दिल्ली दंगे: दिलबर नेगी हत्याकांड में अदालत ने 11 लोगों को डिस्चार्ज किया, एक आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए
Shahadat
26 Oct 2023 10:21 AM IST
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को दिल्ली दंगों के एक मामले में 11 लोगों को आरोपमुक्त कर दिया कि भीड़ ने तोड़फोड़ की, मिठाई की दुकान में आग लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप 22 वर्षीय दिलबर नेगी नामक लड़के की जलने से मौत हो गई। (एफआईआर 39/2020 पीएस गोकुलपुरी)
कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि अलग-अलग समय में भीड़ में 11 आरोपियों की मौजूदगी और दंगे की अन्य घटनाओं में उनकी संलिप्तता, उन्हें उस घटना के लिए परोक्ष रूप से उत्तरदायी बनाने का आधार नहीं हो सकती, जिसके परिणामस्वरूप नेगी की मृत्यु की यह घटना हुई।
हालांकि, न्यायाधीश ने एक आरोपी मोहम्मद शाहनवाज के खिलाफ हत्या, दंगा और गैरकानूनी सभा के आरोप तय किए।
अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों से पता चलता है कि शाहनवाज दंगाई भीड़ का हिस्सा था, जो हिंदू समुदायों के लोगों और उनकी संपत्तियों के खिलाफ कृत्यों में शामिल था, जिससे तोड़फोड़ की जा सके और उन्हें आग लगाई जा सके।
उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 148, 153ए, 302, 436, 450, 149 और 188 के तहत आरोप तय किए गए।
11 आरोपियों को बरी करते समय अदालत ने अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान पर गौर किया और पाया कि उनमें से सभी नेगी की हत्या की कथित घटना से सीधे तौर पर संबंधित नहीं हैं।
अदालत ने कहा,
“यहां यह बताना जरूरी है कि अलग-अलग समय के दंगों के वीडियो में कई आरोपियों की पहचान की गई, लेकिन इन दो चश्मदीदों में से किसी ने भी वीडियो के आधार पर उनकी पहचान नहीं की, जिससे यह कहा जा सके कि गोदाम में आग लगने से ठीक पहले गोदाम में प्रवेश करते समय ये आरोपी भी शानू के साथ थे। इसलिए शानू उर्फ शाहनवाज को छोड़कर अन्य आरोपी इस मामले में आरोपमुक्त होने के हकदार हैं।''
नेगी अनिल स्वीट कॉर्नर में वेटर का काम करता था। इस मर्डर की थाना गोकलपुरी में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 201, 436 और 427 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले की जांच स्थानीय पुलिस ने की। मामले की आगे की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को ट्रांसफर कर दी गई।
जांच के दौरान मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जांच के बाद 4 जून 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया गया।
सार्वजनिक गवाहों के बयानों के अनुसार, यह कहा गया कि दंगा हुआ, जहां दंगाइयों ने पथराव किया, हिंदू विरोधी नारे लगाए, कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ और आग लगा दी। वे एक इमारत में भी घुस गए और मृतक को मार डाला, जो वहां छिपा हुआ था। दंगाइयों ने उसके मृत शरीर को बिल्डिंग सहित जला दिया।
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