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आईपीसी की धारा 370ए वेश्यालय के ग्राहकों पर तब तक आकर्षित  नहीं होती जब तक कि यह न दिखाया जाए कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि यौनकर्मियों की तस्करी की गई थी: तेलंगाना हाईकोर्ट
आईपीसी की धारा 370ए वेश्यालय के ग्राहकों पर तब तक आकर्षित नहीं होती जब तक कि यह न दिखाया जाए कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि यौनकर्मियों की तस्करी की गई थी: तेलंगाना हाईकोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में माना कि भारतीय दंड संहिता की धारा 370ए की व्याख्या इसके दायरे में किसी 'ग्राहक' को शामिल करने के लिए नहीं की जा सकती है, जब तक कि यह साबित करने के लिए सबूत न हो कि उसके पास यह विश्वास करने का ज्ञान या कारण था कि यौनकर्मियों की तस्करी की गई थी।जस्टिस जी अनुपमा चक्रवर्ती की खंडपीठ ने कहा कि किसी ग्राहक के खिलाफ धारा 370ए को आकर्षित करने के लिए पुलिस को ग्राहक की ओर से तस्करी के बारे में जानकारी साबित करना जरूरी है।कोर्ट ने कहा,"हालांकि, इस मुद्दे का...

यह रिटायमेंट मुझे बिहार से बाहर ले जा सकता है लेकिन यह बिहार को मुझसे दूर नहीं कर सकता: जस्टिस एएम बदर ने पटना हाईकोर्ट से विदाई ली
'यह रिटायमेंट मुझे बिहार से बाहर ले जा सकता है लेकिन यह बिहार को मुझसे दूर नहीं कर सकता': जस्टिस एएम बदर ने पटना हाईकोर्ट से विदाई ली

पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस अनंत मनोहर बदर आज रिटायर्ड हुए और उन्होंने जज के रूप में अपने शानदार कानूनी करियर से विदा ली। जस्टिस बदर का कार्यकाल न केवल उनकी न्यायिक कौशल के लिए बल्कि बिहार के सांस्कृतिक ताने-बाने में उनके उल्लेखनीय समावेश के लिए भी मनाया गया। जस्टिस बदर बिहार राज्य से अपनी अपरिचितता के कारण प्रारंभिक आशंकाओं के बावजूद स्वेच्छा से बिहार आए थे, उन्होंने पूर्ण अदालत के संदर्भ के दौरान अपनी हार्दिक भावनाओं को साझा करते हुए कहा, “मैं स्वेच्छा से पटना आया लेकिन थोड़ी सी चिंता के...

सीलबंद कवर में जानकारी जमा करने की हानिकारक प्रथा को खत्म करने का समय: बॉम्बे हाईकोर्ट
'सीलबंद कवर' में जानकारी जमा करने की हानिकारक प्रथा को खत्म करने का समय: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पार्टियों द्वारा अदालत में सीलबंद कवर में जानकारी जमा करने की प्रथा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए हाल ही में एक डेवलपर के आयकर रिटर्न और वित्तीय विवरणों को सीलबंद कवर में स्वीकार करने से इनकार कर दिया और इसके लिए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस कमल खाता की खंडपीठ ने कहा कि कोई भी अदालत किसी वादी को सीलबंद लिफाफे में सामग्री जमा करके विरोधी पक्ष को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देती है।"कोई भी वादी अदालत के रिकॉर्ड में 'सीलबंद लिफाफे में' कुछ...

यदि दस्तावेज़ स्पष्ट रूप से पढ़ा जा सकता है तो टाइप की गई कॉपी पर जोर न दें : पटना हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री से कहा
यदि दस्तावेज़ स्पष्ट रूप से पढ़ा जा सकता है तो टाइप की गई कॉपी पर जोर न दें : पटना हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री से कहा

पटना हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री के भीतर डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट की दक्षता बढ़ाने के प्रयास में केस रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए दस्तावेज़ों की टाइप की गई कॉपी की आवश्यकता के चलन को बंद करने का निर्णय लिया। इस चलन से केस बंडलों में भीड़ पैदा हो रही थी और इसमें बाधा हो रही थी। टाइप की गई कॉपी को मूल दस्तावेज़ों के प्रत्येक पेज के साथ रखा जाता है। न्यायालय ने इस प्रस्ताव के आलोक में इस बात पर जोर दिया कि दस्तावेजों की टाइप की गई कॉपी पर जोर देना अब आवश्यक नहीं है। इस बदलाव से केस बंडलों पर बोझ कम होने...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सहकर्मी को फालतू कहने पर पॉश एक्ट के तहत दर्ज मामले में स्कूल सचिव को अंतरिम राहत दी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सहकर्मी को 'फालतू' कहने पर पॉश एक्ट के तहत दर्ज मामले में स्कूल सचिव को अंतरिम राहत दी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सेंट स्टीफंस स्कूल, दमदम के सचिव को अंतरिम राहत प्रदान की है। एक महिला सहकर्मी ने उनके खिलाफ कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (पॉश एक्ट, 2013) के तहत शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। आरोप है कि उन्होंने महिला सहकर्मी को "फालतू मेये" कहा था।याचिकाकर्ता को उसके मामले पर पुनर्विचार होने तक सचिव के पद पर बहाल करने का निर्देश देते हुए, जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा कि स्थानीय शिकायत समिति...

यूपी शहरी भवन अधिनियम | अदालत को सौंपा गया हलफनामा उस विवाद से संबंधित बाद की कार्यवाही में निर्णायक साक्ष्य है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
यूपी शहरी भवन अधिनियम | अदालत को सौंपा गया हलफनामा उस विवाद से संबंधित बाद की कार्यवाही में 'निर्णायक साक्ष्य' है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराए पर देने, किराए और बेदखली का विनियमन) अधिनियम, 1972 के तहत किरायेदारी विवाद का फैसला करते हुए इस सिद्धांत को दोहराया कि किसी को भी शपथ पत्र में पहले से अपनाए गए रुख से अलग रुख अपनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।जस्टिस नीरज तिवारी की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों पर भरोसा करते हुए कहा,“यूपी अधिनियम, 1972 की धारा 12(3) के आलोक के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट और इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार, मेरा दृढ़ विचार है कि किसी भी न्यायालय के...

झारखंड हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में झूठे आरोप के तहत 8 साल जेल की सजा काटने वाले व्यक्ति को 8 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया
झारखंड हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में झूठे आरोप के तहत 8 साल जेल की सजा काटने वाले व्यक्ति को 8 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया

झारखंड हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), सब जोन, रांची के एडिशनल डायरेक्टर जनरल को यह निर्उदेश दिया कि वे उस व्यक्ति को 8 लाख रुपये का मुआवजा दे जिसे एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) मामले में झूठा फंसाया गया था। वह व्यक्ति उस अपराध के लिए लगभग 8 साल तक जेल की हिरासत में रहा, जो उसने किया ही नहीं था।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने कहा,“उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए और यह मानते हुए कि यह स्वीकृत स्थिति है कि याचिकाकर्ता को किसी और के द्वारा नहीं बल्कि एनसीबी द्वारा...

सिनेमा हॉल मालिकों की ओर से दर्शकों को अपनी खाद्य सामग्री ले जाने पर रोक लगाने के समर्थन में यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया
सिनेमा हॉल मालिकों की ओर से दर्शकों को अपनी खाद्य सामग्री ले जाने पर रोक लगाने के समर्थन में यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें सिनेमा हॉल मालिकों की ओर से हॉल के भीतर खाने-पीने के सामान ले जाने पर लगाई गई रोक का समर्थन किया गया है।यह हलफनामा 2018 में दायर एक पीआईएल में दायर किया गया है, जिसमें राज्य में सिनेमा हॉल मालिकों द्वारा दर्शकों को हॉल के अंदर खुद के खाद्य पदार्थ ले जाने पर लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती दी गई थी।बुधवार को जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता व जस्टिस ज्योत्सना शर्मा की खंडपीठ के समक्ष प्रतिवादी संख्या 5/सिनेमा हॉल मालिकों के प्रबंधन...

[मोटर दुर्घटना] एफआईआर को दावा याचिका के रूप में माना जाएगा, 6 महीने के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने पर परिसीमा लागू नहीं होगी: मद्रास हाईकोर्ट
[मोटर दुर्घटना] एफआईआर को दावा याचिका के रूप में माना जाएगा, 6 महीने के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने पर परिसीमा लागू नहीं होगी: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि मोटर वाहन एक्ट के तहत सीमा अवधि तब किए गए दावों पर लागू नहीं होगी जब पुलिस ने पहले ही मोटर वाहन एक्ट की धारा 159 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली हो।प्रावधान में कहा गया कि जांच के दौरान पुलिस अधिकारी दावे के निपटान की सुविधा के लिए दुर्घटना सूचना रिपोर्ट तैयार करेगा और उसे दावा ट्रिब्यूनल को प्रस्तुत करेगा।जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण ने कहा कि जब मोटर दुर्घटना के संबंध में पहले से ही एफआईआर दर्ज की गई और उसका विवरण क्षेत्राधिकार ट्रिब्यूनल को भेजा गया है तो दावा याचिका...

वादकारियों के लिए निष्पक्ष सुनवाई महत्वपूर्ण है, सूचीबद्ध मामलों की संख्या नहीं: केरल हाईकोर्ट ने मौजूदा न्यायाधीश के खिलाफ वकील की अपील खारिज की
वादकारियों के लिए निष्पक्ष सुनवाई महत्वपूर्ण है, सूचीबद्ध मामलों की संख्या नहीं: केरल हाईकोर्ट ने मौजूदा न्यायाधीश के खिलाफ वकील की अपील खारिज की

केरल हाईकोर्ट ने जस्टिस मैरी जोसेफ की पीठ के समक्ष मामलों की सीमित सूची को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज करने के खिलाफ वकील यशवंत शेनॉय की रिट अपील खारिज कर दी।जस्टिस ए मुहम्मद मुश्ताक और जस्टिस शोबा अन्नम्मा ईपेन की खंडपीठ ने कहा कि मामलों को सूचीबद्ध करना हाईकोर्ट के एडमिनिस्ट्रेशन पक्ष का विशेषाधिकार है।ओपन कोर्ट में आदेश सुनाते हुए उन्होंने कहा,"चीफ जस्टिस को निर्णय लेने का अधिकार है। यदि वह निर्णय नहीं लेते हैं तो यह अपीलकर्ता को रिट याचिका दायर करके अदालत में जाने का कारण नहीं देता...

मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावों में घरेलू महिलाओं की सराहनीय सेवाओं पर विचार किया जाएगा: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावों में घरेलू महिलाओं की सराहनीय सेवाओं पर विचार किया जाएगा: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि हालांकि घरों और परिवारों के प्रबंधन में महिलाओं द्वारा प्रदान की गई नि:शुल्क सेवाओं को पैसे के बराबर नहीं किया जा सकता है, मगर मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजे के दावे पर निर्णय लेते समय ऐसी सेवाओं पर उचित रूप से विचार किया जाना चाहिए।जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने कहा कि महिलाएं घर में विभिन्न गतिविधियां करती हैं। इसलिए मोटर वाहन दुर्घटना के कारण उनकी असामयिक मृत्यु उनके परिवारों को मुआवजे का अधिकार देती है।पीठ ने कहा,“महिलाएं घर में विविध काम कर रही हैं। महिलाओं...

दुर्गा पूजा के लिए निर्धारित भूमि पर अन्य उत्सवों की अनुमति देने से इनकार करना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन: कलकत्ता हाईकोर्ट ने गणेश पूजन की अनुमति दी
दुर्गा पूजा के लिए निर्धारित भूमि पर अन्य उत्सवों की अनुमति देने से इनकार करना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन: कलकत्ता हाईकोर्ट ने गणेश पूजन की अनुमति दी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (ADDA) को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ताओं को 18-22 सितंबर के बीच सार्वजनिक मैदान पर गणेश पूजा समारोह आयोजित करने की अनुमति दे। इस मैदान का उपयोग सरकारी कार्यों और दुर्गा पूजा के लिए किया जाता है।जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा कि गणेश पूजा की मेजबानी से इनकार करना और उसी आधार पर दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति देना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।कोर्ट ने कहा कि यदि ज़मीन...

मस्जिद परिसर से मलबा हटाने में ज्ञानवापी संरचना को किसी भी तरह के नुकसान की कोई संभावना नहीं: वाराणसी कोर्ट में एएसआई ने कहा
मस्जिद परिसर से मलबा हटाने में ज्ञानवापी संरचना को किसी भी तरह के नुकसान की कोई संभावना नहीं: वाराणसी कोर्ट में एएसआई ने कहा

वाराणसी की अदालत में जिला न्यायाधीश को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यह आश्वासन दिया कि मस्जिद परिसर से मलबा और कचरा साफ करते समय ज्ञानवापी मस्जिद संरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।एएसआई ने अदालत को यह भी बताया कि चूंकि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में और उसके आसपास पत्थर के स्लैब के रूप में कचरा, मलबा और गिरी हुई सामग्री जमा हो गई है। इसलिए कचरे को साफ करना अपरिहार्य हो गया है, जिससे परिसर की उचित वैज्ञानिक जांच हो सके।एएसआई के वकील ने अदालत के समक्ष मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण पूरा करने...

पीड़िता की मौत से 10 दिन पहले पैसे का आदान-प्रदान दहेज मृत्यु का अनुमान देता है: कलकत्ता हाईकोर्ट ने पति की सजा को बरकरार रखा
पीड़िता की मौत से 10 दिन पहले पैसे का आदान-प्रदान 'दहेज मृत्यु' का अनुमान देता है: कलकत्ता हाईकोर्ट ने पति की सजा को बरकरार रखा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पति (अपीलकर्ता संख्या एक ) और उसके भाई (अपीलकर्ता संख्या 2) की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया, जिन्हें ट्रायल कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498 ए और 304 बी के तहत दहेज हत्या के लिए दोषी ठहराया था। पीड़िता ने अपने वैवाहिक घर में खुद को और अपनी बेटी को जहर दे दिया। दोनों की सजा को बरकरार रखते हुए जस्टिस राय चट्टोपाध्याय की एकल पीठ ने कहा, "पैसे के हस्तांतरण की पूरी घटना दोनों पीड़ितों की मृत्यु की तारीख से दस दिन पहले हुई थी।जहां तक भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा...

कॉलेज में न शिक्षक, न प्राचार्य; कक्षाओं में खिलौने थे: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठवाड़ा ‌यू‌निवर्सिटी की संबद्धता वापस लेने के फैसले को बरकरार रखा
कॉलेज में न शिक्षक, न प्राचार्य; कक्षाओं में खिलौने थे: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठवाड़ा ‌यू‌निवर्सिटी की संबद्धता वापस लेने के फैसले को बरकरार रखा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में शैक्षणिक और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी के कारण श्री तुलजा भवानी कला और विज्ञान कॉलेज, औरंगाबाद की संबद्धता वापस लेने के मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी के फैसले को बरकरार रखा। औरंगाबाद में जस्टिस मंगेश एस पाटिल और जस्टिस शैलेश पी ब्रह्मे की खंडपीठ ने यूनिवर्सिटी के फैसले के खिलाफ एक रिट याचिका में कहा कि कॉलेज में गंभीर खामियां थीं और यूनिवर्सिटी ने संबद्धता वापस लेने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया था।कोर्ट ने कहा,“प्रबंधन में विवाद आजकल आम बात हो गई है। लेकिन इसका...

उच्च अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट पार्क में अवैध पेड़ कटाई की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया
"उच्च अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं", उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कॉर्बेट पार्क में अवैध पेड़ कटाई की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि उच्च अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, सीबीआई को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और 6000 से अधिक पेड़ों की कटाई की जांच करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने कहा,"हम संतुष्ट हैं कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री प्रथम दृष्टया केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच की मांग करने वाले मामले का खुलासा करती है।"आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि केवल कुछ अधिकारियों को निलंबित करना और उन्हें आरोप पत्र...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रही महिला को जमानत दी, डॉक्टर का प्राइवेट पार्ट काटकर उसकी हत्या करने के जुर्म में हुई थी उम्रकैद
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा काट रही महिला को जमानत दी, डॉक्टर का प्राइवेट पार्ट काटकर उसकी हत्या करने के जुर्म में हुई थी उम्रकैद

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह आजीवन कारावास की सजा काट रही एक महिला को जमानत दे दी। इस महिला को 2013 में एक डॉक्टर की हत्या कर उसका प्राइवेट पार्ट काटकर और बाद में उसे अन्यत्र भेजने का दोषी पाए जाने के बाद 2016 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दोषी महिला ने डॉक्टर का प्रायवेट पार्ट काटकर उसकी पत्नी को भेज दिया था। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस नलिन कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने दोषी महिला द्वारा उसकी हिरासत अवधि के आधार पर दायर दूसरी जमानत याचिका पर यह आदेश पारित किया।पीठ ने...

फोन टैपिंग मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला के खिलाफ दो एफआईआर रद्द कीं
फोन टैपिंग मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला के खिलाफ दो एफआईआर रद्द कीं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रश्मी शुक्ला के खिलाफ दो एफआईआर रद्द कर दीं।आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला पर 2015-2019 के बीच कथित तौर पर राजनेताओं के फोन टैप करने का आरोप था, जब पूर्ववर्ती भाजपा नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में सत्ता में था।एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने पीठ को सूचित किया कि मुंबई पुलिस को सीआरपीसी की धारा 197 के तहत शुक्ला के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया गया था, जिसके बाद जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस शर्मिला देशमुख ने...

आपको उस पर गर्भपात के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए: गुजरात हाईकोर्ट ने गर्भपात की याचिका की अनुमति देते हुए नाबालिग लड़की के पिता से कहा
'आपको उस पर गर्भपात के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए': गुजरात हाईकोर्ट ने गर्भपात की याचिका की अनुमति देते हुए नाबालिग लड़की के पिता से कहा

गुजरात हाईकोर्ट ने 17 साल की एक लड़की को लगभग 17 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति प्रदान की। हालांकि कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा है कि लड़की के पिता को अपनी बेटी पर गर्भपात कराने के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए।जस्टिस समीर जे दवे की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब उसने लड़की की मेडिकल रिपोर्ट और पुलिस तथा मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किये गये उसके बयानों पर गौर किया।कोर्ट ने कहा, "आप अपनी बेटी पर दबाव डाल रहे हैं? मैंने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए उसके बयान को देखा है। पीड़िता की मां...

एपोस्टिल कन्वेंशन | सरकार को हस्ताक्षरकर्ता देशों की ओर से जारी दस्तावेजों को अस्वीकार नहीं करना चाहिएः इलाहाबाद हाईकोर्ट
एपोस्टिल कन्वेंशन | सरकार को हस्ताक्षरकर्ता देशों की ओर से जारी दस्तावेजों को अस्वीकार नहीं करना चाहिएः इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत सरकार चेतावनी दी है कि वो एपोस्टिल कन्वेंशन, 1961 की भावना को कायम रखे। भारत एपोस्टिल कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्ता है। यह कन्वेंशन एक हस्ताक्षरकर्ता देश के विदेशी सार्वजनिक दस्तावेजों को अन्य हस्ताक्षरकर्ता देशों में वैध बनाने की आवश्यकता को समाप्त कर देता है। कोर्ट बुधवार को गुयाना सरकार की ओर से जारी कुछ दस्तावेजों के आधार पर ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड देने की मांग करने वाले एक अमेरिकी नागरिक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।इस मामले में याचिकाकर्ता ने यह...