बीसीआई के बाद एनटीए ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने की पेशकश की, दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया
Sharafat
20 Sept 2023 4:48 PM IST
लॉ स्कूल प्रवेश परीक्षा CLAT को अंग्रेजी भाषा में पारंगत नहीं होने वाले उम्मीदवारों के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए चल रही मुकदमेबाजी में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए ) ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT-UG 2024 परीक्षा आयोजित करने की स्थिति में है।
इससे पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी इसी तरह की दलील दी थी और कहा था कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के बीच मौजूदा व्यवस्था जो केवल रोटेशन के आधार पर अंग्रेजी में परीक्षा आयोजित करती है, उसे कोई वैधानिक मान्यता नहीं है।
एनटीए ने हालांकि कहा है कि CLAT (UG)-2024 के सुचारू और निष्पक्ष संचालन के लिए एनएलयू या किसी विशेष एनएलयू के कंसोर्टियम का समर्थन उसके लिए बड़ी मदद होगी।
यह घटनाक्रम एक लॉ स्टूडेंट द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया है जिसमें CLAT-UG 2024 को न केवल अंग्रेजी में बल्कि संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित करने की मांग की गई है। एजेंसी को हाल ही में एक पक्ष के रूप में शामिल किया गया था।
एनटीए ने कहा,
“ सैद्धांतिक रूप से एनटीए ऊपर बताए अनुसार अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं में CLAT परीक्षा आयोजित करने की स्थिति में होगा। हालांकि, यदि NTA को CLAT (UG)-2024 का आयोजन करना है तो इसे संभवतः जनवरी 2024 के तीसरे या चौथे सप्ताह में आयोजित किया जा सकता है।”
एजेंसी ने कहा कि परीक्षा जेईई और सीयूईटी की तरह कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में भी आयोजित की जा सकती है।
गौरतलब है कि एनएलयू के कंसोर्टियम ने क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने में अनिच्छा व्यक्त की है। इसमें कहा गया है कि एआईबीई परीक्षा का अनुवाद करना आसान है लेकिन सीएलएटी परीक्षा में अनुवाद में "बहुत अधिक मुद्दे" शामिल होते हैं। दूसरी ओर बीसीआई ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने से अधिक नागरिकों को कानून को करियर के रूप में अपनाने का अवसर मिलेगा।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई 06 अक्टूबर को तय की गयी है।
केस टाइटल : सुधांशु पाठक बनाम सेक्रेटरी और अन्य के माध्यम से कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी