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एनडीपीएस एक्ट : कोई प्रतिबंधित पदार्थ व्यावसायिक मात्रा का है या नहीं, इसके निर्धारण के लिए एलएसडी ले जाने वाले ब्लॉटिंग पेपर के वजन पर क्या विचार किया जाना चाहिए? : बॉम्बे हाईकोर्ट फैसला करेगा
एनडीपीएस एक्ट : कोई प्रतिबंधित पदार्थ व्यावसायिक मात्रा का है या नहीं, इसके निर्धारण के लिए एलएसडी ले जाने वाले ब्लॉटिंग पेपर के वजन पर क्या विचार किया जाना चाहिए? : बॉम्बे हाईकोर्ट फैसला करेगा

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में मादक पदार्थों से जुड़े पहलुओं की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट से यह निर्धारित करने का अनुरोध किया है कि बरामद किया गया एलएसडी ड्रग (लाइसर्जिक एसिड डायइथाइलामाइड) व्यावसायिक मात्रा का है या छोटी मात्रा का, इसके निर्धारण के लिए क्या उसे ले जाने वाले ब्लॉटिंग पेपर (सोख्ता कागज) के वजन को भी शामिल किया जा सकता है।एनसीबी ने कहा है कि चूंकि एनडीपीएस एक्ट ड्रग के स्ट्रीट वेट पर लागू होता है, न कि विशुद्ध रूप से...

डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन की तुलना में नियर-टू-डोर वैक्सीनेशन का विकल्प अधिक उपयुक्त: केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा
"डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन की तुलना में नियर-टू-डोर वैक्सीनेशन का विकल्प अधिक उपयुक्त": केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा

केंद्र सरकार बुजुर्गों और विशेष रूप से विकलांगों और अपाहिज लोगों को घर पर ही वैक्सीन देने के लिए एक और पांच सूत्रीय कार्यक्रम लेकर आई है। बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष मंगलवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया कि डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन की तुलना में नीयर-टू-डूर वैक्सीनेशनएक उपयुक्त समाधान होगा।नियर टू डोर COVID-19 वैक्सीनेशन सेंटर्स में सामुदायिक केंद्रों, स्कूल भवनों और वृद्धाश्रमों जैसे घर के करीब गैर-स्वास्थ्य सुविधाओं में वैक्सीनेशन ज़ैब शामिल...

लोक सेवा आयोग के पास भर्ती के मानदंडों में ढील देने का कोई अधिकार नहीं: झारखंड उच्च न्यायालय ने सिविल सेवा परीक्षा परिणाम रद्द किया
लोक सेवा आयोग के पास भर्ती के मानदंडों में ढील देने का कोई अधिकार नहीं: झारखंड उच्च न्यायालय ने सिविल सेवा परीक्षा परिणाम रद्द किया

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा 326 पदों के लिए आयोजित छठी संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा, 2016 की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की सिंगल बेंच ने यह देखते हुए परिणाम को रद्द कर दिया कि जेपीएससी द्वारा प्रत्येक पेपर में न्यूनतम योग्यता अंकों के मानदंडों का पालन करके मेरिट सूची तैयार नहीं की गई थी।उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि आयोग अपने कामकाज में माहिर है और अदालतें आम तौर पर चयन के तंत्र पर सवाल उठाने की हकदार नहीं हैं। लेकिन साथ ही,...

एक ही आरोपी के खिलाफ कई मामलों में कॉमन चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति नहींः कर्नाटक हाईकोर्ट
एक ही आरोपी के खिलाफ कई मामलों में कॉमन चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति नहींः कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि अलग-अलग पुलिस थानों में एक ही आरोपी के खिलाफ विभिन्न् निवेशकों द्वारा दायर शिकायतों के लिए एक कॉमन(सामूहिक) आरोप-पत्र दाखिल करना कानून के खिलाफ है और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत एकीकृत आरोप-पत्र दाखिल करने की अनुमति नहीं है।न्यायमूर्ति के नटराजन की एकल पीठ ने कहाः''राज्य-सीआईडी​पुलिस के पास विभिन्न शिकायतों में एक कॉमन आरोप पत्र दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, जांच अधिकारी को व्यक्तिगत शिकायत पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए प्रत्येक...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानूनी पत्रकारों द्वारा दायर याचिका के बाद अपनी वेबसाइट पर वीसी लिंक साझा करना शुरू किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानूनी पत्रकारों द्वारा दायर याचिका के बाद अपनी वेबसाइट पर वीसी लिंक साझा करना शुरू किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक स्वागत योग्य कदम में कानूनी पत्रकारों के लिए अपनी वर्चुअल अदालत की कार्यवाही का वीसी लिंक साझा करना शुरू कर दिया है। लिंक हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।कानूनी पत्रकारों और अधिवक्ताओं अरीब उद्दीन (कानूनी संवाददाता, बार और बेंच), स्पर्श उपाध्याय (विशेष कानूनी संवाददाता, लाइवलॉ) और चार कानून छात्रों के साथ हाईकोर्ट की कार्यवाही के लाइव स्ट्रीमिंग और लाइव रिपोर्टिंग की अनुमति के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था,"याचिकाकर्ताओं के प्रेस...

दिल्ली विश्वविद्यालय के कानून के 100 से अधिक छात्रों ने BCI को जवाबी प्रतिनिधित्व भेजा, ओपन बुक परीक्षा जारी रखने का अनुरोध किया
दिल्ली विश्वविद्यालय के कानून के 100 से अधिक छात्रों ने BCI को जवाबी प्रतिनिधित्व भेजा, ओपन बुक परीक्षा जारी रखने का अनुरोध किया

दिल्ली विश्वविद्यालय के विध‌ि संकाय के अंतिम वर्ष के 100 से अधिक छात्रों ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को एक जवाबी प्रतिनिधित्व भेजकर अनुरोध किया है कि असाइनमेंट आधारित मूल्यांकन के बजाय रुकी हुई इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए ओपन बुक परीक्षा जारी रखें।जवाबी प्र‌तिनिध‌ित्व, अंतिम वर्ष के ही 300 से अधिक छात्रों द्वारा किए गए प्रतिनिधित्व के बाद भेजा गया है, जिसमें उन्होंने बीसीआई को पत्र लिखकर रुकी हुई इंटरमीडिएट परीक्षाओं को रद्द करने और विश्वविद्यालय को असाइनमेंट आधारित मूल्यांकन (एबीई) अपनाने का...

LGBTQIA+ लोगों के सेक्सुअल ओरियंटेशन का चिकित्सकीय इलाज करने या बदलने के प्रयासों पर रोक लगाएं: मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिए
'LGBTQIA+ लोगों के सेक्सुअल ओरियंटेशन का चिकित्सकीय इलाज करने या बदलने के प्रयासों पर रोक लगाएं': मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिए

मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को शारीरिक और स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा LGBTQIA+ समुदाय से संबंधित लोगों के सेक्सुअल ओरियंटेशन (यौन उन्मुखीकरण) का चिकित्सकीय इलाज करने या बदलने के प्रयासों को प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि थेरेपी के किसी भी रूप या तरीके में शामिल होने वाले संबंधित पेशेवर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए, जिसमें प्रैक्टिस का लाइसेंस वापस लेना भी शामिल है।न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश की एकल पीठ ने पुलिस उत्पीड़न से...

विवाहित महिला और अविवाहित पुरुष लिव-इन रिलेशन में : पंजाब एंड  हरियाणा हाईकोर्ट ने एसएसपी को उनकी शिकायत पर विचार करने का निर्देश दिया
विवाहित महिला और अविवाहित पुरुष लिव-इन रिलेशन में : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एसएसपी को उनकी शिकायत पर विचार करने का निर्देश दिया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को एसएसपी, फरीदकोट को निर्देश दिया है कि उस विवाहित महिला और अविवाहित पुरुष की शिकायत पर विचार करे, जो लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं और निजी पक्षकारों से अपने जीवन और स्वतंत्रता को खतरा बताते हुए सुरक्षा देने की मांग की है। न्यायमूर्ति विवेक पुरी की पीठ ने याचिकाकर्ताओं (विवाहित महिला और अविवाहित पुरुष) की शिकायत पर विचार करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, फरीदकोट को निर्देश देते हुए उनकी याचिका का निपटारा कर दिया है। संक्षेप में मामला भारत के संविधान...

दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र नाथ अग्रवाल का निधन
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र नाथ अग्रवाल का निधन

दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र नाथ अग्रवाल का सोमवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वर्ष 1997 में उन्हें दिल्ली के पहले लोकायुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था।उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से मैट्रिक पास किया किया। इसके बाद सरकार कॉलेज, लाहौर; लॉ कॉलेज, लाहौर और शिमला और फिर 1951 में शिमला में पूर्वी पंजाब हाईकोर्ट के एक वकील के रूप में दाखिला लिया।उन्होंने शिमला और चंडीगढ़ में प्रैक्टिस की और बार में रहते हुए सिविल और आपराधिक कार्य किया और बाद में...

दिल्ली हाईकोर्ट ने बीए फाइनल ईयर की तैयारी करने और परीक्षा में बैठने के लिए आसिफ इकबाल तन्हा को कस्टडी बेल दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने बीए फाइनल ईयर की तैयारी करने और परीक्षा में बैठने के लिए आसिफ इकबाल तन्हा को कस्टडी बेल दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों के बड़े षड्यंत्र मामले में मुकदमे का सामना कर रहे आसिफ इकबाल तन्हा को अंतरिम हिरासत जमानत दी। इससे तन्हा अपने बीए (ऑनर्स) कार्यक्रम को पूरा करने के लिए अपनी तीन बैकलॉग परीक्षाओं में बैठने में सक्षम हो गया है।न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे. भंभानी की खंडपीठ ने तन्हा को 14 दिनों की अंतरिम हिरासत जमानत इस शर्त के अधीन दी कि वह आवंटित सुविधा पर दो जेल प्रहरियों की हिरासत में रहेगा और इसकी लागत वही वहन करेगा। इसके साथ ही वह अपने लिए एक लैपटॉप या...

नाबालिग हिन्दू लड़की का स्वाभाविक अभिभावक उसका पति है, जिससे उसने अपनी इच्छा से शादी की है : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुरुष के खिलाफ अपहरण का आरोप निरस्त किया
नाबालिग हिन्दू लड़की का स्वाभाविक अभिभावक उसका पति है, जिससे उसने अपनी इच्छा से शादी की है : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पुरुष के खिलाफ अपहरण का आरोप निरस्त किया

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी इच्छा से एक पुरुष से शादी करने वाली नाबालिग लड़की से संबंधित मामले में व्यवस्था दी :"हिन्दू माइनॉरिटी एंड गार्डियनशिप एक्ट, 1956 की धाराएं 6, 10 एवं 13 के साथ पढ़े जाने योग्य गार्डियन एंड वार्ड्स एक्ट की धारा 19 एवं 21 के अनुसार, पति का उस लड़की से रिश्ता है और व्यक्ति (पति) उस नाबालिग लड़की का स्वाभाविक अभिभावक का अधिकार रखता है, क्योंकि वह सांविधिक तौर पर लड़की का पति है।"न्यायमूर्ति हरनरेश सिंह गिल की बेंच ने आगे कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि उसे भगा ले जाने...

वैवाहिक कार्यवाही में पत्नी का पति पर नपुंसकता या स्तंभन दोष का आरोप लगाना क्रूरता: केरल हाईकोर्ट
वैवाहिक कार्यवाही में पत्नी का पति पर नपुंसकता या स्तंभन दोष का आरोप लगाना क्रूरता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना है कि वैवाहिक कार्यवाही में पति या पत्नी द्वारा दूसरे के खिलाफ नपुंसकता या स्तंभन दोष का आरोप लगाना क्रूरता होगा।अपीलकर्ता पति की ओर से त्रिशूर फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ, अपील दायर की गई थी, जिसका प्रतिनिधित्व एडवोकेट एनके सुब्रमण्यम ने किया था। फैमिली कोर्ट ने अपीलकर्ता को विवाह समाप्त करने के डिक्री देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपील को स्वीकार किया और फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया।प्रतिवादी ने लिख‌ित बयान में अपीलकर्ता पर स्तंभन दोष और यौन...

सांप्रदायिक हिंसा और मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करेंः राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की
सांप्रदायिक हिंसा और मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करेंः राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर कर मांग की है कि मध्य प्रदेश राज्य को निर्देश दिया जाए कि भीड़ की हिंसा, सांप्रदायिक हिंसा और मॉब लिंचिंग की घटनाओं की रोकथाम के लिए विभिन्न मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों को लागू किया जाए। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल की पीठ) ने सोमवार को इस याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका अधिवक्ता रवींद्र सिंह छाबड़ा और मुदित...

दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को वार्षिक फीस, डेवलेपमेंट चार्ज लेने की अनुमति देने वाले आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को वार्षिक फीस, डेवलेपमेंट चार्ज लेने की अनुमति देने वाले आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को लॉकडाउन में छात्रों से वार्षिक शुल्क और डेवलेपटमेंट शुल्क लेने की अनुमति देने वाले एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार और छात्रों द्वारा दायर अपीलों पर नोटिस जारी किया है।हालांकि, पीठ ने पूर्वोक्त फैसले पर रोक लगाने की प्रार्थना करने वाली अंतरिम याचिका को खारिज कर दिया है।न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति अमित बंसल की अवकाश पीठ ने आदेश दिया:"हम नोटिस जारी कर रहे हैं। हालांकि, हम आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आवेदन को...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने A4 साइज के कागज के उपयोग की अनुमति देने के लिए अपने नियमों में संशोधन किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने A4 साइज के कागज के उपयोग की अनुमति देने के लिए अपने नियमों में संशोधन किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक स्वागत योग्य कदम उठाते हुए अपने कामकाज में A4 आकार के कागज के उपयोग की अनुमति दी है, ताकि कागज की छपाई की पर्यावरणीय लागत को कम किया जा सके और इसे वादियों के लिए आर्थिक रूप से अधिक व्यवहार्य बनाया जा सके।हालांकि, हाईकोर्ट ने अभी तक कागज के दोनों तरफ छपाई की अनुमति नहीं दी है।रजिस्ट्रार जनरल ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 225 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (संशोधन) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है, जिससे हाईकोर्ट में दायर करने के लिए सभी...

God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination
LGBTQIA+ समुदाय को कमजोर हालात में नहीं छोड़ा जा सकताः मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ दिशा निर्देश जारी किया

एक महत्वपूर्ण फैसले में LGBTQIA+ समुदाय के सदस्यों के अधिकारों को बरकरार रखते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं कि समुदाय के सदस्यों के माता-पिता द्वारा दर्ज की गई गुमशुदगी की शिकायतों में उन्हें पुलिस परेशान न करे।पुलिस उत्पीड़न के मामले में दो समलैंगिक महिलाओं द्वारा दायर एक रिट याचिका पर विचार करते हुए, जस्टिस आनंद वेंकटेश की एकल पीठ ने कहा कि LGBTQIA+ संबंधों के प्रति दृष्टिकोण में एक सामाजिक परिवर्तन की आवश्यकता है। वे जिन शत्रुताओं का सामना...

God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination
टून विवाद- "लोगों को नैतिकता नहीं सिखा सकते; कार्टून को अगर संदर्भ के बिना लिया गया तो वह अपना मर्म खो देगा": मद्रास हाईकोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामला खारिज किया

मद्रास हाईकोर्ट ने फेसबुक पेज पर एक कथित अपमानजनक और मानहानिकारक कार्टून प्रकाशित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट लोगों को नैतिकता नहीं सिखा सकता है और समाज को नैतिक मानकों को विकसित करना और पालन करना चाहिए।न्यायमूर्ति जी. इलांगोवन की खंडपीठ ने टून विवाद पर कहा कि,"हाल के दिनों में एक और समस्या जो कार्टूनिस्ट ने दुनिया भर में पैदा की, वह है "टून विवाद"। वह कार्टून पैगंबर मोहम्मद के बारे में था, जिसने दुनिया भर में विवाद पैदा कर दिया था। इस...

लिव-इन रिलेशनशिप- बिना विवाह के एक साथ रहने वाले प्रेमी जोड़े के निर्णय को जज करना अदालत का काम नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा
लिव-इन रिलेशनशिप- "बिना विवाह के एक साथ रहने वाले प्रेमी जोड़े के निर्णय को जज करना अदालत का काम नहीं": पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण रूप से कहा कि बिना विवाह के एक साथ रहने वाले प्रेमी जोड़े के निर्णय को जज करना अदालत का काम नहीं है।न्यायमूर्ति संत प्रकाश की पीठ याचिकाकर्ताओं (17 वर्ष की आयु की लड़की और 20 वर्ष की आयु के लड़के) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में लड़की ने निजी प्रतिवादियों (परिवार के सदस्यों) के खिलाफ अपने जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा की मांग की है।लड़की के माता-पिता ने उस पर अपनी पसंद के लड़के से शादी करने के लिए दबाया बनाया था,जिसके बाद लड़की (याचिकाकर्ता नंबर 1)...

राजस्थान हाईकोर्ट
व्यक्तिगत जीवन और स्वतंत्रता को, इस तथ्य के बावजूद संरक्षित किया जाना चाहिए कि दो बालिगों के बीच संबंध को अनैतिक और असामाजिक कहा जा सकता हैः राजस्‍थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया है कि अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत जीवन और स्वतंत्रता को, इस तथ्य के बावजूद संरक्षित किया जाना चाहिए कि दो बालिगों के बीच संबंध को अनैतिक और असामाजिक कहा जा सकता है।ज‌स्ट‌िस सतीश कुमार शर्मा की सिंगल जज बेंच ने कहा कि राजस्थान पुलिस एक्ट, 2007 की धारा 29 के तहत राज्य के प्रत्येक पुलिस अधिकारी का कर्तव्य है कि वह नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करे।बेंच ने कहा, "... भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार, व्यक्तिगत जीवन...

गुजरात और उड़ीसा हाईकोर्ट 7 जून से वर्चुअल मोड के माध्यम से कामकाज करेंगे
गुजरात और उड़ीसा हाईकोर्ट 7 जून से वर्चुअल मोड के माध्यम से कामकाज करेंगे

गुजरात और उड़ीसा हाईकोर्ट ने COVID-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए फैसला किया है कि वे सोमवार (7 जून) से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से कामकाज करेंगे।हालाँकि, गुजरात हाईकोर्ट ने सभी अधीनस्थ न्यायालयों के 7 जून से फिजिकल कामकाज को फिर से शुरू करने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।गुजरात हाईकोर्ट ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है।स्थायी समिति के साथ विचार-विमर्श के बाद गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि गुजरात हाईकोर्ट के सभी न्यायालय सोमवार 7 जून, 2021 से वीडियो...