मुख्य सुर्खियां

वादी अकेले डोमिनस लिटिस नहीं, सिद्धांत मुकदमे का नियंत्रण लेने वाले हस्तक्षेपकर्ता पर भी लागू हो सकता है: तेलंगाना हाईकोर्ट
वादी अकेले डोमिनस लिटिस नहीं, सिद्धांत मुकदमे का नियंत्रण लेने वाले हस्तक्षेपकर्ता पर भी लागू हो सकता है: तेलंगाना हाईकोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट ने माना है कि पार्टियों को पक्षकार बनाने के मामले में डोमिनस लिटिस के सिद्धांत को बहुत ज़्यादा नहीं खींचा चाहिए।कोर्ट ने कहा, “पक्षकार बनाने के मामले में डोमिनस लिटस (मास्टर ऑफ सूट) के सिद्धांत को ज़्यादा नहीं खींचा जाना चाहिए, क्योंकि यह सुनिश्चित करना अदालत का कर्तव्य है कि विवाद में वास्तविक मामले पर निर्णय लेने के लिए यदि कोई व्यक्ति एक आवश्यक पक्ष है, अदालत ऐसे व्यक्ति को पक्षकार बनाने का आदेश दे सकती है। हालांकि केवल इसलिए कि वादी ने किसी व्यक्ति को पक्षकार बनाने का...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने घर खरीदार को फ्लैट देने में देरी के लिए डेवलपर के खिलाफ पीएमएलए कार्यवाही रद्द की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने घर खरीदार को फ्लैट देने में देरी के लिए डेवलपर के खिलाफ पीएमएलए कार्यवाही रद्द की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने घर खरीदार द्वारा अपने फ्लैट की डिलीवरी में देरी के लिए डेवलपर के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी का आपराधिक मामला रद्द कर दिया। इसमें कहा गया कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत ईडी की कार्यवाही भी समाप्त हो जाएगी।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,“फ्लैटों की डिलीवरी में उक्त देरी पर आपराधिक कानून लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि ये तथ्य पक्षकारों के बीच किए गए समझौतों से उत्पन्न होते हैं, सबसे अच्छे रूप में यह समझौते का उल्लंघन हो सकता है। यदि यह समझौते का उल्लंघन है तो यह...

सीआरपीसी की धारा 320 | शिकायतकर्ता द्वारा अपराध के शमन के लिए आवेदन दाखिल करने मात्र से कोई स्वत: बरी नहीं हो जाता: केरल हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 320 | शिकायतकर्ता द्वारा अपराध के शमन के लिए आवेदन दाखिल करने मात्र से कोई स्वत: बरी नहीं हो जाता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को व्यवस्था दी कि कथित अपराधों के समझौते के लिए शिकायतकर्ता द्वारा आवेदन दाखिल करने मात्र से आरोपी स्वत: बरी नहीं हो जाता।जस्टिस के. बाबू की पीठ ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 320 अपराधों को दो भागों में वर्गीकृत करती है- उप-धारा (1) के तहत कुछ अपराधों को सूचीबद्ध किया गया है, जिन्हें न्यायालय की अनुमति के बिना समझौता किया जा सकता है। वहीं, उपधारा (2) के अंतर्गत कुछ अपराध सूचीबद्ध हैं, जिनका शमन केवल न्यायालय की अनुमति से ही किया जा सकता है।न्यायाधीश ने सीआरपीसी की धारा...

मप्र हाईकोर्ट ने रेस्तरां में एक्सपायर्ड माज़ा के लिए कोकाकोला के खिलाफ समन रद्द करने से इनकार किया, कहा- निर्माता को ऐसे उत्पाद वापस लेने चाहिए
मप्र हाईकोर्ट ने रेस्तरां में एक्सपायर्ड 'माज़ा' के लिए कोकाकोला के खिलाफ समन रद्द करने से इनकार किया, कहा- निर्माता को ऐसे उत्पाद वापस लेने चाहिए

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में खुदरा विक्रेता द्वारा बिक्री के लिए प्रदर्शित कथित फंगल संक्रमित 'माज़ा मैंगो ड्रिंक' के लिए कोकाकोला के खिलाफ दर्ज आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया।कंपनी और उसके नामांकित व्यक्ति द्वारा सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि समाप्ति अवधि के बाद असुरक्षित समझा जाने वाला कोई भी खाद्य उत्पाद खुदरा विक्रेताओं के स्टोर में न रहे, भले ही कंपनी द्वारा उत्पाद सीधे अंतिम उपभोक्ता...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय के प्रॉसिक्यूशन सेल के शिफ्टिंग पर रोक लगाई, सरकार से पहले आवंटित भवन का नवीनीकरण करने को कहा
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय के प्रॉसिक्यूशन सेल के शिफ्टिंग पर रोक लगाई, सरकार से पहले आवंटित भवन का नवीनीकरण करने को कहा

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने लुंगलेई जिला न्यायालय के प्रॉसिक्यूशन सेल को जिला न्यायालय के विस्तार के लिए आवंटित वाणिज्य और उद्योग विभाग की इमारत में शिफ्ट करने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने यह रोक यह सूचित किए जाने पर कि इसे न्यायालय की जरूरतों के अनुसार अभी तक नवीनीकृत नहीं किया गया।हाईकोर्ट को सूचित किया गया कि भवन का उपयोग क्षेत्रीय भूविज्ञान एवं खनन कार्यालय द्वारा किया जा रहा है। बार एसोसिएशन ने भवन के दो कमरों में प्रवेश किया है, लेकिन अभी तक न तो उचित लॉक-अप सुविधा का निर्माण किया गया है, न ही अभियोजन...

पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार संविधान के तहत संरक्षित, यहां तक ​​कि परिवार के सदस्य भी आपत्ति नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार संविधान के तहत संरक्षित, यहां तक ​​कि परिवार के सदस्य भी आपत्ति नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में अपने माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध शादी करने वाले एक जोड़े को पुलिस सुरक्षा प्रदान करते हुए कहा कि जहां पक्षकार बालिग हैं, उनकी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का उनका अधिकार भारत के संविधान तहत संरक्षित है और यहां तक ​​कि उनके परिवार के सदस्यों के ऐसे रिश्ते पर आपत्ति नहीं कर सकते। जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा कि जोड़े के विवाह के अधिकार को किसी भी तरह से कमजोर नहीं किया जा सकता और राज्य अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक संवैधानिक दायित्व के तहत...

दिल्ली दंगे: दिलबर नेगी हत्याकांड में अदालत ने 11 लोगों को डिस्चार्ज किया, एक आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए
दिल्ली दंगे: दिलबर नेगी हत्याकांड में अदालत ने 11 लोगों को डिस्चार्ज किया, एक आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को दिल्ली दंगों के एक मामले में 11 लोगों को आरोपमुक्त कर दिया कि भीड़ ने तोड़फोड़ की, मिठाई की दुकान में आग लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप 22 वर्षीय दिलबर नेगी नामक लड़के की जलने से मौत हो गई। (एफआईआर 39/2020 पीएस गोकुलपुरी)कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि अलग-अलग समय में भीड़ में 11 आरोपियों की मौजूदगी और दंगे की अन्य घटनाओं में उनकी संलिप्तता, उन्हें उस घटना के लिए परोक्ष रूप से उत्तरदायी बनाने का आधार नहीं हो सकती, जिसके परिणामस्वरूप नेगी...

आपराधिक न्यास भंग | कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया बुकिंग अमाउंट के दुरुपयोग के लिए टूर ऑपरेटर के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया
आपराधिक न्यास भंग | कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया बुकिंग अमाउंट के दुरुपयोग के लिए टूर ऑपरेटर के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया

जलपाईगुड़ी में कलकत्ता हाईकोर्ट की सर्किट बेंच ने टूर ऑपरेटर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया। उक्त टूर ऑपरेटर पर अपने ग्राहकों से होटल या कैब बुकिंग के लिए उपयोग किए बिना बड़ी रकम लेकर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया गया है।शिकायतकर्ता, महाराष्ट्र के 18 टूरिस्ट ग्रुप ने आरोप लगाया कि उन्होंने दार्जिलिंग और सिक्किम के दौरे के लिए याचिकाकर्ता के साथ होटल और कैब सेवाओं के लिए पैकेज बुक किया, जिसके लिए उन्होंने पहले ही याचिकाकर्ता को बड़ी अमाउंट का भुगतान किया, लेकिन बाद में...

आरोपों का जवाब देने में कर्मचारी की विफलता विभाग को जांच में साक्ष्य उपलब्ध कराने से बरी नहीं कर देती: पटना हाईकोर्ट
आरोपों का जवाब देने में कर्मचारी की विफलता विभाग को जांच में साक्ष्य उपलब्ध कराने से बरी नहीं कर देती: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने एक निर्णायक फैसले में सीनियर जेल इंस्पेक्टर की बर्खास्तगी को पलट दिया। उक्त बर्खास्तगी को रद्द करते हुए इस बात पर जोर दिया गया कि वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित आरोपों का जवाब देने में दोषी कर्मचारी की विफलता मात्र विभाग को जांच के दौरान साक्ष्य प्रदान करने के अपने कर्तव्य से मुक्त नहीं कर देती।चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस राजीव रॉय की खंडपीठ ने कहा,"केवल इसलिए कि दोषी कर्मचारी वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित आरोपों का जवाब देने में विफल रहा, विभाग जांच में साक्ष्य का...

सांप्रदायिक रंग हो सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को मुस्लिम महापंचायत की बैठक की अनुमति देने से इनकार किया
'सांप्रदायिक रंग हो सकता है': दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को मुस्लिम महापंचायत की बैठक की अनुमति देने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक संगठन को 29 अक्टूबर को रामलीला मैदान में एक सार्वजनिक बैठक (अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत) आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस के फैसले को बरकरार रखा, जिसने बैठक आयोजित करने के लिए संगठन को दी गई अनुमति रद्द कर दी, यह देखते हुए कि इसे मनमाना नहीं माना जा सकता।पुलिस का कहना था कि प्रस्तावित कार्यक्रम "सांप्रदायिक" था। याचिका मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन द्वारा दायर की गई थी, जो एक संगठन है जिसकी स्थापना अधिवक्ता महमूद...

यूएपीए | आतंकवादी कृत्य के लिए प्रारंभिक कार्रवाई इच्छित परिणाम के निकट होनी चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट ने पीएफआई सदस्यों को जमानत दी
यूएपीए | 'आतंकवादी कृत्य के लिए प्रारंभिक कार्रवाई इच्छित परिणाम के निकट होनी चाहिए': मद्रास हाईकोर्ट ने पीएफआई सदस्यों को जमानत दी

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में आठ लोगों को जमानत दे दी, जो कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पदाधिकारी, सदस्य और कैडर थे और उन पर भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाया गया था। जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस सुंदर मोहन की पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र किए गए दस्तावेज़ किसी भी अपीलकर्ता को सीधे तौर पर कथित अपराधों से नहीं जोड़ते हैं और इसलिए विशेष अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करके गलती...

COVID-19 के दौरान आईसीयू ड्यूटी की दहशत से कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने का खतरा: राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य को स्वास्थ्य कार्यकर्ता की पत्नी को मुआवजा जारी करने का आदेश दिया
COVID-19 के दौरान आईसीयू ड्यूटी की दहशत से कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने का खतरा: राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य को स्वास्थ्य कार्यकर्ता की पत्नी को मुआवजा जारी करने का आदेश दिया

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में माना कि 'एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के लिए बीमा योजना', जो महामारी के दरमियान अग्रिम पंक्ति पर कार्यरत था, की 'राज्य की ओर से व्यापक व्याख्या ' की आवश्यकता है, इसलिए, हाईकोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि जब एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु के समय तक सक्रिय रूप ये COVID-19 ड्यूटी पर था तो प्रधान मंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत अन्य शर्तों और तकनीकीताओं को 'व्यापक रूप से समझा जाना चाहिए'।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के आवेदन के संबंध में,...

वैवाहिक घर में पत्नी को पति की शर्तों पर रहने के लिए संपत्ति या बंधुआ मजदूर के रूप में नहीं माना जा सकता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
वैवाहिक घर में पत्नी को पति की शर्तों पर रहने के लिए संपत्ति या बंधुआ मजदूर के रूप में नहीं माना जा सकता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि वैवाहिक घर में, पत्नी को पति द्वारा लगाई गई शर्तों के तहत रहने के लिए किराए की संपत्ति या बंधुआ मजदूर के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।पीठ ने यह भी कहा कि यदि पति बिना किसी पर्याप्त कारण के पत्नी से उसके साथ के अलावा किसी अन्य स्थान पर रहने की अपेक्षा करता है और यदि पत्नी उसकी मांग का विरोध करती है, तो यह पत्नी द्वारा की गई क्रूरता नहीं होगी।जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि पत्नी की अपने पति से उसे अपने...

आरबीआई ऋणकर्ता के खाते की शेष राशि के बारे में बैंक के ज्ञान, क्षतिपूर्ति के अधिकार के आवेदन का निर्धारण करेगा: केरल हाईकोर्ट
आरबीआई ऋणकर्ता के खाते की शेष राशि के बारे में बैंक के ज्ञान, 'क्षतिपूर्ति के अधिकार' के आवेदन का निर्धारण करेगा: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल में माना कि बैंक को वन टाइम सेटलमेंट देते समय ऋणकर्ता के खाते में शेष राशि की जानकारी थी या नहीं, और क्या बैंक 'क्षतिपूर्ति के अधिकार' (Right to Recompense) का प्रयोग कर सकता है, इन सवालों पर बैंक को खुद ही फैसला करना होता है।'क्षतिपूर्ति का अधिकार' एक उपकरण है, जिसका बैंक और वित्तीय संस्थान तनावग्रस्त संपत्तियों (Stressed Assets) के लिए ऋण पर दी गई छूट की रिकवरी के लिए उपयोग करते हैं। जस्टिस देवन रामचंद्रन ने कहा कि प्रतिवादी फेडरल बैंक को सिद्ध तथ्यात्मक परिस्थितियों पर...

तेलंगाना हाईकोर्ट पेपरलेस होगा - 1 नवंबर से मामलों के लिए इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग अनिवार्य
तेलंगाना हाईकोर्ट पेपरलेस होगा - 1 नवंबर से मामलों के लिए इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग अनिवार्य

सुप्रीम कोर्ट के जुलाई में पेपरलेस प्रणाली में परिवर्तित होने के बाद तेलंगाना हाईकोर्ट भी इसका अनुसरण करने के लिए तैयार है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश 1 नवंबर से पेपरलेस प्रणाली में जाने के लिए तैयार हैं। इस आशय की एक आधिकारिक सूचना प्रकाशित की गई है। सभी पक्षकारों और वकीलों को निर्देश दिया जाता है कि वे प्रथम न्यायालय के समक्ष दायर किए जा रहे मामलों/याचिकाओं की एक सॉफ्ट कॉपी निर्दिष्ट ईमेल पते - tshc.ch1@gmail.com पर ईमेल करें।मामलों/याचिकाओं की सॉफ्ट कॉपी भेजने के बाद वकीलों/पक्षकारों को...

[ओबीसी अधिवक्ता अनुदान योजना] हमें ओबीसी श्रेणी से भी सर्वश्रेष्ठ वकीलों और न्यायाधीशों की आवश्यकता है: केरल हाईकोर्ट
[ओबीसी अधिवक्ता अनुदान योजना] हमें ओबीसी श्रेणी से भी सर्वश्रेष्ठ वकीलों और न्यायाधीशों की आवश्यकता है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को टिप्पणी की कि ओबीसी वर्ग से संबंधित जूनियर वकीलों का समर्थन करना राज्य का कर्तव्य है। हाईकोर्ट ओबीसी अधिवक्ता अनुदान योजना के तहत कानून की किताबें, गाउन और पोशाक/यूनिफॉर्म खरीदने के लिए ओबीसी वर्ग के जूनियर वकीलों को बारह हजार रुपये के वार्षिक अनुदान का दावा करने के लिए अधिसूचना जारी नहीं करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।जस्टिस देवन रामचंद्रन ने टिप्पणी की कि ओबीसी वर्ग से संबंधित जूनियर वकीलों का समर्थन करना राज्य का कर्तव्य है।उन्होंने कहा, “हमें इन...

न्यूज़क्लिक अरेस्ट केस : दिल्ली कोर्ट ने यूएपीए मामले में एचआर हेड और प्रबीर पुरकायस्थ को 02 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा
न्यूज़क्लिक अरेस्ट केस : दिल्ली कोर्ट ने यूएपीए मामले में एचआर हेड और प्रबीर पुरकायस्थ को 02 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को पोर्टल पर चीन समर्थक प्रचार के लिए धन प्राप्त करने के आरोपों के बाद दर्ज यूएपीए मामले में 02 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर दोनों को अदालत में पेश किए जाने के बाद आदेश पारित किया।दिल्ली पुलिस ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती के लिए 9 दिन की कस्टडी रिमांड मांगी थी।इससे पहले दोनों को सात दिन की पुलिस...

पैरोल पर फरार होने की संभावना मात्र अस्थायी रिहाई को अस्वीकार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पैरोल पर फरार होने की संभावना मात्र अस्थायी रिहाई को अस्वीकार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में हत्या के लिए दोषी ठहराए गए और आजीवन कारावास की सजा पाए एक व्यक्ति को यह कहते हुए पैरोल दे दी कि कैदी के फरार होने की संभावना अस्थायी रिहाई को अस्वीकार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। जस्टिस लिसा गिल और जस्टिस रितु टैगोर की खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि पैरोल पर फरार होने की संभावना ही इनकार के लिए पर्याप्त आधार नहीं है, क्योंकि यह राज्य की सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरे का संकेत नहीं देता है।बेंच ने कहा,"पैरोल पर रहते हुए फरार होने की...

गुजरात हाईकोर्ट के सीनियर जज ने ओपन कोर्ट में तीखी नोकझोंक के लिए साथी जज से मांगी माफी, कहा- मैं गलत था, ऐसा नहीं होना चाहिए था
गुजरात हाईकोर्ट के सीनियर जज ने ओपन कोर्ट में तीखी नोकझोंक के लिए साथी जज से मांगी माफी, कहा- 'मैं गलत था, ऐसा नहीं होना चाहिए था'

गुजरात हाईकोर्ट के जज, जस्टिस बीरेन वैष्णव ने ओपन कोर्ट में वकीलों और स्टाफ सदस्यों की उपस्थिति में साथी जज से माफी मांगी।जस्टिस बीरेन वैष्णव की सोमवार को एक मामले पर सुनवाई के बाद आदेश पारित करते वक्त जस्टिस मौना एम. भट के साथ तीखी नोकझोंक हो गई थी।जस्टिस वैष्णव ने ओपन में कहा,"सोमवार को जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। मैं गलत था। मुझे इसके लिए खेद है। हम नया सत्र शुरू कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। यह सिर्फ इतना है, मुझे नहीं पता... मैं गलत था।"खंडपीठ के सीनियर जज, जस्टिस वैष्णव की सोमवार...

सीपीसी की धारा 19 के तहत गलत किया गया कृत्य और उसके प्रभाव दोनों शामिल हैं: केरल हाईकोर्ट ने कहा- स्थानीय अदालत दिल्ली में मरने वाली नौकरानी की मां को राहत दे सकती है
सीपीसी की धारा 19 के तहत 'गलत किया गया' कृत्य और उसके प्रभाव दोनों शामिल हैं: केरल हाईकोर्ट ने कहा- स्थानीय अदालत दिल्ली में मरने वाली नौकरानी की मां को राहत दे सकती है

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि केरल में उप-न्यायालय के पास दिल्ली में हुई गलती की भरपाई के लिए मुकदमा चलाने का क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार है, क्योंकि सीपीसी की धारा 19 के तहत "गलत किए गए" की व्यापक व्याख्या के अनुसार, इसके प्रभाव केरल में क्षेत्राधिकार स्थापित करने को गलत ठहराया, जहां वादी रहता है।जस्टिस बसंत बालाजी ने कहा कि यद्यपि महिला की मृत्यु दिल्ली में न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में हुई थी, लेकिन उस मृत्यु का प्रभाव केरल में अपीलकर्ता-मां को महसूस हुआ, जिसने अपनी बेटी और अपने परिवार...