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बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई से पहले फादर स्टेन स्वामी का निधन
बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई से पहले फादर स्टेन स्वामी का निधन

भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद ऑक्टोजेरियन आदिवासी कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का आज (सोमवार) दोपहर 1.30 बजे निधन हो गया।बॉम्बे हाईकोर्ट में फादर स्टेन स्वामी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान उनके वकील ने कोर्ट को यह जानकारी दी।जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की पीठ ने जैसे ही लगभग 2.30 बजे स्टेन स्वामी की जमानत याचिका पर विचार किया, उनके वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मिघिर देसाई ने कहा कि जेल में बंद फादर स्टेन स्वामी का इलाज कर रहे डॉक्टर कुछ कहना चाहते हैं।होली फैमिली अस्पताल मुंबई के...

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस्लाम कबूल करने वाली यूपी की महिला की अंतरिम सुरक्षा 22 जुलाई तक बढ़ाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस्लाम कबूल करने वाली यूपी की महिला की अंतरिम सुरक्षा 22 जुलाई तक बढ़ाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को इस्लाम धर्म अपनाने वाली एक हिंदू महिला को दी गई अंतरिम सुरक्षा की अवधि 22 जुलाई तक बढ़ा दी। महिला ने दावा किया कि वह अपने और अपने परिवार के सदस्यों के जीवन के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों द्वारा अत्यधिक खतरे का सामना कर रही है।न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने हालांकि कहा कि याचिका की एक अग्रिम प्रति सुनवाई की अगली तारीख पर उत्तर प्रदेश राज्य को दी जाए।कोर्ट ने इस प्रकार आदेश दिया:"अग्रिम नोटिस की तामील के बावजूद, प्रतिवादी चार और पांच के लिए कोई भी उपस्थित नहीं हुआ।...

न्याय जो दया से अनभिज्ञ है वह न्याय ही नहीं है: दिल्ली हाईकोर्ट ने एचआईवी पॉजिटिव बीएसएफ जवान के ट्रांसफर पर रोक लगाई
"न्याय जो दया से अनभिज्ञ है वह न्याय ही नहीं है": दिल्ली हाईकोर्ट ने एचआईवी पॉजिटिव बीएसएफ जवान के ट्रांसफर पर रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक एचआईवी पॉजिटिव सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवान के ट्रांसफर पर रोक लगाई और बीएसएफ के आग्रह को खारिज कर दिया कि वह अपनी अनिश्चित चिकित्सा स्थिति में अपने नए पोस्टिंग स्थान पर ड्यूटी में शामिल होना चाहिए।न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने विशेष रूप से कहा कि,"न्याय, यह अच्छी तरह से तय है कि दया और करुणा के साथ संयमित होना चाहिए। न्याय जो दया से अनभिज्ञ है वह न्याय ही नहीं है।"कोर्ट के समक्ष मामलाअदालत एचआईवी पॉजिटिव जवान (2007...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
कार में बैठकर पैरवी करने का मामला: "यह ड्राइंग रूम नहीं है, ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करें": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों के लिए 'क्या करें और क्या न करें' का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल, उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि न्यायालयों को संबोधित करते समय अधिवक्ता 'क्या करें और क्या न करें' के लिए नियमों का एक सेट तैयार करें। दरअसल कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब एक वकील कार में बैठकर मामले में पैरवी कर रहा था।न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की पीठ का यह आदेश तब आया जब कुछ दिन पहले उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को अपने सदस्यों को सलाह देने के लिए कहा था कि वकील वर्चुअल मोड के माध्यम से इस न्यायालय के सामने पेश होने के दौरान कोई आकस्मिक...

एकतरफा तलाक़ देने वाली पत्नी यदि खुद का रखरखाव करने में असमर्थ है तो वह भरण-पोषण की हकदार है: कलकत्ता हाईकोर्ट
एकतरफा तलाक़ देने वाली पत्नी यदि खुद का रखरखाव करने में असमर्थ है तो वह भरण-पोषण की हकदार है: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत एकतरफा तलाक़ देने वाली पत्नी यदि खुद का रखरखाव करने में असमर्थ है तो वह भरण-पोषण की हकदार है।याचिकाकर्ता ने संबंधित मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, 5वीं अदालत, मुर्शिदाबाद द्वारा पारित 18 नवंबर, 2017 के एक आदेश को चुनौती दी, जिसमें याचिकाकर्ता को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता देने से इनकार कर दिया गया था।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने भरण-पोषण के लिए इस तरह की प्रार्थना को इस आधार पर खारिज...

दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म टाटाक्लिक के समान डोमेन नाम रखने पर टाटा समूह को वेबसाइट टाटाक्लिकस्मार्ट के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म 'टाटाक्लिक' के समान डोमेन नाम रखने पर टाटा समूह को वेबसाइट 'टाटाक्लिकस्मार्ट' के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने टाटा समूह के 'टाटाक्लिक' ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को वेबसाइट 'टाटाक्लिकस्मार्ट' के खिलाफ एक समान डोमेन नाम रखने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा दी है। इससे उसके ट्रेडमार्क और कॉपीराइट के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा:"इस न्यायालय ने www.tatacliqsmart.com वेबसाइट खोलने का प्रयास किया और पाया कि वेबसाइट को खोला नहीं जा सकता है। हालांकि, वादी द्वारा प्रस्तुत स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि वेबसाइट का उपयोग वादी नंबर एक के उत्पादों सहित कई...

घर से भागे हुए जोड़े की सुरक्षा याचिका: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एसएसपी को नाबालिग लड़की की कस्टडी लेने का निर्देश दिया
घर से भागे हुए जोड़े की सुरक्षा याचिका: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एसएसपी को नाबालिग लड़की की कस्टडी लेने का निर्देश दिया

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक भागे हुए जोड़े (एक नाबालिग लड़की और एक 28 वर्षीय लड़का) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले हफ्ते चंडीगढ़ के एसएसपी को नाबालिग लड़की (याचिकाकर्ता नंबर एक) की कस्टडी लेने का निर्देश दिया।न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी की खंडपीठ ने पुलिस को 28 वर्षीय लड़के (याचिकाकर्ता नंबर दो) के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने की स्वतंत्रता भी दी, जैसा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के अनुसार वारंट किया जा सकता है।संक्षेप में मामलाभागे हुए जोड़े ने अपने जीवन और...

केरल हाईकोर्ट
मोटर व्हीकल: केरल हाईकोर्ट ने आकर्षक हेडलाइट्स, आधिकारिक प्रतीक, झंडे, नेम प्लेट आदि के उपयोग से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए

केरल हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त को मोटर वाहन विभाग से संबंधित अधिकारियों के माध्यम से आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियमों और निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर किसी भी मोटर वाहन का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।न्यायमूर्ति अनिल के. नरेंद्रन ने मोटर वाहन नियमों के अनुपालन से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए परिवहन आयुक्त को आदेश दिया कि वह दिनांक 28.10.2019 के एक पूर्व निर्णय में जारी निर्देशों के...

राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान उच्च न्यायालय ने निचली अदालतों को अंतरिम/अस्थायी जमानत आवेदनों को अनुमति देने, खारिज करने के दौरान अभियुक्तों के आवश्यक विवरण संकलित करने का निर्देश दिया

राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य की सभी निचली अदालतों को निर्देश जारी किए हैं कि वे आरोपी व्यक्तियों के अंतरिम या अस्थायी जमानत आवेदनों को स्वीकार या अस्वीकार करते समय उनके आवश्यक विवरण को व्यापक तरीके से संकलित करें। उक्त निर्देश ऐसे जमानत आवेदनों के शीघ्र और प्रभावी निर्णय को सक्षम करने के लिए दिए गए हैं।जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने आदेश दिया, "इस प्रकार, यह न्यायालय निर्देश देता है कि राज्य की सभी विद्वान ट्रायल कोर्ट, किसी भी आरोपी व्यक्ति के अंतरिम/अस्थायी जमानत आवेदन (ओं) को...

महामारी के दौरान वह पूरक हलफनामा दाखिल करने के लिए समय चाहते हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए और समय मांगने वाले वकील पर 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया
'महामारी के दौरान वह पूरक हलफनामा दाखिल करने के लिए समय चाहते हैं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए और समय मांगने वाले वकील पर 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक वकील पर 5,000 / - रूपये का जुर्माना लगाया, जिसने अदालत से मामले की सुनवाई के लिए और समय देने का अनुरोध किया, क्योंकि वह एक पूरक हलफनामा दायर करना चाहता था।न्यायमूर्ति डॉ कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की पीठ ने कहा कि याचिका इस साल फरवरी और जून में दायर की गई थी। यानी चार महीने के बाद ऐसा अनुरोध किया जा रहा था। "यह याचिका वर्ष 2021 में दायर की गई थी, विशेष रूप से फरवरी के महीने में। हम जून के महीने में हैं।"इस प्रकार, न्यायालय ने टिप्पणी की," और...

राजस्थान हाईकोर्ट
समाज यह निर्धारित नहीं कर सकता कि कोई व्यक्ति अपना जीवन किस तरह व्यतीत करे, चाहे संबंध को असामाजिक ही क्यों न माना जाए : राजस्थान हाईकोर्ट

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले एक जोड़े की ओर से दायर उन्हें सुरक्षा देने की मांग वाली याचिका पर विचार करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते कहा कि एक महिला बालिग होने के बाद अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने की हकदार है। कोर्ट ने कहा कि समाज यह निर्धारित नहीं कर सकता कि कोई व्यक्ति अपना जीवन किस तरह व्यतीत करे, तब भी जब इस तरह के रिश्ते को असामाजिक माना जाए।न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल ने कहा,"निर्विवाद रूप से, याचिकाकर्ता बालिग हैं और याचिकाकर्ता नंबर 1, लड़की अपनी मर्जी से...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायालय को गुमराह करने के लिए पुलिस अधिकारी को नोटिस जारी किया, ऐसे पुलिस स्टेशन के बारे में कोर्ट को बताया जो अस्तित्व में ही नहीं है
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायालय को गुमराह करने के लिए पुलिस अधिकारी को नोटिस जारी किया, ऐसे पुलिस स्टेशन के बारे में कोर्ट को बताया जो अस्तित्व में ही नहीं है

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी को एक ऐसे पुलिस स्टेशन के बारे में गलत जानकारी देकर न्यायालय को गुमराह करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है जो पुलिस स्टेशन अस्तित्व में नहीं है।न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने पुलिस थाना कोतवाली, जिला बिजनौर के पुलिस उप-निरीक्षक अमित कुमार को नोटिस जारी किया है। पुलिस उप-निरीक्षक अमित कुमार ने अदालत को (एजीए के माध्यम से) सूचित किया था कि अकबराबाद पुलिस स्टेशन (अमरोहा) में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, हालांकि वहां है ऐसा कोई थाना अस्तित्व में...

केरल हाईकोर्ट ने मानव क्रूरता का शिकार कुत्ते के श्रद्धांजलि के लिए स्वत: संज्ञान मामले का नाम बदलकर इन रे ब्रूनो रखा
केरल हाईकोर्ट ने मानव क्रूरता का शिकार कुत्ते के श्रद्धांजलि के लिए स्वत: संज्ञान मामले का नाम बदलकर "इन रे ब्रूनो" रखा

केरल हाईकोर्ट ने राज्य में पशु के अधिकारों की सुरक्षा के लिए शुरू की गई स्वत: संज्ञान कार्यवाही का नाम बदलकर इन रे: ब्रूनो (In Re Bruno) रखा। दरअसल, तीन युवाओं के अमानवीय कृत्यों का शिकार हुए असहाय कुत्ते की स्मृति में यह नाम रखा गया।जस्टिस जयशंकरन नांबियार और जस्टिस पी गोपीनाथ की खंडपीठ ने रजिस्ट्री को राज्य में पशु कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सुझावों का उपयोग करने के अलावा कुत्ते की याद में रिट का नाम बदलने का निर्देश दिया।पीठ ने आदेश में कहा कि, " हम रजिस्ट्री को इस रिट याचिका का नाम बदलकर...

मद्रास हाईकोर्ट ने न्यायिक अकादमी को POCSO मामलों से निपटने वाले विशेष न्यायाधीश, जांच अधिकारी और अभियोजकों को ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने न्यायिक अकादमी को POCSO मामलों से निपटने वाले विशेष न्यायाधीश, जांच अधिकारी और अभियोजकों को ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य न्यायिक अकादमी को जांच अधिकारी, लोक अभियोजक और विशेष न्यायाधीश सहित यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत मामलों से निपटने वाले हितधारकों को ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन की एकल न्यायाधीश की पीठ 25 नवंबर 2019 को विशेष POCSO न्यायाधीश द्वारा पोक्सो एक्ट की धारा चार के तहत दोषसिद्धि आदेश को चुनौती देने वाली एक आपराधिक अपील से निपट रही थी।कोर्ट ने निर्देश दिया,"इसलिए, राज्य न्यायिक अकादमी को पॉक्सो अधिनियम के तहत मामलों से निपटने वाले...

निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 143A के तहत अंतरिम मुआवजा निर्देशिका है, विवेकाधीन नहीं है: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
'निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 143A के तहत अंतरिम मुआवजा निर्देशिका है, विवेकाधीन नहीं है': छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने माना कि मुआवजे के लिए नेगोशिएबल इंस्ट्रयूमेंट एक्ट, 1881 की धारा 143A एक निर्देशिका है और विवेकाधीन नहीं है।जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल जज बेंच ने देखा कि एनआईए एक्ट की धारा 143A में संशोधन ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले को बरकरार रखा, जिसने चेक राशि का 20% मुआवजा दिया। मामले यह है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ उक्त कानून की धारा 138 के तहत अपर्याप्त धनराशि के कारण चेक अनादरित होने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने अंतरिम मुआवजे के लिए एनआई...

असामाजिक गतिविधि: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित तौर पर बलात्कार, फेसबुक पर उस महिला की अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
"असामाजिक गतिविधि": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित तौर पर बलात्कार, फेसबुक पर उस महिला की अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसकी अश्लील तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट करने के आरोपी को प्रथम दृष्टया जमानत देने से इनकार कर दिया है।न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की पीठ आईपीसी की धारा 376 (1), धारा 506 और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 67-ए के तहत मानव शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।आरोपी की आरे से पेश वकील ने प्रस्तुत किया कि यह एक ऐसा मामला है जहां आवेदक और पीड़िता एक लंबे समय से रिश्ते में थे और जब वह अपनी उच्च शिक्षा के सिलसिले में रूस चली गई, तो...

निवारक निरोध- कर्नाटक हाईकोर्ट ने नजरबंद व्यक्ति के अभ्यावेदन पर विचार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए
निवारक निरोध- कर्नाटक हाईकोर्ट ने नजरबंद व्यक्ति के अभ्यावेदन पर विचार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि निवारक निरोध (Preventive Detention) के आदेश की पुष्टि के बाद एक नजरबंद व्यक्ति द्वारा किए गए अभ्यावेदन पर विचार करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत महत्वपूर्ण है। इस तरह के अभ्यावेदन पर विचार न करना यह मनमाना और दमनकारी होगा और इसके साथ ही भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के साथ-साथ 21 का उल्लंघन होगा।न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति हंचते संजीवकुमार की खंडपीठ ने रिजवान पाशा उर्फ कुल्ला रिजवान द्वारा दायर एक...

COVID- वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करें, इलाज और वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दें: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका
COVID- वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करें, इलाज और वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दें: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच के समक्ष COVID-19 के इलाज के लिए कानूनी बिरादरी के सदस्यों के हितों की रक्षा करने, वैक्सीनेशन में प्राथमिकता और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के रूप में विस्तारित लाभ की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई है।याचिका में उल्लेख किया गया है कि कानूनी बिरादरी को आवश्यक सेवाओं को प्रदान करने वाले फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के रूप में वर्गीकृत किए जाने से जानबूझकर उन्हें बाहर करके भेदभाव का शिकार किया गया है। उनके प्रयासों को स्वीकार नहीं किया गया है और न ही उन्हें कोई सहायता...