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पूरी तरह टूट जाने के बाद भी शादी बनाए रखना क्रूरता के समान,  केरल हाईकोर्ट ने 38 साल पुराना विवाह भंग किया
पूरी तरह टूट जाने के बाद भी शादी बनाए रखना क्रूरता के समान, केरल हाईकोर्ट ने 38 साल पुराना विवाह भंग किया

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को दोहराया कि ऐसी शादी जो पूरी तरह से टूट गई है, उसे बनाए रखना दोनों पक्षकारों के लिए क्रूरता होगी और इससे कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा। जस्टिस ए. मुहम्मद मुस्ताक और जस्टिस सोफी थॉमस की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले पर ध्यान दिया, जिसमें कहा गया था कि विवाह के अपूरणीय टूटने के बावजूद पक्षकारों को एक साथ रखना दोनों पक्षों के लिए क्रूरता के समान है [2023 लाइव लॉ (एससी) 727] ।60 वर्षीय अपीलकर्ता, जो यहां प्रतिवादी का पति है, उसने क्रूरता के आधार पर तलाक...

गणप‌ति फेस्टिवल की थीम पर भिड़ी दो मराठी वेब-सीरीज, बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया
गणप‌ति फेस्टिवल की थीम पर भिड़ी दो मराठी वेब-सीरीज, बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि 'गणपति उत्सव के दौरान कोंकण में अपने पैतृक गांव जाने वाले परिवारों' की थीम पर कोई कॉपीराइट नहीं हो सकता, क्योंकि महाराष्ट्र में परिवार के सदस्य गणपति उत्सव के दौरान अपने पैतृक स्थानों पर जाते हैं।जस्टिस मनीष पितले ने नेविग्न्स स्टूडियोज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर कॉपीराइट उल्लंघन के मुकदमे में 'देवक कलजी' नामक वेब सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। आरोप लगाया कि वेब सीरीज के निर्माताओं ने वादी की स्क्रिप्ट की नकल की।अदालत ने...

न्यायाधीशों को पदोन्नति से इनकार, जिला न्यायपालिका में नियुक्ति की मांग करने वाले जजों ने हरियाणा सरकार के निर्णय पर सवाल उठाया
न्यायाधीशों को पदोन्नति से इनकार, जिला न्यायपालिका में नियुक्ति की मांग करने वाले जजों ने हरियाणा सरकार के निर्णय पर सवाल उठाया

हरियाणा में जिला न्यायपालिका में नियुक्ति की मांग करने सिविल न्यायाधीशों और न्यायिक दंडाधिकारियों ने राज्य सरकार के उस फैसले को चुनौती दी है,जिसमें 13 न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के लिए हाईकोर्ट की तरफ से की गई सिफारिशों को खारिज कर दिया गया है। उन्होंने दलील दी है कि राज्य सरकार ने जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में केंद्रीय कानून मंत्रालय को शामिल करके ‘‘संवैधानिक प्रोटोकॉल’’ का उल्लंघन किया है। संविधान के अनुच्छेद 233 में प्रावधान है कि किसी भी राज्य में जिला न्यायाधीशों की...

अयोध्या आतंकी हमला 2005 -18 साल जेल में रहने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 आरोपियों को जमानत दी, दोषसिद्धि के खिलाफ अपील 4 दिसंबर को सूचीबद्ध की
अयोध्या आतंकी हमला 2005 -18 साल जेल में रहने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 आरोपियों को जमानत दी, दोषसिद्धि के खिलाफ अपील 4 दिसंबर को सूचीबद्ध की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को 2005 के अयोध्या राम जन्मभूमि आतंकी हमले मामले के 4 कथित साजिशकर्ताओं को जमानत दे दी, जिन्हें 2019 में इलाहाबाद की एक विशेष अदालत ने साजिश रचने और आतंकी संदिग्धों को रसद और सामग्री सहायता देने करने का दोषी पाया था। जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की पीठ ने जमानत का आदेश पारित करते समय अगस्त 2005 में गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों की जेल में रहने की लंबी अवधि को ध्यान में रखा।पीठ ने दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपीलों को 4 दिसंबर को सुनवाई के...

विशिष्ट अदायगी के लिए मुकदमा | उचित पक्ष को पेश करना अदालत को मामले पर पूरी तरह से निर्णय लेने में सक्षम बनाता है: कर्नाटक हाईकोर्ट
विशिष्ट अदायगी के लिए मुकदमा | उचित पक्ष को पेश करना अदालत को मामले पर पूरी तरह से निर्णय लेने में सक्षम बनाता है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुबंध की विशिष्ट अदायगी के लिए दायर मुकदमे में उचित पक्षों को प्रतिवादी के रूप में शामिल करने से अदालत को लंबित मामले पर पूरी तरह से निर्णय लेने में मदद मिलती है और उसके पास न्यायसंगत और ‌उचत निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पूरे तथ्य और सबूत होते हैं। इन्हीं टिप्पणियों के साथ जस्टिस विजयकुमार ए पाटिल की एकल न्यायाधीश पीठ ने चिन्नास्वामी गौड़ा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रायल कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाया गया था, जिसमें उनकी ओर से दायर मुकदमे में 45...

बीसीआई के बाद एनटीए ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने की पेशकश की, दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया
बीसीआई के बाद एनटीए ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने की पेशकश की, दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया

लॉ स्कूल प्रवेश परीक्षा CLAT को अंग्रेजी भाषा में पारंगत नहीं होने वाले उम्मीदवारों के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए चल रही मुकदमेबाजी में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए ) ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT-UG 2024 परीक्षा आयोजित करने की स्थिति में है। इससे पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी इसी तरह की दलील दी थी और कहा था कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के बीच मौजूदा व्यवस्था जो केवल रोटेशन के आधार पर अंग्रेजी में परीक्षा आयोजित करती है, उसे कोई वैधानिक मान्यता नहीं...

पटना हाईकोर्ट ने साफ किया, जजमेंट और डिक्री में विसंगतियां हो तो पीड़ित पक्ष क्या करे?
पटना हाईकोर्ट ने साफ किया, जजमेंट और डिक्री में विसंगतियां हो तो पीड़ित पक्ष क्या करे?

ऐसे मामलों में जहां जजमेंट और डिक्री के बीच विसंगति हो, अदालत के आदेशों को निष्पादित करने के मामले पर स्पष्टता प्रदान करते हुए, पटना हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि जब ऐसी विसंगति मौजूद होती है, तो इग्जेक्यूटिव कोर्ट डिक्री का अनुसरण नहीं कर सकती और पीड़ित पक्ष को डिक्री में संशोधन की मांग करनी चाहिए।जस्टिस सुनील दत्त मिश्रा ने कहा, "जजमेंट और डिक्री के बीच विसंगति के मामले में, इग्जेक्यूटिव कोर्ट डिक्री का अनुसरण नहीं कर सकता और पीड़ित पक्ष को डिक्री में संशोधन की मांग करनी चाहिए। यदि...

जाति प्रमाण पत्र में सिर्फ सरेनाम का मेल नहीं खाना पहचान को प्रभावित नहीं करेगा : दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्मीदवारी रद्द करने का फैसला खारिज किया
जाति प्रमाण पत्र में सिर्फ सरेनाम का मेल नहीं खाना पहचान को प्रभावित नहीं करेगा : दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्मीदवारी रद्द करने का फैसला खारिज किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने उस आवेदक को राहत दी है, जिसकी भारतीय तटरक्षक बल में उम्मीदवारी उसे जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र में सरनेम के बेमेल होने के कारण खारिज कर दी गई थी।आवेदन पत्र में उम्मीदवार और उसके पिता के नाम में अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र में प्रस्तुत नामों के साथ क्रमशः उनके सरनेम को हटा दिए जाने और जोड़े जाने के कारण बेमेलता हो गई थी।भारतीय तट रक्षक के दृष्टिकोण को "अति-तकनीकी" प्रकृति का मानते हुए, न्यायालय ने आवेदन पत्र और जाति प्रमाण पत्र में जानकारी के कथित बेमेल के कारण याचिकाकर्ता को...

दिल्ली हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर जालसाजी और धोखाधड़ी की एफआईआर रद्द की, दोनों पक्षकार पुलिस थानों में 48000 रुपए का सामान बांटेगे
दिल्ली हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर जालसाजी और धोखाधड़ी की एफआईआर रद्द की, दोनों पक्षकार पुलिस थानों में 48000 रुपए का सामान बांटेगे

दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच समझौते के आधार पर जालसाजी और धोखाधड़ी की एक एफआईआर को रद्द करते हुए पक्षकारों को रुपए इकट्ठा करने और दिल्ली के 6 पुलिस स्टेशनों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए वर्दी मोज़े खरीदने का निर्देश दिया है। अदालत ने पार्टियों को केशवपुरम, भारत नगर, मॉडल टाउन, अशोक विहार, रूप नगर और मौरिस नगर पुलिस स्टेशनों में तैनात पुलिस अधिकारियों के लिए 48,000 रुपये के मूल्य के समान मोज़े खरीदने का निर्देश दिया है।आरोपी ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले की जांच कर रही एएसआई को जमानत देने से इनकार किया, शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हुई फुटेज
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले की जांच कर रही एएसआई को जमानत देने से इनकार किया, शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद हुई फुटेज

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक सहायक पुलिस उप-निरीक्षक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है जो बलात्कार के एक मामले की जांच कर रही है और एक वीडियो में वह शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए दिखाई दी है।जस्टिस अनूप चितकारा ने कहा," याचिकाकर्ता आईपीसी की धारा 376 और 328 से जुड़े एक बहुत ही जघन्य अपराध में जांचकर्ता थी। वह कथित तौर पर शिकायतकर्ता के हाथों से पैसे ले रही थी, जिसका बयान पुलिस ने सत्य नहीं पाया और आरोपी को दोषमुक्त कर दिया और इसके बजाय उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी। याचिकाकर्ता का...

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्टर अनिल कपूर को दी राहत, एक्टर की सहमति के बिना उनकी इमेज इस्तेमाल करने पर लगाई रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्टर अनिल कपूर को दी राहत, एक्टर की सहमति के बिना उनकी इमेज इस्तेमाल करने पर लगाई रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में विभिन्न संस्थाओं को उनकी सहमति के बिना मौद्रिक लाभ के लिए उनकी इमेज, नाम, आवाज या उनके व्यक्तित्व के अन्य तत्वों का दुरुपयोग करने से रोक दिया।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने अन्य अज्ञात व्यक्तियों को विभिन्न वीडियो प्रसारित करने से भी रोक दिया, जिनके लिंक आदेश में अपलोड किए जाएंगे। साथ ही निर्देश दिया कि इसे सभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा तुरंत हटा दिया...

अनुसूचित जाति समुदाय की स्थिति, शारीरिक विकलांगता राज्य के विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित कियोस्क पर असीमित समय तक कब्ज़ा बनाए रखने का कोई आधार नहीं: केरल हाईकोर्ट
अनुसूचित जाति समुदाय की स्थिति, शारीरिक विकलांगता राज्य के विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित कियोस्क पर असीमित समय तक कब्ज़ा बनाए रखने का कोई आधार नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि कोई भी व्यक्ति ग्रेटर कोचीन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीसीडीए) के तहत किसी वाणिज्यिक उद्यम पर अनंत काल तक कब्जा बनाए रखने की मांग नहीं कर सकता, भले ही उसकी योग्यता कुछ भी हो। जस्टिस देवन रामचंद्रन ने अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित एक विकलांग व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें जीसीडीए द्वारा उसे आवंटित कियोस्क पर अपना कब्जा एक साल के लिए बरकरार रखने की मांग की गई थी, हालांकि उसके लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई हो चुकी थी।पीठ ने कहा,...

साइबर क्राइम चिंताजनक दर से बढ़ रहे हैं: दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील का फोन हैक करने और उससे पैसे ठगने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार किया
साइबर क्राइम चिंताजनक दर से बढ़ रहे हैं: दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील का फोन हैक करने और उससे पैसे ठगने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम चिंताजनक दर से बढ़ रहे हैं। ऐसे अपराध न तो अपनी वैश्विक पहुंच के कारण सीमा प्रतिबंधों से बंधे हैं, न ही वे अपने पीड़ितों के बीच भेदभाव करते हैं।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि साइबर क्राइम बुजुर्गों, युवाओं, व्यवसायों के साथ-साथ डिजिटल परिदृश्य में सरकारों को भी निशाना बना रहे हैं।उन्होंने आगे कहा,"साइबर क्राइम के परिणाम व्यक्तिगत सीमाओं से परे जाते हैं, जो कई अनजान पीड़ितों को प्रभावित करते हैं।"अदालत ने दक्षिण पूर्वी...

केवल अनुबंध के उल्लंघन के लिए हर मामले में आपराधिक मामला तय नहीं किया जा सकता: झारखंड हाईकोर्ट
केवल अनुबंध के उल्लंघन के लिए हर मामले में आपराधिक मामला तय नहीं किया जा सकता: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि हर विवाद का अंत आपराधिक आरोपों में नहीं होना चाहिए, खासकर जब अंतर्निहित मुद्दा मूल रूप से नागरिक प्रकृति का हो, जैसे कि अनुबंध का उल्लंघन। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406, 420, 379 और 120बी के तहत दर्ज आरोपों के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने कहा,“इस न्यायालय के हस्तक्षेप पर कंपनी द्वारा शिकायतकर्ता को फिर से नियुक्ति की पेशकश की गई, जैसा कि यहां ऊपर चर्चा की गई है, जो बताता है...

फैमिली कोर्ट को अपूरणीय विवाह विच्छेद पर तलाक देने का अधिकार नहीं, उन्हें वैधानिक प्रावधानों तक ही सीमित रहना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
फैमिली कोर्ट को 'अपूरणीय विवाह विच्छेद' पर तलाक देने का अधिकार नहीं, उन्हें वैधानिक प्रावधानों तक ही सीमित रहना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि विवाह का अपूरणीय टूटना तलाक मांगने का आधार नहीं है और फैमिली कोर्ट को अपने विचारों को हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत वैधानिक प्रावधानों तक सख्ती से सीमित रखना चाहिए।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की खंडपीठ ने विवाह टूटने के सिद्धांत पर चर्चा करते हुए कहा कि विवाह का अपूरणीय टूटना अधिनियम के तहत तलाक देने का आधार नहीं है।अदालत ने शिल्पा शैलेश बनाम वरुण श्रीनिवासन मामले में सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम फैसले का हवाला दिया और कहा कि शादी के अपूरणीय टूटने...

गार्जियन अपॉइंट करते समय बच्चे की उम्र और माता-पिता से अलग होने के दौरान की परिस्थितियां उसकी इंटेलिजेंट परेफरेंस निर्धारित करने के लिए प्रासंगिक: दिल्ली हाईकोर्ट
गार्जियन अपॉइंट करते समय बच्चे की उम्र और माता-पिता से अलग होने के दौरान की परिस्थितियां उसकी 'इंटेलिजेंट परेफरेंस' निर्धारित करने के लिए प्रासंगिक: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जहां माता-पिता के बीच कटु संबंध हैं, वहां सबसे बुरा शिकार बच्चा होता है। हाईकोर्ट ने कहा कि नाबालिग की उम्र और माता-पिता से अलग होने की अवधि की आसपास की परिस्थितियां उसकी 'इंटेलिजेंट परेफरेंस' पर विचार करते समय प्रासंगिक हैं।जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने संरक्षक और वार्ड अधिनियम, 1890 की धारा 17 (3) का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की। इसमें कहा गया कि गार्जियन अपॉइंट करते समय अदालत मामले में नाबालिग की प्राथमिकता पर विचार कर सकती है। साथ ही...

मिनिमम वेजेस एक्ट का अनुपालन नहीं करने वाले नौकरी विज्ञापन रोज़गार बाज़ार पोर्टल पर नहीं दिखाए जाने चाहिए: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा
मिनिमम वेजेस एक्ट का अनुपालन नहीं करने वाले नौकरी विज्ञापन 'रोज़गार बाज़ार' पोर्टल पर नहीं दिखाए जाने चाहिए: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह अपने रोज़गार बाज़ार पोर्टल पर ऐसा कोई भी नौकरी विज्ञापन प्रकाशित न करे, जो मिनिमम वेजेस एक्ट, 1948 का अनुपालन नहीं करता हो।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार की इस दलील पर ध्यान दिया कि सॉफ्टवेयर पोर्टल को अपडेट करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे निर्धारित मिनिमम वेजेस से कम मजदूरी दर्शाने वाला एक भी विज्ञापन अपलोड न किया जाए।इसके साथ ही अदालत ने उस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें दिल्ली...

पत्नी ने करवा चौथ का व्रत रखने से इनकार किया, पति को भी स्वीकार नहीं किया: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक का आदेश बरकरार रखा
पत्नी ने 'करवा चौथ' का व्रत रखने से इनकार किया, पति को भी स्वीकार नहीं किया: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक का आदेश बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि पत्नी द्वारा विवाह में पति को लगातार अस्वीकार करना और उसे स्वीकार न करना उसके लिए भयानक मानसिक पीड़ा का स्रोत है।जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें पति को उसकी पत्नी द्वारा क्रूरता के आधार पर तलाक देने का आदेश दिया गया था। इस जोड़े ने मार्च 2011 में शादी कर ली और छह महीने बाद ही अलग रहने लगे।अदालत ने कहा कि पति ने अपनी गवाही में कहा था कि पत्नी ने यह कहकर "करवा चौथ" का व्रत रखने से इनकार कर...

पितृत्व के विशिष्ट खंडन के अभाव में बच्चे के पैटरनिटी संबंध में केवल संदेह को दूर करने के लिए डीएनए टेस्ट नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
पितृत्व के विशिष्ट खंडन के अभाव में बच्चे के पैटरनिटी संबंध में केवल संदेह को दूर करने के लिए डीएनए टेस्ट नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट द्वारा पारित आदेश बरकरार रखते हुए कहा कि डीएनए टेस्ट केवल इसलिए नहीं किया जा सकता, क्योंकि पक्षकारों के बीच पितृत्व (पैटरनिटी) के संबंध में कोई विवाद या संदेह है।जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने कहा कि डीएनए टेस्ट या अन्य साइंटिफिकट टेस्ट का सहारा केवल तभी लिया जा सकता है, जब बच्चे के पैटरनिटी से इनकार किया गया हो।उन्होंने कहा,“आगे यह मानना होगा कि जब बच्चे के पैटरनिटी के विशिष्ट खंडन के अभाव में बच्चे के पैटरनिटी के बारे में संदेह को दूर करने के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा नहीं...

दिल्ली दंगे : हाईकोर्ट ने हेड कांस्टेबल रतन लाल हत्याकांड के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया, कहा- वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है
दिल्ली दंगे : हाईकोर्ट ने हेड कांस्टेबल रतन लाल हत्याकांड के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया, कहा- वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस सौरभ बनर्जी ने कहा कि ऐसी संभावना है कि जमानत पर बाहर आने के बाद आरोपी इरशाद अली गवाहों को प्रभावित कर सकता है या धमकी दे सकता है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है, जिससे कार्यवाही खतरे में पड़ सकती है और पटरी से उतर सकती है।अदालत ने कहा, “इसके अलावा यह न्यायालय इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि पीडीपीपी अधिनियम और...