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सर्कुलर जारी करके पुलिस के दुर्व्यवहार को रोका नहीं जा सकता, वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराना होगा: केरल हाईकोर्ट
सर्कुलर जारी करके पुलिस के दुर्व्यवहार को रोका नहीं जा सकता, वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराना होगा: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य पुलिस प्रमुख को, नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए उसकी ओर से जारी निर्देशों का पालन किस प्रकार किया जा रहा है, इस संबंध में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।सरकारी वकील जोशी थानिकमट्टम ने जस्टिस देवन रामचंद्रन को जब बताया कि इस संबंध में राज्य पुलिस प्रमुख ने एक परिपत्र जारी किया था, तब उन्होंने कहा,"केवल यही पर्याप्त नहीं कि राज्य पुलिस प्रमुख परिपत्र जारी करें, बल्‍कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रत्येक पुलिस अधिकारी इसका पालन करे। इस संबंध...

आरोपी के कबूलनामे से सह-आरोपी को अभियोजन को चुनौती देने में बाधा नहीं आती : कर्नाटक हाईकोर्ट
आरोपी के कबूलनामे से सह-आरोपी को अभियोजन को चुनौती देने में बाधा नहीं आती : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के प्रावधानों के तहत आरोपित आरोपियों में से एक अपराध स्वीकार कर लेता है और इसे कंपाउंड करने के लिए फीस का भुगतान करता है तो इससे सह-अभियुक्त को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने से वंचित नहीं किया जा सकता।जस्टिस सूरज गोविंदराज की एकल न्यायाधीश की पीठ ने तर्क दिया कि आरोपी की ओर से स्वीकारोक्ति सह-आरोपी को बाध्य नहीं करती।एशियन पेंट्स लिमिटेड और उसके डीलर के खिलाफ लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट की धारा 36 के तहत आरोप लगाया गया था। इसमें कानूनी मेट्रोलॉजी...

कुछ और शोध करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा, आप नेताओं को सार्वजनिक उपक्रमों, वैधानिक निकायों से हटाने की मांग वाली याचिका पर कहा
'कुछ और शोध करें': दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा, आप नेताओं को सार्वजनिक उपक्रमों, वैधानिक निकायों से हटाने की मांग वाली याचिका पर कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जनहित याचिका की सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें वैधानिक निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में उनकी नियुक्ति के बाद भी राजनीतिक दलों में आधिकारिक पदों पर बने रहने वाले व्यक्तियों को हटाने की मांग की गई थी।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने 17 जनवरी, 2023 को मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील से "कुछ और शोध और होमवर्क करने" के लिए कहा।एडवोकेट सोनाली तिवारी द्वारा दायर याचिका में राजनीतिक दलों में सरकारी...

अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि के खिलाफ एफआईआर प्रथम दृष्टया दुर्भावना से प्रेरित, अदालत में राजनीतिक दलों के लिए एक दूसरे पर निशाना साधने की कोई जगह नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि के खिलाफ एफआईआर प्रथम दृष्टया दुर्भावना से प्रेरित, अदालत में राजनीतिक दलों के लिए एक दूसरे पर निशाना साधने की कोई जगह नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अदालत को राजनीतिक दलों के लिए एक-दूसरे पर निशाना साधने के लिए जगह नहीं बनानी चाहिए।जस्टिस पीएन प्रकाश और जस्टिस आरएमटी टीका रमन की खंडपीठ अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि द्वारा निविदाएं देने में अनियमितता का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि मामला दोनों राजनीतिक दलों के बीच युद्ध का प्रतीत होता है। हालांकि पक्षों के बीच युद्ध काफी स्वाभाविक है, अदालत ने इस...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेबी पाउडर मामले में अधिकारियों से जॉनसन एंड जॉनसन को लैब रिपोर्ट देने को कहा

जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड ने अपने मुलुंड कारखाने में बेबी पाउडर के निर्माण के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा अपने लाइसेंस रद्द करने को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।जस्टिस एन जे जमादार और जस्टिस शर्मिला यू देशमुख की अवकाश पीठ ने 26 अक्टूबर को राज्य को 9 नवंबर तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 10 नवंबर, 2022 को सूचीबद्ध किया।अदालत ने अधिकारियों को केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, कोलकाता की रिपोर्ट की प्रति कंपनी को देने का भी निर्देश...

पूर्ण और सच्चे प्रकटीकरण के अभाव में पुनर्मूल्यांकन सीमा से वर्जित नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
पूर्ण और सच्चे प्रकटीकरण के अभाव में पुनर्मूल्यांकन सीमा से वर्जित नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने माना कि आपराधिक जांच विंग मूल्यांकन विंग से अलग है और एक विंग के सामने किया गया प्रकटीकरण निर्धारिती को मूल्यांकन में मूल्यांकन अधिकारी के समक्ष "पूर्ण और सही प्रकटीकरण" करने की आवश्यकता से मुक्त नहीं करेगा।जस्टिस अनीता सुमंत की एकल पीठ ने कहा कि पहली बार में पूर्ण और सही प्रकटीकरण के अभाव में निर्धारण प्राधिकारी द्वारा चार साल की अवधि से परे अधिकार क्षेत्र की धारणा को सीमित नहीं किया जाता है और इसे दोष नहीं दिया जा सकता।याचिकाकर्ता/निर्धारिती ने निर्धारण वर्ष निर्धारण वर्ष के...

खुद के पास शराब के हज़ारों आउलेट होने पर तंबाकू के खिलाफ सरकार का तर्क ऐसा जैसे डेविल शास्त्रों का हवाला दे रहा हो: मद्रास हाईकोर्ट
खुद के पास शराब के हज़ारों आउलेट होने पर तंबाकू के खिलाफ सरकार का तर्क ऐसा जैसे डेविल शास्त्रों का हवाला दे रहा हो: मद्रास हाईकोर्ट

राज्य के इस तर्क से निपटने के लिए कि तंबाकू का सेवन गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा कर रहा है और संविधान का अनुच्छेद 47 सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए उस पर कर्तव्य लगाता है, मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार की दलील प्रभावित होगी कि कानून को समग्रता में लागू किया गया।अदालत ने कहा,"दुर्भाग्य से ऐसा नहीं है। राज्य ने शराब बेचने के विशेषाधिकार का एकाधिकार कर लिया है। तमिलनाडु सरकार शराब की बिक्री के माध्यम से भारी राजस्व जुटा रही है। तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TASMAC) पूर्ण सरकारी स्वामित्व वाली...

छठ पूजा 2022: बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी नेता द्वारा समर्थित समूह को अनुमति देने से इनकार करने वाला बीएमसी आदेश रद्द किया
छठ पूजा 2022: बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी नेता द्वारा समर्थित समूह को अनुमति देने से इनकार करने वाला बीएमसी आदेश रद्द किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 30-31 अक्टूबर को घाटकोपर, मुंबई में छठ पूजा आयोजित करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) समर्थित संगठन को दी गई अनुमति रद्द करने के बीएमसी के फैसले को निरस्त कर दिया। अदालत ने बीएमसी द्वारा समर्थित अन्य धर्मार्थ संगठन अटल सामाजिक संस्कृति सेवा प्रतिष्ठान को अनुमति देने के बीएमसी के फैसले को भी पलट दिया।जस्टिस एनजे जमादार और जस्टिस गौरी गोडसे की खंडपीठ ने कहा कि बीएमसी द्वारा एनसीपी पार्षद राखी जाधव के नेतृत्व वाले संगठन दुर्गा परमेश्वरी सेवा मंडल को दी गई अनुमति समय...

विस्माया दहेज हत्या केस- कानूनी व्यवस्था को मीडिया और जनता के दबाव से प्रभावित नहीं होना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
विस्माया दहेज हत्या केस- कानूनी व्यवस्था को मीडिया और जनता के दबाव से प्रभावित नहीं होना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने विस्मय दहेज हत्या मामले में दोषी की अपील पर विचार करते हुए कहा कि सनसनीखेज मामलों से निपटने के दौरान कानूनी व्यवस्था को जनता और मीडिया के दबाव से दूर रहना चाहिए।किरण कुमार ने अपनी पत्नी की मौत से जुड़े मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और दी गई सजा के खिलाफ अपील दायर की है।जस्टिस अलेक्जेंडर थॉमस और जस्टिस सोफी थॉमस की खंडपीठ ने कहा कि कानूनी व्यवस्था को जनहित के प्रति संवेदनशील होना चाहिए, लेकिन सनसनीखेज मामलों से निपटने के दौरान जनता के बहुत अधिक...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
गोडाउन से Iphone-12 गायब होने का मामला : कर्नाटक हाईकोर्ट ने ई कॉमर्स कर्मचारी को जमानत दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में फ्लिपकार्ट के मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर को मालूर में उसके गोदाम से 21 आईफोन चोरी करने के आरोप में एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी।जस्टिस राजेंद्र बदामीकर ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ताओं को आईपीसी की धारा 381 के तहत दंडनीय अपराध के लिए दर्ज मलूर पुलिस स्टेशन के अपराध क्रमांक 381/2022 में उसकी गिरफ्तारी की स्थिति में जमानत दी जाए। यह जमानत एक लाख रुपये की राशि के व्यक्तिगत बांड को निष्पादित करने पर और जांच अधिकारी या संबंधित ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के अनुसार समान...

तुच्छ मुकदमे किसी भी स्तर पर समाप्त किए जा सकते हैं: दिल्ली हाईकोर्ट ने सब्जी विक्रेता की याचिका खारिज करते हुए कहा
तुच्छ मुकदमे किसी भी स्तर पर समाप्त किए जा सकते हैं: दिल्ली हाईकोर्ट ने सब्जी विक्रेता की याचिका खारिज करते हुए कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि न्यायिक संस्थान तुच्छ मुकदमों के कारण भारी पेंडेंसी से जूझ रहा है, कहा है कि अदालतों को बिना किसी और देरी के इसे पहली तारीख को खारिज करने का प्रयास करना चाहिए।जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने यह कहते हुए कि इस तरह के तुच्छ मुकदमों को "शुरुआत में ही दबा दिया जाना चाहिए", आगे कहा कि अदालतों के पास ऐसे मामलों को जारी रखने की विलासिता नहीं है, "केवल इसलिए कि कुछ प्रक्रियात्मक गतियों से गुजरना पड़ता है।"अदालत ने कहा,"अगर कुछ कारणों से इस तरह के आदेश शुरू में तुच्छ मुकदमे...

हाईकोर्ट ने मदुरै डीआरओ को ओपीएस और ईपीएस गुटों के बीच विवाद के बीच थेवर जयंती समारोह के लिए स्वर्ण कवच का कब्जा लेने का निर्देश दिया
हाईकोर्ट ने मदुरै डीआरओ को ओपीएस और ईपीएस गुटों के बीच विवाद के बीच थेवर जयंती समारोह के लिए स्वर्ण कवच का कब्जा लेने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने जिला राजस्व अधिकारी (आरडीओ), मदुरै को उनकी जयंती के गुरु पूजा समारोह के दौरान दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी पसुम्पोन मुथुरामलिंग थेवर की प्रतिमा पर सजे जाने वाले 13 किलोग्राम सोने के कवच को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया।जस्टिस भवानी सुब्बारायन की मदुरै पीठ ने पाया कि चूंकि ओ पनीरसेल्वम और एडप्पादी पलानीसामी के एआईएडीएमके गुटों के बीच दावे और जवाबी दावे चल रहा है, इसलिए पसुम्पोन थेवर निनैवलयम के साथ संयुक्त खाते की लॉकर सुविधा को संचालित करना और स्वर्ण कवच प्राप्त करना मुश्किल...

वैवाहिक विवादों में याचिका ट्रांसफर करते समय पत्नी की सहूलियत देखनी होगी: दिल्ली हाईकोर्ट
वैवाहिक विवादों में याचिका ट्रांसफर करते समय पत्नी की सहूलियत देखनी होगी: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वैवाहिक विवादों में याचिका को दूसरी अदालत में ट्रांसफर करते समय पत्नी की सुविधा को अधिक देखा जाना चाहिए।जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि ट्रांसफर क्षेत्राधिकार का प्रयोग इस तरह से किया जाना चाहिए कि किसी भी पक्षकार को कोई असुविधा न हो।अदालत 68 वर्षीय पत्नी द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें फैमिली कोर्ट के द्वारका न्यायालयों (दक्षिण पश्चिम जिला) के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष लंबित वैवाहिक मामले को कड़कड़डूमा न्यायालय (पूर्वी जिला) के परिवार न्यायालय के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
क्या अग्रिम जमानत देते समय भरण-पोषण के भुगतान की शर्त लगाई जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

क्या कोर्ट अग्रिम जमानत देते समय भरण-पोषण देने की शर्त लगा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस सवाल को उठाने वाली एक विशेष अनुमति याचिका में नोटिस जारी किया है।इस मामले में पत्नी द्वारा आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 379 और 498A और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत शिकायत दर्ज कराई गई थी। गिरफ्तारी को लेकर आरोपी ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि इसने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी, लेकिन निर्देश दिया कि उन्हें 10,000 रुपये का गुजारा भत्ता देना चाहिए।लगाई गई शर्त को...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बताया कि अपराधी कर्मचारी कब आपत्ति कर सकता है कि अनुशासनात्मक कार्यवाही आपराधिक मुकदमे में पूर्वाग्रह पैदा कर रही है?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बताया कि अपराधी कर्मचारी कब आपत्ति कर सकता है कि अनुशासनात्मक कार्यवाही आपराधिक मुकदमे में पूर्वाग्रह पैदा कर रही है?

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि केवल आरोप तय करने के चरण से ही एक कथित अपराधी कर्मचारी विभागीय कार्यवाही के संबंध में आपत्ति उठा सकता है, जो उसके आपराधिक अभियोजन के समानांतर हो रही होती है और जो उसे बचाव पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही होती है।जस्टिस शील नागू और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कहा कि आरोप तय करने से पहले आरोपी के बरी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है-आरोप तय करने से पहले आपराधिक अभियोजन के सभी चरणों में, संज्ञान न लेने या आरोपी के आरोपमुक्त होने की संभावना से...

केएफआरआई वैज्ञानिक चयन 2015 | 2012 में आवेदन करने वाले उम्मीदवार के लिए आयु में कोई छूट नहींः केरल हाईकोर्ट
केएफआरआई वैज्ञानिक चयन 2015 | 2012 में आवेदन करने वाले उम्मीदवार के लिए आयु में कोई छूट नहींः केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जिस उम्मीदवार ने 2012 में केरल वन अनुसंधान संस्थान (केएफआरआई) में वैज्ञानिक ई-1 के पद के लिए आवेदन किया, लेकिन 2015 में उसी पद के लिए तीसरी अधिसूचना जारी होने के बाद फिर से आवेदन नहीं किया, उसे नए सिरे से आवेदन करने से छूट का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह केवल उन उम्मीदवारों के लिए है जिन्होंने 2013 में दूसरी अधिसूचना के जवाब में आवेदन जमा किए।इस मामले में रिक्तियों के लिए पहली अधिसूचना 2012 में जारी की गई। हालांकि, चयन प्रक्रिया रद्द कर दी गई। उन्हीं पदों...

सीआरपीसी के तहत समन के जरिए बैंक खाते को फ्रीज नहीं किया जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट
सीआरपीसी के तहत समन के जरिए बैंक खाते को फ्रीज नहीं किया जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने माना कि सीआरपीसी की धारा 91 के तहत समन जारी करते समय बैंक खातों को फ्रीज करने का पुलिस का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। ऐसे सम्मन जारी करते समय जांच अधिकारी किसी व्यक्ति को दस्तावेज या अन्य चीजें पेश करने के लिए ही बुला सकता है।जस्टिस जीके इलांथिरैयन ने निम्नानुसार कहा:इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि पहले प्रतिवादी (पुलिस निरीक्षक, साइबर अपराध) का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। सीआरपीसी की धारा 91 के तहत जारी समन में जांच अधिकारी व्यक्ति को दस्तावेज या अन्य चीजें पेश करने के लिए समन...

सुप्रीम कोर्ट के अबॉर्शन के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को नाबालिग बलात्कार पीड़िता की 23 सप्ताह की गर्भावस्था पर नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट के अबॉर्शन के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को नाबालिग बलात्कार पीड़िता की 23 सप्ताह की गर्भावस्था पर नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने श्रीनगर मेडिकल बोर्ड को नाबालिग बलात्कार पीड़िता के 22-23 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने के उसके अनुरोध पर अंतिम फैसला लेने के लिए नए सिरे से मेडिकल जांच करने का निर्देश दिय।जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने आदेश में कहा,"क्या प्रतिवादी 2 और 3 उक्त मेडिकल राय/रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता-पीड़ित के गर्भ को समाप्त करने का निर्णय लेते हैं, भ्रूण के डीएनए नमूनों के संरक्षण के लिए भी आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। यहां यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं कि याचिकाकर्ता...

Consider The Establishment Of The State Commission For Protection Of Child Rights In The UT Of J&K
'प्रारंभिक ज्ञान भी नहीं है': जेएंडकेएंड एल हाईकोर्ट ने सरकार को अतिरिक्त उपायुक्त राजौरी से कृषि सुधार अधिनियम के तहत शक्तियां वापस लेने का निर्देश दिया

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में राजौरी जिले में एक अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा प्रदर्शित भूमि कानूनों पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा, कानूनों में "प्रारंभिक ज्ञान" तक की कमी है। अतिरिक्‍त उपायुक्त को कृषि सुधार अधिनियम, 1976 की शक्तियां प्रदान की गई हैं और उसे भू-राजस्व अधिनियम, 1996 के तहत कलेक्टर की भी शक्तियां प्रदान की गई है।जस्टिस राहुल भारती की पीठ ने वित्तीय आयुक्त राजस्व/ आयुक्त, कृषि सुधार को संबंधित अधिकारी से ऐसी शक्तियों को वापस लेने का निर्देश दिया। उक्त अधिकारी...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
10 साल से अधिक समय से नौकरी से बर्खास्तगी के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे क्लर्क की मौत, बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने सभी पेंशन लाभ देने का निर्देश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ के ने हाल ही में हिंगोली जिला परिषद को एक मृत क्लर्क के कानूनी वारिसों को सभी पेंशन लाभ देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा, भले ही लेबर कोर्ट में उसकी बर्खास्तगी के खिलाफ मामला लंबित हो, उसके कानून वरिस सभी पेंशन लाभों के हकदार होंगे।जस्टिस संदीप वी मार्ने ने याचिकाकर्ता की बर्खास्तगी और सेवा में बहाली के बीच की अवधि के दरमियान सेवा में निरंतरता भी प्रदान की। क्लर्क को 10 साल पहले सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और उसकी मृत्यु हो गई, जबकि उसकी रिट याचिका हाईकोर्ट...