केरल में दो साल से फर्जी वकील के रूप में प्रैक्टिस की; बार का चुनाव भी जीता; अभी फरार है

LiveLaw News Network

24 July 2021 8:18 AM IST

  • केरल में दो साल से फर्जी वकील के रूप में प्रैक्टिस की; बार का चुनाव भी जीता; अभी फरार है

    केरल से एक फर्जी वकील का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है।

    सेसी जेवियर नाम की एक महिला ने एलएलबी की डिग्री हासिल किए बिना और स्टेट बार काउंसिल में नामांकन के बिना भी केरल के अलाप्पुझा (अलेप्पी) में दो साल से अधिक समय तक वकालत की प्रैक्टिस की।

    बिना किसी का शक के वह एक स्थापित वकील के कार्यालय में कनिष्ठ अधिवक्ता के रूप में शामिल हुईं। जेवियर ने पहले उस वकील के साथ कुछ महीनों के लिए इंटर्नशिप की और खुद को अंतिम वर्ष की कानून की छात्रा के रूप में बताया था। बार काउंसिल में नामांकित होने का दावा करते हुए जेवियर ने मार्च 2019 में एलेप्पी बार एसोसिएशन में सदस्यता के लिए आवेदन किया।

    प्रैक्टिस के दौरान वह कई मामलों में कोर्ट में पेश हुई। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, जेवियर को कुछ मामलों में एडवोकेट कमिश्नर के रूप में भी नियुक्त किया गया था। इतना ही नहीं जेवियर इस साल बार एसोसिएशन का चुनाव भी लड़ी और 15 जुलाई 2021 को लाइब्रेरियन के रूप में चुनी गईं।

    बार एसोसिएशन को एक गुमनाम पत्र मिला जिसमें आरोप लगाया गया कि सेसी जेवियर के पास एलएलबी डिग्री और नामांकन प्रमाणपत्र नहीं है। केरल बार काउंसिल से पूछताछ करने पर बार एसोसिएशन के अधिकारी यह जानकर हैरान हो गए कि सेसी जेवियर द्वारा दी गई नामांकन संख्या एक अन्य अधिवक्ता की है, जो तिरुवनंतपुरम में प्रैक्टिस कर रहा है।

    धोखे का एहसास होने पर एसोसिएशन ने उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए त्वरित कार्रवाई की। इस मामले में जिला जज का भी ध्यान आकृष्ट किया गया । सेसी जेवियर ने एसोसिएशन द्वारा जारी नोटिस का जवाब नहीं दिया है।

    एसोसिएशन ने स्थानीय पुलिस के समक्ष दायर एक शिकायत में यह भी कहा कि जेवियर ने लाइब्रेरियन के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उससे संबंधित कुछ किताबें और दस्तावेज चुरा लिए हैं। तब से वह फरार है।

    मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में इस बीच नाटकीय घटनाक्रम हुआ, जब जेवियर ने आत्मसमर्पण करने का प्रयास किया। रिपोर्टों के अनुसार जेवियर ने यह सोचकर अदालत के सामने पेश होने का फैसला किया कि जमानत मिल जाएगी। हालांकि, यह महसूस करने पर कि पुलिस ने प्राथमिकी में गैर-जमानती अपराधों को शामिल किया है, वह अदालत परिसर से भाग गई। पुलिस अभी तक उसका पता नहीं लगा पाई है।

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