की आवश्यकता नहीं होगी।जस्टिस ए बदरुद्दीन ने इस प्रकार कहा,“पीडब्लू5 [पीड़िता] के पास आरोपी के चेहरे और विशेषताओं की निशानदेही के लिए पर्याप्त समय था, जिसने उसके प्रतिरोध के बावजूद उसके साथ यौन संबंध बनाए। बाद में उसने आरोपी को अपराधी के रूप में पहचाना, जब वह संयोग...

ट्रायल कोर्ट की राय से अलग सबूतों की जांच नहीं कर सकता हाईकोर्ट: जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट
ट्रायल कोर्ट की राय से अलग सबूतों की जांच नहीं कर सकता हाईकोर्ट: जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक फैसले में कहा जम्मू-कश्मीर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 561-ए के तहत अपने अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए, आरोप के समर्थन में अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य और सामग्री की हाईकोर्ट द्वारा जांच, आरोप तय करने वाली अदालत की तुलना में कुछ भी अधिक नहीं है।जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस राजेश सेखरी ने कहा, "ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोप तय करने के दौरान निकाले गए निष्कर्ष के विपरीत निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए सबूतों को छांटना...

सुधार असंभव होने पर ही आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त: कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाबालिग के बलात्कार और हत्या के दोषियों को मौत की सजा देने से इनकार किया
सुधार असंभव होने पर ही आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त: कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाबालिग के बलात्कार और हत्या के दोषियों को मौत की सजा देने से इनकार किया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2004 में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या के लिए आईपीसी की धारा 302 और 376 (2) (जी) के तहत चार लोगों की सजा को बरकरार रखा है। जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस गौरांग कंठ की पीठ ने हालांकि मौत की सज़ा देने से इनकार करते हुए बचन सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और कहा,"यह सच है कि अपीलकर्ताओं ने एक नाबालिग बच्चे के साथ बलात्कार और हत्या का सबसे क्रूर कृत्य किया है। यह अपराध जघन्य है और समाज द्वारा इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। हालांकि अपराध की...

[अनुच्छेद 233] पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अतिरिक्त और जिला सत्र न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी नहीं करने पर हरियाणा सरकार की आलोचना की
[अनुच्छेद 233] पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अतिरिक्त और जिला सत्र न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी नहीं करने पर हरियाणा सरकार की आलोचना की

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अपेक्षित अधिसूचना जारी नहीं करने पर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। इस नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट द्वारा रिटन एग्जाम और वाइवा दिसंबर, 2022 में संपन्न हुआ था।अतिरिक्त और जिला सत्र न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के लिए 13 न्यायाधीशों की सूची इस साल फरवरी में राज्य को भेजी गई थी।जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की खंडपीठ ने कहा,"6 महीने से अधिक समय बीत चुका है... हमें कोई ठोस कारण नहीं दिख...

अदालतें राज्य में वैकल्पिक केंद्रीय सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन का आदेश नहीं दे सकतीं, नीतियां लागू करना राज्य सरकार का काम: पटना हाईकोर्ट
अदालतें राज्य में वैकल्पिक केंद्रीय सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन का आदेश नहीं दे सकतीं, नीतियां लागू करना राज्य सरकार का काम: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि न्यायालय न्यायिक आदेश के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई योजना के कार्यान्वयन का निर्देश नहीं दे सकता है, जिसे केवल राज्य सरकार के विकल्प पर लागू किया जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट उक्त मांग को लेकर दायर जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी।इस याचिका में भारत में अनुसूचित जाति के स्टूडेंट के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम से संबंधित दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी।चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस...

हापुड हादसा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को विशेष बैठक की, वकीलों की शिकायत निवारण के लिए न्यायिक समिति का गठन किया
हापुड हादसा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को विशेष बैठक की, वकीलों की शिकायत निवारण के लिए न्यायिक समिति का गठन किया

शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष बैठक में हापुड़ घटना को लेकर वकीलों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक न्यायिक समिति का गठन किया गया है। समिति में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश, जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता (अध्यक्ष के रूप में), जस्टिस राजन रॉय और ज‌स्टिस मोहम्मद फैज आलम खान शामिल है। इसमें उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता या उनके नामित, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष, और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी शामिल हैं।उत्तर प्रदेश बार काउंसिल और उसके सदस्यों की ओर से हापुड़ घटना को लेकर...

सीपीसी का उद्देश्य न्याय की सुविधा प्रदान करना है, न कि व्यक्तियों को दंडित करना; प्रक्रियात्मक त्रुटियां उचित राहत को विफल नहीं कर सकतीं: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
सीपीसी का उद्देश्य न्याय की सुविधा प्रदान करना है, न कि व्यक्तियों को दंडित करना; प्रक्रियात्मक त्रुटियां उचित राहत को विफल नहीं कर सकतीं: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया कि नागरिक प्रक्रिया संहिता का उद्देश्य न्याय को सुविधाजनक बनाना है, न कि व्यक्तियों को दंडित करना और अदालतें आमतौर पर प्रक्रियात्मक त्रुटियों या गलतियों के कारण उचित राहत से इनकार नहीं करती हैं, चाहे वे लापरवाही, असावधानी या नियम के उल्लंघन के परिणामस्वरूप हों। इस प्रकार जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत अपने पर्यवेक्षी क्षेत्राधिकार का उपयोग करते हुए विशेष मोबाइल मजिस्ट्रेट, अनंतनाग की अदालत द्वारा पारित एक...