हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिम्मेदार सार्वजनिक अधिकारियों से विलंबित पेंशन भुगतान पर ब्याज की वसूली का आदेश दिया

Shahadat

11 Sep 2023 8:05 AM GMT

  • हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिम्मेदार सार्वजनिक अधिकारियों से विलंबित पेंशन भुगतान पर ब्याज की वसूली का आदेश दिया

    हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि पब्लिक अथॉरिटी को अपने कर्तव्यों को पूरा करने में देरी के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्हें खासकर सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट बेनेफिट के शीघ्र वितरण के संबंध में जवाबदेह होना चाहिए।

    जस्टिस सत्येन वैद्य ने कहा कि इस प्रकार की पब्लिक अथॉरिटीज, फंड को ट्रस्ट में रखते हैं। उन्हें अनुचित देरी के माध्यम से पब्लिक फंड को बर्बाद करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि यह सार्वजनिक कल्याण कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।

    ये टिप्पणियां उस मेडिकल अधिकारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान आईं, जो सार्वजनिक सेवा में लगभग तीन दशक तक काम करने के बाद 24 अगस्त, 2021 को रिटायर हुए थे। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के अनुसार, वह विभिन्न रिटायरमेंट बेनेफिट प्राप्त करने के हकदार हैं। इन बेनेफिट में पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण और बहुत कुछ शामिल है। हालांकि, याचिकाकर्ता को 8 अप्रैल, 2022 को अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि आठ महीने के कठिन इंतजार के बाद भी उन्हें अपना बकाया नहीं मिला।

    जस्टिस वैद्य की अदालत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को अपनी फुल रिटायरमेंट बेनेफिट हासिल करने के लिए रिटायरमेंट के बाद दो साल तक इंतजार करना पड़ा। इसमें कहा गया कि लगभग 29 वर्षों तक सेवा करने के बावजूद, याचिकाकर्ता की रिटायरमेंट की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया। साथ ही सरकार उनके भुगतान के लिए कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दे सकी।

    पीठ ने टिप्पणी की,

    “जो तस्वीर उभर कर सामने आती है वह काफी निराशाजनक और दर्दनाक है। याचिकाकर्ता के रिटायरमेंट को दो वर्ष बीत चुके हैं; उन्हें आज तक उनका पूरा बकाया नहीं दिया गया है। अभी भी उन्हें काफी रकम चुकानी बाकी है। राज्य सरकार अभी तक उस समयसीमा के बारे में निश्चित नहीं है, जिसके भीतर वह दायित्व का निर्वहन कर पाएगी।”

    अदालत ने डॉ. ए. सेल्वराज बनाम सीबीएम कॉलेज और अन्य 2022 का भी हवाला दिया, जिसमें अदालत ने फैसला सुनाया था कि जो रिटायर्ड कर्मचारी भुगतान में देरी के लिए जिम्मेदार नहीं है, वह विलंबित भुगतान पर ब्याज का हकदार है।

    यह देखते हुए कि पेंशन के भुगतान में देरी के मामले बढ़ रहे हैं, कोर्ट ने कहा,

    “जो पब्लिक अथॉरिटी तत्परता के साथ कर्तव्यों के निर्वहन के लिए जिम्मेदार है, वह ऐसा करने में विफल रहने के बाद अपनी खामियों के लिए जवाबदेह ठहराए बिना बरी नहीं होनी चाहिए। वे पब्लिक फंड को 'ट्रस्ट' में रखते हैं। पब्लिक अथॉरिटी द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में की गई अनुचित देरी से पब्लिक फंड को बर्बाद होने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

    इसलिए कोर्ट ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को पेंशन बकाया पर देय ब्याज जिम्मेदार सार्वजनिक अधिकारियों से वसूला जाए, जिसकी पहचान राज्य के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) द्वारा जांच करके की जाएगी।

    केस टाइटल: डॉ. विनय पटयाल बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य

    केस नंबर: सीडब्ल्यूपी नंबर 2258/2022

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