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धारा 294 सीआरपीसी | यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सत्यता पर आरोपी ने विवाद नहीं किया है तो डॉक्टर की जांच करना अनिवार्य नहीं: उड़ीसा हाईकोर्ट
धारा 294 सीआरपीसी | यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सत्यता पर आरोपी ने विवाद नहीं किया है तो डॉक्टर की जांच करना अनिवार्य नहीं: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से पूछताछ करना अनिवार्य नहीं है, यदि उसकी रिपोर्ट की वास्तविकता पर आरोपी ने विवाद नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि एक बार जब आरोपी रिपोर्ट को वास्तविक मान लेता है, तो इसे ठोस सबूत के रूप में पढ़ा जा सकता है।आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 294 के तहत प्रावधान के आदेश को स्पष्ट करते हुए जस्टिस संगम कुमार साहू और जस्टिस चितरंजन दास की खंडपीठ ने कहा,"साक्ष्य अधिनियम की धारा 58 और सीआरपीसी की धारा 294 के मद्देनजर, एक बार जब अभियोजन पक्ष...

सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवार रात-रात भर मेहनत करते हैं, प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार से सख्ती से निपटा जाना चाहिए: गुजरात हाईकोर्ट
सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवार रात-रात भर मेहनत करते हैं, प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार से सख्ती से निपटा जाना चाहिए: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि कई उम्मीदवार सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए रात-रात भर तक मेहनत करते हैं और इसलिए, ऐसी परीक्षाओं में किसी भी कदाचार, दुर्व्यवहार और धोखाधड़ी से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।जस्टिस हसमुख डी सुथार की पीठ ने अजयराज मीना नामक व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की, जिस पर फर्जी दस्तावेज बनाकर सह-अभियुक्त (उदयराज बृजलाल मीना) की ओर से क्लर्क के पद के लिए प्रतियोगी परीक्षा में बैठने का आरोप है।जांच दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए,...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की गिरफ्तारी और रिमांड रद्द करने से इनकार किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की गिरफ्तारी और रिमांड रद्द करने से इनकार किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 538 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस के मामले में उनकी गिरफ्तारी और रिमांड आदेश को रद्द करने की मांग की थी।जस्टिस रेवती मोहिते डेरे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गोयल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी, लेकिन कहा कि यह गोयल के पास उपलब्ध अन्य वैधानिक उपायों को अपनाने का विकल्प खुला होगा और आदेश में टिप्पणियों से उन कार्यवाही पर असर नहीं पड़ना चाहिए।गोयल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने...

सुनवाई तय करते समय अदालत से एकतरफा निर्णय नहीं लिया जा सकता, वकील की सुविधा पर भी विचार किया जाना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
सुनवाई तय करते समय अदालत से एकतरफा निर्णय नहीं लिया जा सकता, वकील की सुविधा पर भी विचार किया जाना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा, "मुकदमे की तारीख तय करते समय अकेले अदालत से एकतरफा निर्णय नहीं लिया जा सकता है", अदालत को मुकदमे की तारीख तय करते समय वकील की सुविधा को भी ध्यान में रखना चाहिए।जस्टिस पी.वी. कुन्हिकृष्णन ने कहा कि जब वकील मुकदमे को किसी अन्य तारीख के लिए पुनर्निर्धारित करने के लिए वास्तविक प्रस्तुतियां देते हैं तो न्यायालय को इसे स्वीकार करने की उदारता दिखानी चाहिए और अदालत की सुविधा पर भी विचार करने के बाद उनके अनुरोध के अनुसार मुकदमे को निर्धारित करना चाहिए।अदालत ने कहा,“मुकदमे का समय...

असंतुष्ट पत्नियां आईपीसी की धारा 498-ए का हथियार के रूप में दुरुपयोग कर रही हैं: झारखंड हाईकोर्ट
असंतुष्ट पत्नियां आईपीसी की धारा 498-ए का हथियार के रूप में दुरुपयोग कर रही हैं: झारखंड हाईकोर्ट

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498ए के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी चिंता व्यक्त करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि कानून के इस प्रावधान का 'असंतुष्ट पत्नियों' द्वारा ढाल के बजाय एक हथियार के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा है।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की पीठ ने कहा कि पत्नी द्वारा बिना उचित विचार-विमर्श के मामूली मुद्दों पर आवेश में आकर ऐसे मामले दायर किए जा रहे हैं।कोर्ट ने आगे कहा,“पति या उसके रिश्तेदारों के हाथों क्रूरता को दंडित करने के प्रशंसनीय उद्देश्य से भारतीय दंड संहिता...

कैदी को पढ़ने का उतना ही अधिकार, जितना जेल के बाहर किसी व्यक्ति को: केरल हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास के दो दोषियों को ऑनलाइन एलएलबी   क्लास अटेंड करने की अनुमति दी
'कैदी को पढ़ने का उतना ही अधिकार, जितना जेल के बाहर किसी व्यक्ति को': केरल हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास के दो दोषियों को ऑनलाइन एलएलबी क्लास अटेंड करने की अनुमति दी

केरल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आजीवन कारवास की सजा पाए दो दोषियों को शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में ऑनलाइन मोड में एलएलबी की क्लासेज अटेंड करने की अनुमति देने के लिए आपराधिक न्याय वितरण प्रणाली में प्रौद्योगिकी के एकीकरण का आह्वान किया। फैसले में डॉ. जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और डॉ जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने कैदियों के सुधार और पुनर्वास में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।कोर्ट ने कहा,"...एक दोषी बुनियादी मानवाधिकारों का हकदार है और उसे जेल में सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। कैदियों का शिक्षा...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1998 में विधवा की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके उसे परेशान करने के लिए राज्य सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1998 में विधवा की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके उसे परेशान करने के लिए राज्य सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1998 में विधवा की भूमि के अवैध अधिग्रहण के लिए यूपी सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना इस आधार पर लगाया गया कि विधवा को परेशान किया गया और उसे राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा उसकी भूमि पर अवैध कब्जे के लिए मुआवजा पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ा।जस्टिस सलिल कुमार राय और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को उचित प्रक्रिया के बिना उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकता है।खंडपीठ ने कहा,“याचिकाकर्ता विधवा है। उसको न केवल राज्य...

क्या फैंटेसी गेमिंग सट्टेबाजी और जुए के बराबर कार्रवाई योग्य दावे के दायरे में आती है, या कौशल पर आधारित: गुजरात हाईकोर्ट ने जीएसटी एससीएन पर रोक लगाई, नोटिस जारी किया
क्या फैंटेसी गेमिंग सट्टेबाजी और जुए के बराबर कार्रवाई योग्य दावे के दायरे में आती है, या कौशल पर आधारित: गुजरात हाईकोर्ट ने जीएसटी एससीएन पर रोक लगाई, नोटिस जारी किया

गुजरात हाईकोर्ट इस मुद्दे पर फैसला करेगा कि क्या फंतासी गेमिंग सट्टेबाजी और जुए के बराबर कार्रवाई योग्य दावे के अंतर्गत आता है, या कौशल पर आधारित है।जस्टिस बीरेन वैष्णव और जस्टिस मौना एम. भट्ट की खंडपीठ ने जीएसटी विभाग को नोटिस जारी किया है और जीएसटी विभाग को कारण बताओ नोटिस के फैसले पर कोई और कदम उठाने से रोक दिया।याचिकाकर्ता/करदाता, एनएक्सजीएन स्पोर्ट्स इंटरएक्टिव ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए ऑनलाइन दावे की गतिविधि लॉटरी, सट्टेबाजी और जुए के अलावा कार्रवाई योग्य दावा...

मजिस्ट्रेट के सामने सहमति दिए बिना आरोपी का नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट नहीं किया जा सकता : एमपी हाईकोर्ट
मजिस्ट्रेट के सामने सहमति दिए बिना आरोपी का नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट नहीं किया जा सकता : एमपी हाईकोर्ट

पुलिस अधिकारियों पर करोड़ों रुपये के प्राचीन सोने के सिक्के लूटने का आरोप लगाने के मामले में फैसला सुनाते हुए, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने माना है कि जब आरोपियों ने संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष ऐसे परीक्षणों के लिए स्पष्ट रूप से सहमति नहीं दी है तो उनका नारको-विश्लेषण, पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग परीक्षण नहीं किया जा सकता है।जस्टिस प्रेम नारायण सिंह की एकल-न्यायाधीश पीठ ने यह भी कहा कि सेल्वी और अन्य बनाम कर्नाटक राज्य ( 2010) का जांच एजेंसी द्वारा पालन नहीं किया गया है।अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट...

सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो का प्रसार समाज के लिए बड़ा खतरा, ऐसे मामलों में यूपी पुलिस की जांच की गुणवत्ता कमजोर : इलाहाबाद हाईकोर्ट
सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो का प्रसार समाज के लिए 'बड़ा खतरा', ऐसे मामलों में यूपी पुलिस की जांच की गुणवत्ता कमजोर : इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो का प्रसार एक बड़ा खतरा है जो हमारे समाज को अपमानित कर रहा है, जोर देकर कहा कि ऐसे मामलों में, पुलिस अधिकारियों को जांच करते समय उच्चतम दक्षता सुनिश्चित करनी चाहिए। जस्टिस अजय भनोट की पीठ का भी मानना ​​था कि ऐसे मामलों में यूपी पुलिस की जांच की गुणवत्ता "बहुत कमजोर" है जिससे "सामाजिक टकराव" होने लगेगा।इसे देखते हुए न्यायालय ने सरकारी वकील को निम्नलिखित मुद्दों पर यूपी पुलिस द्वारा उचित कदम उठाने के लिए अपने आदेश की एक प्रति पुलिस...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को राज्य भर में लावारिस मरीजों के मेडिकल उपचार के लिए की गई व्यवस्था, आवंटित बजट को निर्दिष्ट करने का निर्देश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को राज्य भर में लावारिस मरीजों के मेडिकल उपचार के लिए की गई व्यवस्था, आवंटित बजट को निर्दिष्ट करने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह लावारिस/परित्यक्त रोगियों के प्रभावी चिकित्सा उपचार के लिए की गई व्यवस्था और उसके द्वारा आवंटित बजट का विवरण निर्दिष्ट करे, जो जनता या किसी सार्वजनिक प्राधिकरण या सार्वजनिक-उत्साही के ध्यान में आता है। जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने ऐसे लावारिस मरीजों के चिकित्सा उपचार के संबंध में ज्योति राजपूत द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया ।अदालत के समक्ष राज्य-प्रतिवादियों...

नोटरी के समक्ष विवाह अनुबंध निष्पादित करके किया गया विवाह हिंदू कानून के तहत मान्य नहीं : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
नोटरी के समक्ष विवाह अनुबंध निष्पादित करके किया गया विवाह हिंदू कानून के तहत मान्य नहीं : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में आईपीसी की धारा 375 के तहत दी गई बलात्कार की परिभाषा का ठीक से विश्लेषण किए बिना बलात्कार के एक मामले में 'सबसे अनौपचारिक और सरसरी तरीके' से फैसला सुनाने के लिए एक सत्र न्यायालय की आलोचना की। हाईकोर्ट ने यह बताते हुए कि कैसे निचली अदालत ने मुख्य रूप से आईपीसी की धारा 375 और धारा 201 के तहत अपराध के आरोपी एक पुलिस कांस्टेबल को बरी करने में गलती की है, हाईकोर्ट ने नोटरी के सामने निष्पादित विवाह समझौते की अमान्यता पर भी गहराई से विचार किया है।जस्टिस गुरपाल सिंह...

क्या ऋण वसूली न्यायाधिकरण सरफेसी अधिनियम के तहत 10 लाख रुपये से कम के दावे पर विचार कर सकता है? दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाब दिया
क्या ऋण वसूली न्यायाधिकरण सरफेसी अधिनियम के तहत 10 लाख रुपये से कम के दावे पर विचार कर सकता है? दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाब दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि डीआरटी सरफेसी अधिनियम के तहत 10 लाख रुपये से कम राशि के दावे पर विचार नहीं कर सकता है। जस्टिस विभू बाखरू और जस्टिस अमित महाजन की खंडपीठ ने कहा कि धारा 13(10) के तहत सरफेसी अधिनियम के उपाय का लाभ ऋण वसूली और दिवालियापन अधिनियम, 1993 के प्रावधानों से स्वतंत्र किसी बैंक द्वारा नहीं उठाया जा सकता है और आरडीबी अधिनियम में निर्धारित आर्थिक सीमा भी लागू होती है।आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने वित्तीय क्षेत्राधिकार की कमी के आधार पर ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) द्वारा उनके...

एमबीबीएस: सुप्रीम कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी कोटा में मेडिकल प्रवेश के लिए 80% लोकोमोटर विकलांगता वाले छात्र की याचिका खारिज की
एमबीबीएस: सुप्रीम कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी कोटा में मेडिकल प्रवेश के लिए 80% लोकोमोटर विकलांगता वाले छात्र की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एमबीबीएस पाठ्यक्रम (2023-24) में प्रवेश के लिए विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए कोटा के तहत आरक्षण की मांग करने वाली 80% लोकोमोटर विकलांगता से पीड़ित एक छात्र की याचिका खारिज कर दी। साथ ही, अदालत ने केंद्र सरकार को अपने पहले के आदेश का पालन करने की याद दिलाई, जहां उसने विकलांग व्यक्तियों की प्रभावी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए समाधान खोजने के लिए कहा था।न्यायालय ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा विकलांग व्यक्तियों की प्रभावी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए...

दिल्ली हाईकोर्ट ने निजी स्कूल के शिक्षकों की बहाली का निर्देश दिया, कहा कि कथित इस्तीफे स्वीकार करने के लिए डीओई से मंजूरी जरूरी
दिल्ली हाईकोर्ट ने निजी स्कूल के शिक्षकों की बहाली का निर्देश दिया, कहा कि कथित इस्तीफे स्वीकार करने के लिए डीओई से मंजूरी जरूरी

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरुला ने राव मनोहर सिंह मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों को राहत देते हुए आज एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा और प्रतिवादी-शिक्षकों की सेवा में बहाली का निर्देश दिया।उत्तरदाताओं, जो अपीलकर्ता-स्कूल द्वारा प्रशिक्षित-स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षकों के रूप में कार्यरत थे, ने शुरू में पत्र की सत्यता को चुनौती देते हुए दिल्ली स्कूल ट्रिब्यूनल से संपर्क किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया...

साधारण स्‍पर्श POCSO एक्ट के तहत पेनेट्रेटिव सेक्‍सुअल असॉल्ट के लिए छेड़छाड़ नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
साधारण स्‍पर्श POCSO एक्ट के तहत पेनेट्रेटिव सेक्‍सुअल असॉल्ट के लिए 'छेड़छाड़' नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा ‌कि स्पर्श के एक साधारण कार्य को पॉक्सो एक्ट की धारा 3 (सी) के पेनेट्रेटिव सेक्‍सुअल असॉल्ट के अपराध के लिए की गई छेड़छाड़ नहीं माना जा सकता। पॉक्सो एक्ट की धारा 3 (सी) में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे के शरीर के किसी भी हिस्से से छेड़छाड़ करता है ताकि वह योनि, मूत्रमार्ग, गुदा या शरीर के किसी अन्य हिस्से में पेनेट्रेशन कर सके, बच्चे से अपने सा‌थ या किसी अन्य व्यक्ति के साथ ऐसा कराए, तो उसे "पेनेट्रे‌टिव सेक्‍सुअल असॉल्ट" कहा जाता...

उत्तर प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम की धारा 17 अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार पर कोई रोक नहीं लगाती: इलाहाबाद हाईकोर्ट
उत्तर प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम की धारा 17 अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार पर कोई रोक नहीं लगाती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि उत्तर प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त एक्ट, 1975 (Uttar Pradesh Lokayukta And Up-Lokayuktas Act) की धारा 17 में किसी भी अदालत द्वारा उसके फैसले पर पुनर्विचार पर लगाई गई रोक भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार पर लागू नहीं होती है।जस्टिस जे.जे. मुनीर ने लोकायुक्त की सिफ़ारिशों के आधार पर निलंबन आदेश पर कार्यवाही करते हुए आयोजित किया,"इस न्यायालय को टिप्पणी करनी चाहिए कि लोकायुक्त एक्ट, 1975 के तहत कार्य करता है। एक्ट की धारा 17(2) में...

केरल की अदालत ने नाबालिग पीड़िता का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी 62 वर्षीय व्यक्ति को 35 साल की कैद की सजाई सुनाई, 1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
केरल की अदालत ने नाबालिग पीड़िता का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी 62 वर्षीय व्यक्ति को 35 साल की कैद की सजाई सुनाई, 1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

केरल की एक अदालत ने हाल ही में मानसिक रूप से दिव्यांग बालिका के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न का अपराध करने के आरोपी 62 साल के व्यक्ति को 35 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।तिरुवनंतपुरम में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की न्यायाधीश रेखा आर ने आदेश पारित किया।अभियोजन पक्ष का मामला यह है कि दूसरे आरोपी व्यक्ति ने जनवरी 2013 में बच्ची की मानसिक दिव्यांगता का फायदा उठाकर उसके साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न का अपराध किया। पहले आरोपी पर भी अपराध का आरोप लगाया गया था।...